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स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U 2.0)

  • 30 Apr 2022
  • 4 min read

स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0 (SBM-U 2.0) ने 'कचरा मुक्त शहरों' के लिये चल रहे जन आंदोलन को मज़बूत करने हेतु (BCC) कचरा मुक्त शहरों के लिये  ‘राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार फ्रेमवर्क’  लॉन्च किया है।

राष्ट्रीय व्यवहार परिवर्तन संचार फ्रेमवर्क :

  • कचरा मुक्त शहरों के लिये BCC फ्रेमवर्क राज्यों और शहरों हेतु गहन और केंद्रित अंतर-व्यक्तिगत संचार अभियानों के साथ-साथ बड़े पैमाने पर मल्टीमीडिया अभियान चलाने के लिये एक मार्गदर्शक दस्तावेज़ व ब्लूप्रिंट के रूप में काम करेगा।
  • यह फ्रेमवर्क भारत के शहरी परिदृश्य को बदलने के लिये स्रोत पर पृथक्करण, संग्रह, परिवहन और कचरे के प्रसंस्करण, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन तथा डंप साइट पर उपचार जैसे विषयों पर अभियान को तेज़ करने पर केंद्रित है। 

SBM-U 2.0 के बारे में

  • परिचय: 
    • बजट 2021-22 में घोषित SBM-U 2.0, SBM-U के पहले चरण की निरंतरता है।  
    • इसे अगले पांँच वर्षों में 'कचरा मुक्त शहरों' के दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिये 1 अक्तूबर 2021 को लॉन्च किया गया था।
      • सरकार शौचालयों से सुरक्षित प्रवाह, मल कीचड़ के निपटान और सेप्टेज का उपयोग करने का भी प्रयास कर रही है।
    • इसे 1.41 लाख करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ वर्ष 2021 से वर्ष 2026 तक पांँच वर्षों में लागू किया जाएगा।
      • शहरी भारत को खुले में शौच मुक्त (Open Defecation Free- ODF) बनाने और नगरपालिका के ठोस कचरे के 100% वैज्ञानिक प्रबंधन के उद्देश्य से 2 अक्तूबर, 2014 को SBM-U का पहला चरण शुरू किया गया था जो अक्तूबर 2019 तक चला।
  • लक्ष्य:
    • यह कचरे का स्रोत पर पृथक्करण, एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और वायु प्रदूषण में कमी, निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों से कचरे का प्रभावी ढंग से प्रबंधन तथा सभी पुराने डंप साइट के बायोरेमेडिएशन पर केंद्रित है। 
    • इस मिशन के तहत सभी अपशिष्ट जल को जल निकायों में छोड़ने से पहले ठीक से उपचारित किया जाएगा और सरकार अधिकतम पुन: उपयोग (Reuse) को प्राथमिकता देने का प्रयास कर रही है। 
  • मिशन का परिणाम: 
    • सभी वैधानिक शहर ODF+ प्रमाणित हो जाएंगे (पानी, रखरखाव और स्वच्छता के साथ शौचालयों पर केंद्रित)। 
    • 1 लाख से कम आबादी वाले सभी वैधानिक शहर (कीचड़ और सेप्टेज प्रबंधन के साथ शौचालयों पर केंद्रित) ओडीएफ ++ प्रमाणित हो जाएंगे।
    • 1 लाख से कम आबादी वाले सभी वैधानिक कस्बों का 50% जल + प्रमाणित हो जाएगा (जिसका उद्देश्य पानी के उपचार और पुन: उपयोग करके शौचालयों को बनाए रखना है)।
    • कचरा मुक्त शहरों के लिये आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार, सभी वैधानिक कस्बों को कम-से-कम कचरा मुक्त 3-स्टार  दर्जा दिया जाएगा।
    • सभी पुराने डंपसाइट्स का जैव उपचार।

स्रोत: पी.आई.बी.

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