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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 18 Jan, 2023
  • 24 min read
प्रारंभिक परीक्षा

मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में एकाकी तरंग

हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology- DST) के एक स्वायत्त संस्थान, भारतीय भू-चुंबकत्व संस्थान (Indian Institute of Geomagnetism- IIG) को पहली बार मंगल ग्रह के चारों ओर कमज़ोर चुंबकीय क्षेत्र में "एकाकी तरंग/साॅलिटरी वेव" के प्रमाण मिले।

प्रमुख बिंदु 

  • मंगल ग्रह पर पृथ्वी की तरह आंतरिक चुंबकीय क्षेत्र अनुपस्थित है। परिणामस्वरूप उच्च गति वाली सौर पवन का संपर्क सीधे मंगल के वातावरण से हो सकता है।
    • यह सुझाव दिया गया है कि मंगल की तरह कमज़ोर और पतले चुंबकीय क्षेत्र में भी एकाकी तरंगों की लगातार घटनाएँ देखी जा सकती हैं।  
  • हालाँकि मंगल ग्रह पर कई अभियानों के बावजूद इसके चुंबकीय क्षेत्र में एकाकी तरंगों की उपस्थिति पहले कभी नहीं देखी गई है। 
  • मंगल ग्रह पर 1000-3500 किमी. की ऊँचाई वाले क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय इन तरंगों को प्रमुख तौर पर देखा जा सकता है लेकिन इसका सटीक कारण अभी ज्ञात नहीं है। 

एकाकी तरंगें:  

  • परिचय:  
    • द्विध्रुवीय या एकध्रुवीय एकाकी तरंगों की अलग-अलग विद्युत क्षेत्र भिन्नताएँ हैं जो निरंतर आयाम-चरण (Amplitude-Phase) संबंधों को प्रदर्शित करती हैं।
    • प्रसार के दौरान उनका प्रतिरूप और आकार कम प्रभावित होता है।
  • महत्त्व:  
    • यह पाया गया है कि एकाकी तरंगें विभिन्न भौतिक प्रणालियों की गतिशीलता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जैसे कि पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र और मंगल ग्रह के चुंबकीय क्षेत्र में  
      • वे पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में प्लाज़्मा कणों को ऊर्जा प्रदान करने तथा उनके आवागमन के लिये उत्तरदायी होती हैं, जिसका प्रभाव उपग्रहों और अन्य अंतरिक्ष उपकरणों के व्यवहार पर पड़ता है।
      • मंगल के चुंबकीय क्षेत्र में उनका महत्त्व अब तक पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मंगल ग्रह पर वायुमंडलीय आयनों की कमी में उनकी भूमिका हो सकती है

मंगल ग्रह से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2016)

इसरो द्वारा लॉन्च किया गया मंगलयान:

  1. इसे मार्स ऑर्बिटर मिशन भी कहा जाता है
  2. संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत मंगल ग्रह की परिक्रमा करने वाला दूसरा देश बन गया है 
  3. भारत अपने पहले ही प्रयास में स्वयं के अंतरिक्षयान द्वारा मंगल ग्रह की परिक्रमा करने में सफल एकमात्र देश बन गया है

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)

स्रोत: पी.आई.बी.


प्रारंभिक परीक्षा

वीडियो गेम एवं मनी गेम

इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics, Information and Technology- MeitY) को हाल ही में लिखे एक पत्र में वीडियो गेमिंग क्षेत्र के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वीडियो गेम को मनी गेम (जिसमें पैसे दाँव पर लगाए जाते हैं) से अलग गेम घोषित किया जाना चाहिये।

Games-Market

वीडियो गेम संबंधी चिंताएँ:

  • समान विनियामक कार्य क्षेत्र:
    • IT नियम, 2021 के संशोधन के हिस्से के रूप में एक स्व-नियामक निकाय का प्रस्ताव है जो भारत में अनुमत ऑनलाइन गेम को प्रमाणित करेगा।
    • वर्तमान मसौदा अधिसूचना में 'वीडियो गेम' और 'दाँव के लिये खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम' को एक ही नियामक दायरे में रखा गया है। 
      • विश्व में ऐसा कोई देश नहीं है जो खेलों की इन दो श्रेणियों को समान रूप से मान्यता देता है और विनियमित करता है।  
    • लेकिन गेमिंग कंपनियाँ 'वीडियो गेम' एवं 'रियल मनी गेम्स' (RMG) के बीच अंतर की कमी को लेकर चिंतित हैं, जो अक्सर जुए के समान राज्य के नियमों तथा कानूनों के कारण ग्रे ज़ोन में होते हैं।  
  • विशुद्ध रूप से मनोरंजन:
    • वीडियो गेम कंपनियों का कहना है कि उनके ‘गेम में पैसा लगाना शामिल नहीं है तथा विशुद्ध रूप से मनोरंजन के लिये खेला जाता है’।  
    • इनका कहना है कि रियल मनी गेम्स और फैंटेसी स्पोर्ट्स को सामूहिक रूप से अन्य देशों में ‘आईगेमिंग (iGaming) इंडस्ट्री’ के रूप में जाना जाता है।

उनकी मांगें क्या हैं?

  • वैश्विक दर्शकों के लिये भारत में विश्व स्तरीय वीडियो गेम बनाने हेतु एक उपयुक्त ढाँचा होना आवश्यक है जो उद्योगों की बारीकियों का सम्मान करता हो और विश्व की सर्वोत्तम कार्यप्रणाली से युक्त हो।
    • इसे पूंजी आकर्षित करने, बाज़ार पहुँच बढ़ाने, विदेशी प्रौद्योगिकी सहयोग बढ़ाने, प्रतिभा पूल बनाने और भारत को वैश्विक विजेता के रूप में विकसित करने हेतु एक लंबा मार्ग तय करना होगा। 
  • वीडियो गेम को यूरोपीय संघ के PEGI (Pan-European Game Information) और उत्तरी अमेरिका के ESRB (Entertainment Software Rating Board) जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप वीडियो गेम उद्योग-विशिष्ट स्व-नियामक निकाय (Industry-Specific Self-Regulatory Body-SRB) की स्थापना करके भारत-विशिष्ट आयु एवं सामग्री रेटिंग तंत्र के माध्यम से विनियमित किया जाना चाहिये। 
  • बच्चों में वीडियो गेम की लत, इन-गेम खरीदारी, आयु-अनुचित सामग्री और ऑनलाइन नुकसान जैसे मुद्दों को संबोधित करने के लिये मज़बूत ढाँचा बनाया जाए, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका में बच्चों के ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण नियम (Children's Online Privacy Protection Rule- COPPA) और यूरोपीय संघ में सामान्य डेटा संरक्षण विनियमन (General Data Protection Regulation- GDPR) जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप वीडियो गेम उद्योग-विशिष्ट स्व-नियामक निकाय द्वारा विनियमित किया जाए।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

ग्राम रक्षा समितियों का पुनरुद्धार

हाल के आतंकवादी हमलों के बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) ने ग्राम रक्षा समितियों (Village Defence Committees- VDC) को पुनर्स्थापित करने की घोषणा की है। 

क्या हैं VDC?

  • परिचय:  
    • VDC की स्थापना 1990 के दशक के मध्य आतंकवादी हमलों के खिलाफ बल गुणक/फोर्स मल्टीप्लायर के रूप में की गई थी।
    • इसका उद्देश्य दूरदराज़ के पहाड़ी गाँवों के निवासियों को हथियार मुहैया कराना और उन्हें अपनी रक्षा के लिये हथियारों का प्रशिक्षण देना था। 
  • VDCs स्थापित करने की आवश्यकता:
    • कश्मीर में वर्ष 1990 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ आतंकवाद वर्ष 1990 के दशक के मध्य तक पास के डोडा ज़िले में फैल गया था।  
      • वर्ष 1993 में किश्तवाड़ में 13 लोगों के नरसंहार के बाद पहली बार नागरिक आबादी को हथियार देने की मांग उठी।
    • गृह मंत्रालय ने 1995 में VDCs स्थापित करने का फैसला लिया। बाद में इस योजना का विस्तार जम्मू संभाग के अन्य इलाकों में भी किया गया क्योंकि आतंकवादियों ने उधमपुर, रियासी, राजौरी, पुंछ, कठुआ और सांबा ज़िलों तक अपनी गतिविधियाँ बढ़ा दी थीं। 
  • योगदान:  
    • जम्मू संभाग के अधिकांश हिस्सों, विशेष रूप से चिनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्रों, उधमपुर की पहाड़ियों तथा रियासी और कठुआ ज़िलों में आतंकवाद के चरम पर होने के दौरान VDCs ने आतंकवाद का मुकाबला करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।  
      • ये उन क्षेत्रों में आतंकवादियों के मध्य सर्वाधिक भयावह सशस्त्र समूह थे जहाँ खराब सड़क नेटवर्क के कारण सुरक्षा बलों के आगमन में देरी होती थी। 
    • स्थानीय क्षेत्रों से अच्छी तरह परिचित ग्रामीणों ने कई आतंकवादियों को हमले करने से रोकने और उन्हें पकड़ने तथा मारने में मदद की।
  • संबंधित समस्याएँ:  
    • सफलताओं के साथ-साथ, VDC को मानवाधिकारों के उल्लंघन और हत्या, बलात्कार एवं जबरन वसूली जैसे अपराधों के आरोपों का भी सामना करना पड़ा।
  • हालिया विकास:  
    • VDCs का नाम बदलकर अब ग्राम रक्षा गार्ड (Village Defence Guards- VDG) कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्रों में VDG स्थापित करने की नई योजना को मार्च 2022 में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा अनुमोदित किया गया था।
    • VDG संबंधित ज़िले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP)/पुलिस अधीक्षक (SP) के निर्देशन में काम करेंगे।
    • VDC और VDG में समानताएँ तथा अंतर:
      • समानता: VDC सदस्य की तरह, प्रत्येक VDG को एक बंदूक और 100 राउंड गोला बारूद प्रदान किया जाएगा।
      • अंतर: नई योजना के तहत VDG का नेतृत्व करने वाले व्यक्तियों को सरकार द्वारा प्रतिमाह 4,500 रुपए का भुगतान किया जाएगा, जबकि अन्य को 4,000 रुपए प्रतिमाह मिलेंगे।
        • VDC में केवल नेतृत्व करने वाले विशेष पुलिस अधिकारियों (SPOs) को 1,500 रुपए मासिक पारिश्रमिक प्रदान किया जाता था।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 18 जनवरी, 2023

खेल महाकुंभ

उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले में सांसद खेल महाकुंभ का उद्घाटन प्रधानमंत्री द्वारा वर्चुअल माध्यम से किया जाएगा। 'खेल महाकुंभ' एक अनूठी पहल है, जो बस्ती और आसपास के क्षेत्रों के युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा दिखाने का अवसर और मंच प्रदान करेगी। 'सांसद खेल महाकुंभ 2022-23' का आयोजन दो चरणों में किया जा रहा है। प्रथम चरण का आयोजन 10-16 दिसंबर, 2022 के दौरान किया गया तथा द्वितीय चरण 18-28 जनवरी, 2023 तक आयोजित किया जाएगा। खेल महाकुंभ में कबड्डी, खो-खो, बास्केटबॉल, फुटबॉल, कुश्ती, हॉकी, हैंडबॉल, वॉलीबॉल, शतरंज, कैरम, बैडमिंटन, टेबल टेनिस आदि इनडोर तथा आउटडोर खेलों में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। इनके अलावा निबंध लेखन, पेंटिंग, रंगोली मेकिंग आदि प्रतियोगिताएँ भी आयोजित की जाती हैं। इससे क्षेत्र के युवाओं में अनुशासन, टीम वर्क, स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा, आत्मविश्वास और राष्ट्रवाद की भावना विकसित करने में मदद मिलेगी।

भारत-फ्राँस खगोल विज्ञान केंद्रित बैठक

खगोल विज्ञान के क्षेत्र में व्यापक रूप से दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करने वाले लक्ष्य के साथ हाल ही में 'स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी (SKAO)/ मोनाकिया स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर (MSE) और मल्टीवेवलेंथ सिनर्जी' पर भारत-फ्राँस फोकस बैठक में खगोल विज्ञान विज़न तथा मेगा-परियोजनाओं में मल्टीवेवलेंथ सिनर्जी विज्ञान विषय पर चर्चा की गई। इस बैठक का आयोजन 9-13 जनवरी तक बंगलूरू में IIA (Indian Institute of Astrophysics) परिसर में इंडो-फ्रेंच सेंटर फॉर द प्रमोशन ऑफ एडवांस्ड रिसर्च (IFCPAR) के माध्यम से किया गया, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार तथा यूरोप एवं विदेश मामलों के मंत्रालय, CNRS, फ्राँस सरकार द्वारा समर्थित एक संगठन है। बैठक का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में स्थित अंतर्राष्ट्रीय रेडियो वेधशाला, स्क्वायर किलोमीटर ऐरे ऑब्ज़र्वेटरी जैसी खगोल विज्ञान में सहयोगी परियोजनाओं पर चर्चा करना है। इसमें सहयोगी मोनाकिया स्पेक्ट्रोस्कोपिक एक्सप्लोरर पर भी चर्चा की गई, जिसका नेतृत्त्व संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा किया जाएगा।

त्रिपुरा की ‘सहर्ष’ पहल

त्रिपुरा सरकार ने सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु ‘सहर्ष’ नामक एक विशेष शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया है। सामाजिक और भावनात्मक शिक्षा (Social and Emotional Learning– SEL) वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से बच्चे एवं वयस्क भावनाओं को समझने व प्रबंधित करने, सकारात्मक लक्ष्यों को निर्धारित और प्राप्त करने, दूसरों के प्रति सहानुभूति महसूस एवं प्रकट करने, सकारात्मक संबंध स्थापित करने तथा उन्हें बनाए रखने और ज़िम्मेदार निर्णय लेने के लिये आवश्यक कौशल सीखते हैं। यह पहल अगस्त 2022 में राज्य के 40 स्कूलों में एक परीक्षण कार्यक्रम के रूप में शुरू की गई थी जिसे जनवरी 2023 से राज्य के सभी सरकारी एवं सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बच्चों को उत्साहपूर्वक पढ़ाई करने, विकास में योगदान देने के लिये सशक्त बनाना है। प्रदर्शन ग्रेडिंग सूचकांक के अनुसार, वर्तमान में त्रिपुरा ग्रेड- I समूह के अंतर्गत आता है। राज्य सरकार 204 स्कूलों को सहर्ष पाठ्यक्रम के लिये प्रशिक्षित कर चुकी है, जबकि 200 और स्कूलों को जल्द ही प्रशिक्षित किया जाएगा। त्रिपुरा के विभिन्न ज़िलों के 30 सहायक प्रधानाध्यापकों को भी सहर्ष कार्यान्वयन दूत के रूप में कार्य करने के लिये चुना गया है।

UNSC 1267 समिति  

UNSC की ISIL और अल कायदा प्रतिबंध समिति (1267 समिति) ने पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के प्रमुख योजनाकार अब्दुल रहमान मक्की को अपनी प्रतिबंध सूची में शामिल किया गया है। चीन द्वारा जून 2022 में लगाए गए "तकनीकी प्रतिबंध" को वापस लेने के बाद यह कदम उठाना संभव हुआ है, जब अमेरिका और भारत मक्की को वैश्विक आतंकी ब्लैकलिस्ट में सूचीबद्ध करने का प्रयास कर रहे थे।

और पढ़ें… भारत-अमेरिका ने UNSC 1267 समिति के तहत मक्की को सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव रखा। 

IT संशोधन नियम- 2022

आईटी नियम, 2021 में अधिसूचित संशोधनों के तहत MeitY ने एक मसौदा नियम [नियम 3 (1) (b) (v)] का प्रस्ताव रखा, जिसके तहत सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्मों को पत्र सूचना ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट द्वारा "तथ्य-जाँच" की गई सामग्री को गलत मानते हुए हटाना होगा। IT नियम 2021 में अधिसूचित संशोधनों का उद्देश्य मध्यस्थों पर एक कानूनी दायित्त्व लागू करना है ताकि उपयोगकर्त्ताओं को हानिकारक/गैरकानूनी सामग्री की कुछ श्रेणियों को अपलोड करने से रोकने के लिये उचित प्रयास किये जा सकें। नया प्रावधान यह सुनिश्चित करेगा कि मध्यस्थ का दायित्त्व केवल औपचारिकता नहीं है। 

और पढ़ें… सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन 

विंडफॉल टैक्स

सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतों में नरमी क देखते हुए घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल के साथ-साथ डीज़ल और एविएशन टर्बाइन फ्यूल (ATF) के निर्यात पर लगाए जाने वाले विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को कम कर दिया है। अप्रत्याशित करों को एक कंपनी द्वारा बाह्य, कभी-कभी किसी अभूतपूर्व घटना के कारण प्राप्त होने वाले लाभ पर आरोपित करने हेतु परिकल्पित किया गया है। इन लाभों को किसी कंपनी द्वारा उन कार्यों पर आरोपित नहीं किया जा सकता है जिन्हें फर्म द्वारा सक्रिय रूप से किया गया है, जैसे निवेश रणनीति या व्यवसाय का विस्तार आदि हैं। सरकार 75 डॉलर प्रति बैरल की सीमा से ऊपर मिलने वाली किसी भी कीमत पर तेल उत्पादकों द्वारा प्राप्त किये गए अप्रत्याशित लाभ पर कर लगाती है। ईंधन निर्यात पर करारोपण मार्ज़िन/लाभांश पर आधारित होता है जो रिफाइनर विदेशों को किये जाने वाले शिपमेंट पर कमाते हैं।

और पढ़ें… विंडफॉल टैक्स

सऊदी और हूती विद्रोहियों के बीच वार्ता फिर से शुरू 

यमन में नौ महीने से अधिक समय से चल रहे अब तक के सबसे लंबे विराम के बीच सऊदी अरब और ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने एक अनौपचारिक संघर्ष विराम के तहत पर्दे के पीछे से बातचीत को फिर से शुरू कर दिया है। हूती आंदोलन की जड़ें "बिलीविंग यूथ" में पाई जा सकती हैं, जो हुसैन अल-हौथी और उनके पिता बद्र अल-दीन अल-हौथी (1990 के दशक की शुरुआत) द्वारा स्थापित एक ज़ायदी (शिया संप्रदाय की सबसे पुरानी शाखा) पुनरुत्थानवादी समूह है। हालाँकि आंदोलन राजनीतिक हो गया और अली अब्दुल्ला सालेह (यमन में) के "भ्रष्ट" शासन और आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिये अमेरिका के समर्थन पर हमला शुरू कर दिया। यमन में हूती विद्रोहियों के तेज़ी से उदय ने सऊदी अरब के लिये खतरा उत्पन्न कर दिया है, जिसने उन्हें ईरानी प्रॉक्सी के रूप में देखा, इसी कारण सऊदी ने मार्च 2015 में यमन में एक सैन्य अभियान शुरू किया। 

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और पढ़ें…हुती विद्रोही  यमन में भारत का ऑपरेशन राहत


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