प्रारंभिक परीक्षा
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन 2023
- 20 Nov 2023
- 9 min read
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
हाल ही में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (Asia-Pacific Economic Cooperation- APEC) देशों का शिखर सम्मेलन 2023 संयुक्त राज्य अमेरिका के सैन फ्राँसिस्को में हुआ।
APEC देशों के शिखर सम्मेलन 2023 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- APEC 2023 शिखर सम्मेलन का विषय "सभी के लिये एक लचीला और टिकाऊ भविष्य बनाना" है।
- APEC ने मुक्त, निष्पक्ष और खुले व्यापार और निवेश तथा क्षेत्र में समावेशी एवं सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
- शिखर सम्मेलन गोल्डन गेट घोषणा (Golden Gate Declaration) को अपनाने के साथ संपन्न हुआ।
- घोषणा सभी सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के लिये एक लचीला और टिकाऊ भविष्य बनाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
- APEC नेताओं ने जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा पर APEC एक्शन एजेंडा का समर्थन किया, जिसमें जलवायु संकट को संबोधित करने तथा ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु सहयोग एवं समन्वय बढ़ाने के लिये ठोस कार्यों व लक्ष्यों की एक रूपरेखा तैयार की गई।
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग क्या है?
- परिचय:
- APEC एशिया-प्रशांत की बढ़ती परस्पर निर्भरता का लाभ उठाने के लिये वर्ष 1989 में स्थापित एक क्षेत्रीय आर्थिक मंच है।
- APEC का लक्ष्य संतुलित, समावेशी, टिकाऊ, नवीन और सुरक्षित विकास को बढ़ावा देकर तथा क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण में तेज़ी लाकर क्षेत्र के लोगों को अधिक समृद्ध बनाना है।
- APEC प्रक्रिया सिंगापुर स्थित एक स्थायी सचिवालय द्वारा समर्थित है।
- सदस्य:
- ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, कनाडा, चिली, चीन, हॉन्गकॉन्ग, इंडोनेशिया, जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, मैक्सिको, न्यूज़ीलैंड, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, चीनी ताइपे, थाईलैंड, वियतनाम और संयुक्त राज्य अमेरिका।
- भारत को फिलहाल 'पर्यवेक्षक' का दर्जा हासिल है।
- महत्त्व:
- वर्ष 2021 में APEC की हिस्सेदारी विश्व सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 62% और विश्व व्यापार में 48% रही है।
- यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे पुराने और सबसे प्रभावशाली बहुपक्षीय प्लेटफाॅर्मों में से एक है।
- APEC का संचालन बिना किसी बाध्यकारी प्रतिबद्धताओं या संधि दायित्वों के आधार पर होता है। प्रतिबद्धताएँ स्वेच्छा से की जाती हैं और क्षमता-निर्माण परियोजनाएँ सदस्यों को APEC पहलों को लागू करने में सहायता करती हैं।
- APEC का मुख्य लक्ष्य आर्थिक विकास और समृद्धि का समर्थन करना, क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ाना, मानव सुरक्षा को मज़बूत करना तथा जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य एवं खाद्य सुरक्षा जैसी चुनौतियों का समाधान करना है।
- वर्ष 2021 में APEC की हिस्सेदारी विश्व सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 62% और विश्व व्यापार में 48% रही है।
- भारत- APEC:
- भारत वर्ष 1991 में APEC में शामिल होना चाहता था, यह वही वर्ष था जब भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण लागू किया गया था, जिसने भारत के साथ अन्य देशों को व्यापार करने में सक्षम बनाया।
- कुछ APEC सदस्यों ने भारत को इस समूह में शामिल करने का समर्थन किया, वहीं कुछ APEC सदस्य इसके खिलाफ थे, क्योंकि उन्हें लगा कि भारत में अभी भी बहुत सारे नियम और प्रतिबंध हैं जिससे उनके लिये भारत के साथ व्यापार करना कठिन होगा।
- भारत के APEC में शामिल न हो पाने का एक अन्य कारण यह था कि इस समूह ने वर्ष 1997 में नए सदस्यों को शामिल न करने का निर्णय लिया, ताकि वर्तमान सदस्यों के बीच मौजूदा सहयोग को बेहतर बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
- यह निर्णय वर्ष 2012 तक ही जारी रहना था लेकिन उसके बाद इसे नहीं बदला गया, इसलिये भारत अभी भी APEC में शामिल नहीं हो सका।
- भारत वर्ष 1991 में APEC में शामिल होना चाहता था, यह वही वर्ष था जब भारतीय अर्थव्यवस्था में उदारीकरण लागू किया गया था, जिसने भारत के साथ अन्य देशों को व्यापार करने में सक्षम बनाया।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2009)
उपार्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है प्रश्न. भारत निम्नलिखित में से किसका/किनका सदस्य है? (2015)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (b) |