भारत-ऑस्ट्रिया संबंध | 12 Jul 2024

प्रिलिम्स के लिये:

UNFCCC, UNCLOS, भारत-मध्य पूर्व-यूरोप गलियारा, ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, उद्योग 4.0, यूरोपीय संघ

मेन्स के लिये:

भारत-ऑस्ट्रिया संबंध, द्विपक्षीय संबंध और कूटनीतिक उपलब्धियाँ

स्रोत: पी. आई. बी.

चर्चा में क्यों? 

भारत के प्रधानमंत्री ने ऑस्ट्रिया का आधिकारिक दौरा किया। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया की पहली यात्रा थी, जो दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 75वें वर्ष का प्रतीक है।

इस यात्रा का उद्देश्य प्रौद्योगिकी, अर्थव्यवस्था और वैश्विक सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाकर द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाना था।

नोट: जून 1955 में, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ऑस्ट्रिया की राजकीय यात्रा की, जो राज्य संधि के समापन के माध्यम से ऑस्ट्रिया को पूर्ण स्वतंत्रता मिलने के लगभग एक महीने बाद की बात है। नेहरू की यह किसी विदेशी नेता की नव-स्वतंत्र ऑस्ट्रिया की पहली राजकीय यात्रा थी।

प्रधानमंत्री की ऑस्ट्रिया यात्रा की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?

  • हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के लिये समर्थन: दोनों देशों ने स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून अभिसमय (United Nations Convention on the Law of the Sea- UNCLOS) जैसे अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करने की बात कही।
  • राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग: चर्चाओं में यूरोप और पश्चिम एशिया में विकास का आकलन शामिल था, जिसमें शांति बहाल करने तथा विशेष रूप से यूक्रेन संघर्ष के संबंध में, अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन पर साझा ध्यान केंद्रित किया गया।
  • आर्थिक सहयोग: नेताओं ने हरित और डिजिटल प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढाँचे, नवीकरणीय ऊर्जा तथा स्मार्ट शहरों पर ध्यान केंद्रित करते हुए भविष्योन्मुखी आर्थिक साझेदारी पर सहमति व्यक्त की।
    • प्रथम उच्चस्तरीय द्विपक्षीय व्यापार फोरम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ावा दिया गया तथा नए अवसरों की खोज के लिये CEO स्तर पर बातचीत को प्रोत्साहित किया गया।
  • जलवायु प्रतिबद्धताएँ: जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (United Nations Framework Convention on Climate Change- UNFCCC) के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को स्वीकार करते हुए, दोनों देशों ने ऑस्ट्रिया की हाइड्रोजन रणनीति और भारत के ग्रीन हाइड्रोजन मिशन पर विशेष ध्यान देते हुए नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग करने का संकल्प लिया।
  • प्रौद्योगिकी और नवाचार: स्टार्ट-अप ब्रिज और ऑस्ट्रिया के ग्लोबल इनक्यूबेटर नेटवर्क तथा भारत के स्टार्ट-अप इंडिया के अंतर्गत आदान-प्रदान जैसी पहलों को नवाचार एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये महत्त्वपूर्ण बताया गया।
    • उन्होंने सतत् अर्थव्यवस्था सहित औद्योगिक प्रक्रियाओं (उद्योग 4.0) में डिजिटल प्रौद्योगिकियों के बढ़ते महत्त्व को भी स्वीकार किया।
  • सांस्कृतिक आदान-प्रदान: सांस्कृतिक कूटनीति की भूमिका को स्वीकार करते हुए योग, आयुर्वेद और अन्य सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयासों पर बल दिया गया।
  • बहुपक्षीय सहयोग: दोनों नेताओं ने बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधारों का समर्थन किया। भारत ने वर्ष 2027-28 की अवधि के लिये ऑस्ट्रिया की UNSC उम्मीदवारी हेतु अपना समर्थन दोहराया, जबकि ऑस्ट्रिया ने वर्ष 2028-29 की अवधि के लिये भारत के  उम्मीदवारी के लिये अपना समर्थन व्यक्त किया।
    • भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा और सतत् विकास में सहयोग पर प्रकाश डालते हुए ऑस्ट्रिया को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance- ISA) में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया।

अब तक भारत-ऑस्ट्रिया संबंध कैसे रहे हैं?

  • राजनीतिक संबंध: राजनयिक संबंध वर्ष 1949 में स्थापित हुए। द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ नवंबर 2023 से नवंबर 2024 तक मनाई जाएगी।
    • वर्ष 1955 में ऑस्ट्रिया की स्वतंत्रता के लिये सोवियत संघ के साथ वार्ता में भारत ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
  • आर्थिक सहयोग: यूरोपीय यूनियन के सबसे धनी देशों में से एक ऑस्ट्रिया, यूरोप, विशेषकर मध्य और पूर्वी यूरोप के देशों के साथ भारत के संबंधों में एक महत्त्वपूर्ण कड़ी है।
    • वर्ष 1983 में स्थापित भारत-ऑस्ट्रियाई संयुक्त आर्थिक आयोग (Joint Economic Commission- JEC) सरकारी मंत्रालयों और वाणिज्य एवं उद्योग मंडलों के बीच द्विपक्षीय बातचीत के लिये एक मंच प्रदान करता है।
    • वर्ष 2021 में, ऑस्ट्रिया को भारतीय निर्यात कुल 1.29 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जबकि ऑस्ट्रिया से आयात 1.18 बिलियन अमरीकी डॉलर था, जिसके परिणामस्वरूप 2.47 बिलियन अमेरीकी डॉलर का संतुलित द्विपक्षीय व्यापार हुआ।
      • वर्ष 2022 तक द्विपक्षीय व्यापार 2.84 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14.97% की वृद्धि दर्शाता है।
    • प्रमुख भारतीय निर्यात: इलेक्ट्रॉनिक सामान, परिधान, वस्त्र, जूते, रबर के सामान, वाहन और रेलवे पार्ट्स।
    • भारत को ऑस्ट्रिया से प्रमुख निर्यात: मशीनरी, यांत्रिक उपकरण, रेलवे पार्ट्स, लोहा और इस्पात।
  • अंतरिक्ष: ऑस्ट्रिया के पहले दो उपग्रह, टगसैट-1/ब्राइट और यूनीब्राइट, वर्ष 2013 में भारत के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपित किये गए थे।
  • संस्कृति: भारत-ऑस्ट्रियाई सांस्कृतिक संबंध 16वीं शताब्दी से चले आ रहे हैं, जब बाल्थासार स्प्रिंगर ने वर्ष 1505 में टायरॉल से भारत की यात्रा की थी। वियना विश्वविद्यालय में संस्कृत का शिक्षण वर्ष 1845 में शुरू हुआ और वर्ष 1880 में इंडोलॉजी के लिये एक स्वतंत्र पीठ की स्थापना के साथ यह अपने चरम पर पहुँच गया।
    • नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1921 और 1926 में वियना का दौरा किया था, जहाँ उन्होंने "वन का धर्म" जैसे विषयों पर अपने व्याख्यानों के माध्यम से महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक तथा बौद्धिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दिया था, जिसमें उन्होंने प्रकृति, एकता एवं करुणा पर ज़ोर दिया था।
    • आयुर्वेद और योग ने ऑस्ट्रिया में लोकप्रियता हासिल कर ली है तथा वियना में कई योग विद्यालय हैं।

ऑस्ट्रिया: 

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत-ऑस्ट्रिया संबंधों के विकास पर चर्चा कीजिये, प्रमुख मील के पत्थर और सहयोग के क्षेत्रों पर प्रकाश डालिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)

यूरोपीय संघ का 'स्थिरता एवं संवृद्धि विकास समझौता (स्टेबिलिटी एंड ग्रोथ पैक्ट)' ऐसी संधि है जो-

  1. यूरोपीय संघ के देशों के बजटीय घाटे के स्तर को सीमित करती है
  2. यूरोपीय संघ के देशों को अपनी आधारित संरचना सुविधाओं को आपस में बाँटना सुकर बनाती  है
  3. यूरोपीय संघ के देशों के लिये अपनी प्रौद्योगिकियों को आपस में बाँटना सुकर बनाती  है

उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं:

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं

उत्तर: (a)