अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत और वियतनाम संबंध
- 27 Jul 2023
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प्रिलिम्स के लिये:हिंद महासागर क्षेत्र, आईएनएस कृपाण, मानवीय सहायता और आपदा राहत, भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी, मेकांग-गंगा सहयोग, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि मेन्स के लिये:भारत और वियतनाम के बीच सहयोग के क्षेत्र |
चर्चा में क्यों?
भारत ने वियतनाम को स्वदेश निर्मित इन-सर्विस मिसाइल कार्वेट आईएनएस कृपाण (INS Kirpan) उपहार में दिया है। यह रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने तथा हिंद महासागर क्षेत्र में वियतनाम के 'पसंदीदा सुरक्षा भागीदार’ (Preferred Security Partner) के रूप में अपनी भूमिका को मज़बूत करने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
INS कृपाण:
- INS कृपाण एक खुखरी श्रेणी की मिसाइल कार्वेट है जिसे 12 जनवरी, 1991 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
- खुखरी श्रेणी के कार्वेट किर्लोस्कर समूह द्वारा लाइसेंस के तहत भारत में असेंबल किये गए डीज़ल इंजन से सुसज्जित हैं। जहाज़ का लगभग 65% भाग स्वदेशी है।
- इसकी गति 25 समुद्री मील से अधिक है तथा यह विभिन्न हथियारों से सुसज्जित है जो इसे तटीय तथा अपतटीय गश्त, सतह युद्ध, तटीय सुरक्षा, समुद्री डकैती विरोधी और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief- HADR) संचालन सहित कई भूमिकाएँ निभाने में सक्षम बनाता है।
भारत और वियतनाम के बीच सहयोग के क्षेत्र:
- परिचय:
- भारत ने वर्ष 1956 में ही हनोई में महावाणिज्य दूतवास कार्यालय की स्थापना कर दी थी।
- वियतनाम ने वर्ष 1972 में अपना राजनयिक मिशन स्थापित किया।
- भारत-अमेरिका संबंधों में कड़वाहट की आशंका की परवाह किये बिना भारत, वियतनाम में अमेरिकी हस्तक्षेप के विरोध में वियतनाम के साथ खड़ा था
- भारत अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षण और नियंत्रण आयोग (International Commission for Supervision and Control- ICSC) का अध्यक्ष था जिसका गठन वियतनाम में शांति प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिये वर्ष 1954 के जिनेवा समझौते के अनुसार किया गया था।
- वर्ष 1992 में भारत और वियतनाम ने तेल अन्वेषण, कृषि एवं विनिर्माण सहित व्यापक आर्थिक संबंध स्थापित किये।
- जुलाई 2007 में दोनों देशों के बीच संबंध 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक पहुँचे।
- वर्ष 2016 में द्विपक्षीय संबंधों को "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" तक बढ़ाया गया।
- भारत ने वर्ष 1956 में ही हनोई में महावाणिज्य दूतवास कार्यालय की स्थापना कर दी थी।
- आर्थिक सहयोग:
- मेकांग-गंगा सहयोग (Mekong-Ganga Cooperation- MGC): MGC के सदस्यों के रूप में भारत एवं वियतनाम, भारत और दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के बीच संबंधों को बढ़ाने एवं विकास सहयोग को बढ़ावा देने के लिये काम कर रहे हैं।
- व्यापार और निवेश: वित्तीय वर्ष 2021-22 में भारत एवं वियतनाम के बीच द्विपक्षीय व्यापार में 27% की वृद्धि दर्ज की गई तथा यह 14.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया।
- भारत, वियतनाम के शीर्ष 8 व्यापारिक साझेदारों में से एक है, जबकि वियतनाम, भारत का 15वाँ और दक्षिण-पूर्व एशिया में चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- क्षमता निर्माण: भारत, वियतनाम को भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) के तहत प्रशिक्षण एवं छात्रवृत्ति प्रदान करता है, जो वियतनाम के सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान करता है।
- राजनीतिक समर्थन: भारत और वियतनाम ने वैश्विक सहयोग के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मंचों एवं संगठनों में एक-दूसरे का समर्थन किया है।
- वियतनाम ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का स्थायी सदस्य बनने और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) में शामिल होने के भारत के प्रयास का समर्थन किया है।
- बहुपक्षीय सहयोग:
- भारत और वियतनाम संयुक्त राष्ट्र एवं विश्व व्यापार संगठन के अतिरिक्त आसियान, पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, एशिया-यूरोप मीटिंग (ASEM) जैसे विभिन्न क्षेत्रीय मंचों पर निकटता से सहयोग करते हैं।
- रक्षा सहयोग:
- हाई-स्पीड पेट्रोल बोट्स: सितंबर 2014 में भारत ने वियतनामी सीमा रक्षक बल के लिये 12 हाई-स्पीड पेट्रोल बोट्स की खरीद हेतु 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन (LoC) बढ़ाई।
- वर्ष 2016 में वियतनाम के लिये रक्षा क्षेत्र में अतिरिक्त 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर की LoC का विस्तार किया गया था।
- इसके अतिरिक्त वर्ष 2030 तक भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी पर संयुक्त दृष्टि वक्तव्य (Joint Vision Statement) पर जून 2022 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- वियतनाम-भारत द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास: Ex VINBAX
- हाई-स्पीड पेट्रोल बोट्स: सितंबर 2014 में भारत ने वियतनामी सीमा रक्षक बल के लिये 12 हाई-स्पीड पेट्रोल बोट्स की खरीद हेतु 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की क्रेडिट लाइन (LoC) बढ़ाई।
- समुद्री सुरक्षा और सहयोग:
- नेविगेशन की स्वतंत्रता: दोनों देश अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से UNCLOS में नेविगेशन और ओवरफ्लाइट की स्वतंत्रता के साथ-साथ राष्ट्रीय जल क्षेत्र के माध्यम से व्यापार के संचालन का दृढ़ता से समर्थन करते हैं।
- दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता: भारत और वियतनाम इस बात पर ज़ोर देते हैं कि दक्षिण चीन सागर पर आचार संहिता की प्रासंगिकता संयुक्त राष्ट्र सम्मेलनों के अनुरूप होनी चाहिये और इस परिचर्चा में भाग नहीं लेने वाले देशों के वैध अधिकारों और हितों का सम्मान किया जाना चाहिये।
वियतनाम के बारे में महत्त्वपूर्ण तथ्य:
- स्थिति: यह दक्षिण-पूर्व एशिया, उत्तर में चीन, उत्तर-पश्चिम में लाओस, दक्षिण-पश्चिम में कंबोडिया और पूर्व तथा दक्षिण में दक्षिण चीन सागर से घिरा हुआ है।
- राजधानी: हनोई
- सबसे बड़ी नदियाँ: दक्षिण में मेकांग और उत्तर में रेड, जो दक्षिण चीन सागर में जाकर मिलती हैं।
- मुद्रा: वियतनामी डोंग (VND)
- स्वतंत्रता: 2 सितंबर, 1945 को फ्राँसीसी औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता की घोषणा की गई।
- ऐतिहासिक घटनाएँ: वियतनाम युद्ध (वर्ष 1955-1975) जिसमें अमेरिका और उत्तर तथा दक्षिण वियतनाम शामिल थे, वर्ष 1976 में उत्तर एवं दक्षिण वियतनाम का एकीकरण।
- फेस्टिवल: टेट गुयेन डैन (लुनार नव वर्ष) और वु लैन (हंग्री घोस्ट फेस्टिवल)।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. मेकांग-गंगा सहयोग जो कि छह देशों की एक पहल है, का निम्नलिखित में से कौन-सा/से देश प्रतिभागी नहीं है/हैं? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2020) नदी में जाकर मिलती है
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c)
अत: विकल्प (c) सही उत्तर है। |