इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

कृषि क्षेत्रक के NPA में वृद्धि

  • 08 Aug 2019
  • 2 min read

चर्चा में क्यों?

पिछले कुछ समय से कृषि क्षेत्रक ऋण, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (Non-Performing Assets-NPA) में परिवर्तित हो रहा है। NPA में यह वृद्धि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के साथ ही निजी क्षेत्र के बैंकों में भी परिलक्षित हो रही है।

प्रमुख बिंदु:

  • पिछले एक वर्ष के दौरान कृषि ऋण में वृद्धि नहीं हुई परंतु इस पोर्टफोलियों के बैड लोन में वृद्धि हो रही है।
  • प्रथम तिमाही में साल-दर-साल आधार पर इस पोर्टफोलियो के तहत गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में 3 प्रतिशत तक की वृद्धि देखी जा रही है।
  • इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के NPA में 13.08 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान यह वृद्धि 11.60 प्रतिशत थी। SBI के अलावा अन्य कई सार्वजनिक तथा निजी बैंकों के NPA में भी वृद्धि दर्ज़ की गई है।
  • NPA में यह वृद्धि ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालेगी।
  • NPA में यह वृद्धि तब है जब कृषि क्षेत्र के ऋण में पिछले एक वर्ष में कोई वृद्धि नही हुई है।
  • इसका कारण राजनीतिक पार्टियों द्वारा कृषि ऋण माफ़ी की घोषणा है।

स्रोत: बिज़नेस लाइन

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2