प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 अक्तूबर, 2019
- 16 Oct 2019
- 7 min read
माइक्रोबियल ईंधन सेल
Microbial Fuel Cell
माइक्रोबियल ईंधन सेल (Microbial Fuel Cells) ऐसे उपकरण हैं जो कार्बनिक और अकार्बनिक पदार्थों के ऑक्सीकरण में जीवाणुओं का उपयोग एक उत्प्रेरक के रूप में कर विद्युत धारा उत्पन्न करते हैं।
वर्तमान घटनाक्रम:
- ज़ूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन (Zoological Society of London) के अनुसार, लंदन स्थित चिड़ियाघर में एक मैडेनहेयर फर्न (Maidenhair Fern) ने अपनी स्वयं की सेल्फी लेनी शुरू कर दी।
- यह घटना पौधों की पावर कैमरा ट्रैप (Power Camera Traps) और सेंसरों के प्रति संवेदनशीलता से हुई।
कैसे कार्य करता है?
- पौधे स्वाभाविक रूप से बायोमैटर (Biomatter) एकत्र करते हैं जिसका प्रयोग मिट्टी में मौज़ूद बैक्टीरिया करते हैं और इससे ऊर्जा उत्पन्न होती है।
- इस ऊर्जा को ईंधन सेल (Fuel Cell) के माध्यम से सेंसर, निगरानी प्लेटफाॅर्मों और कैमरा ट्रैप सहित महत्त्वपूर्ण सुरक्षा उपकरणों के लिये उपयोगी बनाया जा सकता है।
लाभ:
- इस प्रकार के नवाचार से नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड
National Security Guard
15 अक्तूबर, 2019 को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के 35वें स्थापना दिवस पर समारोह का आयोजन गुरुग्राम के मानेसर में स्थित इसके मुख्यालय पर किया गया।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (National Security Guard- NSG) का गठन:
- देश में आतंकवाद से निपटने के लिये NSG का गठन वर्ष 1984 में एक संघीय आकस्मिक बल (Federal Contingency Force) के रूप में किया गया था।
- यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। सामान्यतः इनको ब्लैक कैट (Black Cats) के नाम से जाना जाता है।
- NSG ने आपरेशन ब्लू स्टार और अक्षरधाम पर आतंकी हमले जैसे असाधारणीय स्थितियों में सफलतापूर्वक कार्य किया है।
सिद्धांत (MOTO):
- सर्वत्र सर्वोत्तम सुरक्षा (Omnipresent omnipotent security)।
भूमिका:
- आंतरिक सुरक्षा को स्थिर रखने में NSG की भूमिका महत्त्वपूर्ण है।
- असाधारण स्थितियों में विशेष आतंकवाद निरोधक बल के रूप में इनकी तैनाती ।
- आतंकवाद के विरुद्ध भारत की ज़ीरो टॉलरेंस (Zero Tolerance) की नीति में NSG की महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
विज्ञान ज्योति योजना
Vigyan Jyoti Scheme
केंद्र सरकार ने छात्राओं को स्टेम (STEM- Science, Technology, Engineering and Mathematics) शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के लिये विज्ञान ज्योति योजना (Vigyan Jyoti Scheme) प्रारंभ की है।
क्या है विज्ञान ज्योति योजना?
- इस योजना के माध्यम से वर्ष 2020-2025 तक 550 ज़िलों की 100 छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इन छात्राओं का चयन उनके प्रतिशत के आधार पर किया जाएगा।
- इस योजना में कक्षा 9 से 12 तक की छात्राओं को शामिल किया जाएगा।
- इस योजना के अंतर्गत छात्राओं के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों और राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं में विज्ञान शिविर का आयोजन किया जाएगा, साथ ही विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कॉर्पोरेट, विश्वविद्यालयों तथा डीआरडीओ जैसे शीर्ष संस्थानों में कार्यरत सफल महिलाओं से शिविर के माध्यम से संपर्क स्थापित करवाया जाएगा।
उद्देश्य:
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के आँकड़ों के अनुसार, वर्तमान में स्टेम शिक्षा में केवल 24% महिलाएँ शामिल हैं। इसके अतिरिक्त महिलाओं का प्रतिभाग स्नातकोत्तर स्तर पर 22%, एम फिल में 28%,पीएचडी स्तर पर 35% और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों में मात्र 10% है।
- इस योजना का उद्देश्य स्टेम शिक्षा में महिलाओं का प्रतिशत बढ़ाना है।
- योजना के माध्यम से महिलाओं को उच्च शिक्षा हेतु प्रोत्साहित करने के लिये अभिभावकों की काउंसिलिंग भी की जाएगी।
वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2019
Global Hunger Index 2019
हाल ही में वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2019 (Global Hunger Index 2019) जारी किया गया।
कौन जारी करता है सूचकांक?
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक, आयरलैंड स्थित एक एजेंसी कंसर्न वर्ल्डवाइड (Concern Worldwide) और जर्मनी के एक संगठन वेल्ट हंगर हिल्फे (Welt Hunger Hilfe) द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया जाता है।
मानक:
- लंबाई के अनुपात में कम वज़न (Child Wasting)।
- आयु के अनुपात में कम विकास (Child Stunting)।
- कुपोषण।
- बाल मृत्युदर।
भारत और इसके पड़ोसी देशों की स्थिति:
- वर्ष 2019 में भारत 117 देशों में से 102वें स्थान पर रहा, जबकि वर्ष 2018 में भारत 103वें स्थान पर था।
- वर्ष 2019 के सूचकांक में नेपाल 73वें, श्रीलंका 66वें, बांग्लादेश 88वें, म्यांमार 69वें और पाकिस्तान 94वें स्थान पर रहे।
अन्य देशों की स्थिति:
- वैश्विक भुखमरी सूचकांक 2019 में बेलारूस, यूक्रेन, तुर्की, क्यूबा और कुवैत सहित 17 देश शीर्ष पर रहे।