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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 May, 2020
  • 12 min read
प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 18 मई, 2020

नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन

National Innovation Foundation

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) के एक स्वायत्तशासी निकाय ‘नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन’ (National Innovation Foundation- NIF) ने ‘चैलेंज COVID-19 प्रतियोगिता’ (Challenge COVID-19 Competition- C3) के तहत कई विज्ञान एवं तकनीक आधारित नवोन्मेषी समाधानों की पहचान की है।

National-Innovation-Foundation

प्रमुख बिंदु: 

  • यह अभियान COVID-19 महामारी से निपटने हेतु विचारों तथा नवोन्मेषणों को सामने लाने के लिये नवोन्मेषी नागरिकों को शामिल करने हेतु 31 मार्च से 10 मई, 2020 तक चलाया गया।
  • NIF नए विचारों को मूर्त रूप प्रदान करना तथा उनका प्रचार-प्रसार करने के लिये इंक्युबेशन एवं परामर्श सहायता उपलब्ध करा रहा है।
    • इस अभियान के तहत हाथ धोने के लिये पैर से संचालित किया जाने वाला एक उपकरण तथा ‘सार्वजनिक स्थानों को सैनिटाइज़ करने के लिये नवोन्मेषी स्प्रेयर’ विकसित किये गए हैं।
  • तेलंगाना में वारंगल के मुप्पारापु राजू ने ‘हाथ धोने एवं सैनिटाइज़ करने के लिये पैर से संचालित किया जाने वाला एक उपकरण डिज़ाइन’ किया है जो COVID-19 महामारी के दौरान संपर्करहित उपकरणों की आवश्यकता के प्रत्युत्तर में एक समयानुकूल समाधान है।
  • अन्य समर्थित नवोन्मेषण के तहत सड़कों, सोसाइटी, दरवाज़ों, कंपाउडों, दीवारों आदि जैसे बड़े क्षेत्रों को सैनिटाइज़ करने में सक्षम एक इनोवेटिव स्प्रेयर है। इस स्प्रेयर में मशीन के केंद्र से अधिकतम 30 फीट की दूरी से एवं 15 फीट की ऊँचाई तक सड़कों, सोसाइटियों को सैनिटाइज़ किया जा सकता है।
  • इस स्प्रेयर को महाराष्ट्र के सतारा, नासिक जैसे विभिन्न शहरों में सक्रियतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है।

नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन (NIF):

  • इसकी स्थापना मार्च, 2000 में भारत सरकार के ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग’ की सहायता से की गई थी।
  • यह ज़मीनी स्तर पर तकनीकी नवाचारों एवं उत्कृष्ट पारंपरिक ज्ञान को मज़बूत करने के लिये भारत की राष्ट्रीय पहल है।

मिशन:

  • इसका मिशन भारत को ज़मीनी स्तर पर तकनीकी नवप्रवर्तकों के लिये नीति एवं संस्थागत स्थान का विस्तार करके एक रचनात्मक एवं ज्ञान-आधारित समाज बनने में मदद करना है।

सिक्किम का 45वाँ स्थापना दिवस

45th Statehood Day of Sikkim

16 मई, 2020 को सिक्किम ने 45वाँ स्थापना दिवस (45th Statehood Day of Sikkim) मनाया।

Sikkim

प्रमुख बिंदु: 

  • 16 मई, 1975 को सिक्किम भारतीय संघ का 22वाँ राज्य बना था।
  • सिक्किम पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है। यह उत्तर एवं उत्तर-पूर्व में चीन, पूर्व में भूटान, पश्चिम में नेपाल और दक्षिण में पश्चिम बंगाल से घिरा हुआ है।
  • वर्ष 1947 तक सिक्किम भारत का एक शाही राज्य था जहाँ चोग्याल का शासन था। 
  • वर्ष 1947 में ब्रिटिश शासन के समाप्त होने के बाद सिक्किम को भारत द्वारा रक्षित किया गया। भारत सरकार ने इसके रक्षा, विदेश मामले एवं संचार का उत्तरदायित्त्व लिया था।
  • वर्ष 1974 में सिक्किम ने भारतीय संघ में सम्मिलित होने के प्रति अपनी इच्छा जताई तद्नुसार भारतीय संसद द्वारा 35वाँ संविधान संशोधन अधिनियम (1974) लागू किया गया इसके तहत सिक्किम को एक ‘संबद्ध राज्य’ का दर्जा दिया गया। किंतु इससे सिक्किम के लोगों की ज़रूरतें पूरी नहीं हुई। 
  • वर्ष 1975 के एक जनमत के दौरान सिक्किम के लोगों ने चोग्याल शासन को समाप्त करने के पक्ष में मत दिया। 
  • इस तरह 36वें संविधान संशोधन अधिनियम (1975) के प्रभावी होने के बाद सिक्किम भारतीय संघ का 22वाँ राज्य बन गया।

विश्व दूरसंचार और सूचना सोसाइटी दिवस

WORLD TELECOMMUNICATION AND INFORMATION SOCIETY DAY

17 मई, 2020 को विश्व भर में ‘विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस (WORLD TELECOMMUNICATION AND INFORMATION SOCIETY DAY- WTISD) मनाया गया।

World Telecommunication

थीम:

  • इस वर्ष ‘विश्व दूरसंचार और सूचना सोसायटी दिवस’ की थीम ‘Connect 2030: ICTs for the Sustainable Development Goals (SDGs)’ है। 

उद्देश्य: 

  • इसका उद्देश्य इंटरनेट तथा अन्य सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकियों (Information and Communication Technologies- ICT) का उपयोग विभिन्न समाजों एवं अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ावा देने के लिये विभिन्न संभावनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

प्रमुख बिंदु:

  • 17 मई, 1865 को पहले अंतर्राष्ट्रीय टेलीग्राफ कन्वेंशन पर हस्ताक्षर करने और ‘अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ’ (International Telecommunication Union- ITU) की स्थापना (17 मई, 1865) के वर्षगांठ के रूप में वर्ष 1969 से प्रत्येक वर्ष 17 मई को यह दिवस मनाया जाता है।

प्रधानमंत्री ई-विद्या 

Pradhan Mantri e-Vidya 

भारत सरकार COVID-19 के कारण प्रभावित हो रहे शैक्षिक वर्ष को सुचारु रूप से चलाने के लिये  प्रधानमंत्री ई-विद्या (Pradhan Mantri e-Vidya) कार्यक्रम शुरु करने की घोषणा की। 

प्रमुख बिंदु: 

  • इसके अंतर्गत 12 डायरेक्ट-टू-होम (DTH) चैनल (12वीं तक प्रत्येक वर्ग के लिये एक चैनल) छात्रों को घरों में ही पाठ्यक्रम वीडियो उपलब्ध कराएंगे जबकि देश के शीर्ष 100 उच्च शिक्षा संस्थान नए ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करेंगे।
    • जबकि अन्य क्षेत्रों में भारत सरकार छात्रों के भावनात्मक सुधार के लिये एक प्लेटफॉर्म ‘मनोदर्पण’ (Manodarpan) शुरू करने की तैयारी कर रही है जबकि ‘नेशनल फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी मिशन’ (National Foundational Literacy and Numeracy Mission) भी शुरू किया जाएगा।  
  • 12 नए DTH चैनलों में से प्रत्येक में प्रतिदिन 6 घंटे की पाठ्यक्रम सामग्री होगी। हालाँकि तीन रिपीट टेलीकास्ट के साथ वे सप्ताह के सभी दिनों में 24 x7 घंटे चलेंगे।
  • लॉकडाउन अवधि के दौरान इन चैनलों पर ‘लाइव इंटरेक्टिव सेशन’ के प्रसारण के लिये भी प्रावधान किये गए हैं जिनमें स्काइप के माध्यम से विषय एवं परामर्श विशेषज्ञ शामिल किये जाएंगे।
  • इन चैनलों की छात्रों तक पहुँच बढ़ाने के लिये भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Union HRD ministry) ने निजी डीटीएच ऑपरेटरों जैसे- टाटा स्काई एवं एयरटेल के साथ भी समझौता किया है।
  • इसके तहत राज्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार पाठ्यक्रम सामग्री भी विकसित करेंगे जो इन चैनलों पर प्रसारित की जाएगी।
  • ‘डिजिटली ऐक्सेसिबल इन्फॉर्मेशन सिस्टम’ (DAISY) पर दृष्टि एवं श्रवण बाधित छात्रों के लिये विशेष ई-सामग्री प्रदान की जाएगी।

शीर्ष 100 उच्च शिक्षा संस्थानों द्वारा नए ऑनलाइन पाठ्यक्रम:

  • वे सभी विश्वविद्यालय जिनके पास A+ अर्थात 3.26 या उससे अधिक का स्कोर है या वे सभी विश्वविद्यालय जो ‘राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क’ (National Institutional Ranking Framework-NIRF) में शीर्ष 100 में शामिल हैं, स्वचालित रूप से इस शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के दौरान UGC की पूर्व स्वीकृति के बिना पूर्ण ऑनलाइन डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान कर सकते हैं।
  • शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में 30 मई, 2020 से स्वचालित रूप से ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू करने की घोषणा इस वर्ष के केंद्रीय बजट में की गई थी।

राष्ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली

National Migrant Information System

COVID-19 के मद्देनज़र प्रवासियों के आवागमन के बारे में सूचना प्राप्‍त करने और सभी राज्‍यों में फंसे हुए प्रवासियों के आवागमन सुगम बनाने के लिये ‘राष्‍ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority- NDMA) ने एक ऑनलाइन डैशबोर्ड ‘राष्‍ट्रीय प्रवासी सूचना प्रणाली’ (National Migrant Information System- NMIS) को विकसित किया है।  

प्रमुख बिंदु: 

  • यह ऑनलाइन पोर्टल प्रवासी कामगारों के बारे में केंद्रीय कोष बनाएगा और उनके मूल स्‍थानों तक उनकी यात्रा को सुचारु बनाने के लिये अंतर-राज्‍यीय संचार/तालमेल में मदद करेगा।
  • इसका एक अतिरिक्‍त लाभ संपर्क में आने वालों का पता लगाने (कॉन्‍ट्रेक्‍ट ट्रेसिंग) के रूप में भी होगा जो COVID-19 से निपटने के लिये की जा रही कार्रवाई में भी उपयोगी साबित हो सकता है।
  • प्रवा‍सी लोगों के बारे में मुख्‍य डेटा जैसे नाम, आयु, मोबाइल नंबर, आरंभिक और गंतव्‍य ज़िला, यात्रा की तिथि आदि जिन्‍हें राज्‍य द्वारा पहले ही एकत्र किया जा रहा है,  को अपलोड करने के लिये उसका मानकीकरण कर दिया गया है।

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