इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 19 Sep, 2022
  • 18 min read
प्रारंभिक परीक्षा

इंस्पायर पुरस्कार

हाल ही में इंस्पायर पुरस्कार- मिलियन माइंड्स ऑगमेंटिंग नेशनल एस्पिरेशन एंड नॉलेज के तहत 9वीं ‘राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता’ (NLEPC) शुरू हुई है।

इंस्पायर (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research-INSPIRE) पुरस्कार:

  • विषय:
    • इसे 'स्टार्टअप इंडिया' पहल के साथ जोड़ा गया है और इसे DST (विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी विभाग) द्वारा नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन- इंडिया (NIF), DST के एक स्वायत्त निकाय के साथ निष्पादित किया जा रहा है।
    • इस योजना के तहत देश भर के सभी सरकारी या निजी स्कूलों से छात्रों को आमंत्रित किया जाता है, भले ही उनका शैक्षिक बोर्ड (राष्ट्रीय और राज्य) कोई भी हों।
    • प्रत्येक को 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी ताकि वे योजना के लिये प्रस्तुत किये गए विचारों के अनुरूप प्रोटोटाइप विकसित कर सकें।
    • अगले चरण के रूप में उन्होंने संबंधित ज़िला स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (DLEPC) और राज्य स्तरीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (SLEPC) में प्रतिस्पर्द्धा की और अब राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (NLEPC) में अपनी जगह बनाई है।
  • लक्ष्य:
    • छात्रों को भविष्य के नवप्रवर्तक और महत्त्वपूर्ण विचारक बनने के लिये प्रेरित करना।
  • उद्देश्य:
    • विद्यालयी छात्रों में रचनात्मकता और नवोन्मेषी सोच की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये विज्ञान एवं सामाजिक अनुप्रयोगों में निहित दस लाख मूल विचारों/नवाचारों को लक्षित करना।
    • विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक ज़रूरतों को पूरा करना तथा छात्रों को संवेदनशील एवं ज़िम्मेदार नागरिक, भविष्य के नवाचारी बनने के लिये पोषित करना।
  • इंस्पायर पुरस्कार, 2022:
    • 60 स्टार्टअप्स को इंस्पायर पुरस्कार प्रदान किया गया, साथ ही 53,021 छात्रों को वित्तीय सहायता भी प्रदान की गई।
    • इस योजना ने देश के 702 ज़िलों (96%) के विचारों और नवाचारों का प्रतिनिधित्व करके समावेशिता के एक अद्वितीय स्तर को छुआ, जिसमें 124 आकांक्षी ज़िलों में से 123, लड़कियों का 51% प्रतिनिधित्व, ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित स्कूलों से 84% भागीदारी शामिल है। देश के 71% स्कूल राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा चलाए जा रहे हैं।

इंस्पायर (INSPIRE) योजना:

  • इंस्पायर (Innovation in Science Pursuit for Inspired Research-INSPIRE) योजना विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है।
  • इसका उद्देश्य देश की युवा आबादी को विज्ञान की रचनात्मक खोज के बारे में बताना, प्रारंभिक चरण में विज्ञान के अध्ययन के लिये प्रतिभा को आकर्षित करना तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रणाली अनुसंधान और विकास को मज़बूत व विस्तारित करने के लिये आवश्यक महत्त्वपूर्ण मानव संसाधन पूल के आधार का निर्माण करना है।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2010 से इंस्पायर (INSPIRE) योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। इस योजना में 10-32 वर्ष आयु वर्ग के छात्रों को शामिल किया गया है और इसके पाँच घटक हैं।
    • इंस्पायर पुरस्कार- मानक (MANAK), इसके घटकों में से एक है।

Inspire-Scheme

  • संबंधित पहलें:
    • राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार नीति, 2020 का मसौदा:
      • इसका उद्देश्य देश के सामाजिक-आर्थिक विकास को उत्प्रेरित करने और भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार (STI) पारिस्थितिकी तंत्र को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्द्धी बनाने के लिये STI पारिस्थितिकी तंत्र की ताकत तथा कमज़ोरियों की पहचान करना तथा उन्हें दूर करना है।
    • SERB-POWER योजना:
      • यह भारतीय शैक्षणिक संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास (R&D) प्रयोगशालाओं में विभिन्न विज्ञान व प्रौद्योगिकी (S&T) कार्यक्रमों में विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान में लैंगिक असमानता को कम करने के लिये विशेष रूप से महिला वैज्ञानिकों हेतु तैयार की गई एक योजना है।
    • स्वर्ण जयंती फैलोशिप:
      • इसके तहत अच्छे ट्रैक रिकॉर्ड वाले चयनित युवा वैज्ञानिकों को विशेष सहायता और अनुदान प्रदान किया जाता है ताकि वे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अग्रणी क्षेत्रों में बुनियादी अनुसंधान को आगे बढ़ा सकें।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:  

प्रश्न: स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, 2017 के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (2017)

  1. यह एक दशक में हमारे देश के प्रत्येक शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करने के लिये केंद्र-प्रायोजित योजना है।
  2. यह हमारे देश के समक्ष आने वाली कई समस्याओं को हल करने के लिये नई डिजिटल प्रौद्योगिकी नवाचारों की पहचान करने की एक पहल है।
  3. इस कार्यक्रम का उद्देश्य एक दशक में हमारे देश में सभी वित्तीय लेन-देन को पूरी तरह से डिजिटल बनाना है।

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2
(c) केवल 3
(d) केवल 2 और 3

उत्तर: B

व्याख्या:

  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, 2017 एक 36 घंटे की नॉन-स्टॉप डिजिटल उत्पाद विकास प्रतियोगिता थी, जिसके दौरान हज़ारों प्रौद्योगिकी छात्रों की टीमों ने भारत सरकार के 29 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों द्वारा पहचानी गई समस्याओं के लिये अभिनव डिजिटल समाधान बनाने का प्रयास किया। अत: कथन 2 सही है और 1 व 3 सही नहीं हैं।
  • इसके माध्पम से पहली बार सरकारी विभाग सीधे छात्रों से जुड़े, उन्हें उनकी दक्षता में सुधार के लिये डिजिटल समाधान खोजने, राजस्व चोरी और भ्रष्टाचार को रोकने का प्रयास किया।
  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, 2017 का 'ग्रैंड फिनाले' 26 अलग-अलग शहरों में एक साथ आयोजित किया गया था और विजेताओं को नकद पुरस्कारों के अलावा अपने विचारों को स्टार्टअप में बदलने के लिये समर्थन मिला।
  • अतः विकल्प b सही है।

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

स्वच्छता पखवाड़ा

हाल ही में रेल मंत्रालय ने भारतीय रेलवे में "स्वच्छता पखवाड़ा" लॉन्च किया है।

  • इसके अतिरिक्त मंत्रालय ने पर्यावरण स्थिरता पर वार्षिक रिपोर्ट भी जारी की।

प्रमुख बिंदु

  • रेल मंत्रालय 16 सितंबर 2022 से 30 सितंबर 2022 तक स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है।
  • स्टेशनों पर पटरियों की सफाई, प्रमुख स्टेशनों तक पहुंँच और रेलवे परिसर में प्लास्टिक कचरे के उन्मूलन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
  • पखवाड़ा के दौरान प्लास्टिक कचरा प्रबंधन पर विशेष ध्यान देते हुए स्टेशनों, ट्रेनों, पटरियों, कॉलोनियों और अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों की सघन सफाई और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
  • लोगों को बायो-टॉयलेट के उपयोग, सिंगल-यूज प्लास्टिक से बचने और स्वच्छता की आदतों का पालन करने के बारे में शिक्षित करने के लिये पब्लिक एड्रेस सिस्टम के माध्यम से डिजिटल मीडिया/सार्वजनिक घोषणा के माध्यम से व्यापक जागरूकता अभियान चलाने की योजना है।

स्वच्छता पखवाड़ा

  • इसका उद्देश्य भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों को उनके अधिकार क्षेत्र में शामिल करके स्वच्छता के मुद्दों तथा प्रथाओं पर एक पखवाड़े का गहन ध्यान देना है।
  • स्वच्छता पखवाड़ा का पालन करने वाले मंत्रालयों की स्वच्छता समीक्षा की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली का उपयोग करके बारीकी से निगरानी की जाती है जहाँ स्वच्छता गतिविधियों से संबंधित कार्य योजनाएंँ, इमेज, वीडियो अपलोड और साझा किये जाते हैं।

स्वच्छता से संबंधित पहल

वार्षिक पर्यावरण स्थिरता रिपोर्ट

  • परिचय:
    • यह हरित पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये भारतीय रेलवे द्वारा उठाए गए कदमों को उजागर करने वाला एक व्यापक दस्तावेज है।
    • यह रिपोर्ट ऊर्जा संरक्षण उपायों, वैकल्पिक ईंधन, नवीकरणीय ऊर्जा का दोहन, जल संरक्षण, वनीकरण, स्टेशनों और प्रतिष्ठानों के हरित प्रमाणीकरण, जैव शौचालय, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन आदि जैसे शुद्ध शून्य उत्सर्जन की दिशा में रेलवे के प्रयासों को सामने लाती है।
  • विज़न:
    • भारतीय रेलवे को टिकाऊ जन परिवहन समाधान में विश्व स्तर पर अग्रणी बनते हुए हरित पर्यावरण और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना।

स्रोत: PIB


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 सितंबर, 2022

उप्र के मानसून सत्र में महिला विधायकों के लिये एक दिन आरक्षित  

उत्तर प्रदेश विधानमण्‍डल का मानसून सत्र 19 सितंबर, 2022 से लखनऊ में शुरू हो रहा है। इस सत्र के दौरान पहली बार विधानसभा में इस महीने की 22 तारीख को महिला विधायकों के लिये एक दिन आरक्षित किया गया है। विधानसभा अध्‍यक्ष सतीश महाना ने बताया कि 22 सितंबर, 2022 को प्रश्‍नकाल के बाद महिला प्रतिनिधि, महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करेंगी। प्रत्येक महिला सदस्य को कम-से-कम तीन मिनट और अधिकतम आठ मिनट बोलने का अवसर मिलेगा। देश में यह अपनी तरह का पहला प्रयास है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की वर्तमान विधानसभा में 47 तथा विधानपरिषद में 06 महिलाएँ सदस्य हैं।

विश्व  बाँस दिवस

प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को विश्व बाँस दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन बाँस के लाभों के बारे में जागरूकता के प्रसार और रोज़मर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिये मनाया जाता है। विश्व बाँस दिवस, 2022 की थीम  ‘#PlantBamboo’ यानी बाँस के पौधे लगाएँ है। वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बाँस काॅन्ग्रेस (World Bamboo Congress) में विश्व बाँस संगठन (World Bamboo Organization) ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बाँस दिवस (WBD) मनाए जाने की  घोषणा की। विश्व बाँस संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये इसके स्थायी उपयोग को सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिये बाँस की खेती को बढ़ावा देना, साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास हेतु स्थानीय रूप से पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है। विश्व बाँस संगठन (World Bamboo Organization) की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी। इसका मुख्यालय एंटवर्प (बेल्जियम) में है।

वाराणसी पहली SCO पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी 

भारत की सांस्कृतिक राजधानी वाराणसी को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) द्वारा SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी घोषित किया गया है। यह ऐलान SCO के सदस्य देशों ने 16 सितंबर, 2022 को उज़्बेकिस्तान के समरकंद में किया। इसमें वर्ष 2022-23 के लिये वाराणसी को SCO की पहली पर्यटन और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में स्वीकार किया गया है। इसके तहत वर्ष 2022-23 में वाराणसी में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे, जिसमें SCO  के सदस्य राज्यों से मेहमानों को भाग लेने के लिये आमंत्रित किया जाएगा। इन आयोजनों में विद्वानों, लेखकों, संगीतकारों, कलाकारों, फोटो जर्नलिस्ट, ब्लॉगर्स आदि को आमंत्रित किया जाएगा। इससे SCO देशों और भारत के बीच संबंधों को मज़बूती प्रदान करने में मदद मिलेगी। SCO एक स्थायी अंतर-सरकारी अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इसका गठन वर्ष 2001 में किया गया था। SCO चार्टर पर वर्ष 2002 में हस्ताक्षर किये गए थे और यह वर्ष 2003 में लागू हुआ। यह एक यूरेशियाई राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संगठन है जिसका लक्ष्य इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा तथा स्थिरता बनाए रखना है। इसे उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (NATO) के प्रतिकार के रूप में देखा जाता है, यह नौ सदस्यीय आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है तथा सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है।

देवेन्द्र झाझरिया

भारतीय भाला फेंक खिलाड़ी देवेन्द्र झाझरिया ने मोरक्को में विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया। पैरा ओलंपिक्स के स्वर्ण पदक विजेता देवेन्द्र ने 60.97 मीटर की दूरी पर भाला फेंक कर रजत पदक जीता। वे तीन बार के पैरा ओलंपिक पदक विजेता हैं। देवेन्द्र झाझड़िय भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ी हैं। ये पैरालंपिक में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय पैरालिंपियन है। वर्ष 2004 में एथेंस में आयोजित पैरालंपिक में उन्होंने पहला स्वर्ण पदक जीता था। वर्ष 2016 में रियो डी जनेरियो में आयोजित ग्रीष्मकालीन पैरालंपिक खेल में उन्होंने अपने पहले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए एक ही आयोजन में दूसरा स्वर्ण पदक जीता। भारत ने दोनों खेलों में अभूतपूर्व नतीजे हासिल करते हुए अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। भारत ने ओलंपिक में सात पदक जीते, जबकि पैरालंपिक में पाँच स्वर्ण सहित 19 पदक हासिल किये। भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा स्वर्ण पदक के साथ ओलंपिक के सबसे बड़े स्टार रहे। उन्होंने खेलों की एथलेटिक्स प्रतियोगिता में भारत को पहला पदक और 13 वर्ष में पहला स्वर्ण पदक दिलाया। खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार भी दिया जाता है, खेल रत्न पुरस्कार विजेता को 25 लाख रुपए की राशि, जबकि अर्जुन पुरस्कार विजेता को 15 लाख रुपए की राशि दी जाती है। कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रदान किया जाता है।


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2