सबके लिये स्वास्थ्य: WHO | 25 May 2023
प्रिलिम्स के लिये:सभी के लिये स्वास्थ्य, WHO, जलवायु परिवर्तन, COVID-19, विश्व स्वास्थ्य सभा, पेरिस समझौता, सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज मेन्स के लिये:हेल्थ फॉर ऑल: ट्रांसफॉर्मिंग इकोनॉमीज़ टू डिलीवर व्हाट मैटर्स |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अपनी 76वीं विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) में एक रिपोर्ट जारी की है जिसका शीर्षक- "हेल्थ फॉर ऑल: ट्रांसफॉर्मिंग इकोनॉमीज़ टू डिलीवर व्हाट मैटर्स", जिसमें स्वास्थ्य को स्थायी विकास से जोड़ने के लिये एक रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।
- 76वाँ WHA जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में आयोजित किया गया था और इसकी थीम- " WHO एट 75: सेविंग लाइव्स, ड्राइविंग हेल्थ फॉर ऑल" थी।
- रिपोर्ट, WHO काउंसिल ऑन द इकोनॉमिक्स ऑफ हेल्थ फॉर ऑल (WCEH) द्वारा जारी की गई थी, जिसे नवंबर 2020 में COVID-19 महामारी के जवाब में तैयार किया गया था।
नोट: WCEH फॉर ऑल की स्थापना इस नवीन आर्थिक सोच को स्थापित करने के लिये की गई थी कि अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य और कल्याण मूल्यांकन, उत्पादन और वितरण किस प्रकार किया जाता है।
रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएँ:
- कोविड-19 एक वैश्विक विफलता:
- कोविड-19 महामारी मानवता की भलाई को प्राथमिकता के साथ वैश्विक विफलता के कारण रोकी जा सकने वाली आपदा थी। स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद, महामारी से बचाव के लिये सक्रिय उपायों के महत्त्व की उपेक्षा की गई जिससे विश्व भर में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया।
- केवल वर्ष 2020 में ही लगभग 100 मिलियन लोगों को गरीबी में धकेल दिया गया।
- यहाँ तक कि कोविड-19 के विरुद्ध तेज़ी से एक प्रभावी टीका विकसित करने की उल्लेखनीय वैज्ञानिक उपलब्धि भी लोगों को प्राथमिक राहत देने में असफल रही।
- कोविड-19 महामारी ने व्यापक असमानताओं को उजागर किया। सभी के लिये स्वास्थ्य अर्थव्यवस्था को पुनः आकार देने की आवश्यकता पर बल दिया।
- कोविड-19 महामारी मानवता की भलाई को प्राथमिकता के साथ वैश्विक विफलता के कारण रोकी जा सकने वाली आपदा थी। स्पष्ट चेतावनियों के बावजूद, महामारी से बचाव के लिये सक्रिय उपायों के महत्त्व की उपेक्षा की गई जिससे विश्व भर में गंभीर संकट उत्पन्न हो गया।
- स्वास्थ्य कर्मियों की कमी:
- विश्व स्तर पर और विशेष रूप से कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य कर्मियों की अत्याधिक कमी बनी हुई है।
- स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता, जिनमें से 70% महिलाएँ हैं, उचित सुरक्षात्मक उपकरण और सहायता की कमी के कारण कोविड-19 के उपचार में अग्रिम पंक्ति पर अनुचित रूप से पीड़ित हैं।
- जबकि अफ्रीका और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र सबसे अधिक ज़रूरत वाले क्षेत्र हैं जिसमें से अनेक देश कर्मचारियों हेतु निवेश करने की क्षमता पर कई बाधाओं से जूझ रहे हैं।
- विश्व स्तर पर और विशेष रूप से कम आय वाले देशों में स्वास्थ्य कर्मियों की अत्याधिक कमी बनी हुई है।
- जलवायु परिवर्तन:
- विनाशकारी परिणामों को देखते हुए जलवायु परिवर्तन पहले से ही स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
- जलवायु परिवर्तन का सामना करने के उद्देश्य से पेरिस समझौते को एक महत्त्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समझौता माना जाता है। हालाँकि वर्ष 2050 तक तापमान वृद्धि को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने का लक्ष्य इस दशक के अंदर प्राप्त किया जा सकता है।
- विश्व भर में जीवाश्म ईंधन को जलाए जाने से होने वाला वायु प्रदूषण 10.2 मिलियन अकाल मौतों के लिये ज़िम्मेदार है, आमतौर पर बैंकॉक या हैदराबाद की आबादी के सामान।
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की वजह से बढ़ते तापमान के कारण जलवायु परिवर्तन से सदी के अंत तक 83 मिलियन अतिरिक्त मौतें हो सकती हैं।
- विनाशकारी परिणामों को देखते हुए जलवायु परिवर्तन पहले से ही स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
- स्वास्थ्य व्यय:
- अल्पकालिक मितव्ययिता उपायों से स्वास्थ्य व्यय को खतरा है और स्वास्थ्य देखभाल प्रावधान में दीर्घकालिक लाभ और स्थिरता कम हो रही है।
- अपर्याप्त दीर्घकालिक निवेश से सहायता और आउट-ऑफ-पॉकेट भुगतान पर निर्भरता बढ़ती है, जिससे सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज में बाधा आती है।
- मानव अधिकार के रूप में स्वास्थ्य:
- कम-से-कम 140 देशों ने कहीं-न-कहीं अपने संविधान में स्वास्थ्य को एक मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी है लेकिन केवल चार देशों ने इसका उल्लेख किया है कि इसे कैसे वित्तपोषित किया जाए।
- इनमें से 52 देश स्वास्थ्य को मानव अधिकार के रूप में अपनाने के लिये बहुत कम प्रयास करते हैं।
- कम-से-कम 140 देशों ने कहीं-न-कहीं अपने संविधान में स्वास्थ्य को एक मानवाधिकार के रूप में मान्यता दी है लेकिन केवल चार देशों ने इसका उल्लेख किया है कि इसे कैसे वित्तपोषित किया जाए।
सिफारिशें:
- सभी के लिये स्वास्थ्य को महत्त्व देना:
- ज़रूरी बातों का मूल्यांकन: स्वास्थ्य और देखभाल, स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं एवं स्वास्थ्य प्रणालियों को दीर्घकालिक निवेश के रूप में मानें, न कि अल्पकालिक लागत के रूप में।
- मानव अधिकार: स्वास्थ्य को मानव अधिकार के रूप में लागू करने के लिये कानूनी और वित्तीय प्रतिबद्धताओं का उपयोग करें।
- प्लैनटेरी हेल्थ: पुनर्योजी अर्थव्यवस्था के लिये अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं पर कायम रहते हुए पर्यावरण को पुनर्स्थापित और संरक्षित करें जो ग्रह एवं लोगों को जोड़ता है।
- स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिये डैशबोर्ड: ऐसे मेट्रिक्स की एक शृंखला का उपयोग करें जो सकल घरेलू उत्पाद के संकीर्ण, स्थिर माप के ऊपर और परे मुख्य सामाजिक मूल्यों में प्रगति को ट्रैक करते हैं।
- सभी के लिये स्वास्थ्य वित्तपोषण:
- दीर्घकालिक वित्त: सभी हेतु स्वास्थ्य के वित्तपोषण के लिये व्यापक एवं स्थिर दृष्टिकोण अपनाना।
- वित्त की गुणवत्ता: प्रभावी और समावेशी प्रतिक्रिया सहित समान एवं सक्रिय रूप से स्वास्थ्य संकट के वित्तपोषित हेतु पुनः वित्त की अंतर्राष्ट्रीय संरचना को तैयार करना।
- वित्तपोषण और शासन: यह सुनिश्चित करना कि सभी के लिये स्वास्थ्य में अपनी महत्त्वपूर्ण वैश्विक समन्वयकारी भूमिका निभाने हेतु WHO द्वारा पर्याप्त रूप से वित्तपोषित एवं प्रबंधित करना।
- सभी हेतु स्वास्थ्य नवाचार:
- सामूहिक बुद्धिमत्ता: जोखिम और लाभ दोनों को साझा करते हुए सार्वजनिक मूल्य को अधिकतम करने हेतु सहजीवी सार्वजनिक-निजी भागीदारी करना।
- समान भलाई: आवश्यक स्वास्थ्य खोजों तक सार्वभौमिक पहुँच की गारंटी देने हेतु बौद्धिक संपदा नियमों सहित उचित ज्ञान का सृजन करना।
- परिणाम अभिविन्यास: सभी के स्वास्थ्य के लिये बोल्ड क्रॉस-सेक्टोरल मिशन के साथ नवाचार और औद्योगिक रणनीतियों को संरेखित करना।
- सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता को मज़बूत करना:
- संपूर्ण-सरकार: यह स्वीकार करना कि सभी हेतु स्वास्थ्य सुनिश्चित करने का कार्य केवल स्वास्थ्य मंत्रालयों का नहीं बल्कि सभी सरकारी एजेंसियों में निहित है।
- राज्य क्षमता: सभी हेतु स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने में प्रभावी ढंग से नेतृत्त्व करने के लिये प्रयोग एवं ज्ञान को संस्थागत बनाने हेतु सार्वजनिक क्षेत्र की गतिशील क्षमताओं में निवेश करना।
- विश्वास निर्माण: समान स्वास्थ्य देखभाल हेतु सरकारों को जवाबदेह ठहराने के लिये पारदर्शिता एवं सार्थक सार्वजनिक जुड़ाव प्रदर्शित करना।
विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA):
- परिचय:
- विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA), WHO की निर्णय लेने वाली संस्था है जिसमें सभी सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडल शामिल होते हैं।
- इसका आयोजन वार्षिक रूप से WHO के मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में किया जाता है।
- कार्यकारी बोर्ड द्वारा तैयार किया गया एक विशिष्ट स्वास्थ्य मसौदा इस सभा का केंद्र बिंदु होता है।
- कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से वर्ष 2022 की सभा पहली ऐसी सभा है जिसमें लोग उपस्थित हुए।
- WHA के कार्य:
- संगठन की नीतियों पर निर्णय लेना।
- WHO के महानिदेशक की नियुक्ति।
- वित्तीय नीतियों का प्रशासन।
- प्रस्तावित कार्यक्रम बजट की समीक्षा और अनुमोदन।
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नमेन्स:प्रश्न. भारत में 'सभी के लिये स्वास्थ्य' को प्राप्त करने के लिये समुचित स्थानीय समुदाय-स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल का मध्यक्षेप एक पूर्वापेक्षा है। व्याख्या कीजिये। (2018) |