साल्ट पैन्स लैंड
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, केंद्र ने झुग्गीवासियों के लिये किराये के आवास बनाने हेतु धारावी पुनर्विकास परियोजना प्राइवेट लिमिटेड (DRPPL) को मुंबई में 256 एकड़ साल्ट पैन्स लैंड के हस्तांतरण को मंजूरी दी ।
- पर्यावरणविदों ने साल्ट पैन्स लैंड पर निर्माण के बारे में पारिस्थितिकीय चिंताएँ प्रदर्शित की हैं ।
साल्ट पैन्स लैंड क्या है?
- परिचय:
- साल्ट पैन्स लैंड भूमि के निचले हिस्से हैं, जहाँ समुद्री जल समय-समय पर बहता रहता है , तथा अपने पीछे नमक और खनिजों का निक्षेप एकत्रित है।
- यह प्राकृतिक प्रक्रिया तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को बनाए रखने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है ।
- संरक्षण स्थिति:
- 2011 की सीआरजेड अधिसूचना के तहत , इन पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों को सीआरजेड-1बी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है तथा नमक निष्कर्षण और प्राकृतिक गैस अन्वेषण को छोड़कर आर्थिक गतिविधियों पर प्रतिबंध है।
- भारत में साल्ट पैन्स:
- मुंबई में कुल 5,378 एकड़ भूमि को साल्ट पैन्स लैंड के रूप में नामित किया गया है ।
- राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 60,000 एकड़ नमक भूमि की पहचान की गई है, जो महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों में फैली हुई है ।
- आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ा विस्तार (20,716 एकड़) है, इसके बाद तमिलनाडु (17,095 एकड़) और महाराष्ट्र (12,662 एकड़) का स्थान है।
तटीय विनियमन क्षेत्र (CRZ)
- सीआरजेड को पहली बार 1991 में पर्यावरण और वन मंत्रालय (MoEF) द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत अधिसूचित किया गया था । सीआरजेड को पाँच क्षेत्रों सीआरजेड-I, सीआरजेड-II, सीआरजेड-III, सीआरजेड-IV और सीआरजेड- V। में वर्गीकृत किया गया है।
- सीआरजेड-I पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र हैं जैसे मैंग्रोव, प्रवाल भित्तियाँ, बायोस्फीयर रिज़र्व आदि।
- सीआरजेड-II में निर्मित क्षेत्र शामिल हैं - ऐसे गाँव और कस्बे जो पहले से ही बेहतर रूप से स्थापित हैं।
- सीआरजेड-III वे क्षेत्र हैं जो अप्रभावित हैं तथा श्रेणी I या II में नहीं आते हैं।
- सीआरजेड-IV निम्न ज्वार रेखा से लेकर प्रादेशिक सीमा तक का जलीय क्षेत्र है ।
- CRZ समुद्र तट के पास का एक क्षेत्र है जो पर्यावरण के संरक्षण और सतत विकास को बढ़ावा देने के नियमों द्वारा शासित है। CRZ में शामिल हैं:
- यह उच्च ज्वार रेखा (HTL) और निम्न ज्वार रेखा (LTL) के बीच की भूमि है ।
- नदियाँ, ज्वारनदमुख , बैकवाटर और खाड़ियों के किनारे 100 मीटर का विस्तार जो ज्वार से प्रभावित होता है।
- ज्वारनदमुख के दोनों ओर नदी के किनारे।
साल्ट पैन्स का क्या महत्त्व है?
- पर्यावरणीय: तटीय मैंग्रोव के साथ-साथ साल्ट पैन्स एक महत्त्वपूर्ण पारिस्थितिक अवरोध का निर्माण करते हैं जो बाढ़ के ज़ोखिम को कम करते हैं।
- आर्थिक: साल्ट पैन्स में अधिक संख्या में कामगारों को विशेषकर ग्रामीण और तटीय इलाकों में रोज़गार प्रदान करता है। मजदूर नमक उत्पादन , प्रसंस्करण और परिवहन जैसी गतिविधियों में संलग्न रहते हैं।
- कच्चा माल: साल्ट पैन्स में उत्पादित नमक विभिन्न उद्योगों के लिये आवश्यक है, जिसमें रासायनिक उत्पादन (जैसे, क्लोरीन, कास्टिक सोडा), कृषि (पशु चारा के रूप में) और जल उपचार शामिल हैं।
- पर्यटन आकर्षण: कुछ साल्ट पैन्स, विशेषकर वे जिनमें सुंदर परिदृश्य हैं, पर्यटन स्थल बन गए हैं, जो पारिस्थितिकी पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन के माध्यम से आर्थिक मूल्य हासिल कर रहे हैं ।
नमक श्रमिकों के लिये सरकार द्वारा शुरू की गई कल्याणकारी योजनाएँ क्या हैं?
- नमक श्रमिकों के बच्चों को पुरस्कार अनुदान योजना: यह छात्रों को उनके शैक्षिक विकास के लिये वित्तीय पुरस्कार प्रदान करती है।
- नमक मजदूर आवास योजना (NMAY): यह नमक श्रमिकों के लिये घरों के निर्माण का प्रावधान करती है। यह नमक उद्योग में सहकारी समितियों को बढ़ावा देती है ।
- नमक आयुक्त संगठन (SCO): यह नमक उद्योग के विकास की निगरानी करता है , जिसमें नियोजन, प्रौद्योगिकी उन्नयन की सुविधा प्रदान करना और नमक श्रमिकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
संघ लोक सेवा आयोग , पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQ)प्रारंभिक परीक्षाप्रश्न : निम्नलिखित में से अगरिया समुदाय कौन हैं? (2009) (a) आंध्र प्रदेश का एक पारंपरिक ताड़ी निकालने वाला समुदाय उत्तर: (d) मेन्सप्रश्न : भूमि और जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन से मानवीय संकटों में भारी कमी आएगी। व्याख्या कीजिये। (2016) |
पीएम E-ड्राइव में इलेक्ट्रिक कारों को शामिल न करना
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना में इलेक्ट्रिक कारों को किसी भी प्रत्यक्ष सब्सिडी से बाहर रखा गया है।
- सरकार का मानना है कि इलेक्ट्रिक कारों के लिये न्यूनतम वस्तु एवं सेवा कर जैसे अन्य उपाय इस क्षेत्र को समर्थन देने के लिये पर्याप्त हैं।
पीएम ई-ड्राइव योजना क्या है?
- पीएम ई-ड्राइव योजना का परिचय: इसका उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है, जिसके लिये दो वर्षों में 10,900 करोड़ रुपए का वित्तीय परिव्यय निर्धारित किया गया है।
- इसे FAME II के स्थान पर लॉन्च किया गया है।
- दायरा: यह मांग प्रोत्साहन के माध्यम से लगभग 25 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों, 3 लाख इलेक्ट्रिक तीन पहिया वाहनों और 14,000 इलेक्ट्रिक बसों को राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान करता है।
- वाहन निर्माता, पिछली FAME-II योजना के समान, पात्र इलेक्ट्रिक वाहन (EV) की बिक्री के लिये प्रतिपूर्ति का दावा कर सकते हैं।
- हालाँकि इलेक्ट्रिक कारों को सब्सिडी से बाहर रखा गया है।
- अन्य प्रावधान: चयनित शहरों और चयनित राजमार्गों पर इलेक्ट्रिक वाहन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन (EVPCS) की स्थापना।
- ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिये नवीन और उभरती प्रौद्योगिकियों से निपटने के लिये टेस्टिंग एजेंसियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा।
FAME योजना क्या थी?
- FAME (हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों को तीव्र गति से अपनाना और उनका विनिर्माण) नीति का उद्देश्य वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करना, ईंधन की खपत में कमी लाना और सतत् परिवहन को प्रोत्साहित करना है।
- इसे वर्ष 2015 में नेशनल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन प्लान (NEMMP) के तहत पेश किया गया था।
प्रमुख चरण:
- फेम I (वर्ष 2015-2019): इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों की खरीद के लिये प्रोत्साहन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास का समर्थन किया गया।
- इसका उद्देश्य सार्वजनिक और निज़ी क्षेत्रों में स्वच्छ गतिशीलता को बढ़ावा देना था।
- फेम II (वर्ष 2019-2024): इसके दायरे का विस्तार किया गया है, विशेष रूप से सार्वजनिक परिवहन (ई-बसों, दोपहिया और तीन पहिया वाहनों) में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिये 1.19 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्रदान किये गए हैं।
- इसमें मज़बूत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर भी बल दिया गया तथा कॉमर्सियल फ्लीट्स से उत्सर्जन को कम करने का लक्ष्य रखा गया।
इलेक्ट्रिक कारों के प्रचार से संबंधित मुख्य तथ्य क्या हैं?
- पीएम ई-ड्राइव में इलेक्ट्रिक कारों को शामिल न करने का प्रभाव: फेम-II की समाप्ति के पश्चात् राजकोषीय प्रोत्साहनों के अभाव के कारण इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में गिरावट आई है।
- अप्रैल और अगस्त 2024 के बीच इलेक्ट्रिक कारों के पंजीकरण में FAME-II के सक्रिय होने से पूर्व के माह की तुलना में 9% की गिरावट आई।
- अपर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर: ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के अनुसार, भारत में 46 लाख पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये लगभग 25,000 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन मौज़ूद हैं।
- वर्तमान में प्रति चार्जिंग स्टेशन 184 इलेक्ट्रिक वाहन का अनुपात ई-मोबिलिटी को सक्रिय रूप से बढ़ावा देने वाले अन्य देशों की तुलना में काफी अधिक है।
सब्सिडी से परे सहायक उपाय:
- उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएँ: सरकार ऑटो कंपोनेंट्स और उन्नत सेल रसायन (ACC) बैटरियों के लिये PLI योजनाओं के माध्यम से EV क्षेत्र को समर्थन दे रही है।
- ये प्रोत्साहन स्तरीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देकर, विशेष रूप से EV आपूर्ति शृंखला में, उत्पादन लागत को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
- न्यूनतम GST और राज्य स्तरीय छूट: इलेक्ट्रिक कारों को 5% का न्यून वस्तु एवं सेवा कर (GST) दर का लाभ मिलता रहेगा, जबकि हाइब्रिड और CNG वाहनों पर यह दर 28% तथा इंटरनल कंबशन इंजन व्हीकल्स पर 49% है।
सरकार द्वारा शिपिंग संबंधी चुनौतियों को हल करने हेतु प्रस्तावित उपाय
स्रोत: पीआईबी
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में आयोजित अंतर-मंत्रालयी बैठक में बढ़ती वस्तु परिवहन लागत, कंटेनर की कमी और बंदरगाहों पर भीड़भाड़ से संबंधित चिंताओं पर विचार किया गया।
- बैठक के मुख्य निर्णय: जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (JNPA) में खाली कंटेनरों को 90 दिनों तक मुफ्त भंडारण की अनुमति देने जैसे उपायों के साथ शिपिंग लागत में कमी करना।
- नवी मुंबई में स्थित JNPAएक प्रमुख कंटेनर बंदरगाह है, जो भारत के लगभग 50% कंटेनर कार्गो को प्रबंधित करता है। यह विश्व के शीर्ष 100 कंटेनर बंदरगाहों में 26 वें स्थान पर है और 200 से अधिक वैश्विक बंदरगाहों से जुड़ा है।
- नवरत्न कंपनी कंटेनर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CONCOR) ने लोडिंग, हैंडलिंग और भंडारण शुल्क में कटौती की है।
- शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) ने कंटेनर क्षमता को 9,000 ट्वेंटी-फीट एकुइवेलेंट इकाइयों (TEU) तक बढ़ाने के लिये जहाज़ो को किराए पर लेने की घोषणा की, साथ ही पाँच और कंटेनर जहाज़ो को हासिल करने की योजना बनाई।
- केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा बंदरगाहों पर दो 20 फीट कंटेनरों की एक साथ स्क्रीनिंग के माध्यम से तीव्र कस्टम क्लीयरेंस की दिशा में कदम उठाया गया।
- अवैध मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने और नकद लेन-देन को रोकने के लिये निजी कंटेनर यार्डों को अब GST अधिकारियों के पास पंजीकरण कराना होगा।
- मालवाहक संघों और निर्यातकों ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार के उपायों से रसद संबंधी बाधाएँ दूर होंने के साथ व्यापार प्रवाह बढ़ेगा।
45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत का स्वर्ण पदक
स्रोत: द हिंदू
हाल ही में भारतीय शतरंज पुरुष और महिला टीमों ने बुडापेस्ट में आयोजित शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीते।
- भारतीय पुरुष टीम ने 45वें शतरंज ओलंपियाड के 11वें और अंतिम राउंड में स्लोवेनिया को 3.5-0.5 के स्कोर से हराया।
- इसके साथ ही भारतीय महिला टीम ने अजरबैजान पर दबदबा बनाते हुए 3.5-0.5 के अंतर से जीत हासिल की।
- भारत से पहले केवल चीन और तत्कालीन सोवियत संघ ने ही शतरंज ओलंपियाड के एक ही संस्करण में पुरुष और महिला दोनों वर्गों में स्वर्ण पदक जीतने का गौरव हासिल किया था।
- भारतीय पुरुष टीम ने इससे पहले टूर्नामेंट के वर्ष 2014 और 2022 के संस्करणों में दो कांस्य पदक हासिल किये थे।
- भारतीय महिला टीम ने चेन्नई में आयोजित वर्ष 2022 के संस्करण में कांस्य पदक जीता था।
- शतरंज ओलंपियाड:
- यह एक द्विवार्षिक आयोजन है जिसमें विश्व भर के देशों का प्रतिनिधित्व करने वाली टीमें प्रतिस्पर्द्धा करती हैं। FIDE इस टूर्नामेंट का आयोजन करता है और मेज़बान देश का चयन करता है।
- अनौपचारिक रूप से पहला ओलंपियाड वर्ष 1924 में आयोजित किया गया था।
अधिक पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE)
विश्व गैंडा दिवस, 2024
स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
प्रधानमंत्री ने विश्व गैंडा दिवस, 2024 के अवसर पर गैंडों के संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता दोहराई।
परिचय:
- गैंडे/राइनो (Rhino) की सभी पांँचों प्रजातियों (जावन, सुमात्रा, ब्लैक राइनो, एक सींग वाले और व्हाइट राइनो) के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु 22 सितंबर को विश्व गैंडा दिवस (World Rhino Day) मनाया जाता है।
- वर्ष 2024 का थीम – पांँचों को जीवित रखना (Keep the Five Alive), जिसमें गैंडे/राइनो (Rhino) की सभी पांँचों प्रजातियों की सुरक्षा के महत्त्व पर ज़ोर दिया गया है।
ऐतिहासिक संदर्भ:
- मुगल साम्राज्य के शासक जहीरुद्दीन मुकद्दम बाबर के बारे में कहा जाता है कि उसने भारत के उत्तरी क्षेत्रों और वर्तमान पाकिस्तान में गैंडों का शिकार किया था।
- बाबर की आत्मकथा बाबरनामा के चार अलग-अलग खंडों में गैंडे का उल्लेख किया गया है , जिसमें उसके शिकार अभियानों के दौरान जानवर की उपस्थिति पर प्रकाश डाला गया है।
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