भारत-अमेरिका समझौतों की प्रगति
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच एक मिनी 2+2 वार्ता (mini 2+2) का आयोजन किया गया जिसमें दोनों देशों के बीच समग्र रक्षा सहयोग का जायजा लेने के अलावा 2+2 वार्ता के दौरान हुए दो प्रमुख समझौतों को अंतिम रूप देने के लिये इनकी प्रगति की समीक्षा की गई।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक के दौरान जिन समझौतों को अंतिम रूप देने पर चर्चा की गई उनमें औद्योगिक सुरक्षा अनुलग्नक (Industrial Security Annex-ISA) और भू-स्थानिक सहयोग के लिये बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौता (Basic Exchange and Cooperation Agreement for Geo-spatial Cooperation-BECA) शामिल हैं।
- भारत और अमेरिका के बीच हस्ताक्षर के लिये निर्धारित BECA समझौते का मसौदा अमेरिका पहले ही भारत के साथ साझा कर चुका है।
- इस बैठक का उद्देश्य 2+2 वार्ता का पालन करना और आधिकारिक स्तर के संवाद को आगे भी जारी रखना था।
- बैठक के दौरान द्विपक्षीय रक्षा सहयोग, विशेष रूप से अधिक-से-अधिक समुद्री क्षेत्र में जागरूकता (Maritime Domain Awareness (MDA) एमडीए) और इस साल के अंत में निर्धारित पहली त्रि-सेवा अभ्यास (tri-service exercise) की भी समीक्षा की गई।
भारत के लिये ISA का महत्त्व
- यह समझौता अमेरिकी सरकार और अमेरिकी कंपनियों को भारतीय निजी क्षेत्र के साथ गोपनीय जानकारी साझा करने की अनुमति देता है, जो अब तक भारत सरकार और रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों तक सीमित है।
- ISA का मसौदा वर्तमान में वाशिंगटन में आधिकारिक प्रक्रिया से गुज़र रहा है।
- भारतीय उद्योग रक्षा विनिर्माण में अधिक भूमिका पाने की तलाश में हैं इसलिये ISA भारत के लिये विशेष रूप से आवश्यक है।
क्या है 2+2 वार्ता?
- यदि दो देशों के बीच एक साथ दो-दो मंत्रिस्तरीय वार्ताएँ आयोजित की जाएँ तो इसे 2+2 वार्ता का नाम दिया जाता है।
- औपचारिक रूप से दोनों देशों के बीच 2+2 वार्ता की शुरुआत सितंबर 2018 में हुई थी। इस दौरान तीसरे आधारभूत समझौते ‘संचार संगतता और सुरक्षा समझौता’, (Communications Compatibility and Security Agreement) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- इस मॉडल के तहत भारत और जापान तथा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी वार्ताएँ हुई हैं।
भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय समझौते
- COMCASA: संगतता और सुरक्षा समझौता (Communications Compatibility and Security Agreement -COMCASA) एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली के हस्तांतरण को सरल बनाता है और उच्च तकनीक वाले सैन्य उपकरणों को साझा करने हेतु यह समझौता अमेरिका की प्रमुख आवश्यकता है।
- BECA: मूल विनिमय और सहयोग समझौता (Basic Exchange and Cooperation Agreement) भू-स्थानिक जानकारी के विनिमय को आसान बनाता है।
- LEMOA: लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरैंडम ऑफ एग्रीमेंट (Logistics Exchange Memorandum of Agreement) पर भारत ने वर्ष 2016 में हस्ताक्षर किये थे। यह समझौता दोनों देशों की सेनाओं की एक-दूसरे की सैन्य सुविधाओं तक पहुँच को आसान बनाता है लेकिन यह इसे स्वचालित या अनिवार्य नहीं बनाता है।
- GSOMIA: सैन्य सूचना समझौते की सामान्य सुरक्षा (General Security Of Military Information Agreement) पर भारत ने वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किये थे. यह सेनाओं को उनके द्वारा एकत्रित खुफिया जानकारी को साझा करने की अनुमति देता है।