प्रिलिम्स फैक्ट्स (29 Nov, 2023)



नासा का साइकी अंतरिक्ष यान

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

चर्चा में क्यों?

नासा का साइकी (Psyche) अंतरिक्ष यान, जो वर्तमान में अंतरिक्ष में 16 मिलियन किलोमीटर से अधिक दूर यात्रा कर रहा है, ने हाल ही में पृथ्वी पर सफलतापूर्वक लेज़र सिग्नल भेजकर एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।

  • 13 अक्तूबर, 2023 को इसे कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स फाल्कन हेवी रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था।

नासा का साइकी मिशन क्या है?

  • परिचय: साइकी मिशन का लक्ष्य मंगल तथा बृहस्पति गृह के बीच स्थित साइकी (Psyche) क्षुद्रग्रह का अन्वेषण करना है।
    • साइकी धातु समृद्ध क्षुद्रग्रह है जिसके बारे में माना जाता है कि यह एक प्रारंभिक ग्रह का मुक्त निकल-आयरन क्रोड है।
    • यह मिशन गृह क्रोड का प्रत्यक्ष अध्ययन करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, जो पृथ्वी जैसे पार्थिव ग्रहों के विकास के बारे में अमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।
  • उद्देश्य:
    • क्रोड पहचान: निर्धारित करना कि साइकी एक क्रोड या बिना पिघला हुआ पदार्थ है।
    • सतही आयु आकलन: साइकी की सतह के विभिन्न भागों की सापेक्ष आयु का विश्लेषण करना।
    • संरचना तुलना: पृथ्वी के क्रोड के साथ मौलिक संरचना की तुलना करना।
    • उत्पत्ति की स्थितियाँ: निर्धारित करना कि साइकी की उत्पत्ति की स्थितियाँ पृथ्वी के क्रोड की तुलना में अधिक या कम ऑक्सीकरण करने वाली थीं अथवा नहीं।
    • स्थलाकृति विवरण: साइकी की सतही विशेषताओं का अध्ययन करना।
  • वैज्ञानिक उपकरण:
    • मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजर: विभिन्न तरंग दैर्ध्य में छवियाँ कैप्चर करने के लिये।
    • गामा किरण और न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर: मौलिक संरचना का विश्लेषण करने के लिये।
    • मैग्नेटोमीटर: चुंबकीय क्षेत्र को मापने के लिये। साइकी में एक अवशेष चुंबकीय क्षेत्र की पुष्टि इस बात का मज़बूत साक्ष्य होगी कि क्षुद्रग्रह एक ग्रह पिंड के मूल से बना है।
    • X-बैंड गुरुत्वाकर्षण ट्रैक्टर: अंतरिक्ष यान पर क्षुद्रग्रह के गुरुत्वाकर्षण प्रभावों का अध्ययन करने के लिये।
    • डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन (DSOC): अंतरिक्ष यान और पृथ्वी के बीच द्रुत गति से डेटा ट्रांसमिशन हेतु निकट-अवरक्त तरंग दैर्ध्य का उपयोग करके लेज़र-आधारित संचार तकनीक का परीक्षण करने के लिये।

डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस का महत्त्व क्या है?

  • साइकी नासा के डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस (DSOC) ट्रांसीवर से सुसज्जित नवीन अंतरिक्ष यान है।
    • (DSOC) तकनीक रेडियो तरंगों के बदले निकट-अवरक्त प्रकाश फोटॉनों में डेटा को एन्कोड करती है।
    • यह वर्तमान रेडियो सिस्टम की तुलना में कम से कम दस गुना अधिक डेटा दरों को सक्षम करने, उन्नत इमेजिंग, व्यापक वैज्ञानिक डेटा ट्रांसमिशन और यहाँ तक कि वीडियो स्ट्रीमिंग की सुविधा प्रदान करने के लिये तैयार है।
  • यह वर्तमान अंतरिक्ष संचार तकनीक की तुलना में तेज़ी से डेटा ट्रांसमिशन की सुविधा प्रदान करेगा जो मुख्य रूप से अपनी प्रसार क्षमताओं के कारण रेडियो तरंगों पर निर्भर करता है, जिससे उन्हें विभिन्न माध्यमों से और अवरोधों को पार पाने में मदद मिलती है।
    • विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिये उपयोगी होते हुए भी निकट-अवरक्त तरंगों में रेडियो तरंगों के प्रवेश और दूरी क्षमताओं का अभाव होता है।
      • अंतर इस तथ्य में निहित है कि रेडियो तरंगों के विपरीत, निकट-अवरक्त तरंगों की तरंग दैर्ध्य छोटी होती है, जो विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम में सबसे लंबी तरंग दैर्ध्य होती है।
    • हालाँकि डेटा ट्रांसमिशन दरों में सीमाएँ बेहतर तकनीक की खोज को प्रेरित करती हैं।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. दूरसंचार प्रसारण हेतु प्रयुक्त उपग्रहों को भू-अप्रगामी कक्षा में रखा जाता है। एक उपग्रह ऐसी कक्षा में तब होता है जब: (2011)

  1. कक्षा भू-समकालिक है।
  2. कक्षा वृत्ताकार है।
  3. कक्षा पृथ्वी के भूमध्य रेखा के तल में स्थित है।
  4. कक्षा 22,236 किमी की ऊँचाई पर है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर: (a)


लद्दाख में नाइट स्काई अभयारण्य

स्रोत: पी.आई.बी

भारत सरकार ने हाल ही में लद्दाख में दक्षिण पूर्व एशिया के पहले नाइट स्काई अभयारण्य की स्थापना की घोषणा की।

लद्दाख में नाइट स्काई अभयारण्य से संबंधित मुख्य बिंदु क्या हैं?

  • यह चांगथांग वन्यजीव अभयारण्य के एक हिस्से के रूप में पूर्वी लद्दाख के हनले गाँव में स्थित होगा।      
  • इसकी स्थापना भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान बंगलुरु की सहायता से की जा रही है, जो भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग से संबद्ध है।
    • 1,073 वर्ग किलोमीटर में फैला, यह भारतीय खगोलीय वेधशाला के निकट स्थित है, जो दुनिया का दूसरा सबसे ऊँचा ऑप्टिकल टेलीस्कोप है।  
  • यह भारत में खगोल-पर्यटन को बढ़ावा देगा तथा ऑप्टिकल, इन्फ्रा-रेड और गामा-रे दूरबीनों के लिये विश्व के सबसे शीर्षस्थ स्थानों में से एक होगा।    

डार्क स्काई स्थानों के प्रमुख प्रकार क्या हैं?

  • एक अमेरिकी गैर-लाभकारी संस्था इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन, स्थानों को उनके द्वारा पूरा किये गए मानदंडों के आधार पर इंटरनेशनल डार्क स्काई प्लेस, पार्क, अभयारण्य एवं रिज़र्व के रूप में नामित करती है:
    • डार्क स्काई पार्क: ये सार्वजनिक अथवा निजी स्वामित्व वाले संरक्षित क्षेत्र हैं, जो प्रभावी आउटडोर प्रकाश व्यवस्था प्रथाओं का उपयोग करते हैं तथा काले आकाश (डार्क स्काई) का अनुभव करने पर केंद्रित कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं।
    • डार्क स्काई अभयारण्य: ये अत्यंत दुर्गम और अमूमन पृथ्वी पर मौजूद सर्वाधिक अंधेरे वाले स्थान होते हैं। उनकी नाज़ुक स्थिति के कारण उन्हें दृढ़ संरक्षण उपायों की आवश्यकता होती है।
    • डार्क स्काई रिज़र्व: इन रिज़र्व्स में एक निर्धारित डार्क "कोर" ज़ोन होता है जो आबादी वाले क्षेत्रों से घिरा हुआ होता है। आस-पास के समुदायों को समायोजित करते हुए कोर ज़ोन के अंधेरे को सुरक्षित रखने के लिये नीतियाँ लागू की जाती हैं।
    • अर्बन नाइट स्काई प्लेस: कृत्रिम प्रकाश के बावजूद ये शहरी (Urban) स्थान एक वास्तविक रात्रि अनुभव प्रदान करने का प्रयास करते हैं। यहाँ ऐसे वातावरण प्रदर्शित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है जहाँ लोग अभी भी रात्रि के आकाश की सराहना कर सकें।
    • डार्क स्काई समुदाय: डार्क स्काई समुदाय एक शहर, नगर पालिका या अन्य कानूनी रूप से संगठित समुदाय है, शहरों एवं कस्बों को उनकी गुणवत्तापूर्ण आउटडोर प्रकाश व्यवस्था के नियमों और निवासियों को डार्क स्काई (काले आसमान) के संरक्षण के महत्त्व के बारे में शिक्षित करने के प्रयासों के लिये जाना जाता है। 

कौन-सी बात लद्दाख को रात्रि आकाश अभयारण्य हेतु उपयुक्त स्थल बनाती है?

  • समुद्र तल से लगभग 3,000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित लद्दाख की अधिक ऊँचाई, शीत मरुस्थलीय क्षेत्र और विरल आबादी खगोलीय वेधशालाओं के लिये एक आदर्श वातावरण का निर्माण करती है।
    • इसके अलावा, व्यापक शहरी क्षेत्रों की अनुपस्थिति लद्दाख में प्राकृतिक अंधकार को बरकरार रखती है और प्रकाश प्रदूषण में न्यूनतम योगदान करती है, जो नाइट स्काई अभयारण्य के लिये आदर्श स्थितियाँ बनाती हैं।


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 29 नवंबर, 2023

माइकल डगलस सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित

हाल ही में हॉलीवुड अभिनेता और निर्माता माइकल डगलस को गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में सिनेमा में उत्कृष्टता के लिये प्रतिष्ठित सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

  • सिनेमा जगत पर उनका गहरा प्रभाव वॉल स्ट्रीट में गॉर्डन गेको के रूप में उनके अकादमी पुरस्कार विजेता चित्रण से लेकर फैटल अट्रैक्शन, द अमेरिकन प्रेसीडेंट, बेसिक इंस्टिंक्ट, ट्रैफिक और रोमांसिंग द स्टोन जैसी कई अन्य फिल्मों में मनोरंजक प्रदर्शन तक की प्रतिष्ठित भूमिकाओं के माध्यम से प्रतिबिंबित होता है।
  • संयुक्त राष्ट्र के शांति दूत के रूप में वैश्विक मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता में निरस्त्रीकरण, परमाणु अप्रसार और अवैध हथियारों के व्यापार को रोकना शामिल है।

और पढ़ें…  54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई)

ASEAN इंडिया ग्रासरूट्स इनोवेशन फोरम (AIGIF) का चौथा संस्करण

28 नवंबर, 2023 को मलेशिया के लैंगकावी में लॉन्च किये गए वार्षिक आसियान इंडिया ग्रासरूट्स इनोवेशन फोरम (AIGIF) के चौथे संस्करण में 200 प्रतिभागियों ने 10 आसियान सदस्य देशों (AMS) के साथ भारत का प्रतिनिधित्व किया।

  • AIGIF एक वार्षिक कार्यक्रम है जो विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) में सहयोग के आधार पर भारत एवं AMS के बीच मज़बूत संबंधों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
  • जहाँ एक तरफ इसका उद्देश्य विभिन्न देशों में सामाजिक नवाचारों को बढ़ावा देना है, वहीं यह ज़मीनी स्तर के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र में शासन को भी मज़बूत करता है।

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आधार गोपनीयता और वैवाहिक अधिकार

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हाल ही में इस बात पर प्रकाश डाला कि विवाह एक पति अथवा पत्नी को निष्पक्ष सुनवाई के बिना दूसरे के आधार डेटा प्राप्त करने का अधिकार नहीं देता है।

  • न्यायालय ने इस धारणा को खारिज़ कर दिया कि विवाह पति-पत्नी की पहचान को विलीन कर देता है, तथा दृढ़ता से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की निजता का अधिकार सर्वोपरि है।
  • आधार (वित्तीय और अन्य प्रसुविधाओं, लाभों और सेवाओं का लक्षित परिदान) अधिनियम, 2016 की धारा 33 के तहत उचित प्रक्रिया का पालन करने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए न्यायालय ने इस धारणा को खारिज़ कर दिया कि विवाह पति-पत्नी की पहचान को जोड़ता है तथा दृढ़ता से कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की निजता का अधिकार सर्वोपरि है।

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आयुष्मान आरोग्य मंदिर: स्वास्थ्य सेवा में परिवर्तन

केंद्र सरकार ने मौजूदा आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (AB-HWC) का नाम बदलकर 'आरोग्यम परमं धनम्' टैग-लाइन के साथ 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' करने का निर्णय लिया है।

  • आयुष्मान भारत का लक्ष्य चयनात्मक स्वास्थ्य सेवा से हटकर निवारक, प्रोत्साहन, उपचारात्मक, पुनर्वास और उपशामक देखभाल को कवर करते हुए सेवाओं की एक पूरी शृंखला की पेशकश करना है। इसमें दो घटक शामिल हैं:
    • पहला: नि:शुल्क व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिये 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (HWC) का निर्माण, समुदाय स्तर पर कल्याण तथा सेवाओं की व्यापक शृंखला पर ज़ोर देना।
    • दूसरा: प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PM-JAY), माध्यमिक और तृतीयक देखभाल के लिये 10 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करता है।
  • HWC का लक्ष्य गैर-संचारी रोगों, उपशामक व पुनर्वास देखभाल, मौखिक, आँख और ENT देखभाल, मानसिक स्वास्थ्य सहायता एवं आपात स्थिति और आघात के लिये प्रारंभिक देखभाल के साथ-साथ मुफ्त आवश्यक दवाओं तथा निदान सहित सेवाओं की एक विस्तृत शृंखला प्रदान करना है।

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