मुख्य परीक्षा
लिथियम खनन के प्रतिकूल प्रभाव
- 02 Sep 2024
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
एक नए अध्ययन के अनुसार लिथियम खनन के कारण चिली के अटाकामा नमक क्षेत्र में भूमि अवतलन हो रहा है।
अध्ययन के मुख्य तथ्य क्या हैं?
- निष्कर्ष:
- डूबने की दर: चिली में अटाकामा नमक का मैदान लिथियम ब्राइन निष्कर्षण के कारण प्रति वर्ष 1 से 2 सेंटीमीटर की दर से डूब रहा है।
- लिथियम ब्राइन निष्कर्षण में नमक युक्त जल को सतह पर और वाष्पीकरण तालाबों में पंप करके लिथियम प्राप्त करना शामिल है।
- डूबने का कारण जलभृतों के प्राकृतिक पुनर्भरण की तुलना में तीव्र गति से लिथियम युक्त ब्राइन का निष्कर्षण है, जिसके कारण अवतलन होता है।
- डूबने की दर: चिली में अटाकामा नमक का मैदान लिथियम ब्राइन निष्कर्षण के कारण प्रति वर्ष 1 से 2 सेंटीमीटर की दर से डूब रहा है।
- लिथियम खनन का पर्यावरण पर प्रभाव:
- जल उपयोग: इस प्रक्रिया में अत्यधिक मात्रा में स्वच्छ जल की आवश्यकता होती है, एक टन लिथियम उत्पादन के लिये 2,000 टन जल की आवश्यकता होती है।
- जल की कमी: यह निष्कर्षण अटाकामा रेगिस्तान में जल की कमी को बढ़ाता है, जिससे स्थानीय समुदाय और पारिस्थितिकी तंत्र दोनों प्रभावित होते हैं।
- रासायनिक संदूषण: लिथियम निष्कर्षण में इस्तेमाल किये जाने वाले सल्फ्यूरिक एसिड और सोडियम हाइड्रॉक्साइड जैसे रसायन मृदा व जल को दूषित करते हैं, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुँचता है तथा प्रजातियाँ खतरे में पड़ जाती हैं।
- वन्यजीवों पर प्रभाव: वर्ष 2022 के एक अध्ययन ने अटाकामा क्षेत्र में जल स्तर में कमी के कारण फ्लेमिंगो की आबादी में गिरावट पर प्रकाश डाला, जो उनके प्रजनन दर को प्रभावित करता है।
- रियासी (जम्मू और कश्मीर) में लिथियम खनन का संभावित प्रभाव:
- जल संकट: चिनाब रेल पुल के निर्माण के बाद बारहमासी जलधाराएँ सूख जाने के कारण रियासी के कई गाँव पर्याप्त जल की उपलब्धता के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
- जल की अधिक खपत वाले लिथियम खनन से स्थिति और भी खराब हो सकती है।
- जैवविविधता के लिये खतरा: जम्मू-कश्मीर में हिमालयी क्षेत्र जैवविविधता का हॉटस्पॉट और पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्र है तथा खनन से जैवविविधता को काफी नुकसान हो सकता है।
- यह कॉमन टील नॉर्दर्न पिंटेल जैसे प्रवासी पक्षियों के आवास को बाधित कर सकता है, जो हर वर्ष जम्मू-कश्मीर की झीलों, दलदलों और आर्द्रभूमि में रहने के लिये आते हैं।
- खाद्य असुरक्षा: लिथियम का खनन व प्रसंस्करण अपने अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन, जल तथा भूमि उपयोग के तरीकों के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को और भी खतरे में डाल सकता है।
- प्रदूषण: हिमालय अनेक नदियों का स्रोत है और खनन गतिविधियाँ समूचे तटवर्ती पारिस्थितिकी तंत्र को प्रदूषित कर सकती हैं।
- जल संकट: चिनाब रेल पुल के निर्माण के बाद बारहमासी जलधाराएँ सूख जाने के कारण रियासी के कई गाँव पर्याप्त जल की उपलब्धता के लिये संघर्ष कर रहे हैं।
लिथियम के बारे में मुख्य तथ्य क्या हैं?
- परिचय: यह एक नरम, चाँदी जैसी धातु है तथा सभी धातुओं में इसका घनत्व सबसे कम है।
- इसमें उच्च प्रतिक्रियाशीलता, कम घनत्व और उत्कृष्ट विद्युत-रासायनिक गुण हैं।
- इसके अयस्कों में पेटालाइट, लेपिडोलाइट और स्पोडुमीन शामिल हैं। इसे "सफेद सोना" के नाम से भी जाना जाता है।
- अनुप्रयोग:
- बैटरियाँ: लिथियम का सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये रिचार्जेबल बैटरियों में किया जाता है।
- लिथियम का उपयोग हृदय पेसमेकर, खिलौनों और घड़ियों जैसी चीजों के लिये कुछ गैर-रिचार्जेबल बैटरियों में भी किया जाता है।
- मिश्र धातु: मैग्नीशियम-लिथियम मिश्र धातु का उपयोग कवच चढ़ाने के लिये किया जाता है।
- एयर कंडीशनिंग: लिथियम क्लोराइड और लिथियम ब्रोमाइड का उपयोग उनके हाइग्रोस्कोपिक गुणों के कारण एयर कंडीशनिंग और इंडस्ट्रियल ड्राइंग सिस्टम किया जाता है।
- स्नेहक: लिथियम स्टीयरेट का उपयोग बहुउद्देशीय और उच्च-तापमान स्नेहक (Lubricant) के रूप में किया जाता है।
- बैटरियाँ: लिथियम का सबसे महत्त्वपूर्ण उपयोग मोबाइल फोन, लैपटॉप, डिजिटल कैमरा और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये रिचार्जेबल बैटरियों में किया जाता है।
- भंडार: चिली के पास विश्व स्तर पर सबसे बड़ा लिथियम भंडार है, जो लगभग 36% है तथा यह दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है, जो विश्व की आपूर्ति में 32% का योगदान देता है।
- चिली, अर्जेंटीना और बोलीविया के साथ "लिथियम त्रिकोण" का हिस्सा है।
- ऑस्ट्रेलिया और चीन विश्व स्तर पर लिथियम के पहले और तीसरे सबसे बड़े उत्पादक हैं।
अटाकामा मरूस्थल
- स्थान: अटाकामा मरूस्थल चिली में कॉर्डिलेरा डे ला कोस्टा पर्वत शृंखला और एंडीज पर्वत के बीच स्थित है।
- जलवायु: यह रेगिस्तान पूर्व में एंडीज पर्वतमाला द्वारा वर्षा से सुरक्षित रहता है तथा यहाँ वायुमंडलीय परिस्थितियाँ ऐसी हैं, जो प्रशांत महासागर से ऊपर उठने वाले शीतल जल (पेरू/हम्बोल्ट धारा) के कारण बादलों के निर्माण को रोकती हैं।
- तापमान: अन्य रेगिस्तानों के विपरीत अटाकामा में शीतोष्ण जलवायु और शीतल जल के ऊपर उठने के कारण लगभग 18 डिग्री सेल्सियस का हल्का औसत तापमान रहता है।
- खनिज स्रोत:
- नमक जमा होना: रेगिस्तान का केंद्र मोटे नमक जमा से ढका हुआ है, जिसे प्लायास कहा जाता है।
- नाइट्रेट बेल्ट: इस रेगिस्तान में नाइट्रेट खनिज पाए जाते हैं, जिनका ऐतिहासिक रूप से विस्फोटकों और उर्वरकों में उपयोग के लिये खनन किया जाता था।
- खनिज समृद्धि: यह लिथियम, ताँबा और आयोडीन जैसी अन्य सामग्रियों से समृद्ध है।
- संरक्षित क्षेत्र: इस पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर पैन डी अज़ुकर नेशनल पार्क एकमात्र बड़ा राष्ट्रीय संरक्षित क्षेत्र है।
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दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न. लिथियम खनन के प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभावों पर चर्चा कीजिये। यह देश के पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्रों के लिये किस प्रकार खतरा उत्पन्न करता है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs)प्रिलिम्सप्रश्न. धातुओं के निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सी क्रमशः सबसे हल्की धातु और सबसे भारी धातु है? (2008) (a) लिथियम और पारा उत्तर: (b) प्रश्न. अफ्रीकी और यूरेशियन मरुस्थल पेटी के गठन के लिये मुख्य कारण क्या हो सकता/सकते हैं?(2011)
इस संदर्भ में उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) मेन्सप्रश्न. तटीय बालू खनन चाहे वह वैध हो या अवैध हो, हमारे पर्यावरण के सामने सबसे बड़े खतरों में से एक है। भारतीय तटों पर हो रहे बालू खनन के प्रभाव का विशिष्ट उदाहरणों का हवाला देते हुए विश्लेषण कीजिये। (2019)
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