जैव विविधता और पर्यावरण
एक-सींग वाला गैंडा
- 25 Mar 2021
- 7 min read
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक-सींग वाले गैंडे (Greater One-Horned Rhino) के अवैध शिकार पर विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा दावा असम विधानसभा चुनाव में एक मुद्दा बन गया है।
- असम वन विभाग के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में अवैध शिकार में 86% की कमी आई है।
प्रमुख बिंदु
एक-सींग वाले गैंडे के विषय में:
- यह गैंडा की पाँच विभिन्न प्रजातियों में से एक है। अन्य चार हैं:
- ब्लैक राइनो: अफ्रीका की दो छोटी प्रजातियों
- व्हाइट राइनो: हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (In vitro Fertilization) प्रक्रिया का उपयोग करके इस राइनो का एक भ्रूण बनाया है।
- जावा राइनो: यह IUCN की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त (Critically endangered) की श्रेणी में शामिल है।
- सुमात्रन राइनो: यह हाल ही में मलेशिया से विलुप्त हो गई।
- एशिया में राइनो की तीन प्रजातियाँ पाई जाती हैं - एक-सींग वाला गैंडा, जावा और सुमात्रन।
- भारत में केवल एक-सींग वाला गेंडा पाया जाता है।
- एक-सींग वाला गैंडा (भारतीय गैंडा) राइनो प्रजाति में सबसे बड़ा है।
- इस गैंडे की पहचान एकल काले सींग और त्वचा के सिलवटों के साथ भूरे-भूरे रंग से होती है।
- ये मुख्य रूप से घास, पत्तियों, झाड़ियों और पेड़ों की शाखाओं, फल तथा जलीय पौधे की चराई (Graze) करते हैं।
आवास:
- यह प्रजाति इंडो-नेपाल तराई क्षेत्र , उत्तरी पश्चिम बंगाल और असम तक सीमित है।
- भारत में गैंडे मुख्य रूप से असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में पाए जाते हैं।
- असम में चार संरक्षित क्षेत्रों (पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य, राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क, काजीरंगा नेशनल पार्क और मानस राष्ट्रीय उद्यान) में 2,640 गैंडे हैं।
- इनमें से लगभग 2,400 गैंडे काजीरंगा नेशनल पार्क और टाइगर रिज़र्व (Kaziranga National Park and Tiger Reserve) में हैं।
संरक्षण की स्थिति:
- IUCN की रेड लिस्ट: सुभेद्य (Vulnerable)।
- CITES: परिशिष्ट I (इसमें ‘लुप्तप्राय’ प्रजातियों को शामिल किया जाता है, जिनका व्यापार किये जाने के कारण और अधिक खतरा हो सकता है।)
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची-I
खतरा:
- सींगों के लिये अवैध शिकार
- पर्यावास की हानि
- जनसंख्या घनत्व
- घटती जेनेटिक विविधता
भारत द्वारा संरक्षण के प्रयास:
- राइनो रेंज़ के पाँच देशों (भारत, भूटान, नेपाल, इंडोनेशिया और मलेशिया) ने इन प्रजातियों के संरक्षण और सुरक्षा के लिये न्यू डेल्ही डिक्लेरेशन ऑन एशियन राइनोज़ (The New Delhi Declaration on Asian Rhinos), 2019 पर हस्ताक्षर किये हैं।
- हाल ही में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (Ministry of Environment Forest and Climate Change) ने देश में सभी गैंडों के डीएनए प्रोफाइल बनाने के लिये एक परियोजना शुरू की है।
- राष्ट्रीय राइनो संरक्षण रणनीति: इस रणनीति को वर्ष 2019 में बड़े सींग वाले गैंडों के संरक्षण के लिये शुरू किया गया था।
- भारतीय राइनो विज़न 2020: इसे वर्ष 2005 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य एक सींग वाले गैंडों की आबादी को वर्ष 2020 तक भारतीय राज्य असम के सात संरक्षित क्षेत्रों में 3,000 से अधिक करना था।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
अवस्थिति:
- यह असम राज्य में स्थित है जो लगभग 42,996 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यह ब्रह्मपुत्र घाटी के प्रमुख बाढ़ क्षेत्र में स्थित है।
कानूनी दर्जा:
- इस उद्यान को वर्ष 1974 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया था।
- इसे वर्ष 2007 से बाघ आरक्षित घोषित किया गया है। इसमें 430 वर्ग किमी. के कोर के साथ 1,030 वर्ग किमी. का कुल बाघ आरक्षित क्षेत्र है।
अंतर्राष्ट्रीय स्थिति:
- इसे वर्ष 1985 में यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया गया था।
- इसे बर्डलाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्त्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त है।
प्रमुख प्रजातियाँ:
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान पाँच बड़े जीवधारियों के लिये प्रसिद्ध है, जिनमें गैंडा, बाघ, हाथी, एशियाई जंगली भैंस तथा पूर्वी बारहसिंघा शामिल हैं|
- वर्ष 2014 में हुई बाघ जनगणना के आँकड़ों के अनुसार, काजीरंगा में अनुमानित 103 बाघ थे, जो उत्तराखंड में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (215) और कर्नाटक में बांदीपुर नेशनल पार्क (120) के बाद भारत में तीसरी सबसे बड़ी आबादी है।
- काजीरंगा, भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले प्राइमेट्स (Primates) की 14 प्रजातियों में से 9 का घर है।
असम के अन्य राष्ट्रीय उद्यान:
- डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान,
- मानस नेशनल पार्क,
- नमेरी नेशनल पार्क,
- राजीव गांधी ओरंग नेशनल पार्क,
- देहिंग पटकाई नेशनल पार्क