नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 16 जनवरी से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 20 Sep, 2023
  • 19 min read
प्रारंभिक परीक्षा

कृषि क्षेत्र के लिये पहल

स्रोत: पी.आई.बी.

हाल ही में कृषि मंत्रालय ने तीन पहलें शुरू की हैं, ये पहलें हैं- किसान ऋण पोर्टल (KRP), KCC घर-घर अभियान और मौसम सूचना नेटवर्क डेटा सिस्टम (Weather Information Network Data Systems- WINDS) पर मैनुअल।

  • इन पहलों का उद्देश्य कृषि में क्रांति लाना, वित्तीय समावेशन को बढ़ाना, डेटा उपयोग को अनुकूलित करना और देश भर में किसानों के जीवन में सुधार करना है।

पहल के प्रमुख बिंदु:

  • किसान ऋण पोर्टल (KRP):
    • इसे कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, पशुपालन और डेयरी विभाग (DAH&D), RBI एवं नाबार्ड के सहयोग से विकसित किया गया है, KRP का उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड के तहत ऋण सेवाओं तक पहुँच में क्रांति लाना है।
    • इसका उद्देश्य किसानों को संशोधित ब्याज अनुदान योजना (Modified Interest Subvention Scheme- MISS) के माध्यम से रियायती कृषि ऋण प्राप्त करने में भी मदद करना है।
    • कृषि ऋण पोर्टल (KRP) एक एकीकृत केंद्र के रूप में कार्य करता है, जो किसान डेटा, ऋण वितरण की विशिष्टताओं, ब्याज अनुदान के दावों और योजना उपयोग की प्रगति का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
  • घर-घर KCC अभियान:
    • यह अभियान सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के लिये कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि बिना किसी बाधा के प्रत्येक किसान की पहुँच क्रेडिट सुविधाओं तक हो ताकि वे अपनी कृषि गतिविधियों को सुगमता से संचालित कर सकें।
      • 1 अक्तूबर, 2023 से 31 दिसंबर, 2023 तक चलने वाला यह अभियान पात्र पीएम किसान के लाभार्थियों के बीच KCC खातों की संतृप्ति को लक्षित करता है।
    • मंत्रालय ने पीएम किसान डेटाबेस के खिलाफ मौजूदा KCC खाताधारकों के आँकड़ों की पुष्टि की है, जो KCC खातों और बिना खाता वाले व्यक्तियों की पहचान करते हैं।
      • अभियान का उद्देश्य गैर KCC खाताधारक पीएम किसान लाभार्थियों तक पहुँचना और KCC योजना में उनके निर्बाध एकीकरण की सुविधा प्रदान करना है।
  • WINDS मैनुअल लॉन्च:
    • WINDS पहल एक प्रयास है जिसका उद्देश्य तालुक/ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तरों पर स्वचालित मौसम विज्ञान केंद्रों एवं वर्षा गेज का एक नेटवर्क स्थापित करना है।
    • इस पहल का उद्देश्य विभिन्न कृषि सेवाओं का समर्थन करते हुए चरम स्थानीय मौसमी घटनाओं के आँकड़े/हाइपर-लोकल वेदर डेटा का एक मज़बूत डेटाबेस बनाना है।
    • लॉन्च किया गया व्यापक WINDS मैनुअल हितधारकों को पोर्टल की कार्यक्षमता, डेटा विश्लेषण और प्रभावी उपयोग की गहन समझ प्रदान करता है।
      • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को WINDS प्लेटफॉर्म की स्थापना एवं एकीकरण के लिये मार्गदर्शन प्रदान करता है।
      • इसके अतिरिक्त यह बेहतर फसल प्रबंधन, संसाधन आवंटन और जोखिम शमन के लिये मौसम डेटा का लाभ उठाने में व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष प्रश्न  

प्रश्न. किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत निम्नलिखित में से किन-किन उद्देश्यों के लिये कृषकों को अल्पकालीन ऋण समर्थन उपलब्ध कराया जाता है? (2020)

  1. फार्म परिसंपत्तियों के रखरखाव हेतु कार्यशील पूंजी के लिये
  2. कंबाइन कटाई मशीनों, ट्रैक्टरों एवं मिनी ट्रकों के क्रय के लिये
  3. फार्म परिवारों की उपभोग आवश्यकताओं के लिये
  4. फसल कटाई के बाद के खर्चों के लिये
  5. पारिवार के लिये घर निर्माण तथा गाँव में शीतागार सुविधा की स्थापना के लिये

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1, 2 और 5
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3, 4 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) योजना वर्ष 1998 में किसानों को उनकी खेती और अन्य ज़रूरतों जैसे- कृषि आदानों की खरीद, बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि एवं अपनी उत्पादन आवश्यकताओं के लिये नकदी निकालने जैसी लचीली और सरलीकृत प्रक्रिया के साथ एकल खिड़की के तहत बैंकिंग प्रणाली से पर्याप्त तथा समय पर ऋण सहायता प्रदान करने के लिये शुरू की गई थी।
  • किसानों की निवेश ऋण आवश्यकता अर्थात् संबद्ध और गैर-कृषि गतिविधियों के लिये इस योजना को वर्ष 2004 में आगे बढ़ाया गया था।
  • KCC निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ प्रदान किया जाता है:
    • फसलों की खेती के लिये अल्पावधि ऋण आवश्यकताएँ,
    • फसल कटाई के बाद का खर्च, अतः कथन 4 सही है।
    • उत्पादन विपणन ऋण,
    • किसान परिवार की उपभोग आवश्यकताएँ, अतः कथन 3 सही है।
    • कृषि परिसंपत्तियों और कृषि से संबद्ध गतिविधियों जैसे- डेयरी पशु, अंतर्देशीय मत्स्य पालन आदि के रखरखाव के लिये कार्यशील पूंजी, अतः कथन 1 सही है।
    • कृषि और संबद्ध गतिविधियों जैसे- पंपसेट, स्प्रेयर, डेयरी पशु आदि के लिये निवेश ऋण की आवश्यकता। हालाँकि यह खंड दीर्घकालिक ऋण सीमा सुनिश्चित करता है।
  • KCC योजना वाणिज्यिक बैंकों, RRB, लघु वित्त बैंकों और सहकारी समितियों द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
  • कंबाइन हार्वेस्टर, ट्रैक्टर और मिनी ट्रकों की खरीद एवं परिवार के लिये घर के निर्माण तथा गाँव में कोल्ड स्टोरेज सुविधा की स्थापना हेतु किसानों को अल्पकालिक ऋण सहायता नहीं दी जाती है। अतः कथन 2 और 5 सही नहीं हैं।
  • अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।


प्रारंभिक परीक्षा

WHO का रोगी सुरक्षा अधिकार चार्टर

स्रोत: डाउन टू अर्थ

विश्व रोगी सुरक्षा दिवस (17 सितंबर, 2023) से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने स्वास्थ्य देखभाल के संदर्भ में रोगियों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करते हुए पहला रोगी सुरक्षा अधिकार चार्टर जारी किया।

  • WHO चिकित्सा देखभाल में अंतर्निहित प्रणालीगत त्रुटियों को समझने पर ध्यान केंद्रित करते हुए दोष-उन्मुख दृष्टिकोण से सिस्टम-आधारित परिप्रेक्ष्य में परिवर्तन का समर्थन करता है।
  • विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2023 का विषय 'रोगी सुरक्षा के लिये रोगियों को शामिल करना’ (Engaging patients for patient safety) है।

रोगी सुरक्षा:

  • परिचय:
    • रोगी सुरक्षा में स्वास्थ्य देखभाल प्रावधान के दौरान अप्रत्याशित क्षति को रोकने के प्रयास शामिल हैं, जो वैश्विक स्वास्थ्य सेवा का एक महत्त्वपूर्ण पहलू है।
  • रोगी को नुकसान पहुँचाने वाले कारक:
    • नुकसान के चिह्नित स्रोत: इसमें दवा संबंधी त्रुटियाँ, सर्जिकल त्रुटियाँ, स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमण, सेप्सिस, नैदानिक ​​त्रुटियाँ तथा रोगी का गिरना रोगी को नुकसान पहुँचाने के कारण शामिल हैं।
    • विभिन्न कारक: स्वास्थ्य प्रणाली और संगठनात्मक विफलताओं, तकनीकी सीमाओं, मानवीय कारकों तथा रोगी की परिस्थितियों के कारण रोगी को नुकसान होता है, जो रोगी सुरक्षा घटनाओं की बहुआयामी प्रकृति को दर्शाता है।

रोगी सुरक्षा अधिकार चार्टर:

  • परिचय:
    • यह चार्टर स्वास्थ्य देखभाल की सुरक्षा के संदर्भ में सभी रोगियों के मूल अधिकारों को रेखांकित करता है और यह सुनिश्चित करने के लिये सरकारों तथा अन्य हितधारकों की सहायता करने का दृष्टिकोण रखता है ताकि रोगियों की समस्याओं का हल किया जा सके एवं सुरक्षित स्वास्थ्य देखभाल के उनके अधिकार की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
  • आवश्यकता:
    • आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (Economic Co-operation and Development- OECD) की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 10 में से 1 रोगी को स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रियाओं के दौरान नुकसान का सामना करना पड़ता है तथा इस असुरक्षित देखभाल की वजह से वार्षिक तौर पर 3 मिलियन से अधिक लोगों की मौत होती है।
      • OECD के अनुसार, रोगी सुरक्षा में निवेश करने से स्वास्थ्य परिणामों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, रोगी क्षति से संबंधित लागत कम हो जाती है, सिस्टम दक्षता में सुधार होता है और समुदायों को आश्वस्त करने तथा स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में उनका विश्वास बहाल करने में मदद मिलती है।
    • इससे रोगी को होने वाली ज़्यादातर हानि से बचा जा सकता है, जो हानि को कम करने में रोगियों, परिवारों और देखभाल करने वालों की भागीदारी की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।
    • WHO के सदस्य देशों के वर्ष 2023 के सर्वेक्षण में वैश्विक रोगी सुरक्षा कार्य योजना 2021-2030 को लागू करने में कमियों का पता चला, जिसमें रोगी प्रतिनिधित्व की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया और कार्यान्वयन में आय-आधारित असमानताओं को संबोधित किया गया।
      • सर्वेक्षण के अंतरिम परिणामों से पता चला कि केवल 13% देशों में उनके अधिकांश अस्पतालों में गवर्निंग बोर्ड या समकक्ष तंत्र में एक रोगी प्रतिनिधि है।

विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 20 सितंबर, 2023

भारत-मलेशिया रक्षा सहयोग समिति की बैठक

  • मलेशिया-भारत रक्षा सहयोग समिति (MIDCOM) की 12वीं बैठक 19 सितंबर, 2023 को नई दिल्ली में हुई।
  • इस बैठक में दो उप-समितियों की बैठकों के परिणामों की समीक्षा की गई, अर्थात् सैन्य सहयोग पर उप-समिति (27 जुलाई 2023) एवं रक्षा विज्ञान प्रौद्योगिकी और उद्योग सहयोग पर संयुक्त उप-समिति (18 सितंबर 2023)
  • भारत के रक्षा सचिव ने सरकार-से-सरकार स्तर पर जुड़ाव, Tri-सेवा सहयोग, प्रशिक्षण, संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना, द्विपक्षीय सेवा जुड़ाव, रक्षा औद्योगिक सहयोग, अनुसंधान एवं विकास और क्षेत्रीय/उप-क्षेत्रीय संलग्नताएँ जैसे व्यापक क्षेत्रों में भारत तथा मलेशिया के बीच सहयोग का विस्तार करने के लिये मलेशियाई पक्ष के साथ 8 सूत्री प्रस्ताव साझा किया।
  • दोनों देशों ने आपसी विश्वास, सामान्य हितों, लोकतंत्र और विधि के शासन के साझा मूल्यों पर बल देते हुए उन्नत रणनीतिक साझेदारी को पूरी तरह से लागू करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

और पढ़ें… मलेशिया-भारत रक्षा सहयोग समिति

बायोहैकिंग

  • हाल के वर्षों में बायोहैकिंग पर अधिक ध्यान दिये जाने के साथ-साथ इसने लोकप्रियता प्राप्त की है, यह आहार, पूरक, उपकरण, प्रत्यारोपण या आनुवंशिक इंजीनियरिंग जैसे विभिन्न तरीकों का उपयोग करके किसी जीव के शरीर या जीव विज्ञान को संशोधित करने या बढ़ाने का अभ्यास है।
    • बायोहैकिंग के अलग-अलग लक्ष्य हो सकते हैं, जैसे- स्वास्थ्य, प्रदर्शन, कल्याण या उपस्थिति में सुधार करना या मानव स्वभाव की सीमाओं और संभावनाओं की खोज करना।
    • बायोहैकिंग का सबसे प्रसिद्ध प्रकार जेनेटिक इंजीनियरिंग है, जहाँ व्यक्ति अपनी शारीरिक उपस्थिति या क्षमताओं को बढ़ाने के लिये नई तकनीकों का प्रयोग करते हैं।
  • हालाँकि बायोहैकिंग नैतिक और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी जन्म देती है, विशेषकर जब व्यक्ति जोखिमपूर्ण या अप्रमाणित प्रक्रियाओं में संलग्न होते हैं।

स्ट्रिंग प्रौद्योगिकी तथा लिथियम उत्पादन पर इसका प्रभाव

"स्ट्रिंग" नामक एक नई तकनीक विकसित की गई है, जो स्मार्टफोन तथा इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरियों में एक आवश्यक घटक लिथियम के निष्कर्षण को सुव्यवस्थित करने में सहायता प्रदान करेगी।

  • लिथियम का उत्पादन एक संसाधन गहन तथा समय लेने वाली प्रक्रिया है क्योंकि दुनिया में उत्पादित अधिकांश लिथियम साल्ट फ्लैट्स में स्थित खारे जल वाले जलाशयों से निकाला जाता है।
  • स्ट्रिंग प्रौद्योगिकी में छिद्रनुमा रेशों का उपयोग किया जाता है जिन्हें तारों पर लपेटा जाता है जिसे  सावधानीपूर्वक डिज़ाइन किया गया है।
  • इन तारों में वाटर लविंग (हाइड्रोफिलिक) कोर और जल-विकर्षक सतह होती है।
  • जब तार के एक सिरे को खारे पानी के घोल में डुबोया जाता है, तो केशिका क्रिया शुरू हो जाती है ठीक उसी प्रकार जिस तरह से पेड़ अपनी जड़ों से पत्तियों तक पानी पहुँचाते हैं।
  • जैसे ही पानी स्ट्रिंग की सतह से वाष्पित होता है, यह सोडियम और लिथियम सहित नमक आयनों को पीछे छोड़ देता है। समय के साथ जैसे-जैसे लवण तेज़ी से केंद्रित होते जाते हैं, वे सोडियम क्लोराइड और लिथियम क्लोराइड क्रिस्टल बनाते हैं, जिन्हें आसानी से काटा जा सकता है।
  • इस प्रकार, स्ट्रिंग टेक्नोलॉजी द्वारा लिथियम उत्पादन की प्रक्रिया को पूरा किया गया।

नागोर्नो-काराबाख में अज़रबैजान का हस्तक्षेप

हाल ही में अज़रबैजान ने अर्मेनिया समर्थित नागोर्नो-काराबाख के अलग हुए इलाके में एक आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया।

  • यह क्षेत्र लंबे समय से अज़रबैजान और आर्मेनिया के बीच तनाव का केंद्र रहा है, जिस पर नियंत्रण हासिल करने के लिये दो युद्ध भी हुए हैं। वर्ष 2020 में नागोर्नो-काराबाख में आखिरी बड़े पैमाने का संघर्ष रूसी मध्यस्थता वाले संघर्ष विराम से पहले छह सप्ताह तक चला था। युद्धविराम के बाद आर्मेनिया ने उस क्षेत्र के कुछ हिस्सों को खो दिया जिस पर 1990 के दशक के दौरान उसका नियंत्रण हुआ करता था।
  • नागोर्नो-काराबाख एक पहाड़ी और घने वनों वाला क्षेत्र है जिसे अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत अज़रबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता प्राप्त है।
  • अधिकांश निवासी, जो जातीय रूप से अर्मेनियाई हैं, अज़ेरी शासन (अज़रबैजानी कानून प्रणाली) का विरोध करते हैं।
  • 1990 के दशक में हुए एक युद्ध के बाद अज़रबैजान की सेना को इस क्षेत्र से बाहर खदेड़ दिये जाने के बाद आर्मेनिया के समर्थन से ये जातीय अर्मेनियाई लोग नागोर्नो-काराबाख के प्रशासनिक नियंत्रण के अंतर्गत आ गए थे।
  • USSR के पतन की पृष्ठभूमि में सितंबर 1991 में नागोर्नो-काराबाख द्वारा स्वतंत्रता की स्व-घोषणा के परिणामस्वरूप अज़रबैजान और नागोर्नो-काराबाख के बीच युद्ध हुआ, जिसे आर्मेनिया का समर्थन प्राप्त था।

Read More:- Nagorno-Karabakh region


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
PrevNext
April 2025
SuMoTuWeThFrSa
  12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
27282930