संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद
लैंगिक समानता एवं महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देने के लिये समर्पित अपने प्रमुख वैश्विक अंतर- सरकारी निकाय (महिलाओं की स्थिति से संबंधित आयोग) से ईरान को बाहर करने हेतु संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के एक मसौदा प्रस्ताव से भारत ने स्वयं को अलग रखा है।
महिलाओं की स्थिति से संबंधित आयोग:
- यह लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये विशेष रूप से समर्पित प्रमुख वैश्विक अंतर-सरकारी निकाय है।
- जून 1946 के ECOSOC संकल्प द्वारा इसे आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC) के कार्यात्मक आयोग के रूप में स्थापित किया गया था। इस आयोग में संयुक्त राष्ट्र के 45 सदस्य देश शामिल हैं।
प्रस्ताव:
- देश में महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न का हवाला देते हुए अमेरिका द्वारा मसौदा प्रस्ताव में वर्ष 2022-2026 के शेष कार्यकाल के लिये CSW की सदस्यता से ईरान को हटाने का प्रस्ताव पेश किया गया।
- सितंबर 2022 में 22 वर्षीय महसा अमिनी, जिसकी देश की मोरालिटी पुलिस (Morality police) द्वारा हिरासत में लिये जाने के बाद मृत्यु हो गई थी, के कारण ईरान में कई बार ज़बरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए।
- प्रस्ताव के पक्ष में 29 और विरोध में 8 मत पड़े। बोलीविया, चीन, कज़ाखस्तान , निकारागुआ, नाइजीरिया, ओमान, रूस, जिम्बाब्वे, बांग्लादेश, भारत, इंडोनेशिया, मॉरीशस, मेक्सिको तथा थाईलैंड सहित 16 देशों ने इसमें हिस्सा नहीं लिया।
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद:
- परिचय:
- यह समन्वय, नीति समीक्षा, नीतिगत संवाद, आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर सिफारिशों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लक्ष्यों के कार्यान्वयन हेतु वर्ष 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित प्रमुख निकाय है।
- इसमें महासभा द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिये निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं।
- यह सतत् विकास पर बहस एवं अभिनव सोच के लिये संयुक्त राष्ट्र का केंद्रीय मंच है।
- प्रतिवर्ष ECOSOC सतत् विकास के लिये वैश्विक महत्त्व की वार्षिक थीम के इर्द-गिर्द अपनी कार्य संरचना बनाता है। यह ECOSOC के साझेदारों एवं संपूर्ण संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है।
- यह संयुक्त राष्ट्र की 14 विशिष्ट एजेंसियों, 10 कार्यात्मक आयोगों और 5 क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करता है, 9 संयुक्त राष्ट्र निधियों एवं कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करता है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली व सदस्य राज्यों के लिये नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।
- ECOSOC के दायरे में आने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण निकाय:
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO)
- खाद्य और कृषि संगठन (FAO)
- संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (UNESCO)
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)
- ब्रेटन वुड्स ट्विन्स (विश्व बैंक समूह और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष)
- संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ)
- इनके अलावा विभिन्न कार्यात्मक और क्षेत्रीय आयोग, स्थायी समितियाँ, तदर्थ एवं विशेषज्ञ निकाय भी हैं।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):प्रश्न. संयुक्त राष्ट्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2009)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) |
स्रोत: द हिंदू
दिशा योजना
हाल ही में कानून और न्याय मंत्री ने लोकसभा को सूचित किया है कि "न्याय तक समग्र पहुँच के लिये अभिनव समाधान तैयार करना (Designing Innovative Solutions for Holistic Access to Justice- DISHA) योजना पाँच वर्ष (2021-2026)" की अवधि के लिये शुरू की गई थी।
दिशा योजना:
- परिचय:
- इसे अखिल भारतीय स्तर पर न्याय तक पहुँच पर एक व्यापक, समग्र, एकीकृत और व्यवस्थित समाधान प्रदान करने के लिये लॉन्च किया गया था।
- इसका उद्देश्य भारत के संविधान की प्रस्तावना तथा अनुच्छेद 39A, 14 और 21 के तहत भारत के लोगों के लिये "न्याय" सुरक्षित करना है।
- इसका उद्देश्य कानूनी सेवाओं का नागरिक-केंद्रित वितरण के लिये विभिन्न कार्यक्रमों को डिज़ाइन और समेकित करना है।
- घटक: वर्तमान में दिशा के अंतर्गत तीन घटक हैं:
- टेली-लॉ: वंचितों तक पहुँच (रिचिंग द अनरीच्ड):
- यह एक ई-इंटरफेस तंत्र है जो मुकदमेबाज़ी से पहले के चरण में विधिक सलाह और परामर्श प्रदान करता है। यह पंचायत स्तर पर स्थित जन सेवा केंद्रों (CSC) पर उपलब्ध वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग/टेलीफोनिक सुविधाओं के माध्यम से ज़रूरतमंद और हाशिये पर रह रहे लोगों को विधिक सहायता के लिये वकीलों के पैनल से जोड़ता है।
- न्याय बंधु कार्यक्रम:
- न्याय बंधु (प्रो बोनो लीगल सर्विसेज़) कार्यक्रम का उद्देश्य वंचित वर्गों को नि:शुल्क कानूनी सहायता और परामर्श प्रदान करना है।
- न्याय बंधु मोबाइल एप्लीकेशन, एंड्रॉइड और आईओएस फोन के लिये पंजीकृत प्रो-बोनो अधिवक्ताओं को पंजीकृत आवेदकों से जोड़ने के लिये विकसित किया गया है।
- विधिक जागरूकता कार्यक्रम:
- विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत अनुसंशित राष्ट्रीय, राज्य और ज़िला एवं तालुक स्तर पर एक अधिक मज़बूत ढाँचे के साथ कानूनी सेवा संस्थान नेटवर्क प्रदान करना।
- सूचना, शिक्षा और संचार:
- इसकी व्यापक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये (प्रौद्योगिकी) घटक सहित समर्पित सूचना, शिक्षा और संचार (InformatIon, EducatIon & communIcatIon- IEC) को दिशा (DISHA) पहल में एकीकृत किया गया है।
- टेली-लॉ: वंचितों तक पहुँच (रिचिंग द अनरीच्ड):
न्याय तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिये उठाए गए प्रमुख कदम:
- न्याय वितरण और कानूनी सुधार के लिये राष्ट्रीय मिशन:
- इस मिशन के तहत न्यायिक प्रशासन में बकाया और लंबित मामलों के चरणबद्ध परिसमापन के लिये एक समन्वित दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ न्यायालयों के लिये बेहतर बुनियादी अवसंरचना शामिल है। इसमें कम्प्यूटरीकरण, अधीनस्थ न्यायपालिका की शक्ति में वृद्धि, नीति और विधायी उपाय भी शामिल हैं।
- ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों के न्यायिक अधिकारियों के लिये बुनियादी अवसंरचना में सुधार:
- अवसंरचना सुविधाओं के विकास के लिये केंद्र प्रायोजित योजना की शुरुआत के बाद से 9291.79 करोड़ रुपए जारी किये गए हैं।
- न्यायालय परिसर (कोर्ट हॉल) की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का लाभ उठाना:
- ज़िला तथा अधीनस्थ न्यायालयों को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी सक्षम बनाने के लिये सरकार पूरे देश में ई-न्यायालय मिशन मोड परियोजना को लागू कर रही है।
- कम्प्यूटरीकृत ज़िला और अधीनस्थ न्यायालयों की संख्या अब बढ़कर 18,735 हो गई है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):प्रश्न: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2013)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 प्रश्न: भारत में विधिक सेवा प्रदान करने वाले प्राधिकरण (Legal Services Authorities) निम्नलिखित में से किन नागरिकों को नि:शुल्क विधिक सेवाएँ प्रदान करते हैं? (2020)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 और 2 |
स्रोत: पी.आई.बी.
फीफा विश्व कप कतर 2022
हाल ही में अर्जेंटीना ने कतर में आयोजित फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) विश्व कप, 2022 फ्राँस को हराकर जीता।
फीफा विश्व कप (FIFA World Cup):
- परिचय:
- यह विश्व में सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है जो प्रत्येक चार वर्ष में आयोजित की जाती है।
- पहला फीफा विश्व कप:
- वर्ष 1930 में उरुग्वे में आयोजित; उरुग्वे ने जीता।
- ट्रॉफी:
- वर्ष 1930 से 1970 तक दिया जाने वाला ट्रॉफी कप जूल्स रिमेट ट्रॉफी था, जिसका नाम उस फ्राँसीसी व्यक्ति के नाम पर रखा गया था जिसने टूर्नामेंट का प्रस्ताव रखा था।
- वर्ष 1970 में प्रतियोगिता के लिये फीफा विश्व कप नामक एक नई ट्रॉफी शुरू की गई।
- फीफा विश्व कप 2022 के मुख्य बिंदु:
- पुरस्कार: फीफा ने पूरे विश्व कप में खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को मान्यता देने के लिये कई पुरस्कारों की घोषणा की, जिनमें शामिल हैं:
- गोल्डन बूट - किलियन एम्बाप्पे
- गोल्डन ग्लोव - एमिलियानो मार्टिनेज़
- गोल्डन बॉल - लियोनेल मेसी
- युवा खिलाड़ी - एंज़ो फर्नांडीज़
- फीफा फेयर प्ले अवार्ड - इंग्लैंड
- फीफा विश्व कप आधिकारिक बॉल:
- पुरस्कार: फीफा ने पूरे विश्व कप में खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन को मान्यता देने के लिये कई पुरस्कारों की घोषणा की, जिनमें शामिल हैं:
- अल-रिहला (अर्थ - 'यात्रा') 14वीं शताब्दी के खोजकर्त्ता इब्न बतूता द्वारा लिखित एक यात्रा वृतांत का संदर्भ है।
- अल-रिहला (Al-Rihla) पहली फीफा विश्व कप गेंद है जिसे विशेष रूप से केवल वाटर बेस्ट इंक और गोंद से तैयार किया गया है।
- अल-रिहला का इस्तेमाल क्वार्टर फाइनल तक के इवेंट में किया जाना था, अल-रिहला फीफा WC 2022 (Al Rihla FIFA WC 2022) के सेमीफाइनल और फाइनल में ‘अल हिल्म' ने जगह ले ली।
- पहले फीफा विश्व कप (1930) के समय कोई आधिकारिक गेंद नहीं थी और दोनों फाइनलिस्ट, उरुग्वे (टी मॉडल बॉल- T Model Ball) और अर्जेंटीना (टिएन्टो- Tiento), अपनी-अपनी गेंदें लेकर आए थे।
- दुनिया के दो-तिहाई से अधिक फुटबॉल पाकिस्तान में बनते हैं और सियालकोट (Sialkot) इसका प्रमुख विनिर्माण केंद्र है।
- आधिकारिक प्रतीक:
- फीफा विश्व कप 2022 का आधिकारिक प्रतीक (Official Mascot) ‘लाईब’ (La’eeb) है।
- अरबी भाषा में ‘लाईब’ का अर्थ 'सुपर-स्कील्ड प्लेयर' होता है।
- फीफा विश्व कप 2022 का आधिकारिक प्रतीक (Official Mascot) ‘लाईब’ (La’eeb) है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQs):प्रिलिम्स:प्रश्न. वर्ष 2000 में स्थापित लॉरियस वर्ल्ड स्पोर्ट्स अवार्ड के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (c) प्रश्न. 32वें ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (b) प्रश्न. आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 उत्तर: (d) |
स्रोत: फीफा
पहला वैश्विक जल सर्वेक्षण उपग्रह
हाल ही में राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (National Aeronautics and Space Administration- NASA) के नेतृत्व वाले अंतर्राष्ट्रीय उपग्रह, सरफेस वाटर एंड ओशन टोपोग्राफी (SWOT) को स्पेसएक्स फाल्कन 9 रॉकेट द्वारा दक्षिणी कैलिफोर्निया से लॉन्च किया गया है।
- यह उपग्रह अंतरिक्ष से पृथ्वी की शुद्ध जल प्रणालियों का पहला वैश्विक सर्वेक्षण करेगा।
सतही जल और महासागर स्थलाकृति:
- परिचय:
- SWOT एक उन्नत रडार उपग्रह है जिसका उद्देश्य महासागरों और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव संबंधी जानकारियों को समझने में वैज्ञानिकों की मदद करना है।
- रॉकेट के पेलोड SWOT में विश्व के 90% से अधिक महासागरों, झीलों, जलाशयों और नदियों के उच्च-गुणवत्ता माप एकत्र करने के लिये उन्नत माइक्रोवेव रडार तकनीक शामिल है।
- महत्त्व:
- अपने रडार का उपयोग करते हुए उपग्रह समुद्र के जल स्तर को वर्तमान की तुलना में दस गुना अधिक सटीक रूप से मापने में सक्षम होगा।
- यह पृथ्वी पर एक लाख से अधिक झीलों और नदियों को मापने में भी सक्षम होगा।
- अपनी टिप्पणियों के माध्यम से उपग्रह बाढ़ के पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार करने में सक्षम होगा और वैज्ञानिकों को आसन्न सूखे, समुद्र के बढ़ते स्तर एवं पृथ्वी पर जीवन की अधिक सटीक निगरानी प्रदान करेगा।
- इस मिशन का एक प्रमुख उद्देश्य यह पता लगाना है कि किस प्रकार महासागर वायुमंडलीय गर्मी और कार्बन डाइऑक्साइड को एक ऐसी प्रक्रिया में अवशोषित करते हैं जो स्वाभाविक रूप से वैश्विक तापमान को नियंत्रित करती है और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करती है।
- अनुमान है कि महासागरों ने मानव जनित ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन द्वारा पृथ्वी के वायुमंडल में फँसी अतिरिक्त ऊष्मा का 90% से अधिक अवशोषित कर लिया है।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ):प्रश्न. 'ग्रीज्ड लाइटनिंग-10 (GL-10)' जिसका हाल ही में समाचारों में उल्लेख हुआ, क्या है?(2016) (a) NSG द्वारा परीक्षित विद्युत विमान उत्तर: (a) व्याख्या:
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स्रोत: द हिंदू
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 दिसंबर, 2022
विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस
भारत समेत पूरे विश्व में जातीय अल्पसंख्यकों के लिये स्वतंत्रता और समानता के अधिकार को बनाए रखने तथा अल्पसंख्यकों के सम्मान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिये प्रतिवर्ष 18 दिसंबर को ‘विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस विभिन्न जातीय मूल के अल्पसंख्यक समुदायों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है। वर्ष 1992 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 18 दिसंबर को ‘विश्व अल्पसंख्यक अधिकार दिवस’ के रूप में घोषित किया गया था। संयुक्त राष्ट्र की परिभाषा के अनुसार, ऐसा समुदाय जिसका सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक रूप से कोई प्रभाव न हो और जिसकी आबादी नगण्य हो, उसे अल्पसंख्यक कहा जाएगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 29, 30, 350A तथा 350B में ‘अल्पसंख्यक’ शब्द का प्रयोग किया गया है लेकिन इसकी परिभाषा कहीं नहीं दी गई है। भारत के राज्य क्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, को बनाए रखने का अधिकार होगा। संयुक्त राष्ट्र ने 18 दिसंबर, 1992 को धार्मिक या भाषायी राष्ट्रीय अथवा जातीय अल्पसंख्यकों से संबंधित व्यक्ति के अधिकारों पर वक्तव्य (Statement) को अपनाया था। भारत में इस दिवस का आयोजन राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा किया जाता है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की स्थापना वर्ष 1992 में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम के तहत केंद्र सरकार द्वारा की गई थी।
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस
18 दिसंबर को विश्व भर में ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ मनाया जाता है। विश्व भर में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2000 में 18 दिसंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस’ के रूप में नामित किया था। साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसी दिवस पर वर्ष 1990 में सभी प्रवासी कामगारों और उनके परिवारों के सदस्यों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय को भी अपनाया गया था। राष्ट्रीय स्तर पर देखें तो जून 2022 तक (जिसके लिये अंतिम डेटा उपलब्ध है) भारत छोड़ने वाले प्रवासियों की संख्या 1,89,000 है जिसमें से आधे से अधिक बिहार और उत्तर प्रदेश के हैं। बिहार एवं उत्तर प्रदेश के प्रवासियों की संयुक्त संख्या 98,321 थी। यद्यपि बहुत से लोग अपनी इच्छा से पलायन करते हैं, किंतु अधिकांश लोगों को आर्थिक चुनौतियों, प्राकृतिक आपदाओं, अत्यधिक गरीबी और संघर्ष जैसे कारणों के चलते मजबूर होकर पलायन करना पड़ता है। ज्ञात हो कि भारत के विकास में प्रवासी भारतीयों के योगदान को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 9 जनवरी को 'प्रवासी भारतीय दिवस' का आयोजन किया जाता है।
गोवा मुक्ति दिवस
गोवा मुक्ति दिवस प्रति वर्ष '19 दिसंबर' को मनाया जाता है। हालाँकि भारत को 1947 में ही आज़ादी मिल गई थी लेकिन इसके 14 साल बाद भी गोवा पर पुर्तगाली अपना शासन जमाए बैठे थे। 19 दिसंबर, 1961 को भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय अभियान' शुरू कर गोवा, दमन और दीव को पुर्तगालियों के शासन से मुक्त कराया था। यह दिन उस अवसर को चिह्नित करता है जब भारतीय सशस्त्र बलों ने वर्ष 1961 में 450 वर्षों के पुर्तगाली शासन से गोवा को मुक्त कराया था। वर्ष 1510 में पुर्तगालियों ने भारत के कई हिस्सों को उपनिवेश बनाया लेकिन 19वीं शताब्दी के अंत तक भारत में पुर्तगाली उपनिवेश गोवा, दमन, दीव, दादरा, नगर हवेली और अंजेदिवा द्वीप (गोवा का एक हिस्सा) तक ही सीमित रहे। 15 अगस्त, 1947 को जैसे ही भारत को स्वतंत्रता मिली, भारत ने पुर्तगालियों से अपने क्षेत्रों को सौंपने का अनुरोध किया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया था। गोवा मुक्ति आंदोलन छोटे पैमाने पर एक विद्रोह के रूप में शुरू हुआ लेकिन वर्ष 1940 से 1960 के बीच अपने चरम पर पहुँच गया। वर्ष 1961 में पुर्तगालियों के साथ राजनयिक प्रयासों की विफलता के बाद भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन विजय चलाकर 19 दिसंबर को दमन और दीव तथा गोवा को भारतीय मुख्य भूमि के साथ मिला लिया गया। 30 मई, 1987 को इस क्षेत्र के विभाजन के साथ गोवा का गठन हुआ तथा दमन और दीव को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। 30 मई को गोवा के स्थापना दिवस (Statehood Day of Goa) के रूप में मनाया जाता है।