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भारत द्वारा अमेरिका के MQ-9B सशस्त्र ड्रोन के अधिग्रहण को मंज़ूरी

  • 17 Jun 2023
  • 4 min read

हाल ही में भारत के रक्षा मंत्रालय ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 31 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की खरीद के लिये स्वीकृति प्रदान की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा के दौरान 3 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के इस सौदे की घोषणा होने की उम्मीद है।

  • इन उन्नत ड्रोनों के अधिग्रहण का उद्देश्य भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाना और अपने सशस्त्र बलों को मज़बूत करना है। 

 MQ-9B सशस्त्र ड्रोन: 

  • परिचय: 
    • MQ-9B ड्रोन MQ-9 "रीपर" का एक वेरिएंट है जिसका उपयोग काबुल में अल-कायदा नेता अयमान अल-जवाहिरी को मारने वाली हेलफायर मिसाइल के संशोधित संस्करण को लॉन्च करने के लिये किया गया था।
    • MQ-9B के दो वेरिएंट स्काई-गार्जियन और इसका सिबलिंग सी-गार्जियन हैं। भारतीय नौसेना वर्ष 2020 से MQ-9B सी-गार्जियन का संचालन कर रही है।
    • यह ड्रोन 40,000 फीट से अधिक ऊँचाई पर कार्य कर सकता है जिससे उच्च ऊँचाई वाले हिमालयी सीमा क्षेत्रों में भारतीय सेना को व्यापक निगरानी क्षमता मिलती है। 
    • इस प्रीडेटर की 40 घंटे की अधिकतम उड़ान क्षमता भी है जो इसे लंबे समय तक निगरानी के लिये उपयोगी बनाता है।
    • MQ-9B ड्रोन स्वचालित टेक-ऑफ और लैंडिंग, डिटेक्ट एंड एवॉइड सिस्टम, एंटी-स्पूफिंग जीपीएस तथा एन्क्रिप्टेड संचार लिंक जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस है। 

  • भारत की आवश्यकता: 
    • भारत को विशेष रूप से लद्दाख में चीन के साथ चल रहे गतिरोध और पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के संदर्भ में अपनी भूमि तथा समुद्री सीमाओं पर निगरानी एवं स्ट्राइक क्षमताओं को बढ़ाने के लिये MQ-9B, सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
    • हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी पनडुब्बियों और युद्धपोतों की बढ़ती उपस्थिति का मुकाबला करने लिये संचार और व्यापार के अपने महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्गों की रक्षा के लिये भारत को MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
    • भारत को कश्मीर और अन्य आतंकवादग्रस्त क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिये MQ-9B सशस्त्र ड्रोन की आवश्यकता है।
  • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को लाभ: 
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत को अपने विरोधियों पर एक रणनीतिक बढ़त मिलेगी क्योंकि यह अपने मानवयुक्त विमानों या पायलटों को जोखिम में डाले बिना लंबी दूरी की निगरानी और सटीक हमले करने में सक्षम होगा। 
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से अमेरिका के साथ भारत के रक्षा सहयोग को भी बढ़त मिलेगी, जो भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत के लिये एक प्रमुख भागीदार के रूप में उभरा है।
      • यह सौदा अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड समूह में भारत की भूमिका को भी मज़बूत करेगा।
    • MQ-9B सशस्त्र ड्रोन हासिल करने से भारत के रक्षा उद्योग के लिये भी अवसर बढ़ेंगे, क्योंकि इसमें मेक इन इंडिया पहल के तहत प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और संयुक्त उत्पादन शामिल होगा।

स्रोत: द हिंदू

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