दैनिक अनुप्रयोगों हेतु ISRO का अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी हस्तांतरण | 17 Feb 2025

प्रिलिम्स के लिये:

IN-SPACe, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, चंद्रयान-3,  LiDAR

मेन्स के लिये:

अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और दैनिक जीवन में इसके अनुप्रयोग, आर्थिक विकास पर तकनीकी हस्तांतरण

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने अंतरिक्ष मिशनों के लिये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित 166 प्रौद्योगिकियों की पहचान की है, जिन्हें गैर-अंतरिक्ष अनुप्रयोगों के लिये उद्योगों को हस्तांतरित किया जा सकता है। 

  • इस कदम से ऑटोमोटिव, निर्माण और लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न क्षेत्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे दैनिक जीवन में सुधार होगा।

इसरो की अंतरिक्ष तकनीक विभिन्न उद्योगों पर क्या प्रभाव डालेगी?

  • मोटर वाहन उद्योग:
    • बचाव प्रणालियाँ: वाहन दुर्घटनाओं को रोककर, चंद्रयान-3 की लैंडिंग के लिये प्रयुक्त एल्गोरिदम और सॉफ्टवेयर को वाहन सुरक्षा बढ़ाने के लिये संशोधित किया जा सकता है।
    • एयरबैग की तैनाती: एयरबैग की तैनाती के लिये सर्वोत्तम अवधि की पहचान करके, दाब सेंसरों को, जो प्रणोदकों को ट्रैक करने के लिये प्रक्षेपण वाहनों में उपयोग किये जाते हैं, यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के लिये पुनः उपयोग किया जा सकता है।
    • 3D LiDAR कैमरा: मूल रूप से अंतरिक्ष नेविगेशन के लिये विकसित, 3D LiDAR कैमरा गहराई की जानकारी के साथ 3D छवियाँ उत्पन्न करता है और खतरे की पहचान, पैदल यात्री की सुरक्षा एवं स्वायत्त ड्राइविंग में सहायता कर सकता है।
    • सेंसर: इसरो द्वारा विकसित विशिष्ट सेंसर स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देकर और आयात पर निर्भरता कम करके ऑटोमोटिव व औद्योगिक अनुप्रयोगों में लागत को घटा सकते हैं।
  • स्वास्थ्य सेवा: 3D LiDAR कैमरा का उपयोग जीवनशैली संबंधी बीमारियों की भविष्यवाणी करने के लिये सटीक शारीरिक माप या चिकित्सा निदान में उन्नत इमेजिंग समाधान के लिये किया जा सकता है।
  • निर्माण और बुनियादी ढाँचा: इसरो का NRCM-204, एक अत्यधिक संक्षारण प्रतिरोधी कोटिंग है, जो धातुओं को अम्लीय संक्षारण समेत कठोर वातावरण से बचाता है।
    • इसका उपयोग विनिर्माण में धातु संरचनाओं की सुरक्षा के लिये तथा मोटर वाहन उद्योग में वाहनों के क्षरण को रोकने के लिये किया जा सकता है।
    • कंपन प्रबंधन प्रणाली, जिसे मूल रूप से प्रक्षेपण के दौरान उपग्रह इलेक्ट्रॉनिक्स को कंपन से बचाने के लिये डिज़ाइन किया गया था, इस तकनीक का प्रयोग भवनों को भूकंप से बचाने के लिये किया जा सकता है, जिससे ये भूकंप के दौरान अधिक सुरक्षित बन सकते हैं।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस: इसरो का बेन्ज़ोक्साज़िन बहुलक इलेक्ट्रॉनिक घटकों और मुद्रित सर्किट बोर्डों को समाहित करने के लिये उपयुक्त है।
    • यह विभिन्न तापमानों पर स्थिरता और उत्कृष्ट अग्निरोधी गुण प्रदान करता है।
  • लॉजिस्टिक्स और खुदरा: LiDAR कैमरे का उपयोग पार्सल (parcel) को सटीक रूप से मापने, पैकेजिंग को अनुकूलित करने और शिपिंग लागत को कम करने के लिये किया जा सकता है।
    • इसका उपयोग बाज़ारों और कार्यक्रमों जैसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोगों की गिनती करने, भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा में सहायता के लिये भी किया जा सकता है।
  • ऊर्जा और परिवहन: इसरो की लागत प्रभावी लिथियम-आयन बैटरी प्रौद्योगिकी इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी ला सकती है, तथा स्वच्छ एवं अधिक सतत् परिवहन प्रणालियों को बढ़ावा दे सकती है।

अंतरिक्ष तकनीक हस्तांतरण के क्या लाभ हैं?

  • भारत के विनिर्माण को बढ़ावा मिलना: सेंसर, बैटरी और LiDAR-आधारित प्रणालियों का घरेलू उत्पादन, आयातित ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रॉनिक घटकों पर निर्भरता को कम कर सकता है , जिससे लागत कम करने एवं स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की आत्मनिर्भरता (आत्मनिर्भर भारत) को समर्थन मिलेगा।
  • औद्योगिक प्रतिस्पर्द्धात्मकता: एयरोस्पेस, स्वास्थ्य सेवा और विनिर्माण क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप और MSMEs इन प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाकर नवीन उत्पाद विकसित कर सकते हैं, जिससे उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।
  • लोक सुरक्षा और शहरी प्रबंधन: भारत में प्रमुख सार्वजनिक स्थानों पर भगदड़ की बढ़ती घटनाओं के आलोक में LiDAR के उपयोग द्वारा भीड़ निगरानी समाधान से कानून प्रवर्तन, आपदा प्रबंधन तथा कुशल शहरी नियोजन में सहायता मिल सकती है।

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) 

  • IN-SPACe एक एकल-विंडो, स्वतंत्र, नोडल एजेंसी है जो अंतरिक्ष विभाग (DOS) में एक स्वायत्त एजेंसी के रूप में कार्य करती है। 
  • इसका गठन वर्ष 2020 में अंतरिक्ष क्षेत्र में सुधारों के बाद निजी हितधारकों की भागीदारी को सक्षम तथा सुविधाजनक बनाने के लिये किया गया था।
  • IN-SPACe गैर-सरकारी संस्थाओं की अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने, अधिकृत करने एवं पर्यवेक्षण करने में भूमिका निभाता है जिसमें प्रक्षेपण यानों का निर्माण, अंतरिक्ष सेवाएँ प्रदान करना, इसरो के बुनियादी ढाँचे को साझा करना एवं नई अंतरिक्ष सुविधाएँ स्थापित करना शामिल है।
  • IN-SPACe इसरो और निजी संस्थाओं के बीच सेतु का कार्य करने, अंतरिक्ष संसाधनों के उपयोग का आकलन करने और अनुसंधान संस्थानों सहित निजी हितधारकों की ज़रूरतों को पूरा करने में भूमिका निभाता है।

और पढ़ें: अंतरिक्ष मिशनों का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

दृष्टि मुख्य परीक्षा प्रश्न:

प्रश्न: इसरो द्वारा निजी क्षेत्र को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण से कई उद्योगों में क्रांति आने की संभावना है। इस प्रकार से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के निहितार्थों पर चर्चा कीजिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

मेन्स

प्रश्न. अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर चर्चा कीजिये। इस तकनीक के अनुप्रयोग ने भारत के सामाजिक-आर्थिक विकास में किस प्रकार सहायता की? (2016)