भारत-अमेरिका द्विपक्षीय बैठक | 27 Sep 2021
प्रिलिम्स के लिये:कोवैक्स, ‘एच-1बी’ वीज़ा, मालाबार अभ्यास मेन्स के लिये:भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने नव निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ अपनी पहली बैठक में हिस्सा लिया।
- दोनों नेताओं ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक सहयोग सहित कई प्राथमिकता वाले मुद्दों पर चर्चा की।
- इससे पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने अपनी भारत यात्रा के दौरान कहा था कि भारत और अमेरिका की गतिविधियाँ 21वीं सदी को आकार देने में महत्त्वपूर्ण साबित होंगी।
प्रमुख बिंदु
- बैठक के मुख्य बिंदु
- भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने व लोकतंत्र, अफगानिस्तान तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिये खतरों सहित सामान्य हित के विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई।
- इस दौरान अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर चर्चा की गई और यह स्वीकार किया गया इस घटनाक्रम की अधिक ‘सावधानीपूर्वक निगरानी’ की आवश्यकता है।
- दोनों पक्षों ने आतंकवादी प्रॉक्सी के किसी भी उपयोग की निंदा की और आतंकवादी समूहों को सैन्य या वित्तीय सहायता, जिसका उपयोग आतंकवादी हमलों की योजना बनाने हेतु किया जा सकता है, देने से इनकार करने पर ज़ोर दिया।
- उन्होंने तालिबान से संयुक्त राष्ट्र के ‘प्रस्ताव 2593’ की प्रतिबद्धताओं का पालन करने का आह्वान किया।
- दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि जब भारत कोविड-19 संक्रमण के दौर से गुज़र रहा था, तब अमेरिकी सरकार, अमेरिका में स्थित कंपनियाँ और भारतीय प्रवासी बहुत मददगार साबित हुए थे।
- भारत वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत और ‘कोवैक्स’ वैश्विक पूल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने हेतु वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में अधिशेष कोविड-19 टीकों का निर्यात फिर से शुरू करेगा।
- भारत ने अमेरिका में भारतीय समुदाय से जुड़े कई मुद्दों को उठाया, जिसमें वहाँ भारतीय पेशेवरों की पहुँच और ‘एच-1बी’ वीज़ा भी शामिल हैं।
- भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को और मज़बूत करने व लोकतंत्र, अफगानिस्तान तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिये खतरों सहित सामान्य हित के विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की गई।
- भारत-अमेरिका संबंध
- परिचय
- भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंध एक ‘वैश्विक रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में विकसित हुए हैं, जो साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और द्विपक्षीय, क्षेत्रीय तथा वैश्विक हितों के बढ़ते अभिसरण पर आधारित है।
- वर्ष 2015 में दोनों देशों ने ‘दिल्ली डिक्लेरेशन ऑफ फ्रेंडशिप’ की घोषणा की और ‘जॉइंट स्ट्रेटेजिक विज़न फॉर एशिया-पैसिफिक एंड इंडियन ओसियन रीज़न’ को अपनाया।
- असैन्य-परमाणु सौदा:
- द्विपक्षीय असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर अक्तूबर 2008 में हस्ताक्षर किये गए थे।
- ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन:
- PACE (पार्टनरशिप टू एडवांस क्लीन एनर्जी) के तहत एक प्राथमिकता पहल के रूप में अमेरिकी ऊर्जा विभाग (DOE) और भारत सरकार ने संयुक्त स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान एवं विकास केंद्र (JCERDC) की स्थापना की है, जिसे भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के वैज्ञानिकों द्वारा स्वच्छ ऊर्जा नवाचारों को बढ़ावा देने हेतु डिज़ाइन किया गया है।
- लीडर्स क्लाइमेट समिट 2021 में ‘भारत-अमेरिका स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा 2030’ पार्टनरशिप की शुरुआत की गई।
- रक्षा समझौते:
- वर्ष 2005 में 'भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों के लिये नए ढाँचे' पर हस्ताक्षर के साथ रक्षा संबंध भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी के एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है, जिसे वर्ष 2015 में 10 वर्षों के लिये और अद्यतन किया गया था।
- भारत और अमेरिका ने पिछले कुछ वर्षों में महत्त्वपूर्ण रक्षा समझौते किये तथा क्वाड (भारत, अमेरिका, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया) के चार देशों के गठबंधन को भी औपचारिक रूप दिया।
- इस गठबंधन को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के लिये एक महत्त्वपूर्ण प्रतिकार के रूप में देखा जा रहा है।
- नवंबर 2020 में मालाबार अभ्यास ने भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों में एक उच्च बिंदु स्पर्श किया, यह 13 वर्षों में पहली बार था कि क्वाड के सभी चार देश एक साथ चीन का प्रतिरोध कर हैं।
- भारत की पहुँच अब अफ्रीका में जिबूती से लेकर प्रशांत क्षेत्र में गुआम तक अमेरिकी ठिकानों तक है। यह अमेरिकी रक्षा क्षेत्र में उपयोग की जाने वाली उन्नत संचार तकनीक का भी उपयोग कर सकता है।
- भारत और अमेरिका के बीच चार मूलभूत रक्षा समझौते हैं:
- भू-स्थानिक खुफिया (BECA) के लिये बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौता।
- सैन्य सूचना समझौते पर सामान्य सुरक्षा (GSOMIA)।
- लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (LEMOA)।
- संचार संगतता और सुरक्षा समझौता (COMCASA)।
- वर्ष 2010 में आतंकवाद का विरोध करने, सूचना साझा करने और क्षमता निर्माण सहयोग का विस्तार करने के लिये भारत-अमेरिका आतंकवाद-रोधी सहयोग पहल पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- एक त्रि-सेवा अभ्यास- टाइगर ट्रायम्फ- नवंबर 2019 में आयोजित किया गया था।
- द्विपक्षीय और क्षेत्रीय अभ्यासों में शामिल हैं: युद्ध अभ्यास (सेना); वज्र प्रहार (विशेष बल); रिमपैक; रेड फ्लैग।
- व्यापार:
- अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है तथा भारत की वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात के लिये एक प्रमुख गंतव्य है।
- अमेरिका ने 2020-21 के दौरान भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के दूसरे सबसे बड़े स्रोत के रूप में मॉरीशस को पीछे छोड़ दिया।
- पिछली अमेरिकी सरकार ने भारत की विशेष व्यापार स्थिति (GSP निकासी) को समाप्त कर दिया और कई प्रतिबंध भी लगाए, भारत ने भी 28 अमेरिकी उत्पादों पर प्रतिबंध लगाए।
- वर्तमान अमेरिकी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लगाए गए सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने की अनुमति दी है।
- विज्ञान प्रौद्योगिकी:
- इसरो और नासा पृथ्वी अवलोकन के लिये एक संयुक्त माइक्रोवेव रिमोट सेंसिंग उपग्रह को स्थापित करने हेतु मिलकर काम कर रहे हैं, जिसका नाम NASA-ISRO सिंथेटिक एपर्चर रडार (NISAR) है।
- भारतीय प्रवासी:
- अमेरिका में सभी क्षेत्रों में भारतीय प्रवासियों की उपस्थिति बढ़ रही है। उदाहरण के लिये अमेरिका की वर्तमान उपराष्ट्रपति (कमला हैरिस) का भारत से गहरा संबंध है।
- परिचय
आगे की राह
- अमेरिका के साथ भारत की साझेदारी को बदलने के लिये मंच तैयार किया गया है। अफगानिस्तान भारत और अमेरिका दोनों के लिये निरंतर चिंता का एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है तथा दोनों पक्षों की नज़र अब चीन के उदय एवं दावे से प्रेरित हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभर रही बड़ी चुनौतियों पर है।
- विशेष रूप से दोनों देशों में चीन विरोधी भावना बढ़ने के कारण देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने की बहुत अधिक संभावना है।