13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 25 जनवरी को 13वाँ राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया।
प्रमुख बिंदु
- थीम/आदर्श वाक्य: 'नथिंग लाइक वोटिंग, आई वोट फॉर श्योर' (वोटिंग बेमिसाल है, मैं अवश्य वोट देता हूँ)।
- पुरस्कार 2023: वर्ष 2022 के दौरान चुनाव के संचालन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिये राज्य और ज़िला स्तर के अधिकारियों को सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रथा के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस:
- इस दिवस का मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से नए मतदाताओं को नामांकन के लिये प्रोत्साहित करना, नामांकन संबंधी सुविधा प्रदान करना और इसमें वृद्धि करना है।
- भारतीय निर्वाचन आयोग (25 जनवरी, 1950) की स्थापना को चिह्नित करने के लिये वर्ष 2011 से प्रतिवर्ष देश भर में यह दिवस मनाया जाता है।
- यह युवाओं को चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिये प्रोत्साहित करने से साथ-साथ मतदान के अधिकार और मूल अधिकार के संबंध में जागरूक करने का प्रयास करता है।
- राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि देश का भविष्य उन पर निर्भर करता है जिन्हें हम चुनते हैं।
भारत निर्वाचन आयोग:
- परिचय:
- भारत निर्वाचन आयोग जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
- चुनाव आयोग की स्थापना 25 जनवरी, 1950 (राष्ट्रीय मतदाता दिवस) को संविधान के अनुसार की गई थी। आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में है।
- यह देश में लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव का संचालन करता है।
- इसका राज्यों में पंचायतों और नगर पालिकाओं के चुनावों से कोई संबंध नहीं है। इसके लिये भारत का संविधान अलग से राज्य चुनाव आयोग का प्रावधान करता है।
- भारत निर्वाचन आयोग जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है, एक स्वायत्त संवैधानिक निकाय है जो भारत में संघ और राज्य चुनाव प्रक्रियाओं का संचालन करता है।
- आयोग की संरचना:
- मूल रूप से आयोग में केवल एक चुनाव आयुक्त था लेकिन चुनाव आयुक्त संशोधन अधिनियम, 1989 के बाद इसे एक बहु-सदस्यीय निकाय बना दिया गया है।
- आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner- CEC) और दो चुनाव आयुक्त (Election Commissioners- EC) शामिल हैं।
- आयोग का सचिवालय नई दिल्ली में स्थित है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत में वोट देने और निर्वाचित होने का अधिकार है: (2017) (a) मौलिक अधिकार उत्तर: (c) प्रश्न. भारत के संविधान के तहत निम्नलिखित में से कौन-सा एक मौलिक कर्त्तव्य नहीं है? (2011) (a) सार्वजनिक चुनावों में मतदान करना उत्तर: (a) |
स्रोत: पी.आई.बी.
ओपन मार्केट सेल स्कीम
भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India- FCI) ओपन मार्केट सेल स्कीम (घरेलू) के तहत विभिन्न मार्गों से सेंट्रल पूल स्टॉक से 30 LMT गेहूँ को बाज़ार में उतारेगा।
- ई-नीलामी के बिना राज्य सरकारों/केंद्रशासित प्रदेशों को उनकी योजनाओं के लिये भी गेहूँ की पेशकश की जाएगी।
ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS):
- FCI खाद्यान्न की आपूर्ति बढ़ाने हेतु समय-समय पर खुले बाज़ार में ई-नीलामी के माध्यम से पूर्व निर्धारित कीमतों पर गेहूँ और चावल के अधिशेष स्टॉक को बेचता है।
- OMSS का उद्देश्य भारतीय खाद्य निगम द्वारा धारित गेहूँ और चावल के अधिशेष स्टॉक का निपटान करना तथा खुले बाज़ार में गेहूँ के मूल्य को विनियमित करना है।
- FCI गेहूँ की ओपन मार्केट सेल स्कीम (OMSS) के तहत नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) के प्लेटफॉर्म पर साप्ताहिक नीलामी आयोजित करता है।
- NCDEX भारत में एक कमोडिटी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म है जो विभिन्न कृषि और अन्य वस्तुओं के व्यापार के लिये मंच प्रदान करता है।
भारतीय खाद्य निगम:
- FCI एक सरकारी स्वामित्त्व वाला निगम है जो भारत में खाद्य सुरक्षा प्रणाली का प्रबंधन करता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1965 में खाद्य निगम अधिनियम, 1964 के तहत पूरे देश में खाद्यान्न की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और बाज़ार में मूल्य स्थिरता बनाए रखने के उद्देश्य से की गई थी।
- FCI खाद्य संबंधी कमी या संकट के समय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये खाद्यान्नों के बफर स्टॉक को भी बनाए रखता है।
- FCI सार्वजनिक वितरण प्रणाली के लिये पूरे देश में खाद्यान्न वितरण हेतु उत्तरदायी है।
- FCI ई-नीलामी भी आयोजित करता है जो कि अधिशेष खाद्यान्न से निपटने के तरीकों में से एक है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न: राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत किये गए प्रावधानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युत्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) 1 और 2 उत्तर: (b) प्रश्न: प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer- DBT) के साथ मूल्य सब्सिडी के स्थान पर भारत में सब्सिडी का परिदृश्य किस प्रकार बदल सकता है? चर्चा कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2015) |
स्रोत: पी.आई.बी.
पृथ्वी का आंतरिक क्रोड
हाल ही में नए शोध के अनुसार, पृथ्वी के आंतरिक क्रोड ने अपनी सतह की तुलना में तेज़ी से घूमना बंद कर दिया है, अर्थात् यह अब धीमी गति से घूम रहा है।
निष्कर्ष के प्रमुख बिंदु:
- क्रियाविधि:
- इस अध्ययन में पिछले छह दशकों में आए भूकंपों से भूकंपीय तरंगों की जाँच की गई है।
- इन संकेतों के समय और प्रसार में परिवर्तन का विश्लेषण करके वे आंतरिक क्रोड के घूर्णन का अनुमान लगा सकते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह मैंटल तथा शेष ग्रहों की तुलना में स्वतंत्र रूप से घूमता है।
- निष्कर्ष:
- 1970 के दशक की शुरुआत में आंतरिक क्रोड बाकी ग्रहों की तुलना में थोड़ी तेज़ी से घूमने लगा लेकिन वर्ष 2009 के आसपास पृथ्वी के घूमने के साथ सामंजस्य बिठाने से पहले यह धीमा हो गया था।
- आंतरिक क्रोड अब सतह की तुलना में धीमी गति से घूम रहा है। अगला परिवर्तन वर्ष 2040 के दशक के मध्य में हो सकता है।
- परिणामों से प्रतीत होता है कि पृथ्वी का आंतरिक क्रोड औसतन प्रत्येक 60-70 वर्षों में अपनी घूर्णन गति को बदलता है।
- महत्त्व:
- यह अध्ययन कुछ शोधकर्त्ताओं को ऐसे मॉडल बनाने और परीक्षण करने के लिये प्रेरित कर सकता है जो संपूर्ण पृथ्वी को एक एकीकृत गतिशील प्रणाली के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं।
- आंतरिक क्रोड की धीमी गति, ग्रहों की घूर्णन गति साथ ही कोर कैसे विकसित होता है, को प्रभावित कर सकती है।
पृथ्वी का आंतरिक क्रोड:
- परिचय:
- यह पृथ्वी की सबसे आतंरिक परत है। यह प्लूटो के आकार का गर्म लोहे का गोला है।
- पृथ्वी की अन्य शीर्ष परतों द्वारा उस पर आरोपित भार के दबाव के कारण आंतरिक क्रोड ठोस है।
- यह बाहरी कोर से अलग है, जो कि तरल है।
- हम जिस सतह पर रहते हैं, उससे लगभग 5,000 किलोमीटर (3,100 मील) नीचे, आंतरिक क्रोड स्वतंत्र रूप से घूम सकता है क्योंकि यहाँ तरल धातु बाहरी क्रोड में तैरती रहती है।
- रेडियस (दायरा):
- आंतरिक क्रोड की औसत त्रिज्या 1220 किमी. है।
- भीतरी और बाहरी क्रोड के बीच की सीमा पृथ्वी की सतह से लगभग 5150 किमी. नीचे स्थित है।
- इस सीमा को लेहमन भूकंपीय विच्छिन्नता (Lehman Seismic Discontinuity) कहा जाता है।
- तापमान:
- 7,200–8,500ºF (4,000–4,700ºC) के मध्य।
- विशेषता:
- यहाँ बहुत उच्च ताप और विद्युत चालकता होने की संभावना व्यक्त की जाती है।
पृथ्वी की तीन परतें:
- क्रस्ट: यह पृथ्वी की बाहरी परत है और ठोस चट्टान ज़्यादातर बेसाल्ट और ग्रेनाइट से बनी है।
- मेंटल: यह क्रस्ट के नीचे स्थित है और 2900 किमी. तक मोटा है। इसमें गर्म, घने, लौह एवं मैग्नीशियम युक्त ठोस चट्टान शामिल हैं।
- क्रोड: यह पृथ्वी का केंद्र है और दो भागों तरल बाहरी क्रोड और ठोस आंतरिक क्रोड से बना है। बाहरी क्रोड निकल, लोहा और पिघली हुई चट्टान से बना है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न 0प्रिलिम्स:प्रश्न. पृथ्वी ग्रह की संरचना में मैंटल के नीचे कोर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से किससे बना है? (2009) (a) अल्युमीनियम उत्तर: (c) मेन्स:प्रश्न. मेंटल प्लूम को परिभाषित कीजिये तथा प्लेट विवर्तनिकी में इसकी भूमिका की व्याख्या कीजिये। (2018) |
स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 27 जनवरी, 2023
खादी और ग्रामोद्योग आयोग की प्रदर्शनी
मुंबई के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में 26 जनवरी से एक फरवरी तक चलने वाली खादी और ग्रामोद्योग आयोग की प्रदर्शनी प्रारंभ हो गई है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में प्रदर्शनी आयोजित करने का उद्देश्य खरीदारों और प्रदर्शनी में सामान पेश करने वालों के मध्य परस्पर संवाद स्थापित करना तथा उत्पाद खरीदने हेतु समझौता कराना है। इस प्रदर्शनी का आयोजन आयोग के महाराष्ट्र कार्यालय द्वारा प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है। इसमें करीब 40 पंजीकृत खादी संस्थानों के साथ-साथ देश के 15 राज्यों के प्रधानमंत्री रोज़गार सृजन कार्यक्रम व ग्रामीण रोज़गार सृजन कार्यक्रम से जुड़ी इकाइयों ने हिस्सा लिया। इन इकाइयों ने निर्यात गुणवत्ता वाली खादी और पर्यावरण अनुकूल ग्रामीण उद्योगों के उत्पाद पेश किये। इन उत्पादों को पारंपरिक कारीगरों द्वारा तैयार किया गया है। आयोग ने विकास और संचालन कार्य हेतु व्यक्तियों और संस्थानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिये ऋण की राशि को बढ़ाकर 25 लाख रुपए तक कर दिया है। आयोग का कारोबार बीते साल करीब एक करोड़ 15 लाख रुपए का रहा। इस मौके पर महाराष्ट्र खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के चेयरपर्सन रविन्द्र साठे ने कहा कि महाराष्ट्र खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, राज्य में खादी को बढ़ावा देने हेतु अनोखी पहल शुरू करेगा।
हरित रेलवे स्टेशन प्रमाणपत्र
ईस्ट कोस्ट रेलवे के अंतर्गत आने वाले विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन को हरित अवधारणाएँ अपनाने के लिये इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) द्वारा उच्चतम प्लेटिनम रेटिंग के साथ 'हरित रेलवे स्टेशन प्रमाणपत्र' से सम्मानित किया गया है। यह पहल प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को काफी हद तक कम करने में मदद कर सकती है। 24 जनवरी, 2023 को विशाखापत्तनम में आयोजित एक समारोह में IGBC विशाखापत्तनम चैप्टर के अध्यक्ष डॉ. एस विजय कुमार ने DRM को यह प्रमाणपत्र प्रदान किया। विशाखापत्तनम इस प्रतिष्ठित प्रमाणपत्र को प्राप्त करने वाले देश के कुछ प्रमुख रेलवे स्टेशनों में से एक है। विशाखापत्तनम ने पर्यावरण संबंधी छह श्रेणियों में 100 में से 82 अंक हासिल किये हैं। हरित रेलवे स्टेशन रेटिंग प्रणाली को भारतीय रेलवे के पर्यावरण निदेशालय द्वारा IGBC के सहयोग से विकसित किया गया है। इस प्रणाली में जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन, ऊर्जा दक्षता, जीवाश्म ईंधन के सीमित उपयोग, प्राकृतिक सामग्री के उपयोग पर न्यूनतम निर्भरता और उपयोगकर्त्ताओं के स्वास्थ्य एवं कल्याण जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं का ध्यान रखा जाता है। विशाखापत्तनम रेलवे स्टेशन ने दीर्घकालिक सुविधाओं, स्वास्थ्य, स्वच्छता, ऊर्जा एवं जल दक्षता, स्मार्ट हरित पहल, नवाचार और विकास जैसी श्रेणियों में शानदार प्रदर्शन किया है।
‘शी फीड्स द वर्ल्ड’ (She Feeds the World’s) कार्यक्रम
पेप्सिको और CARE ने भारत में ‘शी फीड्स द वर्ल्ड’ (She Feeds the World) कार्यक्रम शुरू किया है। यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये है, जो मुख्य रूप से छोटे पैमाने की महिला उत्पादकों पर केंद्रित होगा। विकासशील देशों में सभी कृषि श्रमिकों में महिलाएँ लगभग आधी हैं और पुरुषों की तुलना में प्रति सप्ताह 13 घंटे अधिक कार्य करती हैं। अनुसंधान से पता चलता है कि यदि पुरुषों के समान महिला किसानों की संसाधनों तक पहुँच सुनिश्चित होती है, तो वे अपने खेतों की उपज में 20-30 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकती हैं, इससे संभवतः विश्व में भूखे लोगों की संख्या को 150 मिलियन तक कम किया जा सकता है। इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में फसल की उपज बढ़ाना, बीपीएल परिवारों की महिलाओं की आय में वृद्धि करना, स्वस्थ और संतुलित आहार तक पहुँच सुनिश्चित करने के साथ ही सतत् कृषि पर महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है। यह कार्यक्रम कृषि क्षेत्र में लैंगिक असमानता को कम करने तथा देश में कृषि परिवारों को एक स्थिर आय प्राप्त करने में मदद करेगा, साथ ही सतत् कृषि पर महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेगा। प्रारंभ में इस कार्यक्रम को पश्चिम बंगाल के कूचबिहार ज़िले और अलीपुरद्वार ज़िले में लागू किया जाएगा। पेप्सिको तथा केयर का लक्ष्य इस कार्यक्रम के माध्यम से 48,000 से अधिक महिलाओं की स्थिति में सुधार करना है। पश्चिम बंगाल के 1.5 मिलियन से अधिक लोग इससे लाभान्वित होंगे।
लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा
74वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्यपथ (पहले राजपथ) पर आयोजित परेड में भारतीय सेना ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया। इस वर्ष की परेड का नेतृत्त्व महिला जवानों ने भी किया। लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड- 2023 में कर्तव्य पथ पर भारत में निर्मित (मेड इन इंडिया) मिसाइल प्रणाली "आकाश" का नेतृत्त्व किया। लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा वायु रक्षा रेजिमेंट में सैन्य अधिकारी हैं। वायु रक्षा रेजिमेंट का उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये आकाश को ड्रोन और दुश्मन के विमानों से बचाना है। लेफ्टिनेंट चेतना शर्मा राजस्थान के खाटू श्याम गाँव की रहने वाली हैं। बचपन से ही उन्होंने सेना में कॅरियर बनाने का लक्ष्य रखा था। चेतना शर्मा ने एनआईटी भोपाल से स्नातक की पढ़ाई करने के बाद सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा के लिये प्रयास किया, जिसमें उन्होंने 6वें प्रयास में सफलता प्राप्त की।
गणतंत्र दिवस और 26 जनवरी का इतिहास
भारत के संविधान को 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा आधिकारिक रूप से अपनाया गया था, हालाँकि गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को मनाया जाता है। ऐसा इसलिये है क्योंकि ब्रिटिश शासन से पूर्ण स्वतंत्रता के लक्ष्य के साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम के अंतिम चरण की शुरुआत करते हुए ऐतिहासिक "पूर्ण स्वराज" की घोषणा 26 जनवरी, 1930 को आधिकारिक तौर पर की गई थी। डोमिनियन स्टेटस की मांग करने वाली मोतीलाल नेहरू रिपोर्ट 1927 का विरोध करते हुए एस.सी. बोस और जवाहर लाल नेहरू जैसे युवा नेता भारत के लिये पूर्ण स्वतंत्रता चाहते थे। 19 दिसंबर, 1929 को "पूर्ण स्वराज" प्रस्ताव को कॉन्ग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पारित किया गया था और 26 जनवरी, 1930 को आधिकारिक रूप से स्वीकार किया गया था। जब तक भारत आज़ाद नहीं हुआ था यानी वर्ष 1930-1947 तक भारत ने 26 जनवरी को "स्वतंत्रता दिवस" के रूप में मनाया। इस प्रकार जब नेताओं को भारत के नए संविधान को लागू करने के लिये दिन तय करना था, तो 26 जनवरी को आदर्श माना गया।
और पढ़ें.. गणतंत्र दिवस 2022
कूनो चीता हेप्टोरीनल संक्रमण से पीड़ित
कूनो नेशनल पार्क, मध्य प्रदेश में स्थानांतरित किये गए 8 चीतों में से एक में हेप्टोरीनल संक्रमण पाया गया है। हेप्टोरीनल संक्रमण एक ऐसी स्थिति है जिसमें यकृत की कार्यप्रणाली विकृत होने से रोगी को गुर्दे में समस्या होने लगती है। सितंबर 2022 में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को कुनो पालपुर नेशनल पार्क में छोड़ा गया था। यह बड़े जंगली मांसाहारी पशुओं का दुनिया का पहला अंतर-महाद्वीपीय स्थानांतरण था।
और पढ़ें…भारत में चीतों का पुनर्वास
‘T+1’ निपटान
भारतीय शेयर बाज़ारों ने बड़े शेयरों की अंतिम सूची के लिये एक छोटे निपटान चक्र या T+1 व्यवस्था की शुरुआत की है, जो ग्राहकों की मार्जिन आवश्यकताओं को कम करने और खुदरा निवेश को बढ़ावा देने में मदद करेगा। T+1 (ट्रेड प्लस वन) का अर्थ है कि वास्तविक लेन-देन होने के एक दिन के भीतर बाज़ार व्यापार से संबंधित निपटान को समाप्त करने की आवश्यकता होगी। इससे पहले भारतीय स्टॉक एक्सचेंजों पर लेन-देन (T+2) किये जाने के बाद 2 कार्य दिवसों में ट्रेडों का निपटान किया जाता था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने नवंबर 2021 में संयुक्त रूप से बाज़ार मूल्य के संदर्भ में नीचे के 100 शेयरों के साथ चरणबद्ध तरीके से T+1 निपटान चक्र को लागू करने की योजना की घोषणा की।