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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 22 Mar, 2025
  • 13 min read
प्रारंभिक परीक्षा

रायसीना डायलॉग 2025

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों? 

भारत ने नई दिल्ली में रायसीना डायलॉग 2025 के 10वें संस्करण की मेज़बानी की, जिसमें न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन मुख्य अतिथि थे। 

रायसीना डायलॉग क्या है?

  • विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया, रायसीना डायलॉग का नाम नई दिल्ली में रायसीना की पहाड़ी के नाम पर रखा गया है, यह ऑब्ज़र्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के सहयोग से विदेश मंत्रालय द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। 
    • यह भारत का प्रमुख भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र सम्मेलन है, जो म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन (जर्मनी) और सिंगापुर के शांगरी-ला वार्ता से तुलनीय है।
    • रायसीना डायलॉग में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के उद्देश्य से वैश्विक नेता, नीति निर्माता, शिक्षाविद, उद्योग विशेषज्ञ और पत्रकार शामिल होते हैं।
  • वर्ष 2025 की थीम: “कालचक्र – पीपुल, पीस ऐंड प्लेनेट”।
  • रायसीना डायलॉग 2025 के मुख्य बिंदु:
    • व्यापार एवं अर्थव्यवस्था का शस्त्रीकरण: भारत के विदेश मंत्री (EAM) ने टैरिफ, प्रतिबंधों और वित्तीय नियंत्रणों के माध्यम से व्यापार के शस्त्रीकरण के खिलाफ चिंता जताई और विश्वास आधारित साझेदारी की आवश्यकता पर बल दिया। 
      • भारत, विशेष रूप से अमेरिका, यूरोपीय संघ और ब्रिटेन के साथ चल रही वार्ता के बीच, विश्वसनीयता, पारदर्शिता और रणनीतिक संरेखण के लिये व्यापार साझेदारों का पुनर्मूल्यांकन कर रहा है।
    • हिंद-प्रशांत चिंताएँ: क्वाड रक्षा नेताओं ने हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की आक्रामक समुद्री उपस्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की।
      • भारत ने छोटे द्वीपीय देशों और बाहरी साझेदारों के साथ मिलकर काम करते हुए हिंद महासागर क्षेत्र को एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित व्यापार माध्यम बनाए रखने की अपनी मंशा पर प्रकाश डाला।
      • फिलीपींस चाहता है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की रणनीति का मुकाबला करने के लिये भारत स्क्वाड गठबंधन (जिसमें अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और फिलीपींस शामिल हैं) में शामिल हो।
    • डिजिटल संप्रभुता: भारत व्यापार वार्ता में डेटा प्रवाह, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) विकास और डिजिटल विनियमन के प्रति सतर्क है।
    • बड़े डेटा और AI के लिये नियामक ढाँचे अब भारत की आर्थिक कूटनीति का अभिन्न अंग हैं।

नोट: ORF एक दिल्ली स्थित गैर-लाभकारी संगठन है, जो भारतीय सरकार, राजनीतिक और व्यापारिक समुदायों के लिये नीतिगत अंतर्दृष्टि प्रदान करता है तथा बेहतर प्रशासन और जीवन की गुणवत्ता के लिये भारत की विदेश नीति का मार्गदर्शन करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2020)  

अंतर्राष्ट्रीय समझौता/संगठन       विषय 

  1. अल्मा-आटा घोषणा: लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल 
  2.  हेग समझौता: जैविक एवं रासायनिक शस्र   
  3.  तालानोआ संवाद: वैश्विक जलवायु परिवर्तन
  4.  अंडर2  गठबंधन: बाल अधिकार 

उपयुक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 4
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2, 3 और 4  

उत्तर:


रैपिड फायर

विश्व गौरैया दिवस

स्रोत: पी.आई.बी.

विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च को मनाया जाता है और इसका उद्देश्य गौरैया की संख्या में होनी वाली कमी के प्रति जागरूकता बढ़ाना है तथा इसके अंतर्गत पारिस्थितिक संतुलन के उद्देश्य से इन महत्त्वपूर्ण पक्षियों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर बल दिया जाता है।

  • विश्व गौरैया दिवस: इसकी शुरुआत वर्ष 2010 में "नेचर फॉरएवर" (पक्षी संरक्षण संगठन) द्वारा की गई थी और यह 50 से अधिक देशों में मनाया जाता है।
    • घरेलू गौरैया दिल्ली और बिहार का राजकीय पक्षी है, जो इस आयोजन के वैश्विक महत्त्व को बढ़ाता है।
  • वर्ष 2025 का विषय: "ट्रिब्यूट टू नेचर्स टाइनी मेसेंजर्स"।
  • गौरैया संबंधी मुख्य तथ्य: गौरैया बीजों का परिक्षेपण कर जैवविविधता में सहायता करती है, लेकिन पर्यावास ह्रास, नगरीकरण और कृषि में बदलाव के कारण उनकी संख्या घट रही है। इनके संरक्षण प्रयास नगरीय हरियाली और कृषि संबंधी प्रथाओं पर केंद्रित हैं।
    • हाउस स्पैरो (Passer domesticus), पासरिफॉर्मेस ऑर्डर और पासरिडे कुल का हिस्सा है, जिसे IUCN रेड लिस्ट में अल्पतम चिंताजनक के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। यह एक सामाजिक प्रजाति है, जो 8 से 10 के समूहों में पाई जाती है, जो एक दूसरे के साथ संपर्क करने के लिये चहचहाने और चीं चीं की आवाज़ का उपयोग करती है।

Sparrows_in_India Sparrow

और पढ़ें: विश्व गौरैया दिवस 2024


रैपिड फायर

रामदेवरा बेट्टा गिद्ध अभयारण्य

स्रोत: द हिंदू

रामदेवरा बेट्टा गिद्ध अभयारण्य में इंडियन लॉन्ग-बिल्ड वल्चर (Indian Vulture) का दुर्लभ दृश्य संरक्षित क्षेत्र-आधारित संरक्षण प्रयासों की सफलता को रेखांकित करता है।

रामदेवरा बेट्टा गिद्ध अभयारण्य:

  • यह कर्नाटक के रामनगर में रामदेवरा बेट्टा हिल रेंज में स्थित है।
  • यह भारत का पहला और एकमात्र गिद्ध अभयारण्य है जिसकी स्थापना वर्ष 2012 में हुई थी और लुप्तप्राय गिद्ध प्रजातियों की सुरक्षा के लिये इसे वर्ष 2017 में इको-सेंसिटिव ज़ोन (ESZ) के रूप में अधिसूचित किया गया था।
  • यह अभयारण्य भारत में पाई जाने वाली नौ गिद्ध प्रजातियों में से तीन का आवास है - इंडियन लॉन्ग-बिल्ड वल्चर, इजिप्शियन वल्चर (Neophron Percnopterus) और व्हाइट बैक्ड वल्चर (Gyps bengalensis)।

इंडियन लॉन्ग-बिल्ड वल्चर (Gyps indicus):

  • यह मध्यम आकार वाला पक्षी है, जो एशिया (भारत, पाकिस्तान और नेपाल) का स्थानिक है, तथा मुख्य रूप से मृत पशुओं से आहार ग्रहण करता है।
  • वे सवाना, गाँवों, शहरों और कृषि क्षेत्रों के पास खुले परिदृश्य पसंद करते हैं।
  • डिक्लोफेनाक (Diclofenac) नामक पशु चिकित्सा दवा के कारण उनकी जनसंख्या में 97-99% की गिरावट आई है।
  • IUCN स्थिति: गंभीर रूप से संकटग्रस्त

Vulture

और पढ़ें: वल्चर कल्चर


रैपिड फायर

फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति का ICC ट्रायल

स्रोत: द हिंदू

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा न्यायेतर हत्याओं (2011-2019) सहित मानवता के खिलाफ कथित अपराधों के लिये फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।

  • दुतेर्ते ICC में आरोपों का सामना करने वाले एशिया के पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हैं।

अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC):

  • अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC): वर्ष 1998 के रोम संविधि के तहत स्थापित और वर्ष 2002 से कार्यरत, अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) गंभीर अपराधों पर मुकदमा चलाने वाला पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय है, जिसका मुख्यालय हेग, नीदरलैंड में है।
  • अधिकार क्षेत्र: यह 1 जुलाई, 2002 को या उसके बाद किये गए नरसंहार, युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध तथा आक्रामकता के अपराधों के लिये मुकदमा चलाता है।
  • प्रवर्तन एवं वारंट: ICC के पास अपना स्वयं का प्रवर्तन निकाय नहीं है तथा गिरफ्तारी, स्थानांतरण, संपत्ति जब्त करने और सजा प्रवर्तन के लिये यह वैश्विक सहयोग पर निर्भर है।
    • इसके वारंट सदस्य देशों के लिये बाध्यकारी हैं, तथा गैर-अनुपालन की स्थिति में मामला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भेजा जा सकता है, लेकिन गैर-सदस्य देश इसके लिये बाध्य नहीं हैं।
  • स्वतंत्रता: यह एक अलग समझौते के तहत संयुक्त राष्ट्र (UN) से स्वतंत्र रूप से कार्य करता है।
  • सदस्यता: ICC के 125 सदस्य देश हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, चीन, रूस और इज़रायल जैसी प्रमुख शक्तियाँ गैर-सदस्य हैं।
  • संरचना: इसमें 18 न्यायाधीश (9 वर्ष का कार्यकाल), एक स्वतंत्र अभियोजक कार्यालय, तथा पीड़ितों के लिये ट्रस्ट फंड, हिरासत केंद्र, तथा राज्य दलों की सभा जैसे प्रमुख निकाय शामिल हैं।

ICJ_and_ICC

और पढ़ें: अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC)


रैपिड फायर

जालसाजी से निपटने के लिये उन्नत सुरक्षा स्याही

स्रोत: TH

वैज्ञानिकों ने मुद्रा नोटों और संवेदनशील दस्तावेजों में जालसाजी रोधी उपायों को मजबूत करने के लिये नैनोकण-आधारित सुरक्षा स्याही विकसित की है।

नैनोकण-आधारित सुरक्षा स्याही:

  • संघटन: यह स्याही Sr₂BiF₇ (स्ट्रोंटियम बिस्मथ फ्लोराइड) नैनोकणों से बनी है, जिसमें एर्बियम और यटरबियम आयनों को मिलाया गया है। इसे किफायती सह-अवक्षेपण (coprecipitation) तकनीक द्वारा संश्लेषित किया गया है।
  • निर्माण प्रक्रिया: इसमें धातु लवणों को विगलन, अवक्षेपण एजेंट/अभिकर्मक (जैसे NaOH या अमोनिया) का मिश्रण, इसके बाद पृथक्करण, शुद्धिकरण तथा सुखाने की प्रक्रिया शामिल है ताकि समान नैनोकण सम्मिश्रण प्राप्त किया जा सके।
  • विशिष्ट गुण: यह विभिन्न तरंगदैर्ध्य पर प्रतिदीप्ति (fluorescence) प्रदर्शित करती है—नीला (365 nm UV), मैजेंटा (395nm UV) तथा नारंगी-लाल (980 nm निकट-अवरक्त)- जिससे जालसाजी के विरुद्ध उच्च सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • लाभ: यह किफायती, बड़े पैमाने पर उत्पादित करने योग्य (scalable) तथा पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय है।
  • चुनौतियाँ तथा भविष्य की संभावनाएँ: वर्तमान में इसका परीक्षण स्क्रीन प्रिंटिंग के लिये किया जा रहा है। बैंक नोटों और पासपोर्ट में सुरक्षा बढ़ाने हेतु ऑफसेट प्रिंटिंग पर अनुसंधान जारी है।

मुद्रा नोट मुद्रण:

भारत में बैंक नोटों की छपाई चार मुद्रा प्रेसों में की जाती है—2 प्रेस भारतीय प्रतिभूति मुद्रण एवं मुद्रा निगम लिमिटेड (SPMCIL) के तहत, नासिक और देवास में स्थित हैं तथा अन्य 2 प्रेस भारतीय रिज़र्व बैंक नोट मुद्रण प्राइवेट लिमिटेड (BRBNMPL) के तहत, मैसूर और सालबोनी में स्थित हैं।

और पढ़ें: नैनो टेक्नोलॉजी  


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