प्रारंभिक परीक्षा
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय
- 18 May 2022
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हाल ही में जनज़ातीय मामलों के मंत्रालय ने महाराष्ट्र के नासिक में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के निर्माण की आधारशिला रखी है।
- प्रस्तावित EMR स्कूल का उद्देश्य नासिक के दूरदराज़ के आदिवासी इलाकों में आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुलभ कराना है।
एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय:
- परिचय:
- EMRS पूरे भारत में भारतीय जनजातियों (ST-अनुसूचित जनजाति) के लिये मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की एक योजना है। इसकी शुरुआत वर्ष 1997-98 में हुई थी।
- जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा शिंदे (नासिक) में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की योजना आसपास के आदिवासी क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई है।
- EMRS में CBSE पाठ्यक्रम का अनुसरण किया जाता है।
- न केवल शैक्षणिक शिक्षा बल्कि आदिवासी छात्रों के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए आदिवासी छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिये एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय विकसित किये जा रहे हैं।
- वर्तमान में देश भर में फैले 384 कार्यात्मक स्कूल हैं जो नवोदय विद्यालय की तरह ही स्थापित हैं, ये खेल और कौशल विकास में प्रशिक्षण प्रदान करने के अलावा स्थानीय कला एवं संस्कृति के संरक्षण के लिये विशेष अत्याधुनिक सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
- कवरेज:
- वर्ष 2010 के मौजूदा EMRS दिशा-निर्देशों के अनुसार, क्षेत्र में 50% एसटी आबादी वाले प्रत्येक एकीकृत जनजातीय विकास एजेंसी/एकीकृत जनजातीय विकास परियोजना में कम-से-कम एक EMRS स्थापित किया जाना है।
- बजट 2018-19 के अनुसार, 50% से अधिक एसटी आबादी और कम-से-कम 20,000 आदिवासी आबादी वाले प्रत्येक ब्लॉक में वर्ष 2022 तक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय होगा।
EMRS का उद्देश्य:
- प्रत्येक EMRS में नामांकित सभी छात्रों का व्यापक शारीरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से प्रासंगिक विकास।
- छात्रों को स्कूल से अपने घरों में, अपने गाँव में और अंत में एक बड़े संदर्भ में परिवर्तन करने के लिये सशक्त बनाने का प्रयास करना।
- कक्षा XI और XII तथा कक्षा VI से X तक के छात्रों को उपलब्ध कराई जाने वाली शैक्षिक सहायता पर अलग-अलग ध्यान देना, ताकि उनकी विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।
- वार्षिक व्ययों का समर्थन इस तरह से करना कि कर्मचारियों को उचित पारिश्रमिक प्रदान करना और सुविधाओं के रखरखाव से संबंधित ढाँचे के निर्माण को बढ़ावा देना जो छात्र जीवन की शिक्षा, भौतिक, पर्यावरण और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूर्ण करता है।
अनुसूचित जनजातियों के लिये कानूनी प्रावधान:
- अस्पृश्यता के खिलाफ नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989
- पंचायतों के प्रावधान (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996
- अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वनवासी अधिनियम, 2006
अनुसूचित जनजातियों से संबंधित अन्य पहल:
- जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ (TRIFED)
- जनजातीय स्कूलों के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन के लिये पहल
- विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों का विकास (PVTGs)
- प्रधानमंत्री वन धन योजना
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
विगत वर्ष के प्रश्न:भारत में विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूहों (PVTGs) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (A) 1, 2 और 3 उत्तर: (C)
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