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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 24 Aug, 2023
  • 22 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कच्चातिवु द्वीप

हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कच्चातिवु द्वीप को लेकर फिर से बहस शुरू कर दी है, इस निर्जन द्वीप पर मत्स्य पालन का अधिकार और संप्रभुता को लेकर यह भारत और श्रीलंका के बीच लंबे समय से विवाद का मुद्दा रहा है।

कच्चातिवु द्वीप मुद्दे से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • ऐतिहासिक पृष्ठभूमि:
    • कच्चातिवु भारत और श्रीलंका के बीच पाक जलसंधि (Palk Strait) में 285 एकड़ में विस्तृत एक निर्जन स्थान है, जो भारत के रामेश्वरम से लगभग 14 समुद्री मील की दूरी पर स्थित एक द्वीप है।
    • वर्ष 1974 में भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और श्रीलंका की सिरिमा आर.डी. भंडारनायके ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिससे कच्चातिवु को श्रीलंका क्षेत्र के हिस्से के रूप में मान्यता दी गई, समझौते के परिणामस्वरूप इस क्षेत्र के स्वामित्व में परिवर्तन हुआ।
      • समझौते ने भारतीय मछुआरों को द्वीप के आस-पास मछली पकड़ने, वहाँ अपने जाल सुखाने की अनुमति के साथ भारतीय तीर्थयात्रियों को द्वीप पर स्थित कैथोलिक तीर्थ की यात्रा करने की अनुमति दी।
  • मछली पकड़ने का अधिकार और आजीविका:
    • भारत और श्रीलंका दोनों देशों के मछुआरों ने ऐतिहासिक रूप से मछली पकड़ने के लिये कच्चातिवु का उपयोग किया है। हालाँकि इस सुविधा को वर्ष 1974 के समझौते में स्वीकार किया गया था, पूरक समझौते पर वर्ष 1976 में हस्ताक्षर किये गए थे।
      • वर्ष 1976 के समझौते का उद्देश्य दोनों देशों के लिये समुद्री सीमाओं और विशेष आर्थिक क्षेत्रों को परिभाषित करना था, साथ ही दोनों देशों के मछली पकड़ने वाले जहाज़ों तथा मछुआरों पर प्रतिबंध लगाना, दोनों देशों में से किसी की भी स्पष्ट अनुमति के बिना एक-दूसरे के जल क्षेत्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगाना था।
  • भारत सरकार का रुख और कानूनी पहलू:
    • भारत सरकार ने 2013 में स्पष्ट किया कि पुनः प्राप्ति का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि कोई भी भारतीय क्षेत्र हस्तांतरित नहीं किया गया था।
    • इस मुद्दे को ब्रिटिश भारत और सीलोन (अब श्रीलंका) के मध्य विवाद के रूप में उठाया गया था, जिसे 1974 और 1976 में समझौतों के माध्यम से हल किया गया था।
    • केंद्र सरकार ने दावा किया कि कच्चातिवु भारत-श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा के श्रीलंकाई हिस्से पर स्थित है।
  • राजनीतिक और जनभावना:
    • कच्चातिवु का स्थानांतरण भारत की संसद के दोनों सदनों में विरोध और बहस शुरू होने का कारण बना।
    • तमिलनाडु के नेताओं ने समय-समय पर द्वीप की पुनः प्राप्ति की मांग उठाई है।
    • इस द्वीप के "स्थायी पट्टे” (एक पट्टा विलेख जिसमें कोई निर्दिष्ट समय अवधि नहीं होती) की मांग वर्षों से की जा रही है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. कभी-कभी समाचारों में देखा जाने वाला एलीफेंट पास का उल्लेख निम्नलिखित में से किस मामले के संदर्भ में किया जाता है? (2009)

(a) बांग्लादेश|
(b) भारत
(c) नेपाल
(d) श्रीलंका

उत्तर: (d)


मेन्स:

प्रश्न. भारत-श्रीलंका संबंधों के संदर्भ में विवेचना कीजिये कि किस प्रकार आतंरिक (देशीय) कारक विदेश नीति को प्रभावित करते हैं। (2013)

प्रश्न. 'भारत श्रीलंका का बरसों पुराना मित्र है’। पूर्ववर्ती कथन के आलोक में श्रीलंका के वर्तमान संकट में भारत की भूमिका की विवेचना कीजिये। (2022)

स्रोत: द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक

स्रोत: पी.आई.बी.

बैंकिंग सेवाओं के क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी बदलाव करते हुए इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अपने लाभ का सिलसिला जारी रखा है, यह इसके स्थायी वित्तीय समावेशन और नागरिक सशक्तीकरण के प्रति दृढ़ समर्पण को दर्शाता है।

  • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 20.16 करोड़ रुपए का परिचालन लाभ और कुल राजस्व में 66.12 प्रतिशत की वृद्धि कर असाधारण उपलब्धि हासिल की, यह बैंक के लिये ज़बरदस्त प्रगति का वर्ष रहा। 

इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक:

  • परिचय:
    • भारत सरकार के स्वामित्व वाली 100% इक्विटी के साथ इसे 1 सितंबर, 2018 को लॉन्च किया गया।
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने आरंभिक शाखाओं के शुभारंभ के साथ एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत की।
      • इसकी आरंभिक शाखाएँ राँची, झारखंड और रायपुर, छत्तीसगढ़ में खोली गईं।
    • 1,55,000 डाकघर और 3,00,000 डाक कर्मचारियों के साथ भारत का विशाल डाक बुनियादी ढाँचा इसमें अहम भूमिका निभाता है।
  • उद्देश्य: सभी नागरिकों के लिये सुलभ, किफायती और विश्वसनीय बैंक की उपलब्धता सुनिश्चित  कराना।
  • सिद्धांत और दृष्टिकोण:
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक अपने परिचालन के लिये इंडिया स्टैक के सिद्धांतों को अपनाता है।
      • पेपरलेस, कैशलेस और उपस्थिति-रहित बैंकिंग: इसका उद्देश्य नवीन प्रौद्योगिकी एवं  सुरक्षित लेन-देन के माध्यम से बैंकिंग की सुविधा प्रदान करना है।
    • यह निर्बाध लेन-देन के लिये बायोमेट्रिक्स एकीकृत स्मार्टफोन और बायोमेट्रिक डिवाइस की व्यवस्था सुनिश्चित करता है।
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक 13 भाषाओं में उपलब्ध सहज इंटरफेस के माध्यम से सरल और किफायती बैंकिंग समाधान प्रदान करता है।
  • वित्तीय समावेशन को सशक्त बनाना:
    • इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक बैंकिंग सुविधाओं से वंचित और बैंकिंग सुविधाओं तक कम पहुँच वाले लोगों की सेवा के लिये प्रतिबद्ध है।
    • इसने कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण में योगदान दिया है।
    • वित्तीय सुरक्षा और सशक्तीकरण के लिये समान अवसर सुनिश्चित किये गए हैं।
  • सशक्तीकरण पहल:
  • भविष्य के लक्ष्य: 
    • इसका लक्ष्य एक सार्वभौमिक सेवा मंच के रूप में परिवर्तित होना है।
    • विस्तारित पहुँच के लिये प्रौद्योगिकी का लाभ उठाना।
    • नागरिकों को सशक्त बनाने और डिजिटल रूप से समावेशी समाज में योगदान करने के लिये नवाचार पर ध्यान केंद्रित करना।

पेमेंट बैंक:

  • पेमेंट बैंक विभेदित बैंकिंग लाइसेंस प्रदान करने की भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) की रणनीति का हिस्सा थे।
  • डॉ. नचिकेत मोर की अध्यक्षता वाली एक समिति ने निम्न आय वर्ग और छोटे व्यवसायों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये 'पेमेंट्स बैंक' स्थापित करने की सिफारिश की।
    • पेमेंट बैंक एक विभेदित बैंक है, जो उत्पादों की सीमित शृंखला पेश करता है।
  • यह केवल बचत और चालू खातों में मांग जमा स्वीकार कर सकता है, सावधि जमा नहीं।
  • प्रत्येक ग्राहक पेमेंट्स बैंक खाते में अधिकतम 2,00,000 रुपए की शेष राशि  रख सकता है।
  • पेमेंट्स बैंक गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा गतिविधियाँ शुरू करने के लिये सहायक कंपनियाँ स्थापित नहीं कर सकते हैं।

प्रारंभिक परीक्षा

प्रोजेक्ट वर्ल्डकॉइन

स्रोत: द हिंदू

हाल ही में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) कंपनी OpenAI द्वारा वर्ल्डकॉइन नामक एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया है। यह परियोजना दुनिया की सबसे बड़ी पहचान और वित्तीय सार्वजनिक नेटवर्क बनाने का दावा करती है।

प्रोजेक्ट वर्ल्डकॉइन:

  • परिचय:
    • वर्ल्डकॉइन डिजिटल नेटवर्क बनाने की एक पहल है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति किसी-न-किसी तरह की हिस्सेदारी का दावा कर सकता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था में शामिल हो सकता है।
  • वर्ल्डकॉइन कार्य प्रक्रिया:
    • यह पहल बायोमेट्रिक (आइरिस) डेटा एकत्र करने और प्रतिभागियों को वर्ल्ड एप के माध्यम से वर्ल्ड आईडी प्राप्त करने में मदद करने के लिये "ऑर्ब" नामक एक उपकरण का उपयोग करती है।
    • वर्ल्डकॉइन नेटवर्क केवल तभी कार्य कर सकता है जब उपयोगकर्त्ता आईरिस को स्कैन करने के इच्छुक हों और/या अपने स्वयं के आईरिस को स्कैन करवाएँ।
    • वर्ल्ड आईडी धारक और ऐसे लोग जिन्होंने अपनी आँखों की पुतलियों को स्कैन करवा लिया है, वे इसका उपयोग डब्ल्यूएलडी क्रिप्टो (WLD crypto) पर दावा करने के लिये  कर सकते हैं, जिससे वे लेन-देन कर सकते हैं (यदि संभव हो और कानूनी हो) या परिसंपत्ति को इस उम्मीद के साथ रख सकते हैं कि इसकी कीमत बढ़ सकती है।
    • वर्ल्डकॉइन का दावा है कि प्रतिलिपिकरण से बचने के लिये बायोमेट्रिक जानकारी की मदद से इस नेटवर्क में सभी को सम्मिलित करने का एक वैध तरीका है।
      • इस प्रक्रिया को "व्यक्तित्व का प्रमाण" कहा जाता है और यह लोगों को क्रिप्टो के बदले बार-बार नाम दर्ज करने से रोकने में मदद करता है।  

  • भारत में वर्ल्डकॉइन:
    • कंपनी ने दावा किया कि भारत ने अपनी आधार (Aadhaar) प्रणाली के माध्यम से "बायोमेट्रिक्स की प्रभावशीलता सिद्ध की है"।
    • वर्ल्डकॉइन ने भारत में 18 स्थानों को सूचीबद्ध किया है जिसमें मुख्य रूप से दिल्ली, नोएडा और बंगलूरू शामिल हैं जहाँ ऑर्ब ऑपरेटर (Orb operators) लोगों की आँखों  को स्कैन कर सकते हैं। 
  • वर्ल्डकॉइन की आलोचना:
    • गोपनीयता, डेटा सुरक्षा और बायोमेट्रिक स्कैन की वैधता जैसे चिंता के विषयों पर वर्ल्डकॉइन को शुरुआती रूप से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।

क्रिप्टोकरेंसी:

  • क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है जो सुरक्षा के लिये क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है।
  • यह एक विकेंद्रीकृत मुद्रा है, अर्थात् यह किसी सरकार या संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं है।
  • क्रिप्टोकरेंसी के कुछ उदाहरणों में बिटकॉइन, इथेरियम और लाइटकॉइन शामिल हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी के साथ लेन-देन को ब्लॉकचेन नामक सार्वजनिक डिजिटल बहीखाता पर दर्ज किया जाता है।
    • इस बहीखाते को दुनिया भर के कंप्यूटरों के एक नेटवर्क द्वारा बनाए रखा जाता है तथा प्रत्येक नए लेन-देन को इन कंप्यूटरों द्वारा सत्यापित किया जाता है और ब्लॉकचेन में जोड़ा जाता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. कभी-कभी सामाचारों में आने वाली 'बिटकॉइन्स' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2016)

1- बिटकॉइन्स की खोज-खबर देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी जाती है।
2- बिटकॉइन्स के पते वाला कोई भी व्यक्ति बिटकॉइन्स के पते वाले किसी अन्य व्यक्ति को बिटकाइन्स भेज सकता है या उससे प्राप्त कर सकता है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: B


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 अगस्त, 2023

KVIC ने रक्षाबंधन के लिये खादी रक्षासूत की शुरुआत की

  • खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission- KVIC) ने रक्षाबंधन के उपलक्ष्य में 'खादी रक्षासूत' की शुरुआत की।
    • KYIC खादी और ग्रामोद्योग आयोग अधिनियम, 1956 के तहत स्थापित एक वैधानिक निकाय है। यह MSME मंत्रालय के तहत कार्य करता है।
  • रक्षासूत का निर्माण ग्रामीण भारत में चरखे से विभिन्न प्रकार के सूत बनाने वाली कुछ समर्पित महिलाओं द्वारा किया गया है।
  • यह राखी पूरी तरह से प्राकृतिक है और किसी भी रासायनिक योजक से मुक्त है। इनमें से कुछ राखियाँ पवित्र गाय के गोबर और तुलसी, टमाटर तथा बैंगन के बीजों से बनाई गई हैं
    • इसके निर्माण के पीछे की अवधारणा यह है कि, जब इसे ज़मीन पर फेंक दिया जाएगा तो इससे तुलसी, टमाटर और बैंगन के पौधे अंकुरित होंगे।
  • 'खादी रक्षासूत' को एक 'पायलट प्रोजेक्ट' पहल के रूप में पेश किया जा रहा है जो विशेष रूप से नई दिल्ली के खादी भवन में उपलब्ध है।

और पढ़ें:   ग्रामोद्योग विकास योजना तथा ग्रामोद्योग

तेजस LCA ने स्वदेशी एस्ट्रा मिसाइल को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया

हाल ही में हल्के लड़ाकू विमान (LCA) तेजस ने गोवा के तट से ASTRA स्वदेशी बियॉन्ड विज़ुअल रेंज (BVR) हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल लॉन्च की।

  • ASTRA मिसाइल एक अत्याधुनिक रचना है जिसका उद्देश्य अत्यधिक फुर्तीले सुपरसोनिक हवाई लक्ष्यों को भेदना और निष्क्रिय करना है।
    • इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (DRDL), अनुसंधान केंद्र इमारत (RCI) तथा DRDO की अन्य प्रयोगशालाओं द्वारा डिज़ाइन एवं विकसित किया गया है।
  • LCA कार्यक्रम भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिये हल्के लड़ाकू विमान के विकास तथा उत्पादन हेतु वर्ष 1984 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक परियोजना है।
    • इसका प्रबंधन वैमानिकी विकास एजेंसी (ADA) द्वारा किया जाता है।

और पढ़ें… हल्के लड़ाकू विमान (LCA), तेजस, ASTRA  

डॉ. कल्यामपुड़ी राधाकृष्ण राव

कई मौलिक सांख्यिकीय अवधारणाओं को आगे बढ़ाने वाले विश्व प्रसिद्ध सांख्यिकीविद् डॉ. कल्यामपुड़ी राधाकृष्ण राव का 102 वर्ष की आयु में (22 अगस्त, 2023) निधन हो गया।

  • सी.आर. राव का जन्म 10 सितंबर, 1920 को कर्नाटक के बेल्लारी ज़िले में एक तेलुगू परिवार में हुआ था।
  • उन्होंने क्रैमर-राव असमानता और राव-ब्लैकवेलाइज़ेशन जैसी कई मौलिक सांख्यिकीय अवधारणाओं का नेतृत्व किया।
    • क्रैमर-राव लोअर बाउंड, यह जानने का एक साधन प्रदान करती है कि किसी मात्रा का अनुमान लगाने की विधि किसी भी विधि जितनी अच्छी है।
  • राव-ब्लैकवेलाइज़ेशन एक अनुमान को बेहतर- वास्तव में एक इष्टतम अनुमान में बदलने का एक साधन प्रदान करता है। साथ में ये परिणाम एक आधार बनाते हैं जिस पर अधिकांश सांख्यिकी निर्मित होते हैं।
  • राव-ब्लैकवेल प्रक्रिया को स्टीरियोलॉजी, कण फिल्टरिंग और कंप्यूटेशनल अर्थमिति सहित अन्य में लागू किया गया है, जबकि सिग्नल प्रोसेसिंग, स्पेक्ट्रोस्कोपी, रडार सिस्टम, मल्टीपल इमेज रेडियोग्राफी, जोखिम विश्लेषण तथा क्वांटम भौतिकी जैसे विविध क्षेत्रों में क्रैमर-राव लोअर बाउंड  का बहुत अधिक महत्त्व है। 
  • डॉ. राव को क्रमशः वर्ष 1969 और 2001 में भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

GeM ने हासिल किया रिकॉर्ड 145 दिनों में 1 लाख करोड़ रुपए का GMV 

सरकारी ई-मार्केटप्लेस (Government e-Marketplace- GeM) ने वित्त वर्ष 2023-24 में केवल 145 दिनों के भीतर ग्रॉस मर्चेंडाइज़ वैल्यू (Gross Merchandise Value- GMV) में 1 लाख करोड़ रुपए को पार करते हुए एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। पंचायत स्तर पर खरीद के लिये GeM को ई-ग्राम स्वराज के साथ भी एकीकृत किया गया है।

  • गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) एक ऑनलाइन सार्वजनिक खरीद पोर्टल है जिसे सरकारी विभागों, एजेंसियों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं के अधिग्रहण को सुव्यवस्थित करने के लिये विकसित किया गया है।
  • अगस्त 2016 में "डिजिटल इंडिया" पहल के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया GeM का उद्देश्य डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देते हुए सार्वजनिक खरीद में पारदर्शिता, दक्षता और लागत-प्रभावशीलता को बढ़ाना है।

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