प्रारंभिक परीक्षा
प्रिलिम्स फैक्ट्स : 23 अगस्त, 2021
शंकराचार्य मंदिर
Shankaracharya Temple
हाल ही में वार्षिक अमरनाथ तीर्थयात्रा से जुड़ी सदियों पुरानी परंपरा के अनुसार, भगवान शिव की पवित्र गदा (छड़ी मुबारक) को प्राचीन शंकराचार्य मंदिर में लाया गया।
प्रमुख बिंदु
मंदिर के विषय में:
- इसे बौद्धों द्वारा ज्येष्ठेश्वर मंदिर या पास-पहाड़ के रूप में भी जाना जाता है। फारसी और यहूदी इसे बाग-ए-सुलेमान या गार्डन ऑफ किंग सोलोमन भी कहते हैं। मंदिर के अंदर फारसी शिलालेख भी मिले हैं।
- यह श्रीनगर, कश्मीर में ज़बरवान पर्वत पर शंकराचार्य पहाड़ी (जिसे सोलोमन पहाड़ी भी कहा जाता है) की चोटी पर स्थित है।
- मंदिर को कश्मीर की घाटी का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है।
- भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर ज़मीन के स्तर से 1,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित है और यहाँ से श्रीनगर शहर को देखा जा सकता है।
- मंदिर 200 ईसा पूर्व का है, हालाँकि इसकी वर्तमान संरचना संभवतः 9वीं शताब्दी ईस्वी की है।
- आदि शंकराचार्य द्वारा इस मंदिर का भ्रमण किये जाने के बाद से ही उनका नाम इस मंदिर के साथ जुड़ा और इस तरह मंदिर का नाम शंकराचार्य पड़ा।
संरचना:
- यह प्राचीन मंदिर वास्तुकला की स्वदेशी प्रारंभिक कश्मीरी शैली में बनाया गया है और इसमें उन दिनों प्रचलित तकनीकों को अपनाया गया है।
- प्रारंभिक शिहारा शैली को इस इमारत के डिजाइन में प्रमुख रूप से स्पष्ट है और यह घोड़े की नाल के आर्क प्रकार के पैटर्न का संकेत है।
- यह लगभग तीस फीट ऊँचे अष्टकोणीय आधार/चबूतरे पर निर्मित एक विशाल पत्थर की संरचना है।
- यह चबूतरा एक निम्न ऊँचाई की चहारदीवारी से घिरा हुआ है। मंदिर में एक कक्ष है, जो अंदर से गोलाकार है तथा इसका व्यास तेरह फीट है।
- मंदिर का वर्गाकार भवन तहखाने द्वारा समर्थित है।
शंकराचार्य
परिचय:
- उन्हें आदि शंकर के नाम से भी जाना जाता था। उनका जन्म केरल के कलादी में 788 ई. में में हुआ था।
- उन्होंने अद्वैतवाद (Monism) के सिद्धांत को प्रतिपादित किया और संस्कृत में वैदिक सिद्धांत (उपनिषद, ब्रह्म सूत्र और भगवद गीता) पर कई टिप्पणियाँ लिखीं।
प्रमुख कृतियाँ/रचनाएँ:
- ब्रह्मसूत्रभाष्य (ब्रह्म सूत्र पर भाष्य या भाष्य)।
- भजगोविंदम स्तोत्र।
- निर्वाण षट्कम।
अन्य योगदान:
- इन्होने भारत में उस समय हिंदू धर्म को पुनर्जीवित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई जब बौद्ध धर्म लोकप्रियता प्राप्त कर रहा था।
- इन्होंने भारत के चारों कोनों में चार मठों की स्थापना की और यह परंपरा आज भी जारी है।
कोंकण अभ्यास 2021
Exercise Konkan 2021
हाल ही में INS तबर और HMS वेस्टमिन्स्टर के बीच इंग्लिश चैनल में कोंकण अभ्यास 2021 आयोजित किया गया।
- इंग्लिश चैनल आइल ऑफ ग्रेट ब्रिटेन के दक्षिणी तट और फ्राँस के उत्तरी तट के बीच स्थित है। उत्तर में यह डोवर जलडमरूमध्य द्वारा उत्तरी सागर से अलग होता है।
प्रमुख बिंदु
अभ्यास के विषय में:
- द्विपक्षीय कोंकण अभ्यास भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच आयोजित एक नौसैनिक अभ्यास है।
- कोंकण अभ्यास शृंखला की शुरुआत वर्ष 2004 में शुरू की गई थी। तब से इस अभ्यास का आयोजन दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा बारी-बारी से किया जाता है।
भारत और यू.के. के बीच अन्य अभ्यास:
- अभ्यास इंद्रधनुष (वायु सेना अभ्यास)
- अजेय वारियर (संयुक्त थल सेना अभ्यास)
INS तबर:
- यह भारतीय नौसेना में तलवार श्रेणी का तीसरा युद्धपोत है, जिसे वर्ष 2004 के दौरान कैलिनिनग्राद, रूस में कमीशन किया गया था।
- यह युद्धपोत हवा या सतह या उपसतह संबंधी मिशन संचालन करने तथा बचाव करने में सक्षम है।
- भारतीय नौसेना के तलवार श्रेणी के युद्धपोत रूस में भारत-रूस संयुक्त उत्पादन के तहत बनाए गए हैं। तलवार श्रेणी के निर्देशित मिसाइल युद्धपोत रूस के क्रिवाक III श्रेणी के युद्धपोत का संशोधित रूप हैं। अन्य युद्धपोतों में शामिल हैं: INS तेग, तरकश, त्रिकंद, तलवार, त्रिशूल।
- अक्तूबर 2016 में, भारत और रूस ने चार क्रिवाक या तलवार स्टील्थ युद्धपोत के लिये एक अंतर-सरकारी समझौते (IGA) पर हस्ताक्षर किये थे।
- पहले दो युद्धपोत रूस के कैलिनिनग्राद स्थित यंतर शिपयार्ड में बनाए जाएंगे। इनके बाद दो युद्धपोत गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में बनाए जाएंगे।
प्रमुख भारतीय समुद्री अभ्यास |
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अभ्यास का नाम |
देश का नाम |
श्रीलंका |
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बोंगोसागर और IN-BN CORPAT |
बांग्लादेश |
जापान |
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नसीम-अल-बहर |
ओमान |
रूस |
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कतर |
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इंडोनेशिया |
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थाईलैंड |
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IMCOR |
मलेशिया |
सिंगापुर |
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औसइंडेक्स |
ऑस्ट्रेलिया |
जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका |
विविध
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23 अगस्त, 2021
मद्रास दिवस
चेन्नई में आम लोगों द्वारा प्रतिवर्ष 22 अगस्त को ‘मद्रास दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस, चेन्नई शहर में रहने वाले लोगों के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1639 में मद्रास शहर की स्थापना की गई थी। गौरतलब है कि 22 अगस्त, 1639 को मद्रासपट्टनम गाँव को ‘ईस्ट इंडिया कंपनी’ ने स्थानीय शासकों से खरीद लिया था। यद्यपि इस सौदे की सही तिथि को लेकर कुछ विवाद रहे हैं, किंतु 22 अगस्त को सबसे उपयुक्त तारीख माना जाता है। यह समझौता ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारी ‘फ्रांसिस डे’ और तत्कालीन स्थानीय शासकों के बीच हुआ था। धीरे-धीरे इस क्षेत्र और इसके आसपास के क्षेत्र में लोगों की आबादी बढ़ने लगी तथा कुछ समय बाद आसपास के गाँवों को भी ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा खरीद लिया गया। इस नए और पुराने क्षेत्र को मिलाकर एक नए मद्रास शहर की स्थापना की गई। ‘मद्रास दिवस’ की अवधारणा की संकल्पना वर्ष 2004 में चेन्नई के पत्रकार ‘विन्सेंट डिसूज़ा’ ने की थी। उन्होंने चेन्नई हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टियों की एक बैठक के दौरान शहर के प्रसिद्ध इतिहासकार ‘एस. मुथैया’ को यह विचार दिया और इसके बाद ‘मद्रास दिवस’ को आयोजित करने का निर्णय लिया गया।
राजीव गांधी
20 अगस्त, 2021 को उपराष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 77वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। गौरतलब है कि मात्र 40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने इतनी कम उम्र में किसी सरकार का नेतृत्त्व किया। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त, 1944 को बम्बई (मुंबई) में हुआ था। विज्ञान में रुचि रखने वाले राजीव गांधी वर्ष 1984 में अपनी माँ की हत्या के पश्चात् काॅन्ग्रेस अध्यक्ष एवं देश के प्रधानमंत्री बने और वर्ष 1989 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। 21 मई, 1991 को चेन्नई में एक रैली के दौरान अलगाववादी संगठन लिट्टे की महिला सुसाइड बॉम्बर ने राजीव गांधी की हत्या कर दी थी। यही कारण है कि राजीव गांधी की पुण्यतिथि (21 मई) पर प्रतिवर्ष देश में एंटी-टेररिज़्म दिवस अथवा आतंकवाद विरोधी दिवस का आयोजन किया जाता है। ध्यातव्य है कि राजीव गांधी को 'भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार क्रांति का जनक' और डिजिटल इंडिया के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। देश के छठे प्रधानमंत्री के तौर पर राजीव गांधी का कार्यकाल देश में सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण दौर था।
राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जल्द ही ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ (NMP) का शुभारंभ करेंगी,जिसके तहत सरकार द्वारा आगामी चार वर्षों में बेची जाने वाली अपनी बुनियादी अवसंरचना संपत्तियों को सूचीबद्ध किया जाएगा। ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ केंद्र सरकार की परिसंपत्ति मुद्रीकरण पहल के लिये एक मध्यम अवधि के रोडमैप के रूप में भी काम करेगी। केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार ने बुनियादी अवसंरचना के लिये नवीन एवं वैकल्पिक वित्तपोषण के साधन के रूप में परिसंपत्ति मुद्रीकरण पर काफी अधिक ज़ोर दिया था और इससे संबंधित कई घोषणाएँ भी की थीं। अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया था कि नए बुनियादी अवसंरचना के निर्माण के लिये वर्तमान सार्वजनिक बुनियादी ढाँचे की संपत्ति का मुद्रीकरण एक महत्त्वपूर्ण वित्तपोषण विकल्प है। सरकार ने ‘राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन’ की रियल-टाइम प्रगति की निगरानी के लिये एक परिसंपत्ति मुद्रीकरण डैशबोर्ड भी विकसित किया है। संपत्ति मुद्रीकरण का आशय किसी भी संपत्ति को आर्थिक मूल्य में बदलने की प्रक्रिया से है। इसका उपयोग प्रायः अतिरिक्त संपत्ति के निर्माण के लिये किया जाता है।
भारत में सबसे अधिक ऊँचाई पर मौजूद हर्बल पार्क
हाल ही में उत्तराखंड के चमोली ज़िले में भारत-चीन सीमा के पास ‘माणा गाँव’ में 11,000 फीट की ऊँचाई पर स्थित भारत के सबसे ऊँचे हर्बल पार्क का उद्घाटन किया गया है। भारत के इस सबसे ऊँचे हर्बल पार्क का मुख्य उद्देश्य विभिन्न औषधीय और सांस्कृतिक रूप से महत्त्वपूर्ण अल्पाइन प्रजातियों का और उनके प्रसार एवं आवास पारिस्थितिकी पर शोध करना है। यह पार्क उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा ‘माणा वन पंचायत’ द्वारा दिये गए तीन एकड़ क्षेत्र में विकसित किया गया है। इसे केंद्र सरकार की ‘क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण’ (CAMPA) के तहत तीन वर्षीय अवधि में विकसित किया गया है। इस हर्बल पार्क में भारतीय हिमालयी क्षेत्र में ऊँचाई वाले अल्पाइन क्षेत्रों की लगभग 40 प्रजातियाँ मौजूद हैं। इनमें से कई प्रजातियाँ ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ’ (IUCN) की रेड लिस्ट के साथ-साथ राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा ‘लुप्तप्राय और खतरे’ में मौजूद प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध हैं। साथ ही इसमें कई महत्त्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियाँ भी शामिल हैं।