सामाजिक न्याय
खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता: CARE
- 06 Aug 2022
- 10 min read
प्रिलिम्स के लिये:खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, कोविड-19 मेन्स के लिये:लैंगिक असमानता और खाद्य असुरक्षा के बीच की कड़ी। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में "खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता: ए सिनर्जिस्टिक अंडर्स्टडी सिम्फनी" नामक रिपोर्ट जारी की गई, जिसमें लैंगिक असमानता एवं खाद्य असुरक्षा के बीच वैश्विक संबंध पर प्रकाश डाला गया।
- यह रिपोर्ट CARE द्वारा जारी की गई थी, जो महिलाओं और लड़कियों के संदर्भ में वैश्विक गरीबी तथा भुखमरी से लड़ने वाला अंतर्राष्ट्रीय मानवीय संगठन है।
प्रमुख बिंदु
- खाद्य सुरक्षा क्षेत्र में बढ़ता लैंगिक अंतर:
- दुनिया भर में पुरुषों और महिलाओं की खाद्य सुरक्षा के बीच की खाई बढ़ती जा रही है।
- वर्ष 2021 में कम-से-कम 828 मिलियन लोग भूख से प्रभावित थे। उनमें से पुरुषों की तुलना में 150 मिलियन अधिक महिलाएँ खाद्य असुरक्षा प्रभावित थीं।
- रिपोर्ट के अनुसार, 109 देशों में लैंगिक असमानता बढ़ने के साथ ही खाद्य सुरक्षा में कमी देखी गई।
- वर्ष 2018 और वर्ष 2021 के बीच भूख से पीड़ित पुरुषों की तुलना में भूख से पीड़ित महिलाओं की संख्या में 8.4 गुना वृद्धि हुई, जिसमें वर्ष 2021 में भूख से पीड़ित पुरुषों की तुलना में 150 मिलियन अधिक महिलाएँ थीं।
- दुनिया भर में पुरुषों और महिलाओं की खाद्य सुरक्षा के बीच की खाई बढ़ती जा रही है।
- लैंगिक असमानता और कुपोषण:
- लैंगिक समानता स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर खाद्य एवं पोषण सुरक्षा से अत्यधिक जुड़ी हुई है।
- किसी देश में जितनी अधिक लैंगिक असमानता होती है, वहाँ उतने ही अधिक भूखे और कुपोषित लोग होते हैं।
- यमन, सिएरा लियोन और चाड जैसे उच्च लैंगिक असमानता वाले राष्ट्रों ने सबसे कम खाद्य सुरक्षा एवं पोषण का अनुभव किया।
- महिलाओं पर अधिक भार:
- यहाँ तक कि जब पुरुष और महिला दोनों तकनीकी रूप से खाद्य असुरक्षित होते हैं, तब भी महिलाएँ अक्सर ज़्यादा प्रभावित होती हैं, क्योंकि इस स्थिति में पुरुष कम भोजन करते हैं, जबकि महिलाएँ भोजन छोड़ती पाई जाती हैं।
- लेबनान में कोविड-19 महामारी की शुरुआत में 85% लोगों ने भोजन में कमी कर दी। उस समय केवल 57% पुरुषों की तुलना में 85% महिलाएँ कम खाद्यान्न खा रही थीं।
- यहाँ तक कि जब पुरुष और महिला दोनों तकनीकी रूप से खाद्य असुरक्षित होते हैं, तब भी महिलाएँ अक्सर ज़्यादा प्रभावित होती हैं, क्योंकि इस स्थिति में पुरुष कम भोजन करते हैं, जबकि महिलाएँ भोजन छोड़ती पाई जाती हैं।
- महिलाओं में कम खाद्य असुरक्षा का अनुभव:
- जब महिलाएँ नौकरी करती हैं और पैसा कमाती हैं या जब वे सीधे खेती के कार्य में शामिल होती हैं, तो उन्हें खाद्य असुरक्षा का अनुभव होने की संभावना कम होती है।
- महिलाओं के गरीबी में रहने की अधिक संभावना:
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं के गरीबी में रहने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि उनके काम का कम भुगतान किया जाता है या बिल्कुल भी भुगतान नहीं किया जाता है।
- कोविड-19 महामारी से पहले भी महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक अवैतनिक कार्य किया।
सिफारिशें:
- जिस प्रकार महिलाएँ दुनिया का भरण करती हैं, उसी तरह से उन्हें डेटा संग्रह के तरीकों और विश्लेषण में सही जगह दी जानी चाहिये ताकि वे उन अंतरालों को दृश्यमान बना सकें और उन अंतरालों का समाधान खोजने के लिये काम कर सकें।
- यह खाद्य सुरक्षा और लैंगिक असमानता की वैश्विक समझ को अद्यतन करने का समय है तथा संकट के कारण प्रभावित समुदायों में महिला संगठनों सहित स्थानीय अभिनेताओं को महिलाओं और लड़कियों को भूख से जुड़ी लिंग-आधारित हिंसा और सुरक्षा जोखिम से बचाने के लिये आवश्यक धन और समर्थन प्रदान करने की आवश्यकता है।
- ये सभी SDG लक्ष्य 5 की उपलब्धि पर निर्भर करते हैं, जो लैंगिक समानता हासिल कर सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाता है। वर्ष 2030 तक लैंगिक समानता हेतु भेदभाव के कई मूल कारणों को खत्म करने के लिये तत्काल कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है जो अभी भी निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में महिलाओं के अधिकारों को कम करते हैं।
खाद्य सुरक्षा और लैंगिक समानता से संबंधित पहलें:
- वैश्विक:
- भारतीय:
UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्ष के प्रश्न:प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन का उद्देश्य देश के चिह्नित ज़िलों में स्थायी तरीके से क्षेत्र विस्तार और उत्पादकता वृद्धि के माध्यम से कुछ फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना है। वे फसलें कौन-सी हैं? (2010) (a) केवल चावल और गेहूँ उत्तर: (b)
अतः विकल्प (b) सही उत्तर है। प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा विश्व के देशों के लिये ‘सार्वभौम लैंगिक अंतराल सूचकांक (ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स)’ का श्रेणीकरण प्रदान करता है? (a) विश्व आर्थिक मंच उत्तर: (a)
प्रश्न. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं? खाद्य सुरक्षा विधेयक ने भारत में भूख और कुपोषण को खत्म करने में कैसे मदद की है? (मुख्य परीक्षा) |