INDUS-X शिखर सम्मेलन 2024 | 27 Feb 2024
प्रिलिम्स के लिये:रक्षा उत्कृष्टता हेतु नवाचार (iDEX), इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (iCET), INDUS-X शिखर सम्मेलन, युद्ध अभ्यास, वज्र प्रहार, मालाबार, कोप इंडिया, रेड फ्लैग, रिम ऑफ द पैसिफिक (RIMPAC) मेन्स के लिये:भारत और अमेरिका के बीच सहयोग, भारत के हितों पर देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव |
स्रोत: पी. आई. बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा विभाग (Department of Defense- DoD) और भारतीय रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defense- MoD) ने नई दिल्ली, भारत में दूसरे भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (India-US Defense Acceleration Ecosystem- INDUS-X) शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- शिखर सम्मेलन का आयोजन संयुक्त रूप से इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस (iDEX), MoD और DoD द्वारा किया गया था तथा अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (US-India Business Council- USIBC) एवं सोसाइटी ऑफ इंडिया डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स (SIDM) द्वारा समन्वयित किया गया था।
दूसरे INDUS-X शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- इंडो-पैसिफिक सुरक्षा पर फोकस:
- शिखर सम्मेलन में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने में प्रमुख साझेदार के रूप में भारत तथा अमेरिका की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया गया।
- चर्चाएँ उन्नत सैन्य क्षमताओं के सह-उत्पादन, रक्षा आपूर्ति शृंखलाओं को मज़बूत करने और साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये अंतर-संचालनीयता बढ़ाने पर केंद्रित थी।
- नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना:
- भारतीय और अमेरिकी उद्योगों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया।
- शिखर सम्मेलन ने रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यमों को स्थापित खिलाड़ियों के साथ जुड़ने, ज्ञान के आदान-प्रदान एवं साझेदारी की सुविधा के लिये एक मंच प्रदान किया।
- भारतीय और अमेरिकी उद्योगों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों के माध्यम से रक्षा प्रौद्योगिकियों में नवाचार को बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया गया।
- भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी:
- शिखर सम्मेलन में भारत और अमेरिका के बीच मज़बूत रक्षा साझेदारी पर प्रकाश डाला गया, जिसमें रक्षा सहित प्रमुख क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज़ (iCET) जैसी पहल का हवाला दिया गया।
- तकनीकी नवाचार पर ज़ोर:
- शिखर सम्मेलन ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी के व्यापक संदर्भ में रक्षा में तकनीकी नवाचार की महत्त्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया, जिससे सीमाओं के पार रक्षा उद्योगों के लिये सामूहिक प्रगति को बढ़ावा मिला।
- संयुक्त IMPACT चुनौतियाँ:
- शिखर सम्मेलन ने संयुक्त IMPACT चुनौतियों (Joint IMPACT Challenges) की शुरुआत को रेखांकित किया, जिसका लक्ष्य रक्षा और एयरोस्पेस सह-विकास एवं सह-उत्पादन को सहयोगात्मक रूप से आगे बढ़ाना है, जिसमें अग्रणी समाधानों में स्टार्टअप शामिल हैं।
रक्षा उत्कृष्टता के लिये नवाचार:
- वर्ष 2018 में लॉन्च की गई iDEX रक्षा मंत्रालय की प्रमुख योजना है। इसे डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (DIO) द्वारा वित्त पोषित और प्रबंधित किया जाता है जिसे कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत 'गैर-लाभकारी' कंपनी के रूप में स्थापित किया गया है।
- iDEX का उद्देश्य रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में नवाचार एवं प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देना है।
- यह भारतीय रक्षा और एयरोस्पेस आवश्यकताओं के लिये भविष्य में प्रयोगात्मक क्षमता के साथ अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को पूरा करने के लिये अनुदान, धन और अन्य सहायता प्रदान करता है।
- यह वर्तमान में लगभग 400+ स्टार्टअप और MSME के साथ मुख्य रूप से कार्यरत है। रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र में गेम-चेंजर के रूप में पहचाने जाने वाले iDEX को रक्षा क्षेत्र में नवाचार के लिये PM पुरस्कार मिला है।
यूएस-इंडिया बिज़नेस काउंसिल:
- इसका उद्देश्य भारत व अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देना, दीर्घकालिक वाणिज्यिक साझेदारी, रोज़गार सृजन और वैश्विक आर्थिक विकास के लिये उद्योग तथा सरकार को जोड़ना है।
भारतीय रक्षा निर्माता सोसायटी:
- SIDM भारत का अग्रणी रक्षा उद्योग संघ है, जो नीतिगत सुधारों का समर्थन कर सरकार और सशस्त्र बलों के साथ सहयोग की सुविधा प्रदान करता है।
भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग में प्रमुख विकास क्या हैं?
- फ्रेमवर्क और साझेदारी नवीकरण:
- भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग की नींव "भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग के लिये नए फ्रेमवर्क" में निहित है, जिसे वर्ष 2015 में एक दशक के लिये नवीनीकृत किया गया था।
- वर्ष 2016 में, साझेदारी को प्रमुख रक्षा साझेदारी (Major Defence Partnership- MDP) में अपग्रेड किया गया था।
- जुलाई 2018 को अमेरिकी वाणिज्य विभाग के रणनीतिक व्यापार प्राधिकरण लाइसेंस अपवाद के तहत भारत को टियर-1 दर्जा में पदोन्नत किया गया।
- संस्थागत संवाद तंत्र:
- 2+2 मंत्रिस्तरीय संवाद, जिसमें दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्री अपने अमेरिकी समकक्षों के साथ शामिल होते हैं, राजनीतिक, सैन्य एवं रणनीतिक मुद्दों को हल करने के लिये शीर्ष मंच के रूप में कार्य करता है।
- भारत-अमेरिका, 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता का 5वाँ संस्करण नवंबर 2023 को नई दिल्ली में हुआ।
- रक्षा नीति समूह (DPG):
- रक्षा सचिव तथा अवर रक्षा सचिव (नीति) के नेतृत्व में DPG, रक्षा संवादों एवं तंत्रों की व्यापक समीक्षा की सुविधा प्रदान करता है।
- 17वाँ DPG मई 2023 में वाशिंगटन डी.सी. में आयोजित की गई।
- रक्षा सचिव तथा अवर रक्षा सचिव (नीति) के नेतृत्व में DPG, रक्षा संवादों एवं तंत्रों की व्यापक समीक्षा की सुविधा प्रदान करता है।
- रक्षा खरीद एवं प्लेटफॉर्म:
- अमेरिका से रक्षा खरीद में वृद्धि हो रही है, जो लगभग 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- भारत द्वारा उपयोग किये जाने वाले प्रमुख अमेरिकी मूल के प्लेटफॉर्मों में अपाचे, चिनूक, MH60R हेलीकॉप्टर तथा P8I विमान शामिल हैं।
- हाल ही में अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को 31 MQ-9B स्काई गार्डियन की संभावित विदेशी सैन्य बिक्री को मंज़ूरी दी है।
- महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौते:
- महत्त्वपूर्ण समझौतों में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA,2016), ‘संचार संगतता और सुरक्षा समझौता’ (COMCASA,2018), इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी एग्रीमेंट (2019), मूल विनिमय और सहयोग समझौता (BECA,2020) तथा मेमोरेंडम ऑफ इंटेंट फॉर डिफेंस इनोवेशन कोऑपरेशन (2018) शामिल हैं।
- सैन्य आदान-प्रदान:
- उच्च स्तरीय यात्राएँ, अभ्यास, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम तथा सेवा-विशिष्ट द्विपक्षीय तंत्र एवं सैन्य आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करते हैं।
- भारत अमेरिका के साथ बढ़ती संख्या में सैन्य अभ्यासों में भाग लेता है, जिनमें युद्धाभ्यास, वज्र प्रहार, मालाबार, कोप इंडिया एवं टाइगर ट्रायम्फ शामिल हैं।
- रेड फ्लैग, रिम ऑफ द पैसिफिक (रिमपैक), कटलैस एक्सप्रेस, सी ड्रैगन तथा मिलान जैसे बहुपक्षीय अभ्यासों में भागीदारी से सहयोग और अधिक मज़बूत होते हैं।
- INS सतपुड़ा अगस्त 2022 में आज़ादी का अमृत महोत्सव के भाग के रूप में अमेरिकी मुख्य भूमि का दौरा करने वाला पहला भारतीय नौ-सैनिक जहाज़ है।
- भारत अप्रैल 2022 में बहरीन स्थित बहुपक्षीय संयुक्त समुद्री बल (CMF) में एसोसिएट पार्टनर के रूप में शामिल हुआ।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. भारत ने निम्नलिखित में से किससे बराक एंटी-मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी? (2008) (a) इज़रायल उत्तर: (a) प्रश्न. हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका ने ‘ऑस्ट्रेलिया समूह’ तथा ‘वासेनार व्यवस्था’ के नाम से ज्ञात बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत को सदस्य बनाए जाने का समर्थन करने का निर्णय लिया है। इन दोनों व्यवस्थाओं के बीच क्या अंतर है? (2011)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) मेन्स:प्रश्न. भारत-रूस रक्षा समझौतों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों की क्या महत्ता है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्व के संदर्भ में चर्चा कीजिये। (2020) प्रश्न. 'भारत और यूनाइटेड स्टेट्स के बीच संबंधों में खटास के प्रवेश का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिये किसी ऐसे स्थान की खोज़ करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर तथा महत्त्वाकांक्षा को संतुष्ट कर सके।' उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (2019) |