'उदारशक्ति' युद्धाभ्यास
हाल ही में भारतीय वायु सेना का एक दल 'उदारशक्ति' नामक द्विपक्षीय युद्धाभ्यास में भाग लेने हेतु मलेशिया के लिये रवाना हुआ।
- इसके अतिरिक्त हरिमऊ शक्ति संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- भारतीय वायु सेना एसयू-30 एमकेआई और सी-17 विमानों के साथ युद्धाभ्यास में भाग ले रही है जबकि मलेशियाई वायु सेना एसयू 30 एमकेएम विमान उड़ाएगी।
- इस चार दिवसीय युद्धाभ्यास में दोनों वायु सेनाओं के बीच विभिन्न हवाई युद्ध अभ्यास आयोजित किये जाएंँगे।
- पृष्ठिभूमि:
- पहला द्विपक्षीय वायु सेना अभ्यास जिसमें फ्रंटलाइन सुखोई -30 लड़ाकू विमानों का प्रदर्शन किया गया, वर्ष 2018 में आयोजित हुआ था।
- वर्ष 2008 से 2010 तक मलेशियाई पायलटों को एसयू-30एसकेएम विमान पर प्रशिक्षण देने के लिये भारतीय वायु सेना प्रशिक्षण दल को मलेशिया में तैनात किया गया था।
अभ्यास का महत्त्व :
- यह अभ्यास लंबे समय से चली आ रही मित्रता को मज़बूत करेगा और दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग को बढ़ाएगा। इससे क्षेत्रीय सुरक्षा भी मज़बूत होगी।
- IAF के पास इस अभ्यास के माध्यम से रॉयल मलेशियाई वायु सेना के साथ सर्वोत्तम तरीकों को साझा करने और सीखने का अवसर होगा। यह भी संभावना है कि वे आपसी युद्ध क्षमताओं पर चर्चा करेंगे।
इटली की गार्डा झील
इटली के सबसे भीषण सूखे के कारण देश की सबसे बड़ी गार्डा झील दशकों में अब तक के सबसे कम जल स्तर तक पहुँच गई है।
- इसके परिणामस्वरूप जल के नीचे की चट्टानें दिखने लगी और जल का तापमान कैरेबियन सागर के औसत तापमान तक गर्म हो गया।
गार्डा झील
- उत्तरी इटली ने महीनों तक काफी कम वर्षा हुई और वर्ष 2022 में हिमपात भी 70% कम हुआ है, जिससे पो जैसी महत्त्वपूर्ण नदियाँ सूख गईं, जो इटली के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र में बहती हैं।
- इटली की सबसे लंबी नदी पो की सूखी हुई स्थिति से उन किसानों को अरबों यूरो का नुकसान हुआ, जो आम तौर पर खेतों और धान की सिंचाई के लिये इस पर निर्भर रहते हैं।
- नुकसान की भरपाई के लिये अधिकारियों ने गार्डा झील से अधिक जल को स्थानीय नदियों प्रवाहित करने की अनुमति दी।
- लेकिन जुलाई 2022 के अंत में उन्होंने झील और उससे जुड़े आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण पर्यटन के लिये राशि कम कर दी।
- बड़ी मात्रा में जल को नदियों की ओर मोड़ने के साथ झील अपने सबसे निचले स्तर पर आ गई।
सूखा
- परिचय:
- सूखे को आम तौर पर विस्तारित अवधि में वर्षा/वर्षा में कमी के रूप में माना जाता है, आमतौर पर एक मौसम या उससे अधिक जिसके परिणामस्वरूप जल की कमी होती है जिससे वनस्पति, जानवरों और/या लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- प्रकार:
- मौसम संबंधी सूखा:
- यह सूखापन या वर्षा की कमी की डिग्री और शुष्क दीर्घावधि पर आधारित है।
- हाइड्रोलॉजिकल सूखा:
- यह जल आपूर्ति पर वर्षा की कमी के प्रभाव पर आधारित है जैसे कि धारा प्रवाह, जलाशय और झील का स्तर और भूजल स्तर में गिरावट।
- कृषि सूखा:
- यह वर्षा की कमी, मिट्टी में जल की कमी, निम्न भू-जल स्तर अथवा सिंचाई के लिये आवश्यक जलाशय के स्तर जैसे कारकों द्वारा कृषि पर प्रभाव को संदर्भित करता है।
- सामाजिक-आर्थिक सूखा:
- यह फलों, सब्जियों, अनाज और मांँस जैसे कुछ आर्थिक सामग्री की आपूर्ति और मांग पर सूखे की स्थिति (मौसम विज्ञान, कृषि, या जल विज्ञान संबंधी सूखे) के प्रभाव पर विचार करता है।
- मौसम संबंधी सूखा:
- कारण:
- वर्षा में परिवर्तनशीलता सूखे का एक प्रमुख कारण है। परिवर्तनशीलता का प्रतिशत कुल वर्षा से व्युत्क्रमानुपाती होता है।
- मानसूनी हवाओं के मार्ग में विचलन, या मानसून का शीघ्र निवर्तन भी किसी क्षेत्र में सूखे की स्थिति पैदा कर सकता है।
- वनाग्नि के कारण भी सूखा पड़ सकता है, जिससे उस क्षेत्र की मृदा, कृषि के लिये अनुपयुक्त हो जाती है और साथ ही साथ मृदा में जल की कमी हो जाती है।
- जलवायु परिवर्तन के अलावा भूमि क्षरण के परिणामस्वरूप सूखे में वृद्धि होती है।
- समाधान:
- जल प्रबंधन:
- लवण-प्रेमी पौधों के लिये उपचारित जल की बचत, पुन: उपयोग, वर्षा जल संचयन, विलवणीकरण या समुद्री जल का प्रत्यक्ष उपयोग।
- किसान प्रबंधित प्राकृतिक पुनर्जनन (FMNR):
- झाड़ीयों की चयनात्मक छंँटाई के माध्यम से देशी अंकुरित वृक्षों की वृद्धि को सक्षम करना।
- छंँटे हुए पेड़ों के अवशेषों का उपयोग खेतों के लिये मल्चिंग प्रदान करने के लिये किया जा सकता है जिससे मृदा में जल की अवधारण क्षमता बढ़ जाती है और वाष्पीकरण कम हो जाता है।
- अन्य उपाय:
- रेत, हवा के झोंकों आदि से मृदा संरक्षण हेतु बाड़ लगा मृदा का बचाव करना।
- मृदा के समृद्ध और अति-उर्वरीकरण की आवश्यकता।
- जल -कुशल सिंचाई उपकरण का उपयोग करना जैसे कि सूक्ष्म और ड्रिप सिंचाई, सॉकर होसेस प्रणाली आदि।
- जल प्रबंधन:
- भारत सरकार की पहल:
- एकीकृत संभरण प्रबंधन कार्यक्रम
- हरित भारत पर राष्ट्रीय मिशन
- मरुस्थल विकास कार्यक्रम:
- सूखे के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने और चिह्नित रेगिस्तानी क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधन आधार को फिर से जीवंत करने के लिये इसे वर्ष 1995 में शुरू किया गया था।
- सूखे के प्रतिकूल प्रभावों को कम करने और चिह्नित रेगिस्तानी क्षेत्रों के प्राकृतिक संसाधन आधार को फिर से जीवंत करने के लिये इसे वर्ष 1995 में शुरू किया गया था।
सिविल सर्विस परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न:प्रारंभिक परीक्षा:प्र. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये: (2014)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (A) केवल 1 और 2 उत्तर:D व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही है। प्रश्न. भारत में कृषि के संदर्भ में प्रायः समाचारों में आने वाले ‘जीनोम अनुक्रमण (जीनोम सीक्वेंसिंग)’ की तकनीक का आसन्न भविष्य में किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (d) व्याख्या:
अतः विकल्प (d) सही उत्तर है। प्रश्न. मरुस्थलीकरण की प्रक्रिया में जलवायु सीमाएँ नहीं होती हैं। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिये। (मुख्य परीक्षा 2020) |
स्रोत: एनबीसी
तमिलनाडु में नया हाथी रिज़र्व
हाल ही में भारत सरकार ने केरल में पेरियार वन्यजीव अभयारण्य में एक कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु में एक और हाथी रिज़र्व (ER) अगस्त्यमलाई की अधिसूचना की घोषणा की है।
- नगालैंड में सिंगफन ER वर्ष 2018 में अधिसूचित होने के बाद यह देश का 32वाँ हाथी रिज़र्व होगा।
- अगस्त्यमलाई तमिलनाडु का 5वाँ हाथी रिज़र्व और बायोस्फीयर रिज़र्व भी है।
भारतीय हाथी:
- परिचय:
- इसे "एलिफस मैक्सिमस" के नाम से भी जाना जाता है।
- स्थान:
- मध्य एवं दक्षिणी-पश्चिमी घाट
- उत्तर-पूर्वी भारत
- पूर्वी भारत
- उत्तरी भारत
- दक्षिणी प्रायद्वीपीय भारत के कुछ भाग।
- संरक्षण की स्थिति:
- IUCN रेड लिस्ट: लुप्तप्राय
- CITES: परिशिष्ट I
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972: अनुसूची I
- भारत में आँकड़े:
- भारत में हाथियों की संख्या लगभग 27,312 (2017 की जनगणना) हो गई है।
- कर्नाटक में हाथियों की संख्या सबसे अधिक (6,049) थी, उसके बाद असम (5,719) और केरल (3,054) का स्थान आता है।
प्रोजेक्ट एलीफैंट:
- परिचय:
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जो हाथियों, उनके आवास और गलियारों की सुरक्षा के लिये फरवरी, 1992 में शुरू की गई थी।
- पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, परियोजना के माध्यम से देश के प्रमुख हाथी रेंज़ वाले राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
- उद्देश्य:
- हाथियों, उनके आवास और गलियारों की रक्षा,
- मानव-पशु संघर्ष के मुद्दों का समाधान और
- बंदी/पालतू हाथियों का कल्याण
विगत वर्षों के प्रश्न :प्रश्न. भारतीय हाथियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (a) केवल 1 और 2 उत्तर: (a) व्याख्या:
अतः विकल्प (a) सही है। |
स्रोत: डाउन टू अर्थ
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17-अगस्त, 2022
चार वॉलन्टरी ट्रस्ट में भारत का योगदान
भारत ने चार वॉलन्टरी ट्रस्ट फंड में चार लाख डॉलर का योगदान किया है। यह राशि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के वैश्विक मानव अधिकार प्रोत्साहन और संरक्षण के सहयोग में दी गई है। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने एक ट्वीट में कहा है कि यह योगदान इस संबंध में भारत की प्रतिबद्धता दर्शाता है। यह राशि चार ट्रस्ट फंड, वॉलन्टरी फंड फॉर विक्टिम्स ऑफ टॉर्चर, द वॉलन्टरी फंड फॉर टेक्नीकल कॉपरेशन, द वॉलन्टरी फंड फॉर फाइनेंसियल एण्ड टेक्नीकल असिसटेंस फॉर द इम्पलीमेंटेशन ऑफ यूनिवर्सल पीरियोडिक रिव्यू और द वॉलन्टरी टेक्नीकल असिसटेंस ट्रस्ट फंड टू सपोर्टस द पार्टिपेसन्स ऑफ एल डी सी एण्ड एस आई डी इन वर्क ऑफ काउन्सिल को दिया गया है।। मानवाधिकार परिषद संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर एक अंतर-सरकारी निकाय है जो दुनिया भर में मानवाधिकारों के प्रचार और संरक्षण को मज़बूत करने हेतु ज़िम्मेदार है। इस परिषद का गठन वर्ष 2006 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा किया गया था। इसने मानवाधिकार पर पूर्व संयुक्त राष्ट्र आयोग का स्थान लिया था। मानवाधिकार हेतु उच्चायुक्त का कार्यालय (OHCHR) मानवाधिकार परिषद के सचिवालय के रूप में कार्य करता है। OHCHR का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
भारतीय फुटबॉल महासंघ
विश्व फुटबॉल संचालन संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल महासंघ को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। फीफा के नियमों के गंभीर उल्लंघन की वजह से यह निर्णय लिया गया है। भारतीय फुटबॉल महासंघ को अपने 85 साल के इतिहास में पहली बार फीफा से निलंबन का सामना करना पड़ा है। इस वजह से भारत में 11 से 30 अक्तूबर के बीच होने वाला फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप टल गया है। इस निलंबन का मतलब यह है कि जब तक यह जारी रहेगा तब तक भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम और भारतीय महिला फुटबॉल टीम किसी भी अंतर्राष्ट्रीय मैच में हिस्सा नहीं ले पाएगी। साथ ही कोई भी खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय लीग में हिस्सा नहीं ले पाएगा। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) एक राष्ट्रीय संघ है जिसकी स्थापना वर्ष 1937 में शिमला स्थित सेना मुख्यालय में हुई थी। महासंघ के रूप में यह देश भर में फुटबॉल प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। AIFF एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) के संस्थापक सदस्यों में से एक है, जो एशिया में फुटबॉल का प्रबंधन करता है।
‘राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा ’
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री ने नागरिकों की भागीदारी द्वारा नया पाठ्यक्रम विकसित करने के लिये राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) हेतु नागरिक सर्वेक्षण में भाग लेने का आग्रह किया है। के अनुरूप एक सशक्त राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा, विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रमुख भूमिका निभाएगी। एक जीवंत, सशक्त, समावेशी और भविष्यवादी राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा का विकास वैश्विक दृष्टिकोण के साथ समन्वित सांस्कृतिक सुदृढ़ता सहित, शिक्षा को औपनिवेशिक प्रभाव से मुक्त करने और हमारी अगली पीढ़ियों में गर्व की गहरी भावना पैदा करने के लिये अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा तैयार करने और बाद में पाठ्यक्रम, पाठ्यपुस्तकों और अन्य शिक्षण सामग्री के डिज़ाइन के लिये एक ऑनलाइन सार्वजनिक परामर्श सर्वेक्षण के माध्यम से जनता के सुझाव आमंत्रित किये हैं। भारत सरकार ने 29 जुलाई, 2020 को NEP, 2020 की घोषणा की, जो राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा विकसित करते हुए शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार की सिफारिश करती है। ज़िला परामर्श समितियों, राज्य-केंद्रित समूहों और राज्य संचालन समिति, राष्ट्रीय केंद्रित समूहों, राष्ट्रीय संचालन समिति आदि के गठन के माध्यम से राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा की प्रक्रिया शुरूआत की गई है।