अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-वियतनाम की व्यापक रणनीतिक साझेदारी
- 05 Aug 2024
- 15 min read
प्रिलिम्स के लिये:आसियान, नवीकरणीय ऊर्जा, हिंद-प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण चीन सागर, मेकांग गंगा सहयोग, VINBAX-2023, मिलान अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास मेन्स के लिये:व्यापक रणनीतिक साझेदारी, लुक ईस्ट टू एक्ट ईस्ट, आर्थिक कूटनीति |
स्रोत: बिज़नेस लाइन
चर्चा में क्यों?
भारत और वियतनाम ने अगले पाँच वर्षों में अपनी द्विपक्षीय ‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’ को मज़बूत करने के उद्देश्य से एक नई योजना का अनावरण किया है।
- इस पहल पर नई दिल्ली में भारतीय प्रधानमंत्री और वियतनामी प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चीन्ह के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान चर्चा की गई।
- यह समझौता व्यापार, डिजिटल भुगतान और रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने का प्रतीक है।
द्विपक्षीय बैठक के मुख्य तथ्य क्या हैं?
- नई कार्ययोजना: भारत और वियतनाम वर्ष 2016 में स्थापित अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी के लिये एक नई कार्ययोजना पर सहमत हुए, जिसे अगले पाँच वर्षों (2024-2028) में क्रियान्वित किया जाएगा।
- योजना के उद्देश्यों में द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करना, प्रौद्योगिकी तथा विकास में सहयोग बढ़ाना व रक्षा एवं सुरक्षा में साझेदारी को बढ़ावा देना शामिल है।
- डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी: भारत के प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि दोनों देशों के केंद्रीय बैंकों ने दोनों देशों के बीच वित्तीय लेन-देन को बढ़ाने के लिये डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी स्थापित करने हेतु एक समझौता किया है।
- भारत की तरह वियतनाम भी डिजिटल भुगतान को अपना रहा है, जिसमें अन्य आसियान देशों के साथ खुदरा लेन-देन के लिये सीमा पार भुगतान कनेक्टिविटी विकसित करना भी शामिल है।
- क्रेडिट लाइन विस्तार: भारत वियतनाम को उसकी सैन्य सुरक्षा और विकास परियोजनाओं के समर्थन के लिये 300 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन प्रदान करेगा।
- नयाचांग में भारतीय अनुदान से वित्तपोषित आर्मी सॉफ्टवेयर पार्क के उद्घाटन तथा आतंकवाद और साइबर सुरक्षा के बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला गया।
- हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन: कृषि अनुसंधान, सीमा शुल्क क्षमता निर्माण, कानून एवं न्याय, रेडियो व टेलीविज़न तथा पारंपरिक औषधियों सहित विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करते हुए छह समझौता ज्ञापनों (MoU) पर हस्ताक्षर किये गए।
- व्यापार और आर्थिक लक्ष्य: वियतनाम ने वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान 14.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर करने का प्रस्ताव रखा।
- दोनों देशों ने व्यापार बढ़ाने के लिये आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते की समीक्षा में तेज़ी लाने पर सहमति जताई।
- वियतनाम ने IT, विनिर्माण, कपड़ा, अर्धचालक और नवीकरणीय ऊर्जा में भारतीय निवेश का स्वागत किया।
- सामरिक संरेखण: दोनों देश दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उड्डयन की स्वतंत्रता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करते हुए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को मज़बूत करने हेतु प्रतिबद्ध हैं।
- उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेषकर सामुद्रिक कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS) 1982, के आधार पर विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर ज़ोर दिया।
- आर्थिक कूटनीति वार्ता: व्यापार और निवेश के मुद्दों को सुलझाने के लिये उप विदेश मंत्री स्तर पर एक नई आर्थिक कूटनीति वार्ता स्थापित की जाएगी।
वियतनाम के विषय में मुख्य तथ्य
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भारत-वियतनाम संबंध कैसे रहे हैं?
- ऐतिहासिक संबंध और राजनयिक संबंध: भारत और वियतनाम के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी है।
- महात्मा गांधी और राष्ट्रपति हो ची मिन्ह ने अपने स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान संदेशों का आदान-प्रदान किया था।
- भारत ने वर्ष 1972 में वियतनाम के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किये। वर्ष 2016 में संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया।
- भारत-वियतनाम संबंधों का विकास वर्तमान में वर्ष 2020 में अपनाए गए "शांति, समृद्धि और लोगों के लिये संयुक्त दृष्टिकोण" द्वारा निर्देशित है।
- वर्ष 2022 में दोनों देश ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 50वीं वर्षगाँठ मनाई तथा दोनों देश अपने बहुआयामी सहयोग को और मज़बूत करने के लिये सक्रिय रूप से मिलकर कार्य कर रहे हैं।
- संस्थागत तंत्र:
- आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर 18वीं संयुक्त आयोग बैठक (JCM) 16 अक्तूबर 2023 को हनोई में आयोजित की गई।
- पिछली JCM बैठकें, विदेश कार्यालय परामर्श और सचिव स्तर पर रणनीतिक वार्ताएँ द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा में सहायता करती हैं।
- आर्थिक, व्यापार, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर 18वीं संयुक्त आयोग बैठक (JCM) 16 अक्तूबर 2023 को हनोई में आयोजित की गई।
- व्यापार, आर्थिक और विकास सहयोग:
- व्यापार सांख्यिकी: अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक भारत-वियतनाम व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
- भारत का वियतनाम को निर्यात 5.47 बिलियन अमेरिकी डॉलर तथा आयात 9.35 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
- वर्ष 2009 में संपन्न आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता भारत और वियतनाम के बीच तरजीही व्यापार व्यवस्था प्रदान करता है तथा यह समझौता वर्तमान में समीक्षाधीन है।
- प्रमुख निर्यात और आयात:
- भारत वियतनाम को इंजीनियरिंग सामान, कृषि उत्पाद, रसायन, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक सामान, खनिज, वस्त्र और प्लास्टिक का निर्यात करता है।
- वियतनाम से आयात में कंप्यूटर और इलेक्ट्रॉनिक सामान, मोबाइल फोन, मशीनरी, इस्पात, रसायन, जूते, वस्त्र तथा लकड़ी के उत्पाद शामिल हैं।
- निवेश: वियतनाम में भारतीय निवेश लगभग 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें ऊर्जा, खनिज प्रसंस्करण, कृषि प्रसंस्करण, IT, ऑटो घटक, फार्मास्यूटिकल्स, आतिथ्य और बुनियादी ढाँचा क्षेत्र शामिल हैं।
- भारत में वियतनाम का निवेश लगभग 28.55 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो मुख्य रूप से उपभोक्ता वस्तुओं, इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, IT और फार्मास्यूटिकल्स में है।
- व्यापार सांख्यिकी: अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक भारत-वियतनाम व्यापार 14.82 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।
- विकास साझेदारी: मेकांग-गंगा सहयोग ढाँचे के अंतर्गत भारत ने वियतनाम के 35 से अधिक प्रांतों में लगभग 45 त्वरित प्रभाव परियोजनाएँ पूरी की हैं तथा 10 अन्य परियोजनाएँ कार्यान्वयन चरण में हैं।
- वर्ष 2000 में स्थापित मेकांग-गंगा सहयोग (MGC) में छह सदस्य देश शामिल हैं: कंबोडिया, लाओ PDR, म्याँमार, थाईलैंड, वियतनाम और भारत।
- यह सहयोग प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित है: पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा, सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और परिवहन।
- भारत ने मध्य वियतनाम के क्वांग नाम प्रांत में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल 'माई सन' के संरक्षण और पुनरुद्धार का समर्थन किया है।
- भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण ने वर्ष 2022 में माई सन परिसर स्थल पर A, H और K मंदिर समूह के संरक्षण तथा जीर्णोद्धार का कार्य पूरा कर लिया है।
- रक्षा सहयोग: भारत और वियतनाम के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग मज़बूत है, जिसके लिये रक्षा सहयोग पर वर्ष 2009 का समझौता ज्ञापन तथा रक्षा सहयोग पर वर्ष 2015 का संयुक्त दृष्टिकोण रूपरेखा प्रदान करता है।
- वर्ष 2022 में, दोनों देशों ने "वर्ष 2030 तक भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर एक नए संयुक्त विज़न वक्तव्य" और "पारस्परिक रसद समर्थन पर समझौता ज्ञापन" पर हस्ताक्षर किये।
- वर्ष 2023 में, वियतनाम को स्वदेशी रूप से निर्मित मिसाइल कोरवेट INS कृपाण उपहार में दिया गया।
- द्विपक्षीय सैन्य-से-सैन्य सहयोग में स्टाफ वार्ता, अभ्यास, प्रशिक्षण, यात्राएँ और आदान-प्रदान शामिल हैं।
- VINBAX-2023 सैन्य अभ्यास।
- फरवरी 2024 में, वियतनाम के एक नौसेना जहाज़ ने भारत में मिलान अंतर्राष्ट्रीय समुद्री अभ्यास में भाग लिया।
- सांस्कृतिक आदान-प्रदान: भारतीय और वियतनामी संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देते हैं।
- हो ची मिन्ह सिटी में पूर्वोत्तर भारत महोत्सव जैसे सम्मेलन और शिखर सम्मेलन द्विपक्षीय सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देते हैं।
- वियतनाम और भारत के बीच बौद्ध संबंध प्राचीन सभ्यतागत संबंधों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वियतनाम के बौद्ध विद्वान और तीर्थयात्री नियमित रूप से भारत की यात्रा करते हैं, जिसमें बोधगया में वियतनाम के बौद्ध शिवालय भी शामिल है।
- वियतनाम में योग बेहद लोकप्रिय है, सैकड़ों योग क्लब और कई भारतीय योग शिक्षक अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
- हनोई में स्वामी विवेकानंद भारतीय सांस्कृतिक केंद्र भारत की समझ को और बढ़ाता है तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देता है।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. भारत और वियतनाम के बीच स्थापित व्यापक रणनीतिक साझेदारी के महत्त्व पर चर्चा कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, का निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2020) नदी में जाकर मिलती है
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) |