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भारतीय राजव्यवस्था

कॉपीराइट अधिनियम 1957

  • 08 Apr 2023
  • 8 min read

प्रिलिम्स के लिये:

कॉपीराइट अधिनियम 1957, बौद्धिक संपदा, कॉपीराइट अधिनियम के तहत कलाकारों के अधिकार।

मेन्स के लिये:

कॉपीराइट अधिनियम 1957।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बॉम्बे उच्च न्यायालय ने अभिनेता द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसने विज्ञापनों और अवार्ड शो में प्रदर्शन से होने वाली आय पर लगाए गए बिक्री कर (Sales Tax) को चुनौती दी थी।

  • मामले ने सवाल उठाया है कि क्या अभिनेता अपने प्रदर्शन के लिये कॉपीराइट रखते हैं और क्या वे इसके लिये बिक्री कर का भुगतान करने हेतु उत्तरदायी हैं।
  • यह इस बात से भी संबंधित है कि बौद्धिक संपदा को कराधान उद्देश्यों हेतु कैसे व्यवहार किया जाता है।

संबद्ध मुद्दा:

  • अभिनेता ने विज्ञापनों और अवार्ड शो प्रदर्शनों से अपने राजस्व पर बिक्री कर लगाने को चुनौती दी।
    • कर विभाग ने तर्क दिया कि वह अपना कॉपीराइट बेच रही थी और इसलिये वे अप्रत्यक्ष कर के दायरे में हैं।
  • अभिनेता ने तर्क दिया कि वह कानून के तहत एक "कलाकार" थी और उसने कॉपीराइट अधिनियम की धारा 38 एवं 38A के तहत कलाकार के अधिकार प्राप्त किये थे, लेकिन कॉपीराइट अधिनियम की धारा 2(d) के तहत शो के निर्माता मूल निर्माता हैं तथा संबंधित वीडियो हेतु कॉपीराइट रखती है, साथ ही वह इसे बेच या स्थानांतरित नहीं कर सकती।

कलाकार के अधिकार:

  • कॉपीराइट अधिनियम, 1957 में धारा 38 का प्रावधान है जो गायकों और अभिनेताओं सहित कलाकारों के साहित्यिक कार्यों, फिल्मों एवं गीतों में उनके प्रदर्शन हेतु "कलाकारों के अधिकारों" को मान्यता देता है।
  • ये अधिकार प्रदर्शन के 50 वर्ष बाद तक कलाकार के कृतित्त्व की रक्षा करते हैं। यह संशोधन वर्ष 2012 में कलाकारों की सुरक्षा एवं यह सुनिश्चित करने हेतु किया गया था कि उन्हें अपने काम के लिये रॉयल्टी मिले।
  • इन अधिकारों को एक समझौते के माध्यम से हस्तांतरित या बेचा नहीं जा सकता है और प्रोडक्शन हाउस उन्हें खरीद नहीं सकते हैं।
  • यह सुनिश्चित करता है कि कलाकार अपने काम का स्वामित्त्व रखता है और इसके लिये उचित मुआवज़ा का हकदार है।

कॉपीराइट अधिनियम 1957 

  • परिचय: 
    • कॉपीराइट एक कानूनी अधिकार है जो भारत में साहित्य, कला, संगीत, फिल्म और कंप्यूटर प्रोग्राम के मूल कार्यों को सुरक्षा प्रदान करता है।  
    • यह विचारों के बजाय विचारों की अभिव्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करता है। कॉपीराइट के स्वामी के पास कार्य को अनुकूलित करने, पुनरुत्पादित करने, प्रकाशित करने, अनुवाद करने और जनता तक पहुँचाने का विशेष अधिकार होता है।  
    • 1958 में पहली बार पारित होने के बाद से इस अधिनियम में कई संशोधन हुए हैं। सबसे हालिया संशोधन 2012 में किया गया था। 
  • प्रमुख खंड: 
    • खंड 2: कॉपीराइट की परिभाषा के तहत सम्मिलित किये जा सकने वाले कार्य की विभिन्न परिभाषाओं से संबंधित है।  
      • उदाहरण के लिये, धारा 2(o) साहित्यिक कार्यों से संबंधित है, धारा 2(h) में कॉपीराइट सुरक्षा की परिभाषा के तहत सभी प्रभावशाली कार्य शामिल हैं।  
    • खंड 13: साहित्यिक कार्यों, संगीत कार्यों, नाटकों, फिल्मों और संगीत सहित अन्य को कॉपीराइट सुरक्षा प्रदान करती है। 
    • खंड 14: कॉपीराइट स्वामी को विशिष्ट अधिकारों का एक समुच्चय प्रदान करता है जिसमें अनुकूलन, पुनरुत्पादन, प्रकाशन, अनुवाद और अपने कार्य को जनता तक पहुँचाना शामिल है।   
      • कॉपीराइट स्वामी की अनुमति के बिना कोई भी इन अधिकारों का प्रयोग नहीं कर सकता है।

नोट:  

  • इसके अतिरिक्त, कॉपीराइट (संशोधन) नियम 2021 को कॉपीराइट के अन्य प्रासंगिक कानूनों के अनुरूप लाने के लिये कार्यान्वित किया गया था। नियमों के तहत:  
    • रॉयल्टी के संग्रहण और वितरण में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिये प्रावधान किये गए हैं। 
    • कॉपीराइट बोर्ड को अपीलीय बोर्ड में मिला दिया गया है और सॉफ्टवेयर पंजीकरण हेतु अनुपालन आवश्यकताओं को कम कर दिया गया है।
    • आवेदक के पास सोर्स कोड के पहले 10 और अंतिम 10 पृष्ठों या संपूर्ण सोर्स कोड, यदि यह 20 पृष्ठों से कम है एवं कोई अवरुद्ध या संशोधित भाग नहीं है, को दर्ज़ करने का विकल्प है।  
    • कॉपीराइट सोसायटी के रूप में पंजीकरण हेतु एक आवेदन का उत्तर देने के लिये केंद्र सरकार के पास 180 दिन होते हैं। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न

प्रिलिम्स:  

प्रश्न. 'राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार नीति' के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2017)  

  1. यह दोहा विकास एजेंडा और TRIPS समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता है।
  2. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग भारत में बौद्धिक संपदा अधिकारों के विनियमन के लिये केंद्रक अभिकरण (नोडल एजेंसी) है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (c)


प्रश्न. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2019) 

  1. भारतीय पेटेंट अधिनियम के अनुसार किसी बीज को बनाने की जैव प्रक्रिया का भारत में पेटेंट कराया जा सकता है।
  2. भारत में कोई बौद्धिक संपदा अपील बोर्ड नहीं है।
  3. पादप किस्में भारत में पेटेंट कराये जाने के पात्र नहीं हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 और 3
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (c)


मेन्स:  

प्रश्न. वैश्वीकृत संसार में, बौद्धिक संपदा अधिकारों का महत्त्व हो जाता है और वे मुकदमेबाज़ी का एक स्रोत  हो जाते हैं। कॉपीराइट, पेटेंट और व्यापार गुप्तियों के बीच मोटे तौर पर विभेदन कीजिये। (2014) 

https://www.youtube.com/watch?v=t38FbT2bCuQ

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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