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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 26 Aug, 2021
  • 14 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रिलिम्स फैक्ट्स: 26 अगस्त, 2021

37वीं प्रगति बैठक

37th Pragati Meeting

हाल ही में प्रधानमंत्री ने ‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन’ (प्रगति) के 37वें संस्करण की अध्यक्षता की। यह सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित एक मल्टीमॉडल प्लेटफॉर्म है, जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकारें शामिल हैं।

  • इस बैठक के दौरान प्रधानमंत्री ने 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' (ONORC) योजना समेत 1,26,000 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की।
  • 'वन नेशन-वन राशन कार्ड' योजना का उद्देश्य राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 के तहत देश में कहीं भी किसी भी उचित मूल्य की दुकान पर प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को रियायती खाद्यान्न उपलब्ध कराना है।

प्रमुख बिंदु

‘प्रो-एक्टिव गवर्नेंस एंड टाइमली इम्प्लीमेंटेशन’ (प्रगति)

  • इसे वर्ष 2015 में लॉन्च किया गया था ।
  • इसे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की टीम ने राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Center- NIC) की मदद से डिज़ाइन किया है।
  • यह प्रधानमंत्री को विभिन्न मुद्दों पर ज़मीनी स्तर की जानकारी प्राप्त करने के लिये केंद्र एवं राज्य के अधिकारियों के साथ चर्चा करने में सक्षम बनाता है।
    • यह मंच तीन प्रकार की नवीनतम प्रौद्योगिकियों: डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी को एक साथ लाता है।
  • यह एक त्रिस्तरीय प्रणाली है (प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव)।

उद्देश्य

  • शिकायत निवारण
  • कार्यक्रम क्रियान्वयन
  • परियोजना निगरानी

महत्त्व

  • यह भारत सरकार के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों को एक साथ एक मंच पर लाकर देश में सहकारी संघवाद को बढ़ावा देता है।
  • यह मंच रियल टाइम उपस्थिति और प्रमुख हितधारकों के बीच विनिमय के साथ ई-पारदर्शिता एवं ई-जवाबदेही हेतु एक मज़बूत प्रणाली है। 
  • यह ई-गवर्नेंस और सुशासन हेतु एक अभिनव परियोजना है।

चिंताएँ

  • राज्यों के राजनीतिक प्रतिनिधियों को शामिल किये बिना राज्य सचिवों के साथ प्रधानमंत्री की प्रत्यक्ष बातचीत राज्य की राजनीतिक कार्यकारिणी को कमज़ोर कर रही है।
  • यह भी कहा जाता है कि यह प्रधानमंत्री के अतिरिक्त संवैधानिक कार्यालय में शक्ति के संकेंद्रण को बढ़ावा देती है।

AY.12 : डेल्टा वेरिएंट का उपवंश

AY.12 : Delta Variant Sub-lineage

भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोविड-19 के डेल्टा वेरिएंट का एक नया उपवंश AY.12 जिसे हाल ही में इज़राइल में वर्गीकृत किया गया है, भारत के भी कई हिस्सों में देखा जा रहा है।

  • जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) एक सतत् अनुक्रमण प्रयास द्वारा SARS-CoV-2 में जीनोमिक विविधताओं की निगरानी करने हेतु एक मल्टी-लेबोरेटरी, मल्टी-एजेंसी, अखिल भारतीय नेटवर्क है।

प्रमुख बिंदु 

AY.12 के बारे में:

  • NSACOG द्वारा बताया गया है कि भारत में डेल्टा के रूप में वर्गीकृत कई मामलों को अब AY.12 के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया जा रहा है और इन  पर कड़ी नज़र रखी जा रही है।
    • यह पुनर्वर्गीकरण मुख्य रूप से सूक्ष्म-महामारी विज्ञान के अध्ययन के लिये किया गया है और यह महत्त्वपूर्ण उत्परिवर्तन/म्यूटेशन पर आधारित नहीं है। इस प्रकार  वर्तमान में यह ज्ञात नहीं है कि AY.12 नैदानिक रूप से डेल्टा से भिन्न है या नहीं।
  • हालाँकि AY.12 से जुड़ा कोई चिंताजनक कारक नहीं देखा गया है। यह INSACOG की निगरानी में आ गया है क्योंकि यह इज़राइल में 60% टीकाकरण होने के बावजूद उत्पन्न हो रहा है।

डेल्टा वेरिएंट:

  • B.1.617.2-जिसे डेल्टा वेरिएंट भी कहा जाता है, के बारे में माना जाता है कि यह अन्य वेरिएंट की तुलना में तेज़ी से फैलता है। डेल्टा वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है जो पहले के वेरिएंट की तुलना में दोगुना अधिक संक्रामक है।
  • इसने कई उपवंशों को जन्म दिया है जिन्हें 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट कहा जाता है जो इसके अधिकांश विशिष्ट उत्परिवर्तन को सहन करने में सक्षम हैं लेकिन वे और अन्य तरीकों में एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।

डेल्टा वेरिएंट के अधिक संक्रामक होने का कारण:

  • डेल्टा वेरिएंट की अधिक संक्रामकता का कारण एक प्रमुख अमीनो एसिड का उत्परिवर्तन (Amino Acid Mutation) हो सकता है।
  • शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने एक प्रमुख उत्परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया है जो SARS-CoV-2 स्पाइक प्रोटीन में एकल अमीनो एसिड को परिवर्तित करता है। 
  • इस परिवर्तन को P681R कहा जाता है और यह एक प्रोलाइन के अवशेष (Proline Residue) को एक आर्जिनिंन (Arginine) में बदल देता है।
    • आर्जिनिंन एक केमिकल बिल्डिंग ब्लॉक (Chemical Building Block) है जिसे अमीनो एसिड कहा जाता है।
    • प्रोलाइन, अल्फा-हेलिक्स या बीटा-शीट संरचना के समान रीढ़ की हड्डी को बाधित कर प्रोटीन की द्वितीयक संरचना (Protein Secondary Structure) को बाधित करता है।

वायरस वेरिएंट

  • वायरस के वेरिएंट में एक या अधिक उत्परिवर्तन होते हैं जो इसे अन्य प्रचलित वेरिएंट से अलग करते हैं। जबकि अधिकांश उत्परिवर्तन वायरस के लिये हानिकारक होते हैं तथा कुछ वायरस के जीवित रहने में साहयक होते हैं।
  • SARS-CoV-2 (कोरोना) वायरस ने जितनी तीव्रता के साथ वैश्विक स्तर पर लोगों को संक्रमित किया है, इसका मतलब है कि यह तेज़ी से विकसित हो रहा है । वायरस के उच्च स्तर पर प्रसार का मतलब है कि वायरस आसानी से स्वयं को दुगनी गति से प्रसारित करने हेतु परिवर्तित करने में सक्षम है। 

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 अगस्त, 2021

'सुजलम' अभियान 

जल शक्ति मंत्रालय ने हाल ही में 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' समारोह के अंतर्गत 'सुजलम' अभियान की शुरुआत की है, जिसके द्वारा ग्रामीण स्तर पर अपशिष्ट जल प्रबंधन संबंधी गतिविधियों जैसे- दस लाख सोख-गड्ढों का निर्माण और अन्य ग्रेवाटर प्रबंधन गतिविधियों के माध्यम से अधिक-से-अधिक गाँवों को ओडीएफ प्लस गाँवों में परिवर्तित करने का प्रयास किया जाएगा। इस अभियान को आगामी 100 दिनों के लिये संचालित किया जाएगा। इस अभियान के माध्यम से न केवल गाँवों में ग्रेवाटर प्रबंधन के लिये वांछित बुनियादी संरचना अर्थात् सोख गड्ढों का निर्माण किया जाएगा, बल्कि जल के सतत् प्रबंधन में भी सहायता प्राप्त होगी। गौरतलब है कि गाँवों में या गाँवों के बाहरी इलाकों में गंदे पानी का निष्कासन और जल निकायों का निस्तारण एक बहुत बड़ी समस्या बनी हुई है। इस अभियान से अपशिष्ट जल प्रबंधन में सहायता प्राप्त होगी और साथ ही जल निकायों को पूर्वरूप में लाने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा इस अभियान के माध्यम से सामुदायिक भागीदारी द्वारा ‘स्वच्छ भारत मिशन- ग्रामीण’ के फेज़-II की गतिविधियों को तीव्रता प्राप्त होगी तथा इससे ओडीएफ-प्लस गतिविधियों के बारे में जागरूकता को और अधिक बढ़ावा मिलेगा। इस अभियान के अंतर्गत गाँवों में आयोजित की जाने वाली प्रमुख गतिविधियों में- सामुदायिक परामर्श और ग्राम सभा का आयोजन, 100 दिवसीय कार्ययोजना विकसित करना, आवश्यक सोख गड्ढों का निर्माण करना, शौचालयों का निर्माण करना और गाँव के सभी परिवारों को शौचालय की सुविधा प्रदान करना आदि शामिल हैं। 

ऑपरेशन देवी शक्ति

तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा करने के बाद काबुल से भारतीय नागरिकों और अफगान भागीदारों को बाहर निकालने के लिये भारत ने ‘ऑपरेशन देवी शक्ति’ नाम से एक अभियान की शुरुआत की है। इस जटिल निकासी अभियान की शुरुआत तालिबान द्वारा अफगान राजधानी पर कब्ज़ा करने के एक दिन बाद 16 अगस्त को तब हुई थी, जब भारत द्वारा 40 भारतीयों को काबुल से एयरलिफ्ट किया गया था। काबुल में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनज़र इस अभियान के तहत अब तक भारत ने कुल 800 से अधिक लोगों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है। बीते दिनों अमेरिकी सेना की वापसी के बाद अफगानिस्तान के कट्टरपंथी राजनीतिक और सैन्य संगठन तालिबान ने राजधानी काबुल पर कब्ज़ा कर लिया था, जिसके बाद से अफगानिस्तान में स्थिति काफी अस्थिर एवं चिंताजनक बनी हुई है, ऐसे में तमाम देशों द्वारा अपने नागरिकों और अफगान भागीदारों को बाहर निकालने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं। यद्यपि तालिबान ने घोषणा की है कि किसी के साथ भी हिंसा नहीं की जाएगी और वह शांतिपूर्ण ट्रांज़िशन प्रक्रिया का सम्मान करेगा, किंतु लोगों के बीच तालिबान शासन को लेकर डर बना हुआ है। 

‘फतह-1’ रॉकेट सिस्टम

पाकिस्तान ने हाल ही में स्वदेश में विकसित निर्देशित मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम ‘फतह-1’ का सफल परीक्षण किया है। पाकिस्तानी सेना द्वारा इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, यह हथियार प्रणाली पाकिस्तानी सेना को सटीक निशाना लगाने की क्षमता प्रदान करेगी। यह रॉकेट पारंपरिक आयुध पहुँचाने में सक्षम है। ‘फतह-1’ हथियार प्रणाली 140 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह ‘फतह-1’ हथियार प्रणाली का दूसरा परीक्षण था। पाकिस्तान ने जनवरी 2021 में स्वदेश में विकसित ‘फतह-1’ का पहला परीक्षण किया था। इससे पूर्व पाकिस्तान ने 14 अगस्त को परमाणु सक्षम सतह-से-सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइल 'गज़नवी' का सफल परीक्षण किया है। यह 290 किलोमीटर की रेंज तक कई तरह के हथियार पहुँचाने में सक्षम है। इससे पूर्व पाकिस्तान ने शाहीन-3 और बाबर क्रूज़ मिसाइल को भी लॉन्च किया था।

आइन दुबई: सबसे ऊँचा ऑब्ज़र्वेशन व्हील

हाल ही में दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊँचा ऑब्ज़र्वेशन व्हील- ‘आइन दुबई’ शुरू किया गया है। ‘लंदन आई’, जो कि अब तक दुनिया का सबसे ऊँचा ऑब्ज़र्वेशन व्हील था, की ऊँचाई से भी लगभग दोगुना ‘आइन दुबई’ आगंतुकों को 250 मीटर की ऊँचाई तक से दुबई के सुरम्य क्षितिज के राजसी दृश्य का आनंद प्रदान करता है। ब्लूवाटर्स द्वीप पर स्थित ‘आइन दुबई’, दुबई के विश्व प्रसिद्ध आकर्षणों की सूची में एक नए नाम के तौर पर शामिल हुआ है। इसमें प्राइवेट केबिन भी मौजूद हैं। 


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