प्रिलिम्स फैक्ट्स (23 Aug, 2022)



टोमैटो फ्लू

हाल ही में केरल के कुछ हिस्सों में पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में टोमैटो फ्लू से संक्रमित होने की घटना दर्ज की गई है।

टोमैटो फ्लू:

  • परिचय:
    • इस संक्रमण को 'टोमैटो फ्लू' नाम दिया गया है क्योंकि रोगी के शरीर पर लाल फफोले आ जाते हैं जो धीरे-धीरे बढ़कर एक सामान्य टमाटर के आकार के हो जाते हैं तथा इससे ग्रसित व्यक्ति को अत्याधिक पीड़ा होती है।
    • 'टोमैटो फ्लू' कॉक्ससैकीवायरस A16 के कारण होता है।
    • यह एंटरोवायरस फैमिली से संबंधित है।
      • एंटरोवायरस आरएनए वायरस का एक पुराना और महत्त्वपूर्ण समूह है।
      • एंटरोवायरस (NPEVs) के लिये केवल मनुष्य ही मेजबान/होस्ट होता है।
    • यह संक्रामक रोग आँतों के वायरस के कारण होता है जो वयस्कों में दुर्लभ होता है क्योंकि उनके पास आमतौर पर वायरस से बचाव के लिये पर्याप्त प्रतिरक्षा प्रणाली होती है।
  • संक्रमण:
    • टोमैटो फ्लू अत्याधिक संक्रामक है और बच्चों द्वारा टोमैटो फ्लू के संपर्क में आने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस आयु वर्ग में वायरल संक्रमण सामान्य है और इसके निकट संपर्क के माध्यम से इसके फैलने की अधिक संभावना है।
    • यदि बच्चों में टोमैटो फ्लू के प्रकोप को नियंत्रित नहीं किया गया, तो वयस्कों में भी यह फैल सकता है और इसके संचारण से गंभीर परिणाम उपज सकते हैं।
  • लक्षण:
    • टोमैटो फ्लू वाले बच्चों में देखे जाने वाले प्राथमिक लक्षण चिकनगुनिया के समान हैं, जिनमें तेज़ बुखार, चकत्ते और जोड़ों में तेज़ दर्द शामिल हैं।
    • अन्य वायरल संक्रमणों की तरह इसमें थकान, मतली, उल्टी, दस्त, निर्जलीकरण, जोड़ों की सूजन, शरीर में दर्द और सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षण देखे गए हैं, ऐसे लक्षण डेंगू में भी पाए जाते हैं।
  • उपचार:
    • यह फ्लू स्वयं को सीमित करने वाला है और इसके लिये कोई विशिष्ट दवा नहीं है।
    • टोमैटो फ्लू का इलाज चिकनगुनिया, डेंगू, हैण्ड, फुट एंड माउथ के रोग के इलाज के समान है।
      • मरीजों को सलाह दी जाती है कि जलन और चकत्ते से राहत के लिये वे आइसोलेट रहें, आराम करें, तरल पदार्थों का सेवन करें और गर्म पानी का स्पंज लें।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)

  1. उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में ज़ीका वायरस रोग उसी मच्छर द्वारा संचरित होता है जिससे डेंगू संचरित होता है।
  2. ज़ीका वायरस रोग का लैंगिक संचरण होना संभव है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)

  • ज़ीका वायरस एक फ्लेविवायरस है जिसे पहली बार वर्ष 1947 में बंदरों में और फिर वर्ष 1952 में युगांडा में मनुष्यों में देखा गया था।
  • ज़ीका और डेंगू दोनों में बुखार, त्वचा पर चकत्ते, नेत्रश्लेष्मलाशोथ/कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis), माँसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, अस्वस्थता तथा सिरदर्द के लक्षणों में समानता है। इसके अलावा दोनों रोगों के संचरण का तरीका भी समान है, अर्थात् दोनों एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस प्रजाति के मच्छरों द्वारा फैलते हैं।
  • ज़ीका के संचरण के तरीके:
    • मच्छर का काटना।
    • गर्भावस्था के दौरान माँ से बच्चे को, जो माइक्रोसेफली और अन्य गंभीर भ्रूण मस्तिष्क दोष पैदा कर सकता है। ज़ीका वायरस माँ के दूध में भी पाया गया है।
    • संक्रमित साथी से यौन संचरण।

अतः विकल्प (c) सही है।

स्रोत: इकॉनोमिक टाइम्स


AK-203 राइफल्स

भारत और रूस का संयुक्त उद्यम "इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL)" अमेठी, उत्तर प्रदेश में 5,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली 6.1 लाख AK-203 असॉल्ट राइफलों का निर्माण करेगा।

  • इस कारखाने के भारतीय कामगारों का प्रशिक्षण शीघ्र ही शुरू होगा और निर्माण प्रक्रिया तीन वर्ष में 100% स्वदेशीकरण के स्तर तक पहुँच जाएगी।
  • AK-203 असॉल्ट राइफलें भारत में बनी INSAS असॉल्ट राइफलों और पुरानी AK-47 को स्थानांतरित करेंगी।

Defence_Upgrade

अनुबंध की विशेषताएँ

  • इंडो-रसियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड (IRRPL) की स्थापना भारत के तत्कालीन आयुध निर्माणी बोर्ड OFB [अब एडवांस्ड वेपन्स एंड इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL)] और म्युनिशंस इंडिया लिमिटेड (MIL)] तथा रूस के रोसोबोरोनएक्सपोर्ट (RoE) एवं कलाश्निकोव के बीच संयुक्त रूप से की गई थी। .
  • दिसंबर 2021 में भारत और रूस ने 5,124 करोड़ रुपए के समझौते पर हस्ताक्षर किये।
    • यह हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा रक्षा सौदा है। इस सौदे में पूर्ण प्रौद्योगिकी हस्तांतरण हेतु भी प्रावधान है। साथ ही राइफल्स को मित्र देशों को भी निर्यात किया जाएगा।
  • कलाश्निकोव पहले ही AK-203 असॉल्ट राइफलों के बड़े ऑर्डर के तहत रूस में बनी 70,000 राइफलों की आपूर्ति कर चुका है।

भारत-रूस रक्षा और सुरक्षा संबंध:

  • भारत-रूस सैन्य-तकनीकी सहयोग क्रेता-विक्रेता ढाँचे से विकसित हुआ है जिसमें उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकियों और प्रणालियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास एवं उत्पादन शामिल हैं।
  • दोनों देश नियमित रूप से त्रि-सेवा अभ्यास (Tri-Services Exercise) 'इंद्र' आयोजित करते हैं।
  • भारत और रूस के बीच संयुक्त सैन्य कार्यक्रमों में शामिल हैं:
    • ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल कार्यक्रम
    • 5वीं पीढ़ी का लड़ाकू जेट कार्यक्रम
    • सुखोई एसयू-30एमकेआई कार्यक्रम
    • इल्यूशिन/एचएएल सामरिक परिवहन विमान
    • KA-226T ट्विन-इंजन यूटिलिटी हेलीकॉप्टर
  • भारत द्वारा रूस से खरीदे/पट्टे पर लिये गए सैन्य हार्डवेयर में शामिल हैं:
  • रूस अपनी पनडुब्बियों के माध्यम से भारतीय नौसेना को सुसज्जित करने में भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है:
    • भारतीय नौसेना की पहली पनडुब्बी, 'फॉक्सट्रॉट क्लास' रूस से ली गई थी।
    • भारत अपने परमाणु पनडुब्बी कार्यक्रम के लिये रूस पर निर्भर है।
    • भारत द्वारा संचालित एकमात्र विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य भी मूल रूप से रूस का है।
    • भारत द्वारा संचालित चौदह पारंपरिक पनडुब्बियों में से नौ रूस की हैं।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

मेन्स:

Q. भारत-रूस रक्षा सौदों पर भारत-अमेरिका रक्षा सौदों का क्या महत्त्व है? हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता के संदर्भ में इस पर चर्चा कीजिये। (2020)

स्रोत: द हिंदू


ऑनलाइन मार्केटप्लेस एक्वा बाज़ार

हाल ही में केंद्रीय मत्स्य पालन मंत्री ने राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड की नौवीं आम सभा की बैठक के दौरान मत्स्य सेतु मोबाइल ऐप में ऑनलाइन मार्केट प्लेस फीचर, एक्वा बाज़ार लॉन्च किया।

मत्स्य सेतु ऐप:

  • परिचय:
  • विशेषताएँ:
    • इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कोई भी पंजीकृत विक्रेता अपनी इनपुट सामग्री को सूचीबद्ध कर सकता है।
    • सूचीबद्ध वस्तुओं को ऐप उपयोगकर्त्ता की भौगोलिक निकटता के आधार पर बाज़ार में प्रदर्शित किया जाएगा।
      • लिस्टिंग को अग्रलिखित प्रमुख श्रेणियों जैसे मछली के बीज, इनपुट सामग्री, सेवाएँ, रोज़गार और टेबल फिश आदि में वर्गीकृत किया गया है; ।
      • प्रत्येक लिस्टिंग में विक्रेता के संपर्क विवरण के साथ उत्पाद, मूल्य, उपलब्ध मात्रा, आपूर्ति क्षेत्र आदि के बारे में विस्तृत जानकारी होगी।
    • ज़रूरतमंद किसान/हितधारक विक्रेता से संपर्क कर अपनी खरीद को पूरा कर सकते हैं।
    • ऐप उपयोगकर्ताओं के लिये सूचीबद्ध वस्तुओं का बाज़ार में प्रदर्शन उनकी भौगोलिक समीपता के आधार पर किया जाएगा। सूचीबद्ध वस्तुओं का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियों में किया गया है; मछली के बीज, इनपुट सामग्री, सेवाएँ, रोज़गार और टेबल मछली।
    • इच्छुक मछली खरीदार किसानों से संपर्क करेंगे और अपनी कीमतें बताएँगे।
  • महत्त्व:
    • ऑनलाइन मार्केटप्लेस मछली किसानों और हितधारकों को मछली के बीज, चारा, दवाएँ इत्यादि जैसी ज़रूरतें खरीदने में मदद करेगा और मछली पालन के लिये आवश्यक सेवाओं के साथ-साथ किसान भी बिक्री के लिये टेबल-साइज़ मछली को सूचीबद्ध कर सकते हैं।
      • मार्केटप्लेस का उद्देश्य एक्वाकल्चर सेक्टर के सभी हितधारकों को जोड़ना है।
      • सही जगह और सही समय के अनुसार उपलब्ध गुणवत्तापूर्ण जानकारी देश में एक्वाकल्चर की सफलता और विकास के लिये बेहद आवश्यक है।
    • यह निश्चित रूप से किसानों को मछली की खरीद करने वाले खरीदारों या खरीदार एजेंटों से अधिक व्यावसायिक पूछताछ प्राप्त करने में मदद करेगा, बाज़ार की स्थिति के बारे में जागरूकता बढ़ाने और किसानों की उपज की बेहतर कीमत वसूली का मार्ग प्रशस्त करेगा।

पहल को शुरू करने की आवश्यकता:

  • कभी-कभी मछली पालकों को महत्त्वपूर्ण गुणवत्तापूर्ण इनपुट जैसे छोटी मछलियाँ, चारा, खाद्य सामग्री, उर्वरक, न्यूट्रास्यूटिकल्स, एडिटिव्स, दवाएँ आदि प्राप्त करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
    • इन आदानों को प्राप्त करने में किसी भी तरह की देरी से उनके मत्स्य पालन संचालन की उत्पादकता को प्रभावित करते हैं।
    • कभी-कभी किसान खेत निर्माण, किराये की सेवाएँ, कटाई के लिये जनशक्ति आदि जैसी सेवाओं की भी तलाश करते हैं।
      • इसी तरह निश्चित समय पर मछली पालकों को अपनी उपज को बाज़ार में बेचने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है या वे अपनी उत्पादित मछली की खरीद के लिये सीमित संख्या में खरीदारों/एजेंटों पर निर्भर होते हैं।

राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड

  • यह वर्ष 2006 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
    • अब यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है।
  • इसका उद्देश्य देश में मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना तथा एक एकीकृत एवं समग्र तरीके से मत्स्य विकास का समन्वय करना है।
  • मुख्यालय: तेलंगाना, हैदराबाद।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: नीली क्रांति' को परिभाषित करते हुए भारत में मत्स्यपालन की समस्याओं और रणनीतियों को समझाइये। ( मेन्स-2018)

स्रोत: पी..बी.


विदेशों में निवेश करने हेतु नए मानदंड

हाल ही में वित्त मंत्रालय ने नए मानदंडों का निर्धारण किया है जिसके अंतर्गत घरेलू निगमों के लिये विदेशों में निवेश करना आसान हो गया, जबकि ऋण न चुकाने एवं जाँच एजेंसियों का सामना करने वालों के लिये विदेशी संस्थाओं में निवेश करना कठिन हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • RBI द्वारा प्रशासित:
  • नो गो सेक्टर:
    • किसी भी व्यक्ति के लिये नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) अनिवार्य होगा, जिसका बैंक खाता गैर-निष्पादित संपत्ति के रूप में वर्गीकृत है या किसी बैंक द्वारा विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया गया है या वित्तीय सेवा नियामक, प्रवर्तन निदेशालय (ED)ा केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा जाँच की जा रही है।
    • इसके अलावा, किसी भी भारतीय निवासी को उन विदेशी संस्थाओं में निवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जो केंद्रीय बैंक की विशिष्ट स्वीकृति के बिना अचल संपत्ति व्यवसाय, किसी भी रूप में जुआ और भारतीय रुपए से जुड़े वित्तीय उत्पादों से संबंधित हैं।
  • 60 दिन की समय सीमा:
    • हालाँकि यदि ऋणदाता या संबंधित नियामक संस्था या जाँच एजेंसी आवेदन प्राप्त करने के 60 दिनों के भीतर NOC प्रस्तुत करने में विफल रहती है, तो यह माना जा सकता है कि उन्हें प्रस्तावित लेनदेन पर कोई आपत्ति नहीं है।
  • महत्त्व:
    • विदेशी निवेश के लिये संशोधित नियामक ढाँचा विदेशी निवेश हेतु मौजूदा ढाँचे के सरलीकरण का प्रावधान करता है और इसे वर्तमान व्यापार तथा आर्थिक गतिशीलता के साथ जोड़ा जोड़ता है।
    • विदेशी प्रत्यक्ष निवेश और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में स्पष्टता लाई गई है तथा "विभिन्न विदेशी निवेश संबंधी लेनदेन जो पहले अनुमोदन मार्ग के अंतर्गत थे, अब स्वचालित मार्ग के अंतर्गत होंगे, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न (PYQs):

Q. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते है, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है? (2019)

(a) जमा प्रमाण-पत्र
(b) वाणिज्यिक पत्र
(c) वचन-पत्र (प्रॉमिसरी नोट)
(d) सहभागिता पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)

उत्तर: (d)

व्याख्या:

  • एक पार्टिसिपेटरी नोट या पी-नोट एक पंजीकृत विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) द्वारा एक विदेशी निवेशक को जारी किया गया एक उपकरण है, जो भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के बाज़ार नियामक के साथ खुद को पंजीकृत किये बिना भारतीय शेयर बाज़ारों में निवेश करना चाहता है।
  • जमा प्रमाणपत्र एक निश्चित परिपक्वता तिथि और निर्दिष्ट निश्चित ब्याज दर वाला एक बचत प्रमाणपत्र है जिसे न्यूनतम निवेश आवश्यकताओं के अलावा किसी भी मूल्यवर्ग में जारी किया जा सकता है।
  • वाणिज्यिक पत्र एक असुरक्षित मुद्रा बाज़ार साधन है जो एक वचन पत्र के रूप में जारी किया जाता है। यह भारत में वर्ष 1990 में पेश किया गया था ताकि उच्च श्रेणी के निगम उधारकर्त्ताओं को अल्पकालिक उधार के अपने स्रोतों में विविधता लाने और निवेशकों को एक अतिरिक्त साधन प्रदान करने में सक्षम बनाया जा सके।
  • एक प्रॉमिसरी नोट एक वित्तीय साधन है जिसमें एक पार्टी (नोट जारीकर्त्ता या निर्माता) द्वारा किसी अन्य पार्टी (नोट के प्राप्तकर्त्ता) को एक निश्चित राशि का भुगतान करने के लिये एक लिखित वादा होता है, जिसे या तो मांग पर या किसी निर्दिष्ट भविष्य की तारीख पर चुकाना होता है।

अतः विकल्प (d) सही है।

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 23अगस्त, 2022

अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस  

प्रतिवर्ष 23 अगस्त को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ का आयोजन किया जाता है। यूनेस्को के मुताबिक, यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दास व्यापार की त्रासदी से पीड़ित लोगों की याद में आयोजित किया जाता है। विदित हो कि पश्चिमी यूरोप के औपनिवेशिक साम्राज्यों को ट्रान्स-अटलांटिक दास व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ हुआ था। इस व्यवस्था के तहत दुनिया भर के तमाम हिस्सों, विशेष तौर पर अफ्रीकी देशों से दासों को हैती, कैरिबियाई देशों और विश्व के अन्य हिस्सों में मौजूद औपनिवेशों में अमानवीय परिस्थितियों में कार्य करने के लिये ले जाया गया। हालाँकि यह व्यवस्था लंबे समय तक न चल सकी और जल्द ही लोगों में असंतोष पैदा हो गया। 22-23 अगस्त, 1791 की रात आधुनिक हैती और डोमिनिकन गणराज्य के ‘सैंटो डोमिंगो’ में इसके विरुद्ध पहले विद्रोह की शुरुआत हुई। इस विद्रोह ने ट्रान्साटलांटिक दास व्यापार के उन्मूलन में एक प्रमुख भूमिका निभाई। यही कारण है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस दिवस को ‘अंतर्राष्ट्रीय दास व्यापार और उसका उन्मूलन स्मरण दिवस’ के रूप में आयोजित किया जाता है। यह दिवस हमें दास व्यापार जैसी त्रासदी के ऐतिहासिक कारणों, परिणामों और तरीकों पर सामूहिक रूप से पुनर्विचार करने का अवसर प्रदान करता है।

चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह 

चंडीगढ़ के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के नाम पर रखे जाने पर पंजाब और हरियाणा सहमत हो गए हैं। गौरतलब है कि इस हवाई अड्डे के नाम को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच लंबे समय से विवाद बना हुआ था, क्योंकि इसके निर्माण में केंद्र सरकार के अलावा पंजाब और हरियाणा की भी हिस्सेदारी हैहवाई अड्डे का टर्मिनल पंजाब के मोहाली में पड़ता है। यह 485 करोड़ रुपए की भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, पंजाब और हरियाणा सरकार की संयुक्त परियोजना है। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर ज़िले में हुआ था। जो वर्तमान में पाकिस्तान में है। वर्ष 1919 में 12 साल की उम्र में भगत सिंह ने जलियांवाला बाग हत्याकांड के स्थल का दौरा किया था, जहाँ एक सार्वजनिक सभा के दौरान हज़ारों निहत्थे लोगों को मार दिया गया था। भगत सिंह अराजकतावाद (Anarchism) एवं साम्यवाद (Communism) के प्रति आकर्षित थे। वे ‘हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (Hindustan Republican Association) में भी शामिल हुए जिसके प्रमुख नेता चंद्रशेखर आज़ाद, राम प्रसाद बिस्मिल एवं शाहिद अशफाकल्लाह खान थे। ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का पहली बार नारे के रूप में प्रयोग भगत सिंह ने किया था साथ ही इस नारे को चर्चित बनाया था। भगत सिंह को 23 मार्च, 1931 को फाँसी दे दी गई।

‘गरबा नृत्य

भारत ने गरबा नृत्य को संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) की सांस्कृतिक सूची में शामिल किये जाने के लिये नामित किया है। UNESCO के निदेशक ऐरिक फॉल्ट ने कहा कि UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत में पिछले वर्ष दुर्गा पूजा को शामिल किये जाने के बाद अब भारत ने गरबा को वर्ष 2022 के लिये नामित किया है। उन्होंने यह भी कहा कि UNESCO की अगली बैठक नवंबर 2022 में होगी और आशा है कि भारतीय समारोह से संबंधित एक और सुन्दर नृत्य गरबा को UNESCO की अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल कर लिया जाएगा। भारत को जुलाई 2022 में अदृश्य सांस्कृतिक विरासत सुरक्षा से संबंधित वर्ष 2003 की अंतर-सरकारी समिति के लिये 155 देशों की समिति में 110 मतों से चुना गया था। गरबा, गुजरात का प्रसिद्ध लोकनृत्य है। यह नाम संस्कृत के ‘गर्भ-द्वीप’ शब्द से बना है। गरबा नृत्य के लिये कम-से-कमो सदस्यों का होना अनिवार्य होता है| इस नृत्य में 'डांडिया' का प्रयोग किया जाता है| इस नृत्य को करते समय डांडिया को आपस  में टकराकर नृत्य किया जाता है| गरबा, गुजरात के सबसे प्रसिद्ध नृत्य में से एक है| आरंभ में देवी के निकट सछिद्र घट में दीप ले जाने के क्रम में यह नृत्य होता था। इस प्रकार यह घट दीपगर्भ कहलाता था। वर्णलोप से यही शब्द बाद में गरबा बन गया। गरबा नृत्य में ताली, चुटकी, खंजरी, डंडा, मंजीरा आदि का प्रयोग ताल देने के लिये होता हैं तथा स्त्रियाँ दो अथवा चार के समूह में मिलकर विभिन्न प्रकार से नृत्य करती हैं और देवी-गीत गाती हैं।