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टीकाकरण कवरेज में गिरावट

  • 18 Jul 2022
  • 12 min read

प्रिलिम्स के लिये:

संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ), डिप्थीरिया, टेटनस, और पर्टुसिस (डीपीटी) गहन मिशन इंद्रधनुष।

मेन्स के लिये:

डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीपीटी), सघन मिशन इंद्रधनुष।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICEF) की एक रिपोर्ट में कोविड-19 महामारी के वैश्विक स्तर पर एवं भारत में टीकाकरण कार्यक्रमों पर पड़ने वाले प्रभाव को उजागर किया गया है।

  • DPT वैक्सीन को पूरे देश में टीकाकरण कवरेज के लिये प्रेरक माना जाता है।

डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (DPT):

  • डिप्थीरिया:
    • कारण:
      • डिप्थीरिया मुख्य रूप से कोरिनबैक्टीरियम डिप्थीरिया जीवाणु के कारण होता है।
    • लक्षण:
      • सामान्य सर्दी, बुखार, ठंड लगना, गर्दन में सूजन ग्रंथि, गले में खराश, नीली त्वचा आदि।
    • प्रसार:
      • यह मुख्य रूप से खाँसने और छींकने या किसी संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क से फैलता है।
    • लक्षित जनसंख्या:
      • डिप्थीरिया विशेष रूप से 1 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करता है।
      • पाँच साल से कम उम्र के बच्चों में डिप्थीरिया के मामलों की घटना प्राथमिक डिप्थीरिया टीकाकरण के कम कवरेज को दर्शाती है।
  • टेटनस:
    • कारण:
      • टेटनस जीवाणु क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के बीजाणुओं के साथ कट या घाव के संक्रमण के माध्यम से फैलते हैं और ज़्यादातर मामले संक्रमण के 14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। यह रोग मिट्टी में रहने वाले बैक्टीरिया से घावों के प्रदूषित होने के कारण होता है।
    • रोकथाम:
      • टेटनस-टॉक्सोइड-युक्त टीके (TTCV) के साथ टीकाकरण के माध्यम से टेटनस को रोका जा सकता है। हालाँकि जो लोग टेटनस से ठीक हो जाते हैं उनमें प्राकृतिक प्रतिरक्षा नहीं होती है और वे फिर से संक्रमित हो सकते हैं।
    • लक्षण:
      • जबड़े में ऐंठन या मुँह खोलने में असमर्थता।
      • पीठ, पेट और हाथ-पाँव में अक्सर मांसपेशियों में ऐंठन।
      • अचानक मांसपेशियों में दर्दनाक ऐंठन शुरू होती है।
      • दौरे पड़ना।
  • पर्टुसिस:
    • कारण:
      • पर्टुसिस, जिसे काली खाँसी के रूप में भी जाना जाता है, एक अत्यधिक संक्रामक श्वसन संक्रमण है जो जीवाणु बोर्डेटेला पर्टुसिस के कारण होता है। वर्ष 2018 में विश्व स्तर पर पर्टुसिस के 151000 से अधिक मामले थे।
      • यह रोग शिशुओं के लिये सबसे खतरनाक है और इस आयु वर्ग में बीमारी एवं मृत्यु का एक महत्त्वपूर्ण कारण है।
    • प्रसार:
      • पर्टुसिस मुख्य रूप से खांसने या छींकने से उत्पन्न बूंँदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैलता है।

रिपोर्ट के मुख्य बिंदु:

  • वर्ष 2020 में तीन मिलियन बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (DPT) वैक्सीन की पहली खुराक नहीं मिली।
  • दुनिया भर में DPT वैक्सीन की तीन खुराक प्राप्त करने वाले बच्चों के प्रतिशत में 2019 और 2021 के बीच पांँच प्रतिशत अंकों की गिरावट आई है।
    • दुनिया भर में मात्र 8% कवरेज के साथ यह बच्चों के टीकाकरण में सबसे बड़ी निरंतर गिरावट है।
  • अकेले वर्ष 2021 में विश्व स्तर पर लगभग 25 मिलियन बच्चे या अधिक DPT वैक्सीन की खुराक लेने से छूट गए, जो कि वर्ष 2020 में छूटने वालों की तुलना में दो मिलियन अधिक और वर्ष 2019 की तुलना में छह मिलियन अधिक हैं।
  • वर्ष 2021 में 24 मिलियन से अधिक बच्चे खसरे के टीके की अपनी पहली खुराक लेने से छूट गए, जो वर्ष 2019 की तुलना में पांँच मिलियन अधिक हैं।
  • वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2021 में 6.7 मिलियन से अधिक बच्चे पोलियो वैक्सीन की तीसरी खुराक लेने से छूट गए और 3.5 मिलियन बच्चे ह्यूमन पेपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन की पहली खुराक लेने से छूट गए, जो लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाता है।
  • टीकों के कवरेज में हर क्षेत्र में गिरावट देखी गई, जबकि पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र में सबसे तेज़ उलटफेर दर्ज किया गया:
    • वर्ष 2021 में 25 मिलियन बच्चों में से लगभग 18 मिलियन, जिन्हें एक भी DPT खुराक नहीं मिली, वे निम्न और मध्यम आय वाले देशों से हैं, जिनमें भारत, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, इथियोपिया एवं फिलीपींस में सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई है।
    • म्यांँमार और मोज़ाम्बिक में उन बच्चों की संख्या में सबसे बड़ी वृद्धि दर्ज की गई, जिन्हें वर्ष 2019 तथा वर्ष 2021 के बीच एक भी टीका नहीं लगा।

गिरावट का कारण:

  • प्रतिरक्षण कवरेज में गिरावट की अनेक वजहें थीं जैसे संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि और नाजुक स्थिति जहाँ टीकाकरण पहुँच अक्सर चुनौतीपूर्ण होती है।
  • यह सोशल मीडिया पर टीकाकरण के संबंध में भ्रामक सूचनाओं और कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं तथा आपूर्ति शृंखला में व्यवधान, प्रतिक्रिया प्रयासों के लिये संसाधन मोड, रोकथाम के उपायों के कारण भी था जिसने टीकाकरण सेवा की पहुँच व उपलब्धता को सीमित किया।

भारत का प्रदर्शन

  • भारत अपने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से सालाना 30 मिलियन से अधिक गर्भवती महिलाओं और 27 मिलियन बच्चों का टीकाकरण करता है।
  • भारत ने सघन मिशन इंद्रधनुष0 जैसे कैच-अप कार्यक्रम शुरू करके अपने आपको और पीछे होने से रोका, जिसने वर्ष 2021 में पहली खुराक छोड़ने वाले बच्चों की संख्या को 3 मिलियन से 2.7 मिलियन तक कम करने में मदद की, जबकि वर्ष 2019 की तुलना में 1.4 मिलियन बच्चों को पहली खुराक नहीं मिली थी।
  • भारत ने नियमित टीकाकरण सेवाओं की शीघ्र बहाली के साथ-साथ साक्ष्य-आधारित कैच-अप कार्यक्रमों द्वारा कवरेज में गिरावट को प्रभावी ढंग से टाला, जिसने इसे नियमित टीकाकरण कवरेज में गिरावट से बचने में सक्षम बनाया।
  • भारत ने टीकाकरण से चूक गई हर गर्भवती महिला और बच्चे का टीकाकरण करने के उद्देश्य से फरवरी 2022 में सघन मिशन इंद्रधनुष0 भी शुरू किया।

संबंधित वैश्विक पहल:

  • वैश्विक प्रतिरक्षण रणनीति 2030 (IA2030):
    • यह सभी देशों और प्रासंगिक वैश्विक भागीदारों के लिये एक रणनीति है, जिसका उद्देश्य हर किसी के, हर जगह, किसी भी उम्र में टीकाकरण और वैक्सीन वितरण के माध्यम से रोग की रोकथाम करना है।
    • WHO और UNICEF वैश्विक प्रतिरक्षण रणनीति एजेंडा 2030 (IA2030) को लागू करने के लिये Gavi, वैक्सीन एलायंस एवं अन्य भागीदारों के साथ सहयोग कर रहे हैं।
  • विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह:
    • प्रतिवर्ष अप्रैल के अंतिम सप्ताह में ‘विश्व प्रतिरक्षण सप्ताह’ मनाया जाता है।
    • इसका उद्देश्य सभी उम्र के लोगों को बीमारी से बचाने हेतु टीकों के उपयोग को बढ़ावा देना है।
    • टीकाकरण उस प्रक्रिया को वर्णित करता है, जिससे लोग सूक्ष्मजीवों (औपचारिक रूप से रोगजनकों) से होने वाले संक्रामक बीमारी से सुरक्षित रहते हैं। ‘टीका’ शब्द टीकाकरण में प्रयुक्त होने वाली सामग्री को संदर्भित करता है।

आगे की राह

  • नियमित टीकाकरण से चूकने की समस्या को संबोधित करने के लिये टीकाकरण के प्रयासों को तेज़ करने की आवश्यकता है, इससे  प्रक्रिया में छूटे हुए बच्चों तक पहुँचने के लिये वंचित क्षेत्रों में सेवाओं का विस्तार करने और प्रकोप को रोकने के लिये अभियानों को लागू करने की आवश्यकता है।
  • इसके अलावा, टीकों और टीकाकरण प्रक्रिया में विश्वास बनाने, अफवाहों का मुकाबला करने और विशेष रूप से कमज़ोर समुदायों के बीच टीके के लिये साक्ष्य-आधारित, जन-केंद्रित रणनीतियों को लागू करने की आवश्यकता है।
  • इन कार्यक्रमों के अधिकतम प्रभाव के लिये  आवश्यक डेटा और निगरानी प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य सूचना एवं रोग निगरानी प्रणाली को मज़बूत बनाने की भी आवश्यकता है।

UPSC विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न. भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया मिशन इंद्रधनुष' किससे संबंधित है? (2016)

(a) बच्चों और गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण
(b) देश भर में स्मार्ट शहरों का निर्माण
(c) बाहरी अंतरिक्ष में पृथ्वी सदृश ग्रहों के संदर्भ में भारत की खोज़
(d) नई शिक्षा नीति

उत्तर: A

व्याख्या:

  • मिशन इंद्रधनुष 25 दिसंबर, 2014 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक टीकाकरण योजना है।
  • इंद्रधनुष के सात रंगों को दर्शाते हुए, इसका उद्देश्य वर्ष 2020 तक उन सभी बच्चों को कवर करना है, जो या तो अशिक्षित हैं या जिन्हें डिप्थीरिया, काल खाँसी, टेटनस, पोलियो, तपेदिक, खसरा और हेपेटाइटिस B सहित सात टीकों से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ आंशिक रूप से टीका लगाया गया है।
  • यह मिशन तकनीकी रूप से WHO, यूनिसेफ, रोटरी इंटरनेशनल और अन्य दाता भागीदारों द्वारा समर्थित है।

 अतः  विकल्प A सही  है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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