मानव विकास रिपोर्ट 2023-24 | 18 Mar 2024
प्रिलिम्स के लिये:संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, मानव विकास रिपोर्ट, सकल घरेलू उत्पाद , सकल राष्ट्रीय आय मेन्स के लिये:मानव विकास रिपोर्ट 2023-24, विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप तथा उनके विनिर्माण एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे। |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
चर्चा में क्यों?
'ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड' शीर्षक वाली मानव विकास रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, भारत वैश्विक मानव विकास सूचकांक में 134वें स्थान पर है जबकि स्विट्जरलैंड को पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
- यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा जारी की गई है।
मानव विकास रिपोर्ट:
- परिचय:
- मानव विकास रिपोर्ट (HDR) वर्ष 1990 से जारी की रही है, जिसने मानव विकास दृष्टिकोण के माध्यम से विभिन्न विषयों का पता लगाया है।
- यह मानव विकास रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित की जाती है।
मानव विकास सूचकांक:
- HDI एक समग्र सूचकांक है जो चार संकेतकों को ध्यान में रखते हुए मानव विकास में औसत उपलब्धि को मापता है:
- जन्म के समय जीवन प्रत्याशा (सतत् विकास लक्ष्य 3),
- स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्ष (सतत् विकास लक्ष्य 4.3),
- स्कूली शिक्षा के औसत वर्ष (सतत् विकास लक्ष्य 4.4),
- सकल राष्ट्रीय आय-GNI) (सतत् विकास लक्ष्य 8.5)
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं?
- प्रदर्शक:
- शीर्ष तीन देश (स्कोर): स्विट्ज़रलैंड (0.967), नॉर्वे (0.966) और आइसलैंड (0.959)।
- अंतिम तीन देश: सोमालिया (0.380), दक्षिण सूडान (0.381), मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (0.387)।
- बड़ी अर्थव्यवस्थाएँ: यूएसए (0.927), यूके (0.889), जापान (0.878), रूस (0.821)।
- सूचकांक में रैंक नहीं किये गए देश: डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और मोनाको।
- विकास असमानता के अभूतपूर्व स्तर:
- विकसित देशों ने अभूतपूर्व विकास का अनुभव किया। लेकिन दुनिया के आधे सबसे अविकसित देश अपने पूर्व-कोविड-19 संकट के स्तर से नीचे बने हुए हैं।
- विकसित और अविकसित देशों के बीच असमानताओं को लगातार कम करने का दो दशकों का रुझान अब उलट गया है।
- जबकि HDI के वर्ष 2020 और 2021 में गिरावट के बाद वर्ष 2023 में रिकॉर्ड ऊँचाई पर पहुँचने का अनुमान है, विकसित तथा अविकसित देशों के बीच विकास के स्तर में काफी अंतर है।
- विकसित देशों ने अभूतपूर्व विकास का अनुभव किया। लेकिन दुनिया के आधे सबसे अविकसित देश अपने पूर्व-कोविड-19 संकट के स्तर से नीचे बने हुए हैं।
- लोकतंत्र का विरोधाभास:
- एक उभरता हुआ "लोकतंत्र विरोधाभास" है, जिसमें सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोग लोकतंत्र के लिये समर्थन व्यक्त करते हैं, लेकिन ऐसे नेताओं का भी समर्थन करते हैं जो लोकतांत्रिक सिद्धांतों को कमज़ोर कर सकते हैं।
- इस विरोधाभास ने, शक्तिहीनता की भावना और सरकारी निर्णयों पर नियंत्रण की कमी के साथ मिलकर राजनीतिक ध्रुवीकरण तथा अंतर्मुखी नीति दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया है।
- वैश्विक असमानताएँ और बढ़ता मानव विकास अंतर:
- पर्याप्त आर्थिक संकेंद्रण के कारण वैश्विक असमानताएँ और बढ़ गई हैं- वस्तुओं में वैश्विक व्यापार का लगभग 40% तीन या उससे कम देशों में संकेंद्रित है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में, विश्व की तीन सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से प्रत्येक का बाज़ार पूंजीकरण उस वर्ष 90% से अधिक देशों के सकल घरेलू उत्पाद से अधिक हो गया।
- भारतीय अवलोकन:
- विभिन्न संकेतकों पर प्रदर्शन: भारत की औसत जीवन प्रत्याशा वर्ष 2022 में 67.7 वर्ष तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष 62.7 वर्ष थी।
- भारत की प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय बढ़कर 6951 अमेरिकी डॉलर हो गई है, जो 12 महीनों की अवधि में 6.3% की वृद्धि दर्शाती है।
- स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्षों में वृद्धि हुई है, जो प्रति व्यक्ति 12.6 तक पहुँच गई है।
- HDI स्कोर: भारत ने वर्ष 2022 में 0.644 का HDI स्कोर प्राप्त किया, जो संयुक्त राष्ट्र की वर्ष 2023-24 रिपोर्ट में 193 देशों में से 134 वें स्थान पर है।
- यह भारत को 'मध्यम मानव विकास' के अंतर्गत वर्गीकृत करता है।
- वर्ष 1990 में भारत का HDI 0.434 था, जो वर्ष 2022 का स्कोर HDI 48.4% के सकारात्मक परिवर्तन को दर्शाता है।
- उल्लेखनीय उपलब्धियाँ: जन्म के समय जीवन प्रत्याशा में 9.1 वर्ष की वृद्धि, स्कूली शिक्षा के अपेक्षित वर्षों में 4.6 वर्ष की वृद्धि एवं स्कूली शिक्षा के औसत वर्षों में 3.8 वर्ष की वृद्धि हुई है।
- लिंग असमानता को कम करने में भारत की प्रगति ने वैश्विक औसत को पार करते हुए 0.437 के लिंग असमानता सूचकांक (GII) को उजागर किया।
- GII- 2022 सूची में जो प्रजनन स्वास्थ्य, सशक्तीकरण एवं श्रम बाज़ार भागीदारी के आधार पर देशों का मूल्यांकन करती है, भारत वर्ष 2022 में 166 देशों में से 108 वें स्थान पर था।
- लिंग असमानता को कम करने में भारत की प्रगति ने वैश्विक औसत को पार करते हुए 0.437 के लिंग असमानता सूचकांक (GII) को उजागर किया।
- विभिन्न संकेतकों पर प्रदर्शन: भारत की औसत जीवन प्रत्याशा वर्ष 2022 में 67.7 वर्ष तक पहुँच गई, जो पिछले वर्ष 62.7 वर्ष थी।
- भारत के पड़ोसी राष्ट्रों का प्रदर्शन:
- श्रीलंका को 78वें स्थान पर रखा गया है, जबकि चीन को 75वें स्थान पर रखा गया है, दोनों को उच्च मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
- भारत का स्थान भूटान, जो 125वें स्थान पर है और बांग्लादेश जो 129वें स्थान पर है, से भी नीचे है। भारत, भूटान और बांग्लादेश सभी मध्यम मानव विकास श्रेणी में हैं।
- नेपाल (146) और पाकिस्तान (164) को भारत से नीचे स्थान दिया गया है।
- श्रीलंका को 78वें स्थान पर रखा गया है, जबकि चीन को 75वें स्थान पर रखा गया है, दोनों को उच्च मानव विकास श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:Q. UNDP के समर्थन से 'ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास नेतृत्व' द्वारा विकसित 'बहु-आयामी निर्धनता सूचकांक' में निम्नलिखित में से कौन-सा/से सम्मिलित है/हैं? (2012)
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) व्याख्या:
मेन्स:प्रश्न. उच्च संवृद्धि के लगातार अनुभव के बावजूद, भारत के मानव विकास के निम्नतम संकेतक चल रहे हैं। उन मुद्दों का परीक्षण कीजिये, जो संतुलित और समावेशी विकास को पकड़ में आने नहीं दे रहे हैं। (2019) |