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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 17 Apr, 2023
  • 16 min read
प्रारंभिक परीक्षा

विश्व चगास रोग दिवस

प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व चगास रोग दिवस मनाया जाता है ताकि लाखों लोगों को प्रभावित करने वाली इस अल्पज्ञात बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके, खासकर लैटिन अमेरिका में।

  • 72वीं विश्व स्वास्थ्य सभा ने वर्ष 2019 में चगास रोग दिवस को मंज़ूरी दी थी।
  • इस वर्ष की थीम है "चगास रोग को प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में एकीकृत करने का सही समय” (Time to integrate Chagas disease into primary health care)

चगास रोग:

  • परिचय:  
    • चगास रोग, जिसे "साइलेंट एवं साइलेंस्ड (Silent And Silenced) " के रूप में भी जाना जाता है, WHO के अनुसार, यह एक संचारी परजीवी रोग है जिससे विश्व भर में सालाना 6-7 मिलियन लोग संक्रमित होते हैं और लगभग 12,000 लोगों की मौत हो जाती है
      • इस बीमारी का नाम चिकित्सक कार्लोस चगास के नाम पर रखा गया है जिन्होंने पहली बार वर्ष 1909 में ब्राज़ील के एक बच्चे में इसका पता लगाया था।
  • कारण:
    • यह प्रोटोजोआ वर्ग के ट्रिपैनोसोमा क्रूज़ी (Trypanosoma Cruzi) के कारण होता है, जो 'ट्रायटोमिनाई' या 'किसिंग बग्स' परिवार द्वारा प्रेषित होता है जो काटने या शौच के माध्यम से स्वस्थ व्यक्तियों को संक्रमित करता है।
    • यह जन्मजात संचरण, रक्त आधान, अंग प्रत्यारोपण, संक्रमित कीट के मल से दूषित भोजन के सेवन या आकस्मिक प्रयोगशाला जोखिम के माध्यम से भी फैल सकता है।
      • यह संक्रमित मनुष्यों या जानवरों के आकस्मिक संपर्क से नहीं फैलता है।
  • लक्षण:  
    • यह रोग बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, सूजन संबंधी गाँठ, मतली या दस्त और मांसपेशियों या पेट में दर्द के रूप में प्रकट होता है।
      • 70-80% रोगियों में जीवन भर कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, जिससे शुरुआती पहचान चुनौतीपूर्ण हो जाती है।
    • 20-30% रोगियों में संक्रमण जीर्ण अवस्था में विकसित होते हैं, जिससे हृदय, पाचन तंत्र या तंत्रिका तंत्र को नुकसान होता है।
  • प्रसार
    • पैन-अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइज़ेशन के अनुसार, चगास वर्तमान में अमेरिका के 21 देशों में स्थानिक है, जहाँ औसतन 30,000 नए मामले वार्षिक रूप से देखे जाते हैं।
      • दक्षिणी संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ कई यूरोपीय, पूर्वी भूमध्य सागरीय और पश्चिमी प्रशांत देशों में दुर्लभ मामलों की सूचना मिली है।
  • उपचार और रोकथाम: 
    • चगास रोग के लिये वर्तमान में कोई टीका उपलब्ध नहीं है, लेकिन एंटीपैरासिटिक दवाओं बेंज़निडाज़ोल और निफर्टिमॉक्स से रोग का इलाज किया जा सकता है। रोग को तीव्र चरण की शुरुआत में ही प्रशासित किये जाने पर उनकी प्रभावकारिता दर 100% होती है।
    • देशों द्वारा कीट को खत्म करने या संक्रमण को कम करने हेतु निवारक उपाय किये गए हैं।
      • सभी लैटिन अमेरिकी देशों और नए मामलों की रिपोर्ट करने वाले अन्य देशों द्वारा रक्त दाताओं एवं रक्त उत्पादों की सार्वभौमिक जाँच की जानी चाहिये।

स्रोत: डाउन टू अर्थ


प्रारंभिक परीक्षा

ऑनलाइन मनी गेमिंग का विनियमन

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने ऑनलाइन रियल मनी गेम को विनियमित करने के लिये सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 में संशोधन जारी किया है।

ऑनलाइन रियल मनी गेम:

  • अधिक पैसा जीतने की उम्मीद में ऑनलाइन रियल मनी गेम में कैसीनो की तरह अन्य खेल जैसे- पोकर, ब्लैकजैक और स्लॉट मशीन साथ ही स्पोर्ट्स बेटिंग, फैंटेसी स्पोर्ट्स तथा अन्य प्रकार के ऑनलाइन गेमिंग शामिल हो सकते हैं जिनमें पैसे का आदान-प्रदान शामिल है।
  • भारत में इस प्रकार के खेल तेज़ी से लोकप्रिय हुए हैं, जिससे उनके विनियमन और उपयोगकर्त्ताओं पर संभावित नकारात्मक प्रभाव जैसे- व्यसन और वित्तीय नुकसान को लेकर चिंता देखी जा रही है

नए नियम: 

  • बेटिंग प्लेटफॉर्म का कोई प्रचार नहीं: 
    • नियमों ने मीडिया संस्थाओं, मीडिया प्लेटफॉर्मों और ऑनलाइन विज्ञापन मध्यस्थों को सलाह दी है कि वे सट्टेबाज़ी प्लेटफॉर्मों के विज्ञापन/प्रचार सामग्री का प्रदर्शन करने से बचें।
      • सट्टेबाज़ी और जुआ अवैध गतिविधियाँ हैं, इसलिये किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से ऐसी गतिविधियों के विज्ञापन/प्रचार नियमों का उल्लंघन करते हैं।
    • एक विशेष सट्टेबाज़ी साइट द्वारा प्रचार में कॉपीराइट अधिनियम 1957 का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया गया था, जिसमें उपयोगकर्ताओं को अपनी वेबसाइट पर एक स्पोर्ट्स लीग देखने का आग्रह किया गया था।
  • स्व-नियामक निकाय: 
    • सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा-निर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2023 के अनुसार, रियल मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म को एक स्व-नियामक निकाय (SRB) के साथ पंजीकृत करना होगा जो यह निर्धारित करेगा कि गेम की  "अनुमति" है या नहीं।
    • जल्द ही तीन SRBs को मान्यता दी जाएगी।
    • यदि इन खेलों को "अनुमेय" नहीं माना जाता है, तो उन्हें उक्त संशोधन हेतु सुरक्षा नहीं मिलेगी और सट्टेबाज़ी अथवा जुए की श्रेणी में आने के कारण राज्य उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है।
    • इस प्रकार जिन खेलों को अनुमेय माना जाता है, उन्हें कानूनी रूप से संचालित करने की अनुमति दी जाएगी, भले ही उनमें जीत/हार के लिये जमा राशि का उपयोग किया जाता हो। वीडियो गेम में पैसा शामिल नहीं होता है, अतः इसके लिये SRB से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 17 अप्रैल, 2023

कैस्केड फ्रॉग की नई प्रजाति- अमोलोप्स सिजू 

ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के शोधकर्त्ताओं ने मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स ज़िले में सिजू गुफा से मेंढक की एक नई प्रजाति की खोज की है, जिसे उन्होंने अमोलॉप्स सिजू नाम दिया है। अमोलॉप्स सिजू रेनिड मेंढकों के सबसे बड़े समूह से संबंधित है, जिसकी 70 से अधिक ज्ञात प्रजातियाँ पूर्वोत्तर एवं उत्तर भारत, नेपाल, भूटान, चीन तथा मलाया प्रायद्वीप में पाई जाती हैं। इस गुफा से मेंढक की एक दुर्लभ नई प्रजाति की खोज की गई है और यह कैस्केड फ्रॉग (अमोलोप्स) की चौथी नई प्रजाति है। उन्हें कास्केड फ्रॉग नाम उनके पहाड़ी क्षेत्रों में छोटे झरनों या बहती धाराओं में पाए जाने के कारण दिया गया है।

NCLT और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड मामला

राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) ने फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) को अपनी कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) को पूरा करने के लिये और 90 दिनों का समय दिया है। NCLT ने जुलाई 2022 में ऋणों को समय पर चुकाने में देरी के कारण FRL के खिलाफ CIRP को शुरू किया था। दिवालिया और शोधन अक्षमता कोड (Insolvency and Bankruptcy Code- IBC) की धारा 12(1) के अनुसार, समाधान प्रक्रिया को 330 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिये, जिसमें मुकदमेबाज़ी में व्यतीत समय भी शामिल होता है। मामला शुरू होने के 180 दिनों के भीतर CIRP को पूरा किया जाना चाहिये, लेकिन NCLT 90 दिनों का एकमुश्त अतिरिक्त समय प्रदान कर सकता है। विस्तारित समयावधि और मुकदमेबाज़ी सहित CIRP को पूरा करने के लिये अधिकतम समय 330 दिन होता है। कंपनियों के दिवाला और परिसमापन से संबंधित कानून को लेकर न्यायमूर्ति एराडी समिति की सलाह पर कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत NCLT की स्थापना की गई थी जो 1 जून, 2016 से लागू हुआ। NCLT एक अर्द्ध-न्यायिक निकाय है जो भारतीय कंपनियों से संबंधित मुद्दों पर निर्णय देता है। IBC ने दिवाला समाधान से जुड़े मामलों की सुनवाई के लिये दो न्यायाधिकरणों का सुझाव दिया: ऋण वसूली न्यायाधिकरण, जो व्यक्तियों और साझेदारी फर्मों से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगा तथा NCLT, जो निगमों एवं सीमित देयता भागीदारी से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगा।

और पढ़ें…प्री-पैक इन्सॉल्वेंसी रिज़ॉल्यूशन प्रोसेस, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण

जेम्स वेब टेलीस्कोप ने कॉम्पैक्ट गैलेक्सी की खोज की

बिग बैंग घटना के तुरंत बाद गठित अत्यधिक कॉम्पैक्ट गैलेक्सी की जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप द्वारा नवीनतम खोज प्रारंभिक ब्रह्मांड की हमारी समझ में परिवर्तन (Revolutionizing ) ला रही है। आकाशगंगा, जो लगभग 13.3 बिलियन वर्ष पहले अस्तित्त्व में थी, मिल्की वे से लगभग 1,000 गुना छोटी है, लेकिन हमारी वर्तमान आकाशगंगा की तुलना में नए सितारों का निर्माण करती है। यह खोज प्रारंभिक ब्रह्मांड में आकाशगंगा के निर्माण की पारंपरिक समझ को चुनौती देती है, जो यह दर्शाता है कि पहली आकाशगंगा वर्तमान में मौजूद आकाशगंगाओं से बहुत अलग हो सकती है और आकाशगंगा की विशेषताओं के बारे में हमारी सामान्य धारणाएँ प्रारंभिक ब्रह्मांड में लागू नहीं हो सकती हैं। इसके निर्माण के समय भारी तत्त्वों की कमी के कारण आकाशगंगा की रासायनिक संरचना भी वर्तमान आकाशगंगाओं से भिन्न है। "गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग" की घटना ने इस आकाशगंगा का अवलोकन आसान बना दिया गया था। गुरुत्वाकर्षण लेंसिंग एक ऐसी घटना है जहाँ आकाशगंगाओं का बड़ा समूह एक मज़बूत गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र बनाता है जो अपने पीछे दूर की आकाशगंगाओं से आने वाले प्रकाश को मोड़ता और आवर्धित करता है।

और पढ़ें… जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप, बिग बैंग

उत्तरामेरुर शिलालेख

प्रधानमंत्री ने हाल ही में भारत के लोकतांत्रिक इतिहास पर चर्चा करते हुए तमिलनाडु के कांचीपुरम में उत्तरामेरुर शिलालेख का उल्लेख किया। यह शिलालेख परांतक प्रथम (907-953 ईस्वी) के शासनकाल में गाँव के स्व-शासन के कार्य करने का विस्तृत विवरण प्रदान करता है। इतिहासकार और राजनेता अकसर शिलालेख को भारत के लोकतांत्रिक कार्यशैली के लंबे इतिहास के सबूत के रूप में उद्धृत करते हैं। उत्तरामेरुर, वर्तमान कांचीपुरम ज़िले में स्थित एक छोटा-सा शहर है जो पल्लव और चोल शासन के दौरान बनाए गए अपने ऐतिहासिक मंदिरों के लिये जाना जाता है। परांतक प्रथम के शासनकाल का प्रसिद्ध शिलालेख वैकुंडा पेरुमल मंदिर की दीवारों पर देखा जा सकता है। शिलालेख स्थानीय सभा या ग्राम सभा कैसे कार्य करती थी, सदस्यों का चयन कैसे किया जाता था, उनकी आवश्यक योग्यता और भूमिकाएँ तथा जिम्मेदारियाँ आदि की जानकारी देता है, जिसमें विभिन्न कार्य करने वाली विशेष समितियों का वर्णन मिलता है। यह सभा विशेष रूप से ब्राह्मणों से बनी होती थी और शिलालेख उन परिस्थितियों का विवरण भी प्रदान करता है जिसमें सदस्यों को हटाया जा सकता था। शिलालेख में सभा के भीतर विभिन्न समितियों, उनकी ज़िम्मेदारियों और सीमाओं का भी वर्णन किया गया है। इन समितियों का कार्य 360 दिनों तक चलता था जिसके बाद सदस्यों को सेवानिवृत्त होना पड़ता था। सभा की सदस्यता ज़मींदार ब्राह्मणों के एक छोटे उपवर्ग तक ही सीमित थी और कोई वास्तविक चुनाव की व्यवस्था नहीं थी। सदस्यों को ड्रा के माध्यम से उम्मीदवारों के योग्य समूह से चुना जाता था। हालाँकि शिलालेख को लोकतांत्रिक कार्यशैली के लिये एक मिसाल के रूप में उद्धृत किया जाना चाहिये। यह शिलालेख एक संविधान की तरह है, जिसमें सभा सदस्यों की ज़िम्मेदारियों और उनके अधिकार की सीमाओं दोनों का वर्णन है। यदि कानून का शासन लोकतंत्र का एक अनिवार्य घटक है, तो उत्तरामेरुर शिलालेख सरकार की एक प्रणाली का वर्णन करता है जो इसका पालन करती है।


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