अंतर्राष्ट्रीय संबंध
6th बिम्सटेक शिखर सम्मेलन
- 05 Apr 2025
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल, भारत-प्रशांत क्षेत्र, हिंद महासागर, दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन। मेन्स के लिये:6th बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ, क्षेत्रीय सहयोग के लिये बिम्सटेक का महत्त्व। |
स्रोत: पी.आई.बी.
चर्चा में क्यों?
भारतीय प्रधानमंत्री ने थाईलैंड की अध्यक्षता में आयोजित छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लिया।
- शिखर सम्मेलन का विषय था "बिम्सटेक: समृद्ध, लचीला और खुला", जिसका ध्यान क्षेत्रीय सहयोग को मज़बूत करने और प्रमुख चुनौतियों का समाधान करने पर था।
- इसके अलावा, शिखर सम्मेलन के दौरान भारत और थाईलैंड ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाने की घोषणा की।
छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन की मुख्य बातें क्या हैं ?
- विज़न 2030 दस्तावेज़: शिखर सम्मेलन में शिखर सम्मेलन घोषणा और बैंकॉक विज़न 2030 को अपनाया गया, जिसमें आर्थिक एकीकरण, वैश्विक चुनौतियों के प्रति लचीलापन और बुनियादी ढाँचे और प्रौद्योगिकी में सहयोग पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्रीय समृद्धि के लिये एक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की गई।
- भारत द्वारा घोषित प्रमुख पहल: भारत के प्रधानमंत्री ने संपर्क, व्यापार, आपदा प्रबंधन और तकनीकी एकीकरण के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिये’ 21 सूत्री कार्य योजना प्रस्तावित की। इसमें शामिल हैं:
- बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र: भारत ने आपदा प्रबंधन, सतत समुद्री परिवहन, पारंपरिक चिकित्सा और कृषि में अनुसंधान और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की।
- इसने बिम्सटेक में शासन और सेवा वितरण को बढ़ाने के लिये डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) पर एक पायलट अध्ययन का भी प्रस्ताव रखा।
- बोधि कार्यक्रम: भारत ने बिम्सटेक देशों के विभिन्न पेशेवरों के लिये कौशल विकास, प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति और क्षमता निर्माण प्रदान करने के लिये बोधि कार्यक्रम (मानव संसाधन अवसंरचना के संगठित विकास के लिये बिम्सटेक) की शुरुआत की।
- कैंसर देखभाल क्षमता निर्माण: भारत ने बिम्सटेक क्षेत्र में कैंसर देखभाल के लिये क्षमता निर्माण कार्यक्रम का प्रस्ताव रखा।
- वाणिज्य मंडल एवं व्यवसाय शिखर सम्मेलन: सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को बढ़ावा देने के लिये बिम्सटेक वाणिज्य मंडल की स्थापना और वार्षिक बिम्सटेक व्यवसाय शिखर सम्मेलन की मेज़बानी का प्रस्ताव किया गया।
- लोगों से लोगों के बीच संबंध: भारत ने सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच संबंधों को मज़बूत करने के लिये पहल की घोषणा की, जिसमें बिम्सटेक एथलेटिक्स मीट (2025), प्रथम बिम्सटेक खेल (2027), समूह की 30वीं वर्षगाँठ, बिम्सटेक पारंपरिक संगीत महोत्सव, युवा नेताओं का शिखर सम्मेलन और युवा जुड़ाव के लिये हैकाथॉन, सांस्कृतिक सहयोग को गहरा करने के लिये युवा पेशेवर आगंतुक कार्यक्रम शामिल हैं।
- बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्र: भारत ने आपदा प्रबंधन, सतत समुद्री परिवहन, पारंपरिक चिकित्सा और कृषि में अनुसंधान और प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत में बिम्सटेक उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की घोषणा की।
- अन्य प्रमुख पहल:
- इसमें भारत के UPI को बिम्सटेक भुगतान प्रणालियों से जोड़ना, प्रथम गृह मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी करना, बेंगलूरू में बिम्सटेक ऊर्जा केंद्र को प्रारंभ करना, ग्रिड इंटरकनेक्शन में तेज़ी लाना और बिम्सटेक समुद्री परिवहन समझौते को अपनाना शामिल है।
- भारत ने छात्रवृत्ति की पेशकश की, पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा दिया, कृषि अनुसंधान का समर्थन किया, तथा नैनो-उपग्रह विकास, सुदूर संवेदन और बंगाल की खाड़ी के एक लचीले और एकीकृत क्षेत्र के लिये क्षमता निर्माण में सहयोग का प्रस्ताव दिया।
भारत और थाईलैंड द्वारा घोषित रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख क्षेत्र कौन से हैं?
- समुद्री सहयोग: आसियान आउटलुक ऑन इंडो-पैसिफिक (AOIP) और भारत के हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) जैसे ढाँचे के माध्यम से इंडो-पैसिफिक में सहयोग, जिसमें समुद्री सुरक्षा, नौसैनिक आदान-प्रदान और भारत-म्याँमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग के माध्यम से क्षेत्रीय संपर्क पर ज़ोर दिया जाएगा।
- रक्षा और सुरक्षा: रक्षा वार्ता का विस्तार, मैत्री अभ्यास जैसे संयुक्त सैन्य अभ्यास, तथा आतंकवाद-रोधी, साइबर सुरक्षा और खुफिया जानकारी साझा करने जैसे क्षेत्रों में सहयोग।
- व्यापार और आर्थिक सहभागिता: द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने, आपूर्ति शृंखला लचीलापन बढ़ाने, निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने और मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के उन्नयन और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग की संभावनाएँ तलाशने की पहल।
- सांस्कृतिक और जन संबंध: शैक्षिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना, बौद्ध सांस्कृतिक संबंधों का उत्सव मनाना, पर्यटन को बढ़ावा देना और थाईलैंड में भारतीय प्रवासियों के साथ सहभागिता बढ़ाई जाएगी।
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार: नवीकरणीय ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के विकास और स्वास्थ्य सेवा और जैव प्रौद्योगिकी में नवाचार जैसे क्षेत्रों में संयुक्त सहयोग किया जाएगा।
- क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग: नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिये BIMSTEC, दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN), इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) और संयुक्त राष्ट्र (UN) जैसे क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों में समन्वित प्रयास किये जाएंगे।
बिम्सटेक क्या है?
- बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल) के बारे में: बिम्सटेक (बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिये बंगाल की खाड़ी पहल) एक क्षेत्रीय संगठन है, जिसमें बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्रीलंका और थाईलैंड जैसे 7 सदस्य देश शामिल हैं।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के देशों के बीच बहुमुखी तकनीकी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है।
- उत्पत्ति: इसकी स्थापना वर्ष 1997 में बैंकॉक घोषणा को अपनाने के साथ हुई थी।
- शुरुआत में इसमें 4 सदस्य शामिल थे, इसे BIST-EC (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग) के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1997 में म्यांमार इसमें शामिल हो गया और समूह का नाम बदलकर BIMST-EC कर दिया गया।
- 2004 में नेपाल और भूटान को इसमें शामिल करने के बाद इसका नाम बदलकर बिम्सटेक कर दिया गया।
- महत्त्व:
- 1.7 बिलियन (विश्व की कुल जनसंख्या का 22%) की आबादी वाले बिम्सटेक देशों की संयुक्त GDP लगभग 5.2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर (2023) है।
बिम्सटेक का महत्त्व क्या है?
- एक्ट ईस्ट नीति के साथ संरेखण: बिम्सटेक भारत की एक्ट ईस्ट नीति के साथ संरेखित है, जो हिंद महासागर और भारत-प्रशांत क्षेत्रों में भारत के व्यापार और सुरक्षा महत्त्व को बढ़ाता है।
- SAARC का विकल्प: यह क्षेत्रीय सहयोग के लिये एक उचित मंच के रूप में उभरा है, जो दक्षिण एशिया में SAARC के लिये एक व्यवहार्य विकल्प प्रस्तुत करता है।
- क्षेत्रीय सहयोग मंच: यह दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच विशेष रूप से सुरक्षा मामलों और मानवीय सहायता और आपदा राहत (HADR) प्रबंधन में गहन सहयोग को बढ़ावा देने के लिये एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करता है।
- यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने के लिये क्षेत्रीय सहयोग के एक मंच के रूप में भी कार्य करता है।
- अमूर्त संस्कृति को बढ़ावा देना: नालंदा विश्वविद्यालय में बंगाल की खाड़ी अध्ययन केंद्र (CBS) जैसी भारत की पहल का उद्देश्य क्षेत्र की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना है, जबकि बिम्सटेक क्षेत्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है।
बिम्सटेक से संबंधित चुनौतियाँ क्या हैं?
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बिम्सटेक की प्रभावशीलता बढ़ाने के लिये सुझाए गए उपाय क्या हैं?
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निष्कर्ष
छठे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन ने आर्थिक एकीकरण, आपदा प्रतिरोधक क्षमता और सांस्कृतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करते हुए क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाया। उत्कृष्टता केंद्रों और कौशल विकास कार्यक्रमों जैसी पहलों के माध्यम से भारत का नेतृत्व इस क्षेत्र की भविष्य की संभावनाओं को सुदृढ़ करता है। चूँकि बिम्सटेक- 2027 में अपनी 30वीं वर्षगाँठ मनाएगा, इसलिये शिखर सम्मेलन के परिणाम बंगाल की खाड़ी क्षेत्र को और अधिक समृद्ध एवं समुत्थानशील बनाने में सहायक होंगे।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: बिम्सटेक अपने सदस्य देशों के बीच आर्थिक और तकनीकी सहयोग के लक्ष्यों को प्राप्त करने में कितना सफल रहा है? |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रश्न 1. आपके विचार में क्या बिमस्टेक (BIMSTEC) सार्क (SAARC) की तरह एक समानांतर संगठन है? इन दोनों के बीच क्या समानताएँ और असमानताएँ हैं? इस नए संगठन के बनाए जाने से भारतीय विदेश नीति के उद्देश्य कैसे प्राप्त हुए हैं? (2022) |