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जैव विविधता और पर्यावरण

मलेशिया का अंतिम सुमात्रा राइनो

  • 28 May 2019
  • 6 min read

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मलेशिया के आखिरी नर सुमात्रा गैंडे/राइनो (Sumatran rhinoceros) की मृत्यु हो गई है, इस आखिरी सुमात्रा गैंडे की मृत्यु गंभीर रूप से लुप्तप्राय (Critically Endangered) प्रजातियों को बचाने के प्रयासों की विफलता को दर्शाती है।

प्रमुख बिंदु

  • टैम (Tam) नाम के इस गैंडे की उम्र लगभग 30 साल थी और वर्ष 2008 में इसकी खोज के बाद से ही इसे बोर्नियो द्वीप (Borneo Island) पर सबा राज्य (Sabah state) के वन्यजीव अभयारण्य में रखा गया था।
  • वर्ष 2015 में मलेशिया में गैंडों की सबसे छोटी प्रजाति सुमात्रा राइनो को वन से विलुप्त (Extinct in the Wild) घोषित किया गया था। वर्ष 2014 में पकड़ी गई इमान (Iman) नामक मादा राइनो अब देश में इस उप-प्रजाति की एकमात्र जीवित सदस्य है।
  • इससे पहले वर्ष 2017 में एक अन्य मादा राइनो, पुंटुंग (Puntung) की मृत्यु हो गई थी।
  • वन्यजीव विशेषज्ञों का अनुमान है कि दुनिया में लगभग 30 से 80 सुमात्रा गैंडे ही जीवित हैं, जिनमें से अधिकांशतः सुमात्रा द्वीप (इंडोनेशिया) और बोर्नियो पर पाए जाते हैं।
  • इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन (International Rhino Foundation) नामक संरक्षण समूह के अनुसार नर तथा मादा राइनो एक-दूसरे से अलगाव का कारण निवास स्थान का नुकसान और अवैध शिकार है, जिसका अर्थ यह है कि वे शायद ही कभी प्रजनन करते हैं और एक समय के बाद विलुप्त हो जाते हैं।
  • वर्ष 2011 से मलेशिया ने इन प्रजातियों को कैद में रखकर पात्रे निषेचन (In Vitro Fertilization-IVF) के माध्यम से इनकी संख्या में वृद्धि करने का प्रयास किया लेकिन मलेशिया का यह प्रयास सफल नहीं हुआ।

पात्रे निषेचन: पात्रे निषेचन (In Vitro Fertilization-IVF) निषेचन की एक कृत्रिम प्रक्रिया है जिसमें किसी मादा के अंडाशय से अंडे निकालकर उसका संपर्क द्रव माध्यम में शुक्राणुओं से कराया जाता है। इस प्रकार का निषेचन शरीर के बाहर किसी अन्य पात्र में कराया जाता है। इसके बाद निषेचित अंडे को मादा के गर्भाशय में प्रवेश कराया जाता है।

इंटरनेशनल राइनो फाउंडेशन: 1980 के दशक के उत्तरार्ध में, संगठित, अवैध शिकार के कारण जिम्बाब्वे में ब्लैक राइनो की आबादी तेज़ी से से कम हो रही थी। वर्ष 1989 में कुछ व्यक्तियों और संस्थानों के एक समूह ने जिम्बाब्वे में ब्लैक राइनो के संरक्षण हेतु इंटरनेशनल ब्लैक राइनो फाउंडेशन की स्थापना की। इसके बाद वर्ष 1993 में, राइनो की सभी पाँच प्रजातियों के सामने बढ़ते संकट को देखते हुए, इंटरनेशनल ब्लैक राइनो फाउंडेशन को इंटरनेशनल राइनो फ़ाउंडेशन के रूप में विकसित किया गया और तथा इसके राइनो की सभी प्रजातियों के संरक्षण के लिये इसके मिशन में विस्तार किया गया।

सुमात्रा राइनो (Sumatran rhinoceros)

सुमात्रा राइनो जीवित बचे गैंडों में सबसे छोटे और दो सींग वाले एकमात्र एशियाई गैंडे हैं। ये लंबे बालों से ढके होते हैं।

स्थिति- गंभीर रूप से संकटापन्न (Critically Endangered)

आबादी- 80

वैज्ञानिक नाम- Dicerorhinus sumatrensis

ऊँचाई- 3.3 से 5 फीट तक

वज़न- 1320 से 2090 पौंड

लंबाई- 6.5 se 13 फीट तक

वास स्थान- सघन उच्चभूमि और तराई भूमि तथा उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्णकटिबंधीय वन

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बोर्निओ और सुमात्रा (BORNEO AND SUMATRA)

  • बोर्नियो और सुमात्रा के वन पृथ्वी पर पाए जाने वाले सर्वाधिक जैव-विविधता वाले स्थानों में से एक हैं, जहाँ काफी संख्या में अद्वितीय पौधे और जानवर पाए जाते हैं।
  • भूमध्य रेखा पर स्थित दक्षिण पूर्व एशियाई द्वीप बोर्नियो और सुमात्रा में विश्व के कुछ सबसे विविध वर्षा वन (Rain Forest) और दक्षिण पूर्व एशिया के अंतिम अक्षुण्ण वन (Intact Forests) पाए जाते हैं।
  • बोर्नियो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप है, जो टेक्सास (Texas) की तुलना में एक बड़े क्षेत्र को कवर करता है। सुमात्रा दुनिया का छठा सबसे बड़ा द्वीप है।
  • द्वीपों की उष्णकटिबंधीय जलवायु (Tropical Climate) और यहाँ पाए जाने वाले विविध इको क्षेत्रों (Ecoregions) के कारण यहाँ हज़ारों अद्वितीय प्रजातियाँ पाई जाती हैं एवं यहाँ विश्व के अंतिम शेष सुमात्रा बाघ (Sumatran Tigers), वनमानुष (Orangutans), पिग्मी हाथी (Pygmy Elephants) और सुमात्रा राइनो (Sumatran rhinoceros) पाए जाते हैं।

स्रोत: द हिंदू तथा wwf एवं International Rhino Foundation की वेबसाइट

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