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भारतीय अर्थव्यवस्था

दूरसंचार कंपनियों के लिये लाइसेंस शर्तों में संशोधन

  • 13 Mar 2021
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunication) ने दूरसंचार कंपनियों (Telecom Company) के लिये लाइसेंस शर्तों में संशोधन किया है। ये नए मानदंड 15 जून, 2021 से लागू किये जाएंगे।

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मार्च 2021 में आयात को कम करने और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने के लिये दूरसंचार क्षेत्र हेतु उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive) योजना को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

नए लाइसेंस की शर्तें:

  • उद्देश्य:
    • दूरसंचार उत्पादों और उपकरणों की खरीद के समय रक्षा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के मानदंडों को शामिल करना।
  • प्रावधान:
    • यदि टेलीकॉम कंपनियाँ उपकरणों की खरीद करके अपने मौजूदा नेटवर्क को अपग्रेड करना चाहती हैं तो उन्हें विश्वसनीय स्रोतों से ही टेलीकॉम उत्पादों की खरीद करनी होगी, जिसके लिये उन्हें निर्दिष्ट प्राधिकारी (National Cyber Security Coordinator) से अनुमति लेनी होगी।
    • नए मानदंड पहले से उपयोग किये जा रहे उपकरणों के वार्षिक रखरखाव अनुबंध या उन्नयन को प्रभावित नहीं करेंगे।

विश्वसनीय दूरसंचार उत्पाद:

  • विश्वसनीय दूरसंचार उत्पाद के विषय में:
    • यह एक ऐसा उत्पाद, कंपनी या तकनीक है जिसे किसी राष्ट्र की सरकार द्वारा अपने महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के विकास के लिये सुरक्षित माना जाता है।
  • वर्गीकरण:
    • भारत के सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने दिसंबर 2020 में दूरसंचार उत्पादों तथा उनके स्रोतों को 'विश्वसनीय' और 'गैर-विश्वसनीय' श्रेणियों के तहत वर्गीकृत करने के इरादे से दूरसंचार क्षेत्र में नए राष्ट्रीय सुरक्षा निर्देश (National Security Directive) को मंज़ूरी दी थी।
    • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (National Cyber Security Coordinator) को विश्वसनीय और गैर-विश्वसनीय दूरसंचार उपकरण स्रोतों तथा उत्पादों की सूची पर निर्णय लेने के लिये अधिकृत प्राधिकारी बनाया गया है।
      • इसके निर्णय उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy National Security Advisor) की अध्यक्षता वाली समिति की मंज़ूरी के आधार पर लिये जाएंगे।
      • विशेषज्ञ समिति में डिप्टी NSA के अलावा अन्य विभागों और मंत्रालयों के सदस्य होंगे और स्वतंत्र विशेषज्ञों के साथ-साथ उद्योग के दो सदस्य भी होंगे।

प्रभाव:

  • हुआवेई और ZTE दोनों कथित रूप से जालसाज़ी तथा चीनी सरकार के लिये जासूसी करने हेतु वैश्विक जाँच के अधीन हैं एवं इन्हें कई देशों द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है।
    • नई नीति भविष्य में संभावित रूप से हुआवेई (Huawei) और ZTE जैसे चीनी दूरसंचार उपकरण विक्रेताओं के लिये भारत के खरीदारों को उपकरण मुहैया कराना कठिन बना सकती है।

महत्त्व:

  • दूरसंचार उपकरण दूरसंचार, कनेक्टिविटी और डेटा ट्रांसफर में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसका सीधा प्रभाव भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ता है। अतः इस बदलाव से भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मज़बूत करने में मदद मिलेगी।
  • स्थानीय उपकरणों की मांग बढ़ेगी, जिससे मेक-इन-इंडिया (Make-in-India) और आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) को बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत: द हिंदू

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