शासन व्यवस्था
सरकार ने GSTN को PMLA के दायरे में शामिल किया
- 13 Jul 2023
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प्रिलिम्स के लिये:PMLA, GSTN, वित्तीय खुफिया इकाई, वस्तु एवं सेवा कर (GST) मेन्स के लिये:धन शोधन से निपटने के लिये भारत में कानूनी और नियामक ढाँचा, धन शोधन रोकथाम अधिनियम (PMLA) और इसके उद्देश्य, धन शोधन का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (Goods and Services Tax Network- GSTN) को धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (Prevention of Money Laundering Act- PMLA) के दायरे में लाए जाने हेतु एक अधिसूचना जारी की।
- यह बदलाव धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 66 (जो सूचना के खुलासे का प्रावधान करती है) के तहत किया गया है।
GSTN को PMLA के दायरे में शामिल करने का कारण:
- सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम का उद्देश्य धन शोधन और वस्तु एवं सेवा कर संबंधी धोखाधड़ी से निपटने के प्रयासों को और मज़बूती प्रदान करना है।
- यह अधिसूचना वर्ष 2006 की अधिसूचना का संशोधित रूप है, इससे PMLA अधिनियम, 2002 के प्रावधानों के तहत GSTN, प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate- ED) और वित्तीय खुफिया इकाई (Financial Intelligence Unit- FIU) के बीच जानकारी के बेहतर साझाकरण की सुविधा प्राप्त होती है।
- हाल ही में फर्जी पंजीकरण के खिलाफ दो महीने की लंबी मुहिम में फील्ड कर अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन के लिये 69,600 से अधिक संदिग्ध GST पहचान संख्याओं को चिह्नित किया गया था।
- इनमें से 59,000 से अधिक का सत्यापन किया गया और 25% के विषय में कुछ खास जानकारी नहीं मिली।
वस्तु और सेवा कर नेटवर्क (GSTN):
- GSTN भारत में GST के लिये एक अप्रत्यक्ष कराधान मंच प्रदान करता है।
- यह प्लेटफॉर्म करदाताओं को रिटर्न दाखिल करने, भुगतान करने और अप्रत्यक्ष कर नियमों का अनुपालन करने में मदद करता है।
- यह केंद्र और राज्य सरकारों, करदाताओं तथा अन्य हितधारकों को सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढाँचा एवं सेवाएँ प्रदान करता है।
- GSTN एक सरकारी स्वामित्व और सीमित देनदारी वाली गैर-लाभकारी कंपनी है। इसे वर्ष 2013 में कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 (अब कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8) के तहत शामिल किया गया था।
- इसमें एक अध्यक्ष होता है जिसकी नियुक्ति सरकार द्वारा की जाती है।
- GSTN बोर्ड ने जून 2022 में आयोजित अपनी 49वीं बोर्ड बैठक में इसे सरकारी कंपनी में बदलने की मंज़ूरी दी, अतः इसमें 100% हिस्सेदारी सरकार (50% केंद्र सरकार के साथ और 50% राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के साथ संयुक्त रूप से) के पास होगी।
धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002:
- पृष्ठभूमि:
- धन शोधन/मनी लॉन्ड्रिंग के खतरे से निपटने के लिये भारत की वैश्विक प्रतिबद्धता (वियना कन्वेंशन) के जवाब में PMLA अधिनियमित किया गया था। इसमें शामिल है:
- नारकोटिक ड्रग्स और साइकोट्रोपिक पदार्थों में अवैध तस्करी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन 1988
- सिद्धांतों का बेसल वक्तव्य, 1989
- मनी लॉन्ड्रिंग पर वित्तीय कार्रवाई टास्क फोर्स की चालीस सिफारिशें, 1990
- वर्ष 1990 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाई गई राजनीतिक घोषणा और वैश्विक कार्रवाई कार्यक्रम
- परिचय:
- यह आपराधिक कानून है जो धन शोधन/मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों से प्राप्त या इसमें शामिल संपत्ति की जब्ती का प्रावधान करने के लिये बनाया गया है।
- यह मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने के लिये भारत द्वारा स्थापित कानूनी ढाँचे का मूल है।
- इस अधिनियम के प्रावधान सभी वित्तीय संस्थानों, बैंकों (RBI सहित), म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों और उनके वित्तीय मध्यस्थों पर लागू होते हैं।
- उद्देश्य:
- आपराधिक गतिविधियों के माध्यम से लूटी गई, उत्पन्न या अपराध के माध्यम से अर्जित की गई आय को अभिग्रहित करना और जब्त करना।
- मनी लॉन्ड्रिंग एवं आतंकवादी वित्तपोषण की रोकथाम के लिये एक कानूनी ढाँचा स्थापित करना।
- मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों की जाँच तथा अभियोजन के लिये तंत्र को मज़बूत और बेहतर बनाना।
- मनी लॉन्ड्रिंग तथा उससे संबंधित अपराधों के खिलाफ लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना।
- नियामक प्राधिकरण:
- प्रवर्तन निदेशालय (ED):
- प्रवर्तन निदेशालय PMLA के प्रावधानों को लागू करने के साथ मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जाँच के लिये उत्तरदायी है।
- वित्तीय आसूचना इकाई-भारत (FIU-IND):
- यह भारत सरकार के राजस्व विभाग की इकाई है।
- यह मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों के बारे में वित्तीय जानकारी एकत्र करती है।
- PMLA, 2002 के अंर्तगत संचालित है।
- PMLA की धारा 12 के तहत रिपोर्टिंग संस्थाओं को लेन-देन का रिकॉर्ड बनाए रखना आवश्यक है।
- FIU-IND के निदेशक को निर्धारित लेन-देन पर जानकारी प्रस्तुत करने के साथ ग्राहकों और लाभकारी मालिकों की पहचान सत्यापित करने की आवश्यकता होती है।
- यह प्रवर्तन संस्थानों और विदेशी FIUs के साथ सहयोग करता है।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED):
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न. 'वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स GST)' के क्रियान्वित किये जाने का/के सर्वाधिक संभावित लाभ क्या है/हैं? (2017)
निम्नलिखित कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्स:प्रश्न. चर्चा कीजिये कि किस प्रकार उभरती प्रौद्योगिकियाँ और वैश्वीकरण मनी लॉन्ड्रिंग में योगदान करते हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर मनी लॉन्ड्रिंग की समस्या से निपटने के लिये किये जाने वाले उपायों को विस्तार से समझाइये। (2021) प्रश्न. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 के तर्काधार की व्याख्या कीजिये। कोविड-19 ने कैसे वस्तु एवं सेवा कर क्षतिपूर्ति निधि (जी.एस.टी कॉम्पेंसेशन फंड) को प्रभावित और नए संघीय तनावों को उत्पन्न किया है? (2020) |