कृषि
22वांँ राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस
- 11 Jul 2022
- 7 min read
प्रिलिम्स के लिये:राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस, NFDB, मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की पहल। मेन्स के लिये:मत्स्य पालन का महत्त्व। |
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (NFDB) और मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने पूरे देश में सभी मछुआरों, मत्स्य किसानों और संबंधित हितधारकों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये 22वांँ राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (10 जुलाई 2022) मनाया।
राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड:
- यह वर्ष 2006 में कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत एक स्वायत्त संगठन के रूप में स्थापित किया गया था।
- अब यह मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत काम करता है।
- इसका उद्देश्य देश में मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाना तथा एक एकीकृत एवं समग्र तरीके से मत्स्य विकास का समन्वय करना है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस वैज्ञानिक डॉ. के एच अलीकुन्ही और डॉ. एच एल चौधरी की याद में मनाया जाता है।
- इन दोनों ने 10 जुलाई, 1957 को भारतीय मेजर कार्प्स (मत्स्य की कई प्रजातियों के लिये सामान्य नाम) में हाइपोफिजेशन (प्रेरित प्रजनन तकनीक) का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
- उद्देश्य:
- देश में मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास में मत्स्य किसानों, एक्वाप्रेन्योर (जल क्षेत्र में उद्यमी) और मछुआरों की उपलब्धियों व योगदान को मान्यता देना।
- स्थायी स्टॉक और स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र को सुनिश्चित करने के लिये देश के मत्स्य संसाधनों के प्रबंधन के तरीके को बदलने हेतु ध्यान आकर्षित करना।
मत्स्य क्षेत्र का महत्त्व:
- सूर्योदय क्षेत्र:
- मत्स्य पालन क्षेत्र देश के आर्थिक और समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। "सूर्योदय क्षेत्र" के रूप में संदर्भित मत्स्य पालन क्षेत्र समान एवं समावेशी विकास के माध्यम से अपार संभावनाएंँ लाने हेतु तैयार है।
- मत्स्य पालन प्राथमिक उत्पादक क्षेत्रों में सबसे तेज़ी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है।
- दूसरा प्रमुख निर्माता:
- भारत दुनिया में जलीय कृषि के माध्यम से मत्स्य का दूसरा प्रमुख उत्पादक है।
- भारत दुनिया में मत्स्य का चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है क्योंकि यह वैश्विक मत्स्य उत्पादन में 7.7% का योगदान देता है।
- रोज़गार सृजन:
- वर्तमान में यह क्षेत्र देश के भीतर 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। फिर भी यह अप्रयुक्त क्षमता वाला क्षेत्र है।
- भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2019-20 का अनुमान है कि अब तक देश की अंतर्देशीय क्षमता का केवल 58% का ही दोहन किया गया है।
- वर्तमान में यह क्षेत्र देश के भीतर 2.8 करोड़ से अधिक लोगों को आजीविका प्रदान करता है। फिर भी यह अप्रयुक्त क्षमता वाला क्षेत्र है।
- मछुआरों और मत्स्य किसानों हेतु अवसर:
- मात्स्यिकी क्षेत्र की अपार क्षमता, मापनीय (Scalable) व्यापार समाधान और मछुआरों एवं मत्स्य किसानों हेतु लाभ को अधिकतम करने के लिये विभिन्न अवसर प्रदान करती है।
- मात्स्यिकी क्षेत्र की वास्तविक क्षमता प्राप्त करने हेतु मात्स्यिकी मूल्य शृंखला के निर्माण, उत्पादकता और दक्षता को बढ़ाने के लिये उचित तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है।
- मात्स्यिकी क्षेत्र की अपार क्षमता, मापनीय (Scalable) व्यापार समाधान और मछुआरों एवं मत्स्य किसानों हेतु लाभ को अधिकतम करने के लिये विभिन्न अवसर प्रदान करती है।
संबंधित पहल:
- नीली क्रांति:
- केंद्र प्रायोजित योजना "नीली क्रांति" मत्स्य पालन के एकीकृत विकास और प्रबंधन हेतु वर्ष 2016 में शुरू कि गई थी।
- मत्स्य संपदा योजना:
- यह 15 लाख मछुआरों, मत्स्य पालकों आदि को प्रत्यक्ष रोज़गार देने का प्रयास करती है जो अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसरों के रूप में इस संख्या का लगभग तीन गुना है।
- इसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक मछुआरों, मत्स्य पालकों और मत्स्य श्रमिकों की आय को दोगुना करना है।
- मत्स्य पालन एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF):
- FIDF से मत्स्य पालन से जुड़ी बुनियादी ढाँचागत सुविधाओं की स्थापना एवं प्रबंधन से निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा।
- समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (MPEDA):
- MPEDA राज्य के स्वामित्व वाली एक नोडल एजेंसी है जो मत्स्य उत्पादन और संबद्ध गतिविधियों से जुड़ी है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1972 में समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम (MPEDA), 1972 के तहत की गई थी ।
- समुद्री शैवाल पार्क:
- तमिलनाडु में बहुउद्देशीय समुद्री शैवाल पार्क एक हब और स्पोक मॉडल पर विकसित गुणवत्ता वाले समुद्री शैवाल आधारित उत्पादों के उत्पादन का केंद्र होगा।
- फिशरीज़ स्टार्टअप ग्रैंड चैलेंज:
- यह चुनौती देश के भीतर स्टार्टअप्स को मत्स्य पालन और जलीय कृषि क्षेत्र के भीतर अपने अभिनव समाधानों को प्रदर्शित करने के लिये एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।