शासन व्यवस्था
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना
- 10 Aug 2022
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना, जनजातीय उप-योजना के लिये विशेष केंद्रीय सहायता, ST के लिये सुरक्षा उपाय, सरकारी पहल मेन्स के लिये:ST के कल्याण के लिये योजनाएँ, ST के लिये सुरक्षा उपाय, सरकारी पहल |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने 2021-22 से 2025-26 के दौरान कार्यान्वयन हेतू 'प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY)' के नामकरण के साथ 'जनजातीय उप-योजना (SCA से TSS) के लिये विशेष केंद्रीय सहायता' की पिछली योजना को संशोधित किया है।
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना (PMAAGY):
- परिचय:
- यह राज्य जनजातीय उप-योजना (TSP) में अतिरिक्त के रूप में विशेष केंद्रीय सहायता प्रदान करके जनजातीय लोगों के विकास एवं कल्याण के लिये राज्य सरकारों के प्रयासों का पूरक है।
- इस महत्त्वपूर्ण पहल का उद्देश्य केंद्रीय अनुसूचित जनजाति घटक में विभिन्न योजनाओं के तहत उपलब्ध धन के माध्यम से प्रमुखता के साथ जनजातीय आबादी वाले गाँवों में सुविधाओं तथा व्यवस्थाओं के अंतराल को कम करना और बुनियादी ढाँचा प्रदान करना है।
- योजना दिशा-निर्देशों का संशोधन:
- चयनित गाँवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना ताकि वे वास्तव में 'आदर्श ग्राम' बन सकें, विभिन्न क्षेत्रों के हिस्से के रूप में महत्त्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक 'निगरानी संकेतक' में अंतराल को भरने के लिये SCA से TSS योजना को भी संशोधित किया गया था।
- इन कार्यक्षेत्रों में पानी और स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, कृषि की सर्वोत्तम प्रथाएँ आदि शामिल हैं।
- चयनित गाँवों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित करना ताकि वे वास्तव में 'आदर्श ग्राम' बन सकें, विभिन्न क्षेत्रों के हिस्से के रूप में महत्त्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक 'निगरानी संकेतक' में अंतराल को भरने के लिये SCA से TSS योजना को भी संशोधित किया गया था।
- कार्यान्वयन के लिये नया दृष्टिकोण:
- 'निगरानी योग्य संकेतक' के संबंध में ज़रूरतों या अंतराल की पहचान एक आवश्यक आकलन अभ्यास पर आधारित है।
- 'ग्राम विकास योजना' (VDP) आवश्यकता आकलन अभ्यास के हिस्से के रूप में एकत्र किये गए आँकड़ों पर आधारित है।
- PMAGY विभिन्न क्षेत्रों में संतृप्ति प्राप्त करने के उद्देश्य से अन्य योजनाओं के अभिसरण कार्यान्वयन के लिये मंच प्रदान करता है।
- उद्देश्य:
- आवश्यकताओं, संभावनाओं और आकांक्षाओं के आधार पर ग्राम विकास योजना तैयार करना।
- केंद्र/राज्य सरकारों की व्यक्तिगत/पारिवारिक लाभ योजनाओं के दायरे को अधिकतम करना।
- स्वास्थ्य, शिक्षा, कनेक्टिविटी और आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिये बुनियादी ढाँचे में सुधार।
- यह योजना विकास के प्रमुख 8 क्षेत्रों में अंतराल को कम करने के लिये तैयार की गई है।
- सड़क कनेक्टिविटी (आंतरिक और अंतर गाँव/ब्लॉक)
- दूरसंचार कनेक्टिविटी (मोबाइल/इंटरनेट)स्कूल
- आँगनबाडी केंद्र
- पेयजल सुविधा
- जलनिकास
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन
अनुसूचित जनजातियों को भारतीय संविधान द्वारा प्रदत्त बुनियादी सुरक्षा उपाय:
- भारतीय संविधान में 'जनजाति' शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, हालाँकि अनुसूचित जनजाति शब्द को संविधान में अनुच्छेद 342 (i) के माध्यम से जोड़ा गया था।
- यह निर्धारित करता है कि 'राष्ट्रपति, सार्वजनिक अधिसूचना द्वारा जनजातियों या जनजातीय समुदायों या जनजातीय भागों के कुछ हिस्सों या समूहों को निर्दिष्ट कर सकते हैं, जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिये अनुसूचित जनजाति माना जाएगा।
- संविधान की पाँचवीं अनुसूची अनुसूचित क्षेत्रों वाले प्रत्येक राज्य में एक जनजाति सलाहकार परिषद की स्थापना का प्रावधान करती है।
- शैक्षिक और सांस्कृतिक सुरक्षा उपाय:
- अनुच्छेद 15(4): अन्य पिछड़े वर्गों की उन्नति के लिये विशेष प्रावधान (इसमें अनुसूचित जनजाति शामिल है)।
- अनुच्छेद 29: अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण (इसमें अनुसूचित जनजाति शामिल है)
- अनुच्छेद 46: राज्य लोगों के कमज़ोर वर्गों और विशेष रूप से अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को विशेष देखभाल के साथ बढ़ावा देगा तथा सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार शोषण से उनकी रक्षा करेगा।
- अनुच्छेद 350: विशिष्ट भाषा, लिपि या संस्कृति के संरक्षण का अधिकार।
- राजनीतिक सुरक्षा उपाय:
- अनुच्छेद 330: लोकसभा में अनुसूचित जनजातियों के लिये सीटों का आरक्षण।
- अनुच्छेद 332: राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जनजातियों के लिए सीटों का आरक्षण
- अनुच्छेद 243: पंचायतों में सीटों का आरक्षण।
- प्रशासनिक सुरक्षा:
- अनुच्छेद 275: यह अनुसूचित जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने और उन्हें एक बेहतर प्रशासन प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को विशेष निधि प्रदान करने का प्रावधान करता है।
- अनुच्छेद 275: यह अनुसूचित जनजातियों के कल्याण को बढ़ावा देने और उन्हें एक बेहतर प्रशासन प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को विशेष निधि प्रदान करने का प्रावधान करता है।
जनजातीय आबादी के लिये कुछ अन्य पहलें:
- भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED) :
- भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ (TRIFED) वर्ष 1987 में अस्तित्व में आया। यह जनजातीय मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्यरत एक राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है।
- इस अभियान का मुख्य उद्देश्य गाँवों में वन धन विकास केंद्रों (VDVKs) को सक्रिय करना है।
- जनजातीय स्कूलों का डिजिटल परिवर्तन:
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय (MTA) ने एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों (EMRS) और आश्रम स्कूलों जैसे स्कूलों के डिजिटल परिवर्तन का समर्थन करने के लिये माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये।
- विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों का विकास:
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने "PVTG के विकास" की योजना लागू की है जिसमें 75 विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) को उनके व्यापक सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये शामिल किया गया है।
- प्रधानमंत्री वन धन योजना:
- 'संकल्प से सिद्धि' पहल, जिसे 'मिशन वन धन' के रूप में भी जाना जाता है, को केंद्र सरकार द्वारा भारत की आदिवासी आबादी के लिये एक स्थायी आजीविका सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री के उद्देश्य के अनुरूप वर्ष 2021 में प्रस्तुत किया गया था।
- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय:
- EMRS पूरे भारत में भारतीय जनजातियों (ST-अनुसूचित जनजाति) के लिये मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की एक योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शिंदे (नासिक) में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की योजना आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई है।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs)प्रीलिम्स: प्रश्न. भारत के संदर्भ में 'हाइबी, हो और कुई' शब्द निम्नलिखित से संबंधित हैं: (2021) (a) उत्तर-पश्चिम भारत के नृत्य रूप उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। प्रश्न: भारत में विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (PVTGs) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (A) 1, 2 और 3 उत्तर: (C)
प्रश्न. आज़ादी के बाद से अनुसूचित जनजातियों (एसटी) के खिलाफ भेदभाव को दूर करने के लिये राज्य द्वारा दो प्रमुख कानूनी पहल क्या हैं? (मुख्य परीक्षा- 2017) |