लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 30 Dec, 2023
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

भारत में बाघों की मृत्यु

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

वर्ष 2023 में, भारत में बाघों की मृत्यु में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जो कि रिकॉर्ड 204 तक पहुँच गई है, जैसा कि एक गैर-लाभकारी संगठन, वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन सोसाइटी ऑफ इंडिया (WPSI) ने बताया है, जिससे इन प्राणियों के संरक्षण प्रयासों के बारे में चिंताएँ बढ़ गई हैं।

भारत में बाघों की मृत्यु की क्या स्थिति है?

  • महाराष्ट्र में सबसे अधिक बाघों की मृत्यु दर्ज की गई हैं, यहाँ 52 मौतें हुई हैं, जिससे राज्य में संरक्षण उपायों की पर्याप्तता के बारे में आशंकाएँ पैदा हो गई हैं।
  • भारत के शीर्ष बाघ राज्य, मध्य प्रदेश में 45 मौतें हुईं, जिससे बढ़ी हुई सुरक्षा की आवश्यकता पर बल दिया गया। उत्तराखंड में 26 मौतें दर्ज की गईं, जिससे  ये आँकड़े और गंभीर हो गए हैं।
  • तमिलनाडु और केरल में क्रमशः 15 बाघों की मृत्यु दर्ज की गई, जो विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक समस्या को दर्शाता है। बाघों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले कर्नाटक राज्य में भी 13 बाघों की मृत्यु हुईं हैं।
  • भारत में बाघों की आबादी वर्ष 2018 में 2,967 से बढ़कर वर्ष 2022 में 3,167 तक पहुँच गई। हालाँकि यह सकारात्मक प्रवृत्ति बढ़ते खतरों के सामने इन लाभों की स्थिरता पर सवाल उठाती है।
  • प्राकृतिक और अन्य कारणों से 79 बाघों की मौत हुई, प्रभावी संरक्षण के लिये इन कारकों को समझने तथा संबोधित करने पर ध्यान देने का आग्रह किया गया।
    • अवैध शिकार के कारण 55 बाघों की जान चली गई और यह खतरा लगातार बना हुआ है, जिसके लिये अवैध शिकार विरोधी कड़े उपाय किये जाने की आवश्यकता है।
    • बाघों के बीच आपसी संघर्ष में 46 मृत्यु हुईं, जो आवास संरक्षण के महत्त्व को रेखांकित करता है।
    •  सड़क दुर्घटनाओं, जैसे– मानव-उत्प्रेरित खतरों के कारण सात बाघों की मौत हो गई, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिये तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

आगे की राह 

  • प्रौद्योगिकी एवं खुफिया जानकारी का उपयोग करते हुए सरकारी एजेंसियों, संरक्षणवादियों और समुदायों के बीच सहयोग अवैध शिकार विरोधी प्रभावी प्रयासों के लिये महत्त्वपूर्ण है।
    • कानून प्रवर्तन के साथ एक मज़बूत अवैध शिकार विरोधी नेटवर्क स्थापित करना अत्यावश्यक है।
  • मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने की रणनीतियाँ विकसित की जानी चाहिये, विशेषकर सड़क दुर्घटना वाले क्षेत्रों में।
  • बाघों की मौत के प्राकृतिक कारणों पर शोध के लिये संसाधन आवंटित किये जाने चाहिये, निगरानी बढ़ानी चाहिये और उभरती चुनौतियों के लिये संरक्षण रणनीतियों को अनुकूलित करने के लिये पारदर्शी रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जानी चाहिये।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा के विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

Q1. निम्नलिखित बाघ आरक्षित क्षेत्रों में “क्रांतिक बाघ आवास (Critical Tiger Habitat)” के अंतर्गत सबसे बड़ा क्षेत्र किसके पास है? (2020)

(A) कॉर्बेट
(B) रणथंभौर
(C) नागार्जुनसागर-श्रीशैलम
(D) सुंदरबन

उत्तर: C


Q2. निम्नलिखित संरक्षित क्षेत्रों पर विचार कीजिये: (2012)

  1. बांदीपुर
  2. भितरकणिका
  3. मानस
  4. सुंदरबन

उपर्युक्त में से कौन-से बाघ आरक्षित क्षेत्र घोषित हैं?

(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1, 3 और 4
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: B


Q3. पारिस्थितिक दृष्टिकोण से, पूर्वी घाटों और पश्चिमी घाटों के बीच एक अच्छा संपर्क होने के रूप में निम्नलिखित में से किसका महत्त्व अधिक है? (2017)

(A) सत्यमंगलम बाघ आरक्षित क्षेत्र
(B) नल्लामाला वन
(C) नागरहोले राष्ट्रीय उद्यान
(D) शेषाचलम जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (शेषाचलम बायोस्फीयर रिज़र्व)

उत्तर: A


प्रारंभिक परीक्षा

ट्री एम्बुलेंस

स्रोत: हिन्दुस्तान टाइम्स

हाल ही में, दिल्ली नगर निगम (MCD) के बागवानी विभाग द्वारा दिल्ली में अपने ट्री एम्बुलेंस का विस्तार करने की योजना बनाई है, जिसका लक्ष्य वर्ष 2024 तक मौजूदा संख्या को तीन गुना करके 12 करना है।

  • 12 प्रशासनिक क्षेत्रों में से प्रत्येक को एक ट्री एम्बुलेंस सौंपी जाएगी, जिससे समय के साथ कुशल वृक्ष देखभाल के लिये शहर की क्षमता में वृद्धि होगी।

ट्री एम्बुलेंस क्या है?

  • परिचय:
    • ट्री एम्बुलेंस एक पहल है जिसे “पृथ्वी को बचाने की दृष्टि” के साथ “पेड़ों को बचाने” का समर्थन करने के लिये शुरू किया गया है।
    • भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय जैविक विविधता दिवस, 2019 (22 मई को मनाया गया) के अवसर पर चेन्नई में ट्री एम्बुलेंस के पहले चरण का उद्घाटन किया गया।
    • ट्री एम्बुलेंस, वनस्पतिशास्त्रियों, वानिकी विशेषज्ञों, बागवानों, स्वयंसेवकों और वृक्ष सर्जनों द्वारा चलाए जाते हैं साथ ही उन लोगों को मुफ्त सेवाएँ प्रदान करते हैं जो इसकी हेल्पलाइन पर कॉल करके रुग्ण वृक्षों और पौधों को बचाने में सहायता का अनुरोध करते हैं।
  • उद्देश्य:
    • इस पहल का प्रस्ताव चेन्नई स्थित पर्यावरणविद् के अब्दुल गनी द्वारा किया गया था, जिन्हें “ग्रीन मैन ऑफ इंडिया” के रूप में जाना जाता है।
    • यह पहल वरदा तथा गाजा चक्रवात के कारण नष्ट हुए पेड़ों को पुनः लगाकर जलवायु परिवर्तन का सामा करने के लिये एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी।
    • ट्री एम्बुलेंस को “प्राथमिक चिकित्सा उपचार, बीज बैंकिंग, बीज बॉल वितरण, उखाड़े गए वृक्ष हेतु रोपण, पौधे वितरण, वृक्षारोपण में सहायता, पेड़ों को स्थानांतरित करना एवं वृक्षों का सर्वेक्षण करना निर्जीव वृक्षों को हटाना” जैसी सेवाएँ प्रदान करने का भी कार्य सौंपा गया है।
  • महत्त्व:
    • संपूर्ण भारत में ट्री एम्बुलेंस सेवाएँ शुरू की जा रही हैं, जो अस्वस्थ पौधों का उपचार कर रही हैं।
    • यह कार्य शहरी ताप द्वीपोंको कम करके भारत के शहरों के ताप को कम करने में मदद कर रहा है।
    • ट्री एंबुलेंस जैवविविधता के संरक्षण में भी भूमिका निभा रही हैं।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 30 दिसंबर, 2023

मलेशिया के साथ प्रसार भारती का समझौता ज्ञापन

भारतीय कैबिनेट ने नवंबर 2023 में भारत के प्रसार भारती तथा रेडियो टेलीविज़न मलेशिया (RTM) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (MoU) को मंज़ूरी दे दी है। वर्तमान में विभिन्न देशों के साथ प्रसार भारती द्वारा हस्ताक्षरित MoUs की कुल संख्या 46 हो गई है।

  • यह समझौता ज्ञापन वैश्विक स्तर पर सूचना साझा करने, अंतर्राष्ट्रीय प्रसारकों के साथ साझेदारी को बढ़ावा देने एवं नई तकनीकी मांगों को अपनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • प्रसार भारती भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक प्रसारण एजेंसी है। यह वर्ष 1997 में प्रसार भारती अधिनियम द्वारा स्थापित एक वैधानिक स्वायत्त निकाय है तथा इसमें दूरदर्शन टेलीविज़न नेटवर्क एवं ऑल इंडिया रेडियो शामिल हैं, जो पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयाँ थीं।
    • यह राष्ट्र-निर्माण में महत्त्वपूर्ण योगदानकर्ता है, जो घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विविध दर्शकों के लिये सार्थक व सटीक सूचना साझा करने को प्राथमिकता देता है।

और पढ़ें…केवल प्रसार भारती के माध्यम से प्रसारण

अंटार्कटिक परिध्रुवीय (Circumpolar) धारा (ACC):

वैज्ञानिकों ने दुनिया की सबसे तीव्र समुद्री धारा, अंटार्कटिक परिध्रुवीय धारा (पानी के नीचे) के अंदर छिपी एक प्राचीन पर्वत शृंखला की खोज की है।

  • ACC अंटार्कटिका के निकट पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जो अटलांटिक, हिंद और प्रशांत महासागरों को जोड़ती है। यह एकमात्र ऐसी धारा है जो संपूर्ण विश्व के महासागरों में प्रवाहित होती है।
  • यह अत्यंत विस्तृत है, लगभग 1250 किलोमीटर की चौड़ाई के साथ, यह सभी महासागरीय धाराओं में सबसे चौड़ा है।
  • यह वैश्विक महासागर परिसंचरण और जलवायु विनियमन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह ताप का पुनर्वितरण करता है और वैश्विक जलवायु प्रणाली को प्रभावित करता है।
  • ACC को वेस्ट विंड ड्रिफ्ट के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिका को कवर करने वाली तेज़ पश्चिमी पवनों द्वारा संचालित होता है।
  • यह अंटार्कटिक अभिसरण बनाता है, जहाँ शीत अंटार्कटिक जल उप-अंटार्कटिक के गर्म जलधारा से मिलता है, जिससे पोषक तत्त्वों का उत्थान और उच्च जैविक उत्पादकता का एक क्षेत्र बनता है।

और पढ़ें: दक्षिणी महासागर

केरल का मुडियेट्टू नृत्य नाट्य

मुडियेट्टू केरल का एक पारंपरिक अनुष्ठान थिएटर तथा लोकनृत्य नाटक है जिसमें देवी काली और राक्षस दारिका के बीच युद्ध की पौराणिक कथा प्रस्तुत की जाती है।

  • यह परंपरा भगवती अथवा भद्रकाली उपासना की पद्धति का हिस्सा है जो आमतौर पर फसल कटाई के बाद फरवरी और मई के बीच भगवती मंदिरों में आयोजित किया जाता है।
  • मरार और कुरुप्पु समुदायों के सदस्य इसका प्रदर्शन करते है, वे अपने चेहरे पर रंग लगाते हैं तथा काफी बड़ी एवं रंगीन पोशाक व टोपी पहनते हैं।
    • इसमें शिव, नारद, दारिका, काली, दानवेंद्र, कोइचादर और कूली जैसे विभिन्न पात्र रूप शामिल हैं।
  • विजयी काली द्वारा दारिका का सिर पकड़कर मंच पर प्रवेश करने के साथ इस अनुष्ठान का समापन होता है, जिसके बाद शिव की स्तुति-गीत का गायन होता है।
  • मुडियेट्टू को वर्ष 2010 में यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल किया गया था और इससे पूर्व कुटियाट्टम को विरासत सूची में शामिल किया गया था।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2