अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता
- 22 Nov 2023
- 14 min read
प्रिलिम्स के लिये:भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता, मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (MDA), कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), पनडुब्बी रोधी युद्ध, परमाणु अप्रसार संधि, व्यापक सामरिक साझेदारी मेन्स के लिये:भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह, भारत और/या इसके हितों को प्रभावित करने वाले समूह और समझौते |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
हाल ही में दूसरी भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता नई दिल्ली, भारत में आयोजित की गई, जहाँ दोनों देशों के विदेश मंत्रियों तथा रक्षा मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया।
वार्ता की प्रमुख विशेषताएँ क्या हैं?
- बेहतर सहयोग:
- दोनों देशों ने अपने रणनीतिक संबंधों को सशक्त करने में इन पहलुओं के महत्त्व को रेखांकित करते हुए सूचना के आदान-प्रदान तथा इंडो-पैसिफिक मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (MDA) में अधिक सहयोग पर ज़ोर दिया।
- क्वाड का इंडो-पैसिफिक MDA कार्यान्वयन चरण में है, जिसे भारत द्वारा आयोजित आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन में एक प्रमुख एजेंडा के रूप में माना जाएगा।
- कार्यान्वयन संबंधी व्यवस्थाएँ:
- दोनों पक्षों ने हाइड्रोग्राफी सहयोग तथा हवा-से-हवा में ईंधन भरने में सहयोग को लेकर क्रियान्वयन व्यवस्था सुनिश्चित करने पर चर्चा की, जो रक्षा क्षेत्र में ठोस सहयोग की दिशा में कदम का संकेत है।
- गहन प्रशिक्षण क्षेत्र:
- कृत्रिम बुद्धिमता (AI), पनडुब्बी रोधी, ड्रोन रोधी युद्ध तथा साइबर जैसे विशेष प्रशिक्षण क्षेत्रों में सहयोग का साझा दृष्टिकोण उन्नत रक्षा क्षमताओं को विकसित करने की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
- रक्षा उद्योग सहयोग:
- दोनों देशों ने माना कि रक्षा उद्योग और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण सहयोग पहले से मजबूत संबंधों को और मज़बूती प्रदान करेगा।
- उन्होंने पोत निर्माण, मरम्मत और रखरखाव तथा एयरक्राफ्ट के रखरखाव, मरम्मत तथा कायाकल्प सहित सहयोग के संभावित क्षेत्रों की पहचान की।
- अंडरवाटर टेक्नोलॉजी में अनुसंधान:
- पानी के भीतर प्रौद्योगिकियों के मामले में संयुक्त अनुसंधान में सहयोग तथा रक्षा स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में गठबंधन पर चर्चा की गई जो रक्षा रणनीतियों में नवाचार एवं तकनीकी प्रगति का प्रतीक है।
- द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की पुनः पुष्टि:
- दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई तथा रक्षा क्षेत्र में संयुक्त युद्धाभ्यास, आदान-प्रदान और संस्थागत बातचीत सहित दोंनों देशों के बीच सैन्य क्षेत्र में बढ़ते सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध अब तक कैसे रहे हैं?
- ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:
- ऑस्ट्रेलिया और भारत ने सर्वप्रथम स्वतंत्रता से पूर्व राजनयिक संबंध स्थापित किये, जब भारत के वाणिज्य दूतावास को पहली बार वर्ष 1941 में सिडनी में एक व्यापार कार्यालय के रूप में स्थापित किया गया था।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध उस समय ऐतिहासिक निम्न स्तर पर पहुँच गए जब ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भारत के वर्ष 1998 के परमाणु परीक्षणों की निंदा की थी।
- वर्ष 2014 में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ एक यूरेनियम आपूर्ति समझौते पर हस्ताक्षर किये, जो भारत के "त्रुटिहीन" (Impeccable) अप्रसार रिकॉर्ड को मान्यता देते हुए परमाणु अप्रसार संधि के गैर-हस्ताक्षरकर्त्ता देश के साथ अपनी तरह का पहला समझौता था।
- सामरिक संबंध:
- वर्ष 2020 में भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को सामरिक साझेदारी से व्यापक सामरिक साझेदारी में परिवर्तित किया।
- वर्ष 2021 में ग्लासगो में COP26 के दौरान दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकात हुई।
- वर्ष 2022 और 2023 में भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन तथा विदेश मंत्रियों की बैठक सहित उच्च स्तरीय वार्ताओं तथा मंत्रिस्तरीय यात्राओं की एक शृंखला हुई है। दूसरे भारत-ऑस्ट्रेलिया वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान कई प्रमुख घोषणाएँ की गईं, जिनमें शामिल हैं:
- कौशल के आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिये प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी व्यवस्था पर आशय पत्र।
- रक्षा सहयोग:
- 2+2 मंत्रिस्तरीय वार्ता सितंबर 2021 में हुई और ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री तथा रक्षा मंत्री ने जून 2022 में भारत का दौरा किया।
- रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिये जून 2020 में वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान म्यूचुअल लॉजिस्टिक्स सपोर्ट एग्रीमेंट (MLSA) पर हस्ताक्षर किये गए थे।
- संयुक्त सैन्य अभ्यास:
- ऑस्ट्रेलिया ने अगस्त 2023 में "मालाबार" अभ्यास की मेज़बानी की, जिसमें भारत, जापान और अमेरिका ने भागीदारी की।
- भारत को 2023 में टैलिसमैन सेबर अभ्यास में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया है।
- चीन कारक:
- ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंध कई कारणों से तनावपूर्ण बने हुए हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया द्वारा 5G नेटवर्क से हुआवेई पर प्रतिबंध लगाना, कोविड-19 की उत्पत्ति की जाँच के लिये कॉल करना और शिनजियांग तथा हॉन्गकॉन्ग, चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करना शामिल है।
- इसके प्रत्युत्तर में चीन ने ऑस्ट्रेलियाई निर्यात पर व्यापार बाधाएँ आरोपित कीं और सभी मंत्रिस्तरीय संपर्क निरस्त कर दिये।
- भारत को सीमा पर चीनी आक्रामकता का सामना करना पड़ रहा है जो गलवान घाटी झड़प जैसी घटनाओं से उजागर हुआ है।
- ऑस्ट्रेलिया-भारत दोनों नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का समर्थन करते हैं और वे इंडो-पैसिफिक में क्षेत्रीय संस्थान बनाने की कोशिश कर रहे हैं जो समावेशी हों तथा जिससे आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा मिले।
- क्वाड (भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान) में देशों की भागीदारी साझा चिंताओं के आधार पर उनके हितों के अभिसरण का एक उदाहरण है।
- ऑस्ट्रेलिया-चीन संबंध कई कारणों से तनावपूर्ण बने हुए हैं, जिनमें ऑस्ट्रेलिया द्वारा 5G नेटवर्क से हुआवेई पर प्रतिबंध लगाना, कोविड-19 की उत्पत्ति की जाँच के लिये कॉल करना और शिनजियांग तथा हॉन्गकॉन्ग, चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करना शामिल है।
- बहुपक्षीय सहयोग:
- दोनों क्वाड, कॉमनवेल्थ, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA), आसियान क्षेत्रीय फोरम, जलवायु और स्वच्छ विकास पर एशिया-प्रशांत साझेदारी के सदस्य हैं तथा पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग ले चुके हैं।
- दोनों देश विश्व व्यापार संगठन के संदर्भ में पाँच इच्छुक पार्टियों (FIP) के सदस्यों के रूप में भी सहयोग कर रहे हैं।
- ऑस्ट्रेलिया एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) में एक महत्त्वपूर्ण सदस्य है और संगठन में भारत की सदस्यता का समर्थन करता है।
- आर्थिक सहयोग:
- आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Economic Cooperation Trade Agreement- ECTA):
- यह एक दशक में किसी विकसित देश के साथ भारत द्वारा हस्ताक्षरित पहला मुक्त व्यापार समझौता है जो दिसंबर 2022 में लागू हुआ।
- इसके परिणामस्वरूप ऑस्ट्रेलिया को होने वाले 96% भारतीय निर्यात (जो कि टैरिफ लाइनों का 98% है) पर तत्काल शुल्क घटाकर शून्य कर दिया गया है और भारत को होने वाले ऑस्ट्रेलिया के 85% निर्यात (मूल्य में) पर शुल्क शून्य कर दिया गया है।
- सप्लाई चेन रेज़ीलिएंस इनीशिएटिव (SCRI):
- भारत और ऑस्ट्रेलिया जापान के साथ त्रिपक्षीय व्यवस्था में भागीदार हैं जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आपूर्ति शृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाना चाहता है।
- द्विपक्षीय व्यापार:
- ऑस्ट्रेलिया भारत का 17वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और भारत ऑस्ट्रेलिया का 9वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार वर्ष 2021 में 27.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, अगले पाँच वर्षों में इसके लगभग 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने की संभावना है।
- आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (Economic Cooperation Trade Agreement- ECTA):
- स्वच्छ ऊर्जा पर सहयोग:
- फरवरी 2022 में देशों ने बेहद कम लागत वाले सौर और स्वच्छ हाइड्रोजन सहित नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों की लागत को कम करने हेतु सहयोग के लिये नई और नवीकरणीय ऊर्जा पर आशय पत्र पर हस्ताक्षर किये।
- भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) के तहत प्रशांत द्वीपीय देशों के लिये 10 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (AUD) की घोषणा की।
- दोनों देशों ने तीन वर्ष की भारत-ऑस्ट्रेलिया क्रिटिकल मिनरल्स इन्वेस्टमेंट पार्टनरशिप के लिये 5.8 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई।
भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में क्या चुनौतियाँ हैं?
- अडानी कोयला खदान विवाद:
- ऑस्ट्रेलिया में अडानी कोयला खदान परियोजना को लेकर विवाद हो गया था, कुछ कार्यकर्त्ताओं ने इसका विरोध किया था, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव उत्पन्न हो गया था।
- वीज़ा मुद्दे:
- ऑस्ट्रेलिया में कार्य करने के इच्छुक भारतीय छात्रों और पेशेवरों के लिये वीज़ा प्रतिबंधों को लेकर चिंताएँ हैं।
- भारतीय प्रवासियों के साथ हिंसा:
- हाल के दिनों में खालिस्तान समर्थकों द्वारा भारतीय प्रवासियों और मंदिरों पर किये गए हमले तनाव का मुद्दा रहा है।
आगे की राह
- साझा मूल्यों, हितों, भौगोलिक स्थिति और उद्देश्यों के कारण हाल के वर्षों में भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंध मज़बूत हुए हैं।
- दोनों देश एक स्वतंत्र, खुले, समावेशी और नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की कल्पना करते हैं, एकतरफा या ज़बरदस्ती कार्रवाई को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिये तथा किसी भी असहमति या संघर्ष की स्थिति से बचा जाना चाहिये।
- भारत-ऑस्ट्रेलिया द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन जैसी पहलों के माध्यम से भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नवीनीकृत संबंध, भारत-प्रशांत में नियम-आधारित व्यवस्था सुनिश्चित करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिये दोनों देशों के बीच संबंधों को और मज़बूत करने का अवसर देते हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन आसियान (ASEAN) के 'मुक्त-व्यापार भागीदारों' में शामिल हैं? (A) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: C एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशंस (आसियान) का छह भागीदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौता है, ये देश हैं- पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, कोरिया गणराज्य, जापान, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड। अत: 1, 3, 4 और 5 सही हैं। |