अंतर्राष्ट्रीय संबंध
भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन
- 22 Nov 2024
- 13 min read
प्रिलिम्स के लिये:जी-20, ग्रीन हाइड्रोजन, भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA, मेक इन इंडिया, संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि, हिंद महासागर रिम एसोसिएशन, AUSINDEX, पिच ब्लैक, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग। मेन्स के लिये:भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंध, भारत-ऑस्ट्रेलिया महत्त्वपूर्ण खनिज निवेश साझेदारी, महत्त्व, भारत-शिखर सम्मेलन। |
स्रोत: पी.आई.बी
चर्चा में क्यों?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में 2024 ग्रुप ऑफ 20 (G-20) शिखर सम्मेलन के दौरान भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया।
- वर्ष 2025 में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी की पाँचवीं वर्षगाँठ से पहले, प्रधानमंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन, व्यापार, रक्षा, शिक्षा एवं क्षेत्रीय सहयोग सहित क्षेत्रों में महत्त्वत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला।
भारत-ऑस्ट्रेलिया द्वितीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताएँ क्या हैं ?
- नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी: सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण में सहयोग को बढ़ावा देने के लिये भारत-ऑस्ट्रेलिया नवीकरणीय ऊर्जा साझेदारी (REP) शुरू की गई।
- व्यापार और निवेश: भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA) की सफलता पर आधारित एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौता (CECA) विकसित करने के लिये प्रतिबद्धता, जिसके कारण दो वर्षों के भीतर आपसी व्यापार में 40% की वृद्धि हुई।
- AIBX एक 4-वर्षीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य बाज़ार संबंधी जानकारी प्रदान करके और वाणिज्यिक साझेदारी को बढ़ावा देकर भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना है ।
- प्रधानमंत्रियों ने 'मेक इन इंडिया' और 'फ्यूचर मेड इन ऑस्ट्रेलिया' के बीच अनुपूरकता पर प्रकाश डाला तथा रोज़गार सृजन, आर्थिक विकास को गति देने एवं भविष्य में समृद्धि सुनिश्चित करने की उनकी क्षमता पर बल दिया।
- दोनों देशों ने ऑस्ट्रेलिया-भारत व्यापार विनिमय (AIBX) कार्यक्रम को जुलाई 2024 से चार वर्षों के लिये बढ़ाए जाने का स्वागत किया।
- बढ़ी हुई गतिशीलता: दोनों देशों ने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गतिशीलता को आर्थिक विकास की कुंजी माना, उन्होंने अक्तूबर, 2024 में भारत के लिये ऑस्ट्रेलिया के वर्किंग हॉलिडे मेकर वीज़ा कार्यक्रम के शुभारंभ का स्वागत किया ।
- उन्होंने प्रतिभाशाली युवा भारतीयों के लिए ऑस्ट्रेलिया में काम करने की नई योजना (MATES) के प्रारंभ होने की भी प्रतीक्षा की, जिसका उद्देश्य प्रारंभिक पेशेवरों की गतिशीलता को बढ़ावा देना और भारत के शीर्ष STEM (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) स्नातकों तक ऑस्ट्रेलियाई उद्योग की पहुँच प्रदान करना है।
- रणनीतिक सहयोग: नेताओं ने वर्ष 2025 में रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग (JDSC) पर संयुक्त घोषणा को नवीनीकृत करने पर सहमति व्यक्त की, जो उनकी बढ़ी हुई रक्षा साझेदारी और रणनीतिक अभिसरण को दर्शाता है।
- वर्ष 2007 में सहमत JDSC का उद्देश्य आतंकवाद-निरोध, निरस्त्रीकरण, अप्रसार और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मज़बूत करना था।
- रणनीतिक सहयोग: नेताओं ने वर्ष 2025 में रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग (JDSC) पर संयुक्त घोषणा को नवीनीकृत करने पर सहमति व्यक्त की, जो उनकी बढ़ी हुई रक्षा साझेदारी और रणनीतिक अभिसरण को दर्शाता है।
- क्षेत्रीय और बहुपक्षीय सहयोग: दोनों देशों ने सामुद्रिक कानून पर संयुक्त राष्ट्र अभिसमय (UNCLOS) के अनुरूप एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिये अपने समर्थन की पुष्टि की।
- उन्होंने क्वाड ढाँचे के तहत निरंतर सहयोग का संकल्प लिया, जिसमें महामारी प्रतिक्रिया, साइबर सुरक्षा और महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे जैसे क्षेत्रों पर ज़ोर दिया गया।
- पर्थ में वर्ष 2024 में होने वाला हिंद महासागर सम्मेलन और वर्ष 2025 में भारत की आगामी हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (IORA) की अध्यक्षता समुद्री पारिस्थितिकी और सतत् विकास में आपसी प्रयासों को रेखांकित करती है।
- दोनों देशों ने भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (FIPIC) ढाँचे के माध्यम से प्रशांत द्वीप देशों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
नोट: पहला वार्षिक शिखर सम्मेलन वर्ष 2023 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया, प्रधानमंत्रियों ने भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मज़बूत करने के लिये अपने समर्थन की पुष्टि की।
भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापक रणनीतिक साझेदारी क्या है?
- परिचय: जून, 2020 में, भारत और ऑस्ट्रेलिया ने द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिये वर्ष 2009 में हस्ताक्षरित 'रणनीतिक साझेदारी' को 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' (CSP) तक बढ़ा दिया।
- यह आपसी विश्वास, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों तथा क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक विकास एवं वैश्विक सहयोग जैसे क्षेत्रों में साझा हितों पर आधारित है।
CSP की मुख्य विशेषताएँ:
- विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान सहयोग: चिकित्सा अनुसंधान, प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा पर सहयोग में वृद्धि।
- समुद्री सहयोग: स्थायी समुद्री संसाधनों और अवैध मत्स्यन से निपटने पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र को सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त प्रयास।
- रक्षा: "मालाबार" अभ्यास जैसे संयुक्त अभ्यास आयोजित करके सैन्य सहयोग का विस्तार करना तथा आम सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिये पारस्परिक रसद समर्थन समझौते (MLSA) जैसे समझौतों के माध्यम से रसद सहायता प्रदान करना।
- आर्थिक सहयोग: व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (CECA) पर पुनः कार्य करना, व्यापार, निवेश और बुनियादी ढांचे, शिक्षा और नवाचार में सहयोग को प्रोत्साहित करना।
- कार्यान्वयन: CSP में विभिन्न स्तरों पर नियमित वार्ताएँ शामिल हैं, जिनमें '2+2' प्रारूप में विदेश और रक्षा मंत्रियों की बैठक शामिल है, वार्षिक शिखर सम्मेलन और मंत्रिस्तरीय बैठकों का उद्देश्य निरंतर सहयोग सुनिश्चित करना है।
भारत-ऑस्ट्रेलिया ECTA
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भारत-ऑस्ट्रेलिया संबंधों में प्रमुख मील के पत्थर क्या हैं?
- द्विपक्षीय व्यापार: भारत ऑस्ट्रेलिया का 5 वाँ सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जिसके साथ वर्ष 2023 में 49.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य की वस्तुओं और सेवाओं का द्विपक्षीय व्यापार हुआ।
- भारत द्वारा ऑस्ट्रेलिया को निर्यात: परिष्कृत पेट्रोलियम, मोती और रत्न, आभूषण, तथा निर्मित वस्तुएँ।
- ऑस्ट्रेलिया का भारत को निर्यात: कोयला, ताँबा अयस्क और सांद्रण, प्राकृतिक गैस, अलौह/लौह अपशिष्ट और स्क्रैप, तथा शिक्षा संबंधी सेवाएँ।
- असैन्य परमाणु सहयोग: वर्ष 2014 में भारत और ऑस्ट्रेलिया ने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिससे भारत को यूरेनियम निर्यात की अनुमति मिली।
- यह समझौता वर्ष 2015 में लागू हुआ, जिससे भारत की शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा आवश्यकताओं के लिये यूरेनियम की आपूर्ति सुगम हो गयी।
- रक्षा और सुरक्षा सहयोग: भारत-ऑस्ट्रेलिया रक्षा संबंधों को AUSINDEX, पिच ब्लैक जैसे संयुक्त अभ्यासों और वर्ष 2022 में जनरल रावत एक्सचेंज प्रोग्राम, एक सैन्य विनिमय कार्यक्रम जैसी पहलों के माध्यम से मज़बूत किया जा रहा है।
- बहुपक्षीय सहभागिता: क्वाड पहल, IORA और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) में सक्रिय भागीदारी।
- ऑस्ट्रेलिया संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट और एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग में सदस्यता के लिये भारत की उम्मीदवारी का समर्थन करता है।
निष्कर्ष
भारत और ऑस्ट्रेलिया ने साझा लोकतांत्रिक मूल्यों से प्रेरित होकर अपने आर्थिक और सामरिक संबंधों को मज़बूत करने में उल्लेखनीय प्रगति की है। CECA के विकास में देरी और क्षेत्रीय सुरक्षा के विकास जैसी चुनौतियों के बावजूद, दोनों देश अपनी साझेदारी को गहरा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं। निरंतर सहयोग के साथ, वे भविष्य में संबंधों को बढ़ाने के लिये अच्छी स्थिति में हैं।
दृष्टि मेन्स प्रश्न: प्रश्न: बदलती वैश्विक गतिशीलता के संदर्भ में भारत-ऑस्ट्रेलिया व्यापार संबंधों के विकास का मूल्यांकन कीजिये। |
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रिलिम्सप्रश्न . निम्नलिखित देशों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त में से कौन-कौन आसियान (ASEAN) के ‘मुक्त व्यापार भागीदारों’ में से हैं? (a) केवल 1, 2, 4 और 5 उत्तर: C Q. दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों के संगठन (ASEAN) के छह साझेदारों के साथ मुक्त व्यापार समझौते हैं, अर्थात् पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, कोरिया गणराज्य, जापान, भारत तथा ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड। |