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प्रश्न :
सुशासन से आप क्या समझते हैं? क्या यह प्रशासन में शुचिता लाने में कारगर सिद्ध हो सकता है? विश्लेषण कीजिये।
03 Jul, 2018 सामान्य अध्ययन पेपर 4 सैद्धांतिक प्रश्नउत्तर :
उत्तर की रूपरेखा :
- सुशासन क्या है?
- शुचिता किसे कहते हैं?
- सुशासन प्रशासन में शुचिता लाने में कारगर कैसे सिद्ध हो सकता है?
- एक दूसरे की पूरकता को दर्शाते हुए निष्कर्ष लिखें।
सुशासन का आशय है किसी सामाजिक-राजनैतिक इकाई को इस प्रकार चलाना कि वह सकारात्मक परिणाम दे।
योजना आयोग तथा विश्व बैंक द्वारा सुशासन की निम्नलिखित विशेषताएँ बताई गई हैं।
- स्वतंत्र तथा निष्पक्ष चुनाव
- सरकारी संस्थाओं की जवाबदेहिता तथा पारदर्शिता
- सत्ता का विकेंद्रीकरण तथा प्रशासन में जनता की भागीदारी
- सामाजिक-आर्थिक सेवाओं की समयबद्ध उपलब्धता
- मितव्ययिता व कार्यकुशलता
- प्रशासन में नैतिकता
- वंचित वर्गों का संवर्द्धन
- पर्यावरण की दृष्टि से धारणीय विकास पर बल
सुशासन को सुनिश्चित करने के लिये शुचिता, दक्षता और प्रभावी शासन व्यवस्था आदि सामाजिक और आर्थिक विकास के लिये आवश्यक तत्त्व होते हैं। शासन में ईमानदारी कुछ आधारों पर तय की जा सकती है, जैसे-
- प्रभावी कानून व नियमों का निर्माण
- उनको प्रभावी ढंग से लागू किया जाना।
नैतिकता के संदर्भ में सबसे बड़ा नैतिक मूल्य यह है कि कानून का ईमानदारी से पालन किया जाए। दूसरे शब्दों में कानून, नियम तथा संहिताएँ वे घेरे हैं, जिसमें प्रशासनिक नैतिकता को बांधकर देखा गया है।
सभी कानून व्याख्या चाहते हैं और व्याख्या करने वाला प्रशासक भी एक इंसान है। ऐसे में प्रशासक के नैतिक मूल्य ही निर्धारित करते हैं कि वह व्याख्या कैसी करता है।
प्रशासन में शुचिता, स्वच्छता, कर्त्तव्य परायणता आदि गुणों को मज़बूत करने तथा सुशासन के स्तर को निरंतर जनोन्मुख बनाने के लिये आवश्यक है कि प्रशासन में उच्चस्तरीय शुचिता का समावेश हो जिससे सुशासन के लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।
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