प्रिलिम्स फैक्ट्स (24 Feb, 2022)



अभ्यास ईस्टर्न ब्रिज VI

हाल ही में भारतीय वायुसेना (IAF) और ओमान की रॉयल एयर फोर्स ने जोधपुर वायुसेना स्टेशन पर पाँच दिवसीय द्विपक्षीय अभ्यास शुरू किया। अभ्यास को ईस्टर्न ब्रिज VI नाम दिया गया है।

  • यह अभ्यास दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के अलावा परस्पर विचार-विमर्श, अनुभवों का आदान-प्रदान और परिचालन ज्ञान में वृद्धि करेगा।
  • अभ्यास ईस्टर्न ब्रिज V अक्तूबर 2019 में ओमान के एयर फोर्स बेस मसीरा में आयोजित किया गया था।

Oman

भारत के लिये ओमान का सामरिक महत्त्व:

  • परिचय:
    • ओमान, खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी रक्षा साझेदार है और भारत के रक्षा एवं सामरिक हितों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है।
      • ओमान होर्मुज़ जलडमरूमध्य के प्रवेश द्वार पर है जिसके माध्यम से भारत अपने तेल आयात का पाँचवाँ हिस्सा आयात करता है।
    • मज़बूत भारत-ओमान रणनीतिक साझेदारी के लिये रक्षा सहयोग एक प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है। रक्षा आदान-प्रदान एक फ्रेमवर्क एमओयू द्वारा निर्देशित होते हैं जिसे हाल ही में वर्ष 2021 में नवीनीकृत किया गया था।
    • ओमान खाड़ी क्षेत्र का एकमात्र देश है जिसके साथ भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों फोर्स नियमित रूप से द्विपक्षीय अभ्यास और स्टाफ वार्ता आयोजित करती हैं, इससे दोनों देशों के मध्य पेशेवर स्तर पर घनिष्ठ सहयोग और विश्वास स्थापित होता है।
      • नसीम अल-बहर (Naseem Al-Bahr) दोनों देशों के बीच आयोजित नौसैनिक अभ्यास है।.
      • अल नगाह (AL Nagah) दो देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास है।
      • ईस्टर्न ब्रिज (Eastern Bridge) दोनों  देशों की वायुसेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास है।
    • ओमान समुद्री डकैती रोधी अभियानों के लिये अरब सागर में भारतीय नौसेना की तैनाती को महत्त्वपूर्ण परिचालन सहायता भी प्रदान करता है।
    • ओमान हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) में भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेता रहा है।
    • भारत ने ओमान को राइफलों की आपूर्ति की है। साथ ही भारत ओमान में एक रक्षा उत्पादन इकाई स्थापित करने पर भी विचार कर रहा है।
  • ओमान में दुकम बंदरगाह तक पहुँच:
    • हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने हेतु एक रणनीतिक कदम के रूप में भारत ने सैन्य उपयोग और सैन्य समर्थन हेतु ओमान में दुकम के प्रमुख बंदरगाह तक पहुँच हासिल कर ली है।
    • यह कदम क्षेत्र में चीनी प्रभाव और गतिविधियों का मुकाबला करने हेतु भारत की समुद्री रणनीति का हिस्सा है।
    • दुकम बंदरगाह ओमान के दक्षिण-पूर्वी समुद्र तट पर स्थित है।
    • यह रणनीतिक रूप से ईरान में चाबहार बंदरगाह के निकट स्थित है। सेशल्स और मॉरीशस के अगालेगा में विकसित किये जा रहे असम्पशन द्वीप (Assumption Island) के साथ दुकम भारत के सक्रिय समुद्री सुरक्षा रोडमैप में सही बैठता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


खारे पानी का मगरमच्छ

खारे पानी के मगरमच्छ (Crocodylus Porosus),जो पहले वियतनाम और दक्षिणी चीन में पाए जाते थे, मानव गतिविधियों के कारण इन क्षेत्रों में विलुप्त हो गए।

Crocodile

खारे पानी का मगरमच्छ:

  • परिचय: 
    • यह मौजूदा जीवित मगरमच्छों की 23 प्रजातियों में सबसे बड़ी प्रजाति है। इसमें 'ट्रू क्रोकोडाइल', मगरमच्छ और कैमन शामिल हैं।
    • इसे 'एश्चुरिन क्रोकोडाइल' भी कहा जाता है और जैसा कि नाम से पता चलता है, यह आमतौर पर एश्चुरी के खारे पानी में पाया जाता है।
    • यह महासागरों में खारे पानी को भी सहन कर सकता है और ज्वारीय धाराओं का उपयोग करके खुले समुद्र में लंबी दूरी की यात्रा कर सकता है।
  • प्राकृतिक वास: 
    • यह मगरमच्छ ओडिशा के भितरकनिका राष्ट्रीय उद्यान, पश्चिम बंगाल में सुंदरवन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पाया जाता है।
    • यह भारतीय उपमहाद्वीप के तीन मगरमच्छों साथ ही घड़ियाल मगरमच्छ (Crocodylus palustris) और घड़ियाल (Gavialis Gangeticus) मगरमच्छों में से एक है।
    • यह बांग्लादेश, मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रुनेई, फिलीपींस, पापुआ न्यू गिनी, ऑस्ट्रेलिया और सोलोमन द्वीप समूह में भी पाया जाता है।
    • प्रजातियों की सीमा पश्चिम में सेशेल्स और केरल, भारत से लेकर पूर्व में दक्षिणपूर्वी चीन, पलाऊ और वानुअतु तक फैली हुई थी।
  • खतरा:
    • अवैध रेत खनन, अवैध शिकार, नदी प्रदूषण में वृद्धि, बाँध निर्माण, बड़े पैमाने पर मछली पकड़ने का कार्य और बाढ़।

खारे पानी के मगरमच्छों की संरक्षण स्थिति: 

  • IUCN संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची: ‘संकटमुक्त’ (Least Concern)।
  • CITES: परिशिष्ट- I (ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी में मौजूद आबादी परिशिष्ट- II में शामिल है)।
  • वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: अनुसूची- I

स्रोत: डाउन टू अर्थ


कोबरा वारियर युद्धाभ्यास

भारतीय वायु सेना इंग्‍लैंड के वैडिंगटन में एक बहु राष्ट्र अभ्यास ‘कोबरा वारियर 22’ में भाग लेगी।

  • भारतीय वायु सेना के 5 स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान (Light Combat aircraft- LCA) तेजस इसमें भाग लेंगे और सी-17 नामक एक विमान परिवहन सहायता प्रदान करेगा।।

United-Kingdom

प्रमुख बिंदु

स्रोत-पी.आई.बी


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 फरवरी, 2022

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAYG) 

हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण डैशबोर्ड लॉन्च किया गया। यह डैशबोर्ड प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की कड़ी निगरानी करने में मदद करेगा। इसका उपयोग PMAYG के हितधारकों द्वारा योजना की निगरानी एवं प्रबंधन हेतु किया जाएगा जिससे योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा। योजना की निगरानी के लिये गांँवों के सरपंचों से लेकर निर्वाचन क्षेत्रों के सांसदों तक डैशबोर्ड का लिंक पहुंँचाया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत वर्ष 2022 तक ‘सभी के लिये आवास’ के उद्देश्य को प्राप्त करने हेतु 1 अप्रैल, 2016 को पूर्ववर्ती इंदिरा आवास योजना (Indira Awaas Yojana-IAY) का पुनर्गठन कर उसे  प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) कर दिया गया था। योजना का उद्देश्य मार्च 2022 तक सभी ग्रामीण आवासहीन परिवारों और कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्के घर उपलब्ध कराना है। इसके लाभार्थियों में एससी/एसटी, मुक्त बंधुआ मज़दूर और गैर-एससी/एसटी श्रेणियाँ, विधवाओं या कार्रवाई में मारे गए रक्षाकर्मियों के परिजन, पूर्व सैनिक एवं अर्द्धसैनिक बलों के सेवानिवृत्त सदस्य, विकलांग व्यक्ति तथा अल्पसंख्यक शामिल हैं।

महिला सुरक्षा दस्ते

हाल ही में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर शहर में दो महिला सुरक्षा दस्ते (Women Safety Squad) तैनात किये हैं। प्रत्येक दस्ते में 5 महिला पुलिस अधिकारी या कर्मचारी शामिल होंगी तथा दोनों दस्तों का नेतृत्व इंस्पेक्टर खालिदा परवीन (Khalida Parveen) द्वारा किया जाएगा। इन दस्तों को संकट के समय महिलाओं की मदद हेतु शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विशेष रूप से स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, कोचिंग सेंटर्स और ऐसे अन्य स्थानों पर लड़कियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इन दस्तों द्वारा दिन के दौरान शिक्षण संस्थानों सहित पूरे शहर में गश्त की जाएगी। श्रीनगर पुलिस ने विशेष रूप से महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों के लिये 24×7 समर्थित महिला हेल्पलाइन नंबर भी लॉन्च किया है। 

विश्व क्षय रोग दिवस

प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को दुनिया भर में विश्व क्षय रोग दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को इस बीमारी के विषय में जागरूक करना और क्षय रोग की रोकथाम के लिये कदम उठाना है। वर्ष 2022 के लिये विश्व क्षय रोग दिवस की थीम ‘‘Invest to End TB. Save Lives’ है। विश्व क्षय रोग दिवस को ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन’ (WHO) जैसे संगठनों का समर्थन प्राप्त है। क्षय रोग माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होता है, जो कि मुख्यतः फेफड़ों को प्रभावित करता है। इससे बचाव अथवा रोकथाम संभव है। यह हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलता है। आँकड़ों के अनुसार,, विश्व की एक-चौथाई जनसंख्या लेटेंट टीबी (Latent TB) से ग्रस्त है। लेटेंट टीबी का अर्थ है कि लोग टीबी के जीवाणु से संक्रमित तो हो जाते हैं, किंतु उन्हें यह रोग नहीं होता है और वे इसका संचरण अन्य व्यक्तियों तक नहीं कर सकते हैं। टीबी के जीवाणु से संक्रमित व्यक्ति के टीबी से ग्रसित होने की संभावना 5-15 प्रतिशत तक ही होती है। 

केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस

प्रतिवर्ष 24 फरवरी को केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड (Central Board of Indirect Taxes and Customs-CBIC) द्वारा देश भर में केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस (Central Excise Day) मनाया जाता है। इस दिवस को देश के प्रति केंद्रीय उत्पाद व सीमा शुल्क बोर्ड की सेवा में योगदान देने के लिये मनाया जाता है। इस दिवस के माध्यम से केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर व सीमा शुल्क बोर्ड के अफसरों के प्रति उनकी सेवाओं के लिये सम्मान व्यक्त किया जाता है। इसके द्वारा अफसरों को इमानदारी व निष्ठा से सेवा का निर्वहन करने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक अंग है। जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। यह बोर्ड सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST (Integrated Goods and Service Tax) संग्रह का कार्य करता है। सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर और IGST तथा नारकोटिक्स से जुड़े तस्करी तथा प्रशासन संबंधी मुद्दे CBIC के विस्तार क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। पूर्व में इसका नाम केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड था।