इंटरपोल का नोटिस
वैश्विक पुलिस निकाय इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड नोटिस को रद्द कर दिया है, वह 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित भारतीय भगोड़ा है।
- हालाँकि इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस को रद्द किये जाने से भारत की जाँच या प्रत्यर्पण अनुरोध प्रभावित नहीं होगा
इंटरपोल:
- इसे वर्ष 1923 में सुरक्षित सूचना-साझाकरण मंच के रूप में स्थापित किया गया था, जो विभिन्न पुलिस बलों से प्राप्त सूचनाओं के संग्रहण और प्रसार के माध्यम से विश्व भर में पुलिस बलों की आपराधिक जाँच की सुविधा प्रदान करता है।
- इसका मुख्यालय फ्राँस के लियॉन में है।
- इंटरपोल के सदस्य देशों की संख्या 195 है।
- भारत 15 अक्तूबर, 1949 को इसका सदस्य बना।
- यह विभिन्न क्षेत्रों में अपराधियों और पुलिस के रडार के तहत आने वाले लोगों की गतिविधियों पर नज़र रखता है और उन पुलिस बलों को सुझाव देता है जिन्होंने या तो इंटरपोल की सहायता मांगी है या जो उसके पास उपलब्ध विवरणों से लाभान्वित हो सकते हैं।
- इसका उद्देश्य आपराधिक पुलिस बलों के बीच व्यापक संभव पारस्परिक सहायता को बढ़ावा देना है।
- इंटरपोल के साथ किसी देश की कानून प्रवर्तन एजेंसी के सभी संपर्क देश के सर्वोच्च जाँच निकाय के माध्यम से होते हैं।
- भारत में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) वरिष्ठ अधिकारियों में से एक के साथ अपने विशेष इंटरविंग (राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो) के नेतृत्त्व में वैश्विक निकाय के साथ सूचना और संपर्क के लिये इस भूमिका को ग्रहण करता है।
इंटरपोल का नोटिस:
- परिचय:
- ये नोटिस सहयोग या अलर्ट के लिये अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध हैं जो सदस्य देशों में पुलिस को अपराध-संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा करने की अनुमति देते हैं।
- किसी सदस्य देश के इंटरपोल राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के अनुरोध पर सामान्य सचिवालय द्वारा नोटिस जारी किये जाते हैं और सभी सदस्य देशों के लिये नोटिस डेटाबेस में परामर्श के लिये उपलब्ध कराए जाते हैं।
- ये नोटिस सहयोग या अलर्ट के लिये अंतर्राष्ट्रीय अनुरोध हैं जो सदस्य देशों में पुलिस को अपराध-संबंधी महत्त्वपूर्ण जानकारी साझा करने की अनुमति देते हैं।
अन्य नोटिस:
स्रोत: द हिंदू
वनवेब इंडिया-2 मिशन
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के सबसे बड़े प्रक्षेपण यान, LVM-3 (लॉन्च व्हीकल मार्क 3) द्वारा अपने दूसरे व्यावसायिक प्रक्षेपण में 36 वनवेब उपग्रहों का एक समूह लॉन्च किया जाएगा, जिसके साथ ही विशाल ब्रॉडबैंड नेटवर्क निर्माण का फर्स्ट जनरेशन पूर्ण हो जाएगा।
LVM3-M3/वनवेब इंडिया-2 मिशन:
- इस लॉन्च के साथ वनवेब 18वीं बार लॉन्च किया जाएगा, इस प्रकार इसके उपग्रहों की कुल संख्या 582 हो जाएगी। वनवेब एक यूके आधारित कंपनी है।
- ISRO की वाणिज्यिक शाखा NSIL ने दो चरणों में 72 उपग्रहों को लॉन्च करने के लिये वनवेब (OneWeb) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। 23 अक्तूबर, 2022 को LVM3-M2/वनवेब इंडिया-1 मिशन में 36 उपग्रहों का पहला समूह लॉन्च किया गया था।
- यह दूसरा वनवेब समूह है जिसे भारत द्वारा लॉन्च किया जा रहा है। इस प्रकार यह भारत के कमर्शियल हैवी लिफ्ट-ऑफ स्पेस क्षेत्र में भारत की यात्रा की शुरुआत है।
वनवेब नक्षत्र/तारामंडल:
- परिचय:
- वनवेब तारामंडल लियो पोलर ऑर्बिट में प्रचालित है।
- प्रत्येक विमान में 49 उपग्रहों के साथ, ये उपग्रह 12 वलयों (कक्षीय तल) में व्यवस्थित होते हैं।
- कक्षीय तल ध्रुव (87.9 डिग्री) के नज़दीक झुके हुए हैं।
- कक्षीय समतल पृथ्वी से 1200 किमी. ऊपर स्थित है। प्रत्येक उपग्रह हर 109 मिनट में पृथ्वी के चारों ओर का एक चक्कर पूरा करता है।
- महत्त्व:
- वनवेब के पास पहले से ही विश्व भर के प्रमुख भौगोलिक क्षेत्रों में संयोजकता समाधान सक्रिय हैं और यह नए क्षेत्रों को भी ऑनलाइन ला रहा है।
- वनवेब की उच्च गति, निम्न-लेटेंसी समाधान विश्व भर के उद्यमों और सरकारों को जोड़ने में मदद करेंगे, जिससे LEO कनेक्टिविटी की अद्वितीय क्षमता का प्रदर्शन होगा।
इसरो द्वारा विकसित प्रक्षेपण यान:
- उपग्रह प्रक्षेपण यान (SLV): इसरो द्वारा विकसित पहले रॉकेट को केवल SLV या उपग्रह प्रक्षेपण यान कहा जाता था।
- इसके बाद संवर्द्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान या ASLV था।
- संवर्द्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (ASLV): SLV और ASLV दोनों पृथ्वी की निम्न कक्षाओं में 150 किलोग्राम तक के छोटे उपग्रह ले जा सकते हैं।
- PSLV के आने से पहले 1990 के दशक की शुरुआत तक ASLV संचालित होता था।
- ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV): PSLV का पहला प्रक्षेपण वर्ष 1994 में हुआ था और तब से यह इसरो का मुख्य रॉकेट है। हालाँकि वर्तमान का PSLV वर्ष 1990 के दशक में इस्तेमाल किये गए उपग्रहों की तुलना में अधिक बेहतर और कई गुना अधिक शक्तिशाली है।
- यह तरल अवस्था से युक्त पहला भारतीय प्रक्षेपण यान है।
- PSLV इसरो द्वारा अब तक उपयोग किया जाने वाला सबसे विश्वसनीय रॉकेट है, जिसकी 54 में से 52 उड़ानें सफल रही हैं।
- इसने दो अंतरिक्ष यान- वर्ष 2008 में चंद्रयान -1 और वर्ष 2013 में मार्स ऑर्बिटर अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया, जिन्होंने बाद में क्रमशः चंद्रमा एवं मंगल की यात्रा की।
- जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (GSLV): GSLV एक अधिक शक्तिशाली रॉकेट है, जिसका उद्देश्य भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में बहुत गहराई तक ले जाना है। GSLV रॉकेट ने अब तक 18 मिशन संपन्न किये हैं, जिनमें से चार असफल रहे।
- यह लोअर अर्थ ऑर्बिट में 10,000 किलोग्राम तक के उपग्रह ले जा सकता है।
- स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक अपर स्टेज (CUS), GSLV Mk II का तीसरा चरण है।
- Mk-III संस्करणों ने ISRO को अपने उपग्रहों को लॉन्च करने में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बना दिया है।
- इससे पूर्व यह अपने भारी उपग्रहों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिये यूरोपीय एरियन लॉन्च वाहन पर निर्भर था।
- ISRO ने GSLV मार्क-III का नाम बदलकर लॉन्च व्हीकल मार्क-III कर दिया है। GSLV- जियोस्टेशनरी ऑर्बिट (GEO) को अब इसी नाम से जाना जाएगा।
- LVM3-GEO, मीडियम अर्थ ऑर्बिट (MEO), LEO, चंद्रमा एवं सूर्य के मिशन पर भेजा जा सकता है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. भारत के उपग्रह प्रमोचित करने वाले वाहनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2018)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (a) |
स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस
वसंत विषुव
वसंत विषुव एक प्राकृतिक घटना है जो वर्ष 2023 में 21 मार्च को घटित हुई।
विषुव (Equinox):
- परिचय:
- विषुव वर्ष में दो बार लगभग 21 मार्च और 23 सितंबर को होता है, जब सूर्य सीधे भूमध्य रेखा के ऊपर होता है।
- विषुव के दौरान उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध दोनों में दिन एवं रात बराबर होते हैं। वसंत विषुव उत्तरी गोलार्द्ध में 20 या 21 मार्च को होता है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में यह 22 या 23 सितंबर को होता है।
- इसके विपरीत दक्षिणी गोलार्द्ध में 21 मार्च को वसंत ऋतु का आगमन होता है, जबकि उत्तरी गोलार्द्ध में 23 सितंबर (शरद विषुव) को शरद ऋतु का आगमन होता है।
- महत्त्व:
- इसके परिणामस्वरूप सूर्य विषुवत वृत्त के ऊपर स्थित होता है और दोनों गोलार्द्धों को लगभग समान मात्रा में सूर्य का प्रकाश प्राप्त होता है।
- वसंत विषुव के बाद उत्तरी गोलार्द्ध मार्च में सूर्य के करीब झुक जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सूर्योदय पहले और सूर्यास्त बाद में होता है जिसकी वजह से दिन बड़ा होता है।
- हिन्दू ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वसंत विषुव को वसंत विशुवा या वसंत संपत के नाम से भी जाना जाता है।
- वसंत विषुव में सूर्योदय पहले और सूर्यास्त बाद में होता है जिसके परिणामस्वरूप उत्तरी गोलार्द्ध में पौधे अंकुरित होते है।
- विषुवत वृत्त के दक्षिण (दक्षिणी गोलार्द्ध) में सूर्योदय बाद में और सूर्यास्त पहले होता है जिसके कारण सर्द हवाएँ चलती हैं तथा सूखी पत्तियाँ गिरती हुई देखी जाती हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्नप्रश्न. उत्तरी गोलार्द्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन सामान्य रूप से होता है: (a) जून माह का प्रथम पूर्वार्द्ध उत्तर: B व्याख्या:
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स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 22 मार्च, 2023
विश्व जल दिवस
विश्व जल दिवस (World Water Day- WWD) प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1993 में एक प्रस्ताव जारी कर प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। WWD 2023 की थीम 'जल और स्वच्छता संकट के समाधान में तेज़ी लाना’ (Accelerating the change to solve the water and sanitation crisis) है, जिसमें वैश्विक जल संकट के निदान हेतु उचित कार्रवाई करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को ताजे जल के संसाधनों का स्थायी रूप से प्रबंधन करने हेतु जागरूक और प्रेरित करना है, साथ ही जल से संबंधित मुद्दों जैसे- जल प्रदूषण, जल की कमी, अपर्याप्त जल एवं स्वच्छता की कमी के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना तथा बदलाव हेतु उचित कदम उठाना है। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस दिवस को मनाने के पीछे का विचार "सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal- SDG) 6: वर्ष 2030 तक सभी हेतु जल और स्वच्छता उपलब्ध करना" है।
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INS एंड्रोथ
आठ एंटी-सबमरीन वारफेयर शैलो वाटर क्राफ्ट (ASW-SWC) की शृंखला में दूसरे जहाज़, INS एंड्रोथ को कोलकाता में लॉन्च किया गया। INS एंड्रोथ का नाम लक्षद्वीप द्वीप समूह में एंड्रोथ द्वीप के रूप में प्रसिद्ध सबसे बड़े और सबसे लंबे द्वीप के नाम पर रखा गया है। इसका निर्माण कार्य कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE) द्वारा किया गया। INS एंड्रोथ तीन डीज़ल चालित वाटर जेट द्वारा संचालित है, यह जहाज़ 25 समुद्री मील की अधिकतम गति प्राप्त कर सकता है। INS एंड्रोथ का प्राथमिक कार्य तटीय जल में पनडुब्बी रोधी संचालन, कम तीव्रता वाले समुद्री संचालन और खदान बिछाने का संचालन कार्य करना है। ये जहाज़ तटीय जल और विभिन्न सतही प्लेटफाॅर्मों की संपूर्ण उप-सतही निगरानी तथा विमान के साथ समन्वित ASW संचालन में भी सक्षम हैं। ये जहाज़ आकार में छोटे होते हैं, परंतु हल्के टॉरपीडो, ASW रॉकेट और माइंस, क्लोज़-इन वेपन सिस्टम (30 मि.मी. की बंदूक के साथ) तथा 16.7 मि.मी. स्थिरीकृत रिमोट-नियंत्रित बंदूकें भी ले जाने में सक्षम होते हैं।
विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस
डाउन सिंड्रोम के बारे में जागरूकता बढ़ाने एवं इस बीमारी से पीड़ित लोगों के अधिकारों, समावेश और कल्याण की वकालत करने के लिये वर्ष 2006 से प्रत्येक वर्ष 21 मार्च को विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस (WDSD) के रूप में मनाया जाता है। डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक बीमारी है जो सभी जातियों, पृष्ठभूमि और जातीयता के लोगों को प्रभावित करती है। इस दिन को आधिकारिक तौर पर वर्ष 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मान्यता दी गई थी। विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस 2023 का विषय “विद अस नॉट फॉर अस” (With Us Not for Us) है। डाउन सिंड्रोम तब होता है जब 21वें क्रोमोसोम की एक अतिरिक्त कॉपी बन जाती है, जिससे शारीरिक और बौद्धिक अक्षमता की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। डाउन सिंड्रोम से पीड़ित व्यक्ति के चेहरे की भाव भंगिमा विशिष्ट विशेषताओं से युक्त होती है एवं उनमें कई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ भी पाई जाती हैं जैसे- हृदय दोष, श्रवण और दृष्टि बाधा तथा थायरॉयड की स्थिति। इस तिथि का चयन इसलिये किया गया क्योंकि डाउन सिंड्रोम 21वें गुणसूत्र की तीसरी प्रति की उपस्थिति के कारण होता है और 21/3 (21 मार्च) इस आनुवंशिक स्थिति का प्रतिनिधित्त्व करता है।
भारत में मादक पदार्थों का सेवन
हाल ही में मादक पदार्थ प्रदाताओं तथा तस्करों के खिलाफ मुकदमा चलाने के गृह मंत्रालय के प्रयास के साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय नशे की लत को पीड़ितों के रूप में चित्रित करके मादक पदार्थों की मांग को कम करने के लिये एक अभियान चला रहा है। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के अनुसार मादक पदार्थों के सेवन से होने वाले विकार भारत में मानसिक बीमारी की परिभाषा में शामिल हैं। इस मुद्दे को हल करने के लिये केंद्र सरकार के सभी उपाय नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (NAPDDR) के अंतर्गत आते हैं। इसमें 372 सुभेद्य ज़िलों में नशा मुक्त भारत अभियान चलाना, नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिये 340 एकीकृत पुनर्वास केंद्र, 48 समुदाय आधारित सहकर्मी के नेतृत्त्व वाले हस्तक्षेप केंद्र और 71 आउटरीच और ड्रॉप-इन केंद्र शामिल हैं।