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भारतीय अर्थव्यवस्था

वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 49वीं बैठक

  • 21 Feb 2023
  • 15 min read

प्रिलिम्स के लिये:

GST, वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण, उपकर, अप्रत्यक्ष कर, कर चोरी।

मेन्स के लिये:

वस्तु एवं सेवा कर, इसका महत्त्व और संबंधित मुद्दे।

चर्चा में क्यों? 

वस्तु एवं सेवा कर परिषद ने हाल ही में अपनी 49वीं बैठक में पूर्व अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के तहत बढ़ती जा रही शिकायतों की बढ़ती संख्या को प्रबंधित करने के लिये GST अपीलीय न्यायाधिकरण के निर्माण पर सहमति जताई है।

प्रमुख बिंदु 

  •  GST अपीलीय न्यायाधिकरण: 
    • इस परिषद ने विवादों के निवारण के लिये राज्य बेंचों के साथ एक राष्ट्रीय न्यायाधिकरण तंत्र के निर्माण को मंज़ूरी दी है।
    • विवादों की बढ़ती संख्या उच्च न्यायालयों और अन्य न्यायिक मंचों को प्रभावित कर रही है, अतः न्यायाधिकरण GST शासन के तहत इन विवादों हल करेगा।
    • इस वर्ष के वित्त विधेयक में न्यायाधिकरण के लिये सक्षम विधायी प्रावधानों को शामिल किया जा सकता है।
      • GST न्यायाधिकरण की नई दिल्ली में एक प्रमुख बेंच और राज्यों में कई बेंच अथवा बोर्ड होंगे। प्रधान बेंच और राज्य बोर्डों में समान प्रतिनिधित्त्व वाले दो तकनीकी और दो न्यायिक सदस्य होंगे।
      • लेकिन सभी चार सदस्य प्रत्येक मामले की सुनवाई में शामिल नहीं होंगे, यह शामिल मामले की सीमा या महत्त्व के आधार पर तय किये जाने की संभावना है।
  • लंबित मुआवज़ा देय राशि का भुगतान:
    • इसने 16,982 करोड़ रुपए (जून 2022 के लिये) की शेष राशि के भुगतान को मंज़ूरी दे दी है।
    • इसने दिल्ली, कर्नाटक, ओडिशा, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और तेलंगाना सहित छह राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 16,524 करोड़ रुपए के GST मुआवज़े को अंतिम रूप दिया है।
  • कम दंड शुल्क:
    • इसने 20 करोड़ रुपए तक के टर्नओवर वाले व्यवसायों द्वारा वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में देरी के लिये कम दंड शुल्क को मंज़ूरी दी।
    • करदाता, जो तीन वैधानिक रिटर्न दाखिल करने में असमर्थ हैं, के लिये परिषद ने एक एमनेस्टी कार्यक्रम अपनाया है जिसमें सशर्त छूट या देरी से शुल्क जमा करने पर भी छूट शामिल है।
      • रिटर्न दाखिल न करने (Non-Filers) वालों को स्वेच्छा से आगे आने और विलंब शुल्क से राहत प्रदान करके एकमुश्त अपना GST रिटर्न दाखिल करने के लिये प्रोत्साहित करने हेतु GST एमनेस्टी योजना शुरू की गई थी।
  • दर परिवर्तन: 
    • पेंसिल शार्पनर, राब (तरल गुड़) जैसी कई वस्तुओं पर GST दर में बदलाव किया गया है।
    • इस परिषद ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी सहित किसी भी प्राधिकरण के माध्यम से प्रवेश परीक्षा आयोजित करने पर शैक्षिक संस्थानों और केंद्रीय तथा राज्य शैक्षिक बोर्डों को GST छूट देने का भी निर्णय लिया।
  • कर चोरी रोकना:
    • परिषद ने पान मसाला और गुटखा उत्पादों पर लगाए जाने वाले मुआवज़ा उपकर को यथामूल्य आधार से बदलकर एक विशिष्ट आधार पर लगाने का फैसला किया है। 
      • वस्तुओं एवं सेवाओं पर कर उनके मूल्यानुसार लगाया जाता है।
    • इससे पहले चरण के राजस्व संग्रह को बढ़ावा मिलेगा।
    • परिषद ने यह भी अनिवार्य किया है कि निर्यात की अनुमति केवल GST अनुपालन का आश्वासन देने वाले गारंटी पत्रों पर दी जाएगी।

GST परिषद:

  • परिचय: 
    • यह केंद्र और राज्यों का एक संयुक्त मंच है।
    • यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 279A(1) के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा प्रवर्तित किया गया था।
  • सदस्य: 
    • परिषद के सदस्यों में केंद्रीय वित्त मंत्री (अध्यक्ष), केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) शामिल हैं। 
    • प्रत्येक राज्य, वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री या किसी अन्य मंत्री को सदस्य के रूप में नामित कर सकता है। 
  • कार्य: 
    • संविधान के अनुच्छेद 279 के अनुसार, परिषद GST से संबंधित महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र और राज्यों को सिफारिशें कर सकती है, जैसे कि GST मॉडल कानून के तहत किन वस्तुओं और सेवाओं को GST के अधीन छूट दी जा सकती है।
      • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 279 के साथ-साथ अनुच्छेद 279A देश के वित्तीय प्रावधानों से संबंधित है।
      • वे विशेष रूप से संघ शुल्कों और वस्तुओं पर करों से "शुद्ध आय" की गणना तथा क्रमशः माल और सेवा कर परिषद के गठन से संबंधित हैं।
    • यह GST के विभिन्न स्लैब दर पर भी निर्णय लेता है।
      • उदाहरण के लिये मंत्रियों के पैनल की एक अंतरिम रिपोर्ट में कैसीनो, ऑनलाइन गेमिंग और घुड़दौड़ पर 28% GST लगाने का सुझाव दिया गया है।

वस्तु एवं सेवा कर की अवधारणा:

  • परिचय: 
    • GST एक मूल्यवर्द्धित कर प्रणाली है, जिसमें अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर कर लगाया जाता है।  
    • यह एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जिसे 1 जुलाई, 2017 को 101वें संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 के माध्यम से भारत में 'एक राष्ट्र एक कर' के नारे के साथ पेश किया गया था। 
    • GST में उत्पाद शुल्क, मूल्यवर्द्धित कर (VAT), सेवा कर, लक्जरी कर आदि जैसे अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है। 
    • यह अनिवार्य रूप से एक उपभोग कर है और अंतिम खपत स्तर पर लगाया जाता है।
  •  GST के तहत कर संरचना:
    • उत्पाद शुल्क, सेवा कर आदि को कवर करने के लिये केंद्रीय GST
    • वैट, विलासिता कर आदि को कवर करने के लिये राज्य GST
    • अंतर्राज्यीय व्यापार को कवर करने के लिये एकीकृत GST (IGST)
      • IGST स्वयं एक कर नहीं है बल्कि राज्य और संघ के करों के समन्वय के लिये एक कर प्रणाली है।
    • इसमें स्लैब के तहत सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिये 5%, 12%, 18% और 28% की 4-स्तरीय कर संरचना है।

GST से जुड़े मुद्दे:

  • जटिलता:  
    • भारत में GST प्रणाली कई कर दरों, छूट और अनुपालन आवश्यकताओं के साथ काफी जटिल है।
    • यह देश में सभी वस्तुओं और सेवाओं के लिये एकल अप्रत्यक्ष कर की दर की प्रगति को बाधित करता है।
  • उच्च कर दरें:
    • कुछ उद्योग और वस्तुएँ उच्च GST दरों के अधीन हैं, जो कई उपभोक्ताओं के लिये उन्हें अवहनीय बना सकते हैं।  
      • उदाहरण के लिये विलासिता की वस्तुओं और सेवाओं पर कर की दर 28% है, जो काफी अधिक है। 
    • हालाँकि दरों को युक्तिसंगत बनाया गया है, 50% वस्तुएँ 18% कर के दायरे में हैं।
  • अनुपालन भार:
    • GST व्यवस्था में रिटर्न दाखिल करने, रिकॉर्ड बनाए रखने और नियमित ऑडिट सहित कई अनुपालन आवश्यकताएँ हैं। यह व्यवसायों, विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों पर  एक भार हो सकता है। 
  • तकनीकी मुद्दे:  
    • GST नेटवर्क में तकनीकी गड़बड़ी के कारण रिटर्न दाखिल करने और इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने में देरी हुई है।
  • असंगठित क्षेत्र पर प्रभाव:
    • असंगठित क्षेत्र, जो भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, GST से प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुआ है।  
    • कई छोटे व्यवसायों और व्यापारियों के लिये नई कर व्यवस्था का अनुपालन करना चुनौतीपूर्ण है।
  •  स्पष्टता की कमी:
    • GST व्यवस्था के कुछ पहलुओं पर अभी भी स्पष्टता की कमी है, जैसे कि वस्तुओं और सेवाओं का वर्गीकरण तथा कर दरों की प्रयोज्यता। स्पष्टता की यह कमी भ्रम एवं विवाद की स्थिति पैदा कर सकती है। 

आगे की राह 

  • अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना, जानकारी तक आसान पहुँच प्रदान करना और करदाताओं के लिये समर्थन बढ़ाना इस समस्या को हल करने में मदद कर सकता है।
  • तकनीकी समस्याएँ जैसे- सिस्टम डाउनटाइम, पोर्टल एरर और अन्य गड़बड़ियाँ व्यवसायों के लिये गंभीर व्यवधान पैदा कर सकती हैं। इन तकनीकी मुद्दों को संबोधित करने से व्यवसायों को GST आवश्यकताओं का अधिक प्रभावी ढंग से अनुपालन करने में मदद मिल सकती है। 
  • कई छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को GST प्रणाली और इसके प्रभावों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। GST प्रणाली के बारे में जागरूकता बढ़ाने और शिक्षित करने से अनुपालन में सुधार एवं त्रुटियों को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • GST केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच एक सहयोगी प्रयास है तथा इसकी सफलता के लिये उनके बीच समन्वय महत्त्वपूर्ण है। संचार एवं समन्वय में सुधार से GST प्रणाली के सुचारु कार्यान्वयन सुनिश्चित करने में मदद मिल सकती है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित मदों पर विचार कीजिये: (2018)

  1. छिलका उतरे हुए अनाज़
  2. मुर्गी के अंडे पकाए हुए
  3. संसाधित और डिब्बाबंद मछली 
  4. विज्ञापन सामग्री युक्त समाचार पत्र

उपर्युक्त मदों में से कौन-सी वस्तु/वस्तुएँ जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के अंतर्गत छूट प्राप्त है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (c)


प्रश्न. 'वस्तु एवं सेवा कर (गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स/GST)'  के क्रियान्वित किये जाने का/के सर्वाधिक संभावित लाभ क्या है/हैं? (2017)

  1. यह भारत में बहु-प्राधिकरणों द्वारा वसूल किये जा रहे बहुल करों का स्थान लेगा और इस प्रकार एकल बाज़ार स्थापित  करेगा।
  2. यह भारत के 'चालू खाता घाटे' को प्रबलता से कम कर विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने हेतु इसे सक्षम बनाएगा।
  3. यह भारत की अर्थव्यवस्था की संवृद्धि और आकार को वृहद् रूप से बढ़ाएगा और उसे निकट भविष्य में चीन से आगे निकलने में सक्षम बनाएगा।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (a)


प्रश्न. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) अधिनियम, 2017 के तर्काधार की व्याख्या कीजिये। कोविड-19 ने कैसे वस्तु एवं सेवा कर क्षतिपूर्ति निधि को प्रभावित किया है और नए संघीय तनावों को उत्पन्न किया है? (मुख्य परीक्षा, 2020)

प्रश्न. उन अप्रत्यक्ष करों को गिनाइये जो भारत में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सम्मिलित किये गए हैं। भारत में जुलाई 2017 से क्रियान्वित जीएसटी के राजस्व निहितार्थों पर भी टिप्पणी कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2019)

प्रश्न. संविधान (101वाँ संशोधन) अधिनियम, 2016 की मुख्य विशेषताओं की व्याख्या कीजिये। क्या आपको लगता है कि यह "करों के प्रपाती प्रभाव को दूर करने और वस्तुओं और सेवाओं के लिये सामान्य राष्ट्रीय बाज़ार प्रदान करने" हेतु पर्याप्त रूप से प्रभावी है? (मुख्य परीक्षा, 2017)

प्रश्न. भारत में माल व सेवा कर (GST) प्रारंभ करने के मूलाधार की विवेचना कीजिये। इस व्यवस्था को लागू करने में विलंब के कारणों का समालोचनात्मक वर्णन कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2013) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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