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प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 16 Feb, 2023
  • 15 min read
प्रारंभिक परीक्षा

विदेशी नहीं हो सकते कानूनी अभिभावक: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि कोई विदेशी नागरिक दिव्यांग व्यक्ति के कानूनी अभिभावक होने के अधिकार या संविधान के भाग III के तहत प्रदत्त संरक्षण का दावा नहीं कर सकता, जैसा कि भारतीय नागरिकों के लिये उपलब्ध है। 

मुद्दे से संबंधित प्रमुख बिंदु:

  • संबंधित विदेशी नागरिक द्वारा ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी, मानसिक मंदता और बहु विकलांगता वाले व्यक्तियों के कल्याण के लिये राष्ट्रीय ट्रस्ट द्वारा निर्धारित कुछ नियमों एवं विनियमों की वैधता को चुनौती दी गई, जो केवल भारतीय नागरिकों को किसी व्यक्ति के अभिभावक होने की अनुमति देते हैं।
  • उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि अधिनियम उन आवश्यक योग्यताओं को निर्दिष्ट नहीं करता है जो एक अभिभावक के पास होनी चाहिये, इसे उन नियमों और विनियमों द्वारा निर्धारित किया जा सकता है जिनके द्वारा इसे बनाया जाता है।
  • हालाँकि उच्च न्यायालय ने स्थानीय स्तर की समिति को परिस्थितियों की जाँच एवं मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है। 
  • समिति एक भारतीय नागरिक की वैधानिक अभिभावक के रूप में नियुक्ति पर विचार कर सकती है।

केवल भारतीय नागरिकों के लिये उपलब्ध मौलिक अधिकार:

  • अनुच्छेद 15: यह अनुच्छेद धर्म, नस्ल, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव को प्रतिबंधित करता है।   
  • अनुच्छेद 16: यह अनुच्छेद सार्वजनिक रोज़गार के मामलों में अवसर की समानता की गारंटी देता है।  
    • यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी नागरिक के साथ धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, वंश, जन्म स्थान या निवास के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा।
  • अनुच्छेद 19: यह अनुच्छेद वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, सभा, संघ, आंदोलन, निवास तथा पेशे की स्वतंत्रता जैसे छह मौलिक अधिकार प्रदान करता है।
  • अनुच्छेद 29: यह अनुच्छेद अल्पसंख्यक समूहों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करता है कि उन्हें अपनी विशिष्ट भाषा, लिपि और संस्कृति के संरक्षण का अधिकार है।
  • अनुच्छेद 30: यह अनुच्छेद अल्पसंख्यक समुदायों को उनकी पसंद के शिक्षण संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार प्रदान करता है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. मूल अधिकारों के अतिरिक्त भारत के संविधान का निम्नलिखित में से कौन-सा/से भाग मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा, 1948 (Universal Declaration of Human Rights,1948) के सिद्धांतों एवं प्रावधानों को प्रतिबिंबित करता/करते है/हैं? (2020)

  1. उद्देशिका
  2. राज्य के नीति निदेशक तत्त्व
  3. मूल कर्तव्य

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:

(a) केवल 1 और 2 
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर: (d)


प्रश्न. भारत में संपत्ति के अधिकार की क्या स्थिति है? (2021)

(a) यह विधिक अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है
(b) यह विधिक अधिकार है, जो किसी भी व्यक्ति को प्राप्त है
(c) यह मूल अधिकार है, जो केवल नागरिकों को प्राप्त है
(d) यह न तो मूल अधिकार है और न ही विधिक अधिकार

उत्तर: (b) 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस


प्रारंभिक परीक्षा

दूरसंचार विभाग द्वारा ब्रॉडबैंड की परिभाषा का अद्यतन

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) की सिफारिश पर दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications- DoT) ने दूरसंचार ऑपरेटरों हेतु ब्रॉडबैंड की परिभाषा को अद्यतन किया है, जिसमें वर्ष 2013 से लागू 512Kbps की न्यूनतम गति को बढ़ाकर 2Mbps कर दिया गया है।

  • TRAI के आँकड़ों के अनुसार, पिछली परिभाषा के तहत नवंबर 2022 में भारत में 825.38 मिलियन ब्रॉडबैंड उपयोगकर्त्ता थे।

नई परिभाषा:

  • ब्रॉडबैंड एक डेटा कनेक्शन है जो इंटरनेट एक्सेस सहित इंटरएक्टिव सेवाओं का समर्थन कर सकता है और ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करने के इच्छुक सेवा प्रदाता की उपस्थिति के बिंदु (Point of Presence- POP) से व्यक्तिगत ग्राहक हेतु 2Mbps (मेगाबिट्स प्रति सेकंड) की न्यूनतम डाउनलोड गति की क्षमता रखता है। 
    • वायर्ड ब्रॉडबैंड और वायरलेस ब्रॉडबैंड दोनों इस 2Mbps की सीमा के अधीन होंगे।
  • राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012, जिसे राष्ट्रीय डिजिटल संचार नीति, 2018 द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था, ने वर्ष 2015 तक ब्रॉडबैंड की सीमा को 2Mbps तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया था। यह अद्यतन लंबे समय से लंबित था।

ब्रॉडबैंड स्पीड की वर्तमान स्थिति: 

  • Ookla के स्पीड टेस्ट ग्लोबल इंडेक्स (दिसंबर 2022) के अनुसार:
    • भारत में मेडियन वायर्ड ब्रॉडबैंड स्पीड 75Mbps से अधिक है।
    • मेडियन वायरलेस ब्रॉडबैंड (मोबाइल) स्पीड 36Mbps से अधिक है।
  • 5G नेटवर्क के विस्तार के साथ ब्रॉडबैंड की स्पीड और बढ़ने की उम्मीद है।

उद्योग का दृष्टिकोण: 

  • चूँकि एक टावर से बहुत सारे उपकरण जुड़े हो सकते हैं अथवा उपयोगकर्त्ता निकटतम मूल साइट से दूर होने के कारण 4G नेटवर्क 2Mbps स्पीड को बनाए रखने में सक्षम न हो, इसलिये इस उद्योग ने किसी भी प्रकार के अद्यतन को अस्वीकार कर दिया।
  • ग्राहक के लिये उपलब्ध या अनुभव की गई वास्तविक गति कई गतिशील कारकों के आधार पर अलग-अलग होगी।
  • सामर्थ्य और उपलब्धता पर ध्यान केंद्रित करने के साथ ही ब्रॉडबैंड के लिये 512Kbps की पिछली परिभाषा को जारी रखा जाना चाहिये था। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. WiMAX निम्नलिखित में से किससे संबंधित है? (2009)  

(a) जैव प्रौद्योगिकी
(b) अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी
(c) मिसाइल प्रौद्योगिकी
(d) संचार प्रौद्योगिकी

उत्तर: (d)   

  • माइक्रोवेव एक्सेस (WiMAX) के लिये दुनिया भर में इंटरऑपरेबिलिटी वायरलेस ब्रॉडबैंड संचार मानकों का एक समूह है। इसका अर्थ है "माइक्रोवेव एक्सेस के लिये विश्वव्यापी इंटरऑपरेबिलिटी"। यह वायरलेस मेट्रोपॉलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) तकनीक पर आधारित एक वायरलेस संचार प्रौद्योगिकी है जिसे एक विस्तृत क्षेत्र में आईपी केंद्रित सेवाओं के वितरण के लिये अनुकूलित किया गया है।  
  • WiMAX ईथरनेट का एक मानकीकृत वायरलेस संस्करण है जिसका मुख्य उद्देश्य वायर प्रौद्योगिकियों (जैसे केबल मॉडेम, DSL और T1 या E1 लिंक) के विकल्प के रूप में ग्राहक परिसर में ब्रॉडबैंड पहुँच प्रदान करना है।
  • WiMAX, WiFi के समान लेकिन अधिक दूरी तथा अधिक संख्या में उपयोगकर्त्ताओं के लिये उच्च गति पर कार्य करेगा। WiMAX उन क्षेत्रों में भी सेवा प्रदान कर सकता है जहाँ वायर्ड बुनियादी ढाँचे तक पहुँचना मुश्किल है और पारंपरिक वायर्ड बुनियादी ढाँचे की भौतिक सीमाओं को पार कर सकता है। अतः विकल्प (d) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 फरवरी, 2023

धारा (DHARA) 2023

हाल ही में राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga- NMCG) ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स (NIUA) के सहयोग से रिवर सिटीज़ एलायंस (RCA) के सदस्यों की वार्षिक बैठक, ड्राइविंग होलिस्टिक एक्शन फॉर अर्बन रिवर (DHARA) का आयोजन किया। धारा 2023 स्थानीय जल निकायों के प्रबंधन पर साथ मिलकर समझने और समाधानों पर चर्चा करने हेतु एक मंच प्रदान करेगा। धारा 2024 मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आयोजित होगा। नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत मुल्ला मुथा नदी (पुणे) के घाट पर योग सत्र नामक एक अनूठी पहल का आयोजन किया गया। यह बैठक और शहरी 20 (यू20) कार्यक्रम, जो भारत की G20 अध्यक्षता के दायरे में आता है, में बहुत कुछ समान था। यह सिफारिश की गई कि विश्व जल दिवस 2021 के अवसर पर शुरू किये गए कैच द रेन अभियान के तहत हर शहर में प्राकृतिक जल संरक्षण (Fillers) को प्रोत्साहित किया जाना चाहिये।

और पढ़ें… नमामि गंगे कार्यक्रम, G20, विश्व जल दिवस, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन

ओमॉर्गस खांडेश: केराटिन झींगुर/भृंग

भारत में ओमॉर्गस खांडेश नाम की एक नई भृंग प्रजाति की खोज की गई है। फोरेंसिक विज्ञान के लिये यह झींगुर/भृंग महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह किसी जानवर अथवा इंसान की मौत के समय का पता लगाने में मदद करता है। यह नेक्रोफैगस (मृत अथवा सड़े हुए जानवरों का मांस खाता है) है और इसलिये इसे केराटिन बीटल भी कहा जाता है। यह नई प्रजाति ट्रोगिडे समूह से संबंधित है। इस नई प्रजाति के पाए जाने से अब भारत में इस समूह की मौजूदा प्रजातियों की कुल संख्या 14 हो गई है। इस समूह के भृंगों को कभी-कभी हाईड भृंग (Hide Beetles) भी कहा जाता है क्योंकि वे अपने शरीर को मृदा के नीचे ढक लेते हैं और छिप जाते हैं। वे फोटोजेनिक नहीं होते हैं, आमतौर पर काले अथवा भूरे रंग के होते हैं और गंदे से होते हैं। उनकी पहचान उनका ऊबड़-खाबड़ रूप, पूरे शरीर में छोटे घने बालों जैसी आकृति से की जा सकती है।

चक्रवात गेब्रियल 

न्यूज़ीलैंड ने चक्रवात गेब्रिएल से कम-से-कम पाँच लोगों की मृत्यु और 9,000 लोगों के विस्थापित होने के पश्चात् रिकवरी के प्रयास तेज़ कर दिये हैं। 

चक्रवात कम दबाव वाले वे क्षेत्र हैं जहाँ तीव्र गति से आंतरिक वायु का परिसंचरण होता है। उत्तरी गोलार्द्ध में हवा एंटीक्लॉकवाइज़ घूमती है, जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में हवा क्लॉकवाइज़ घूमती है। चक्रवात दो प्रकार के होते हैं: उष्णकटिबंधीय चक्रवात और अतिरिक्त-उष्णकटिबंधीय चक्रवात। न्यूज़ीलैंड में मुख्य रूप से दो द्वीप- उत्तर एवं दक्षिण द्वीप तथा कई अन्य छोटे द्वीप हैं। देश में वनस्पति और पशु जीवन की एक अनूठी शृंखला भी है। वर्ष 1893 में महिलाओं को मतदान की अनुमति देने वाला यह पहला देश था। न्यूज़ीलैंड का वेतापुंगा, जो विश्व के सबसे भारी कीटों में से एक है, का वज़न एक गौरैया के वज़न से अधिक हो सकता है।

और पढ़े…भारत-न्यूज़ीलैंड संबंध, चक्रवात

अगस्त्यार्कूदम 

पश्चिमी घाट में स्थित अगस्त्यार्कूदम चोटी पर कभी स्कॉटिश मौसम विज्ञानी जॉन एलन ब्रोन द्वारा स्थापित एक वेधशाला थी। चुंबकीय वेधशालाएँ कई स्थानों पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र को लगातार मापती और रिकॉर्ड करती हैं। भारत की पहली भू-चुंबकीय वेधशाला अलीबाग में स्थापित की गई थी, इसे अलीबाग चुंबकीय वेधशाला का नाम दिया गया था। वर्ष 1904 में स्थापित यह वेधशाला पूरे एशिया में अपनी तरह की अनूठी वेधशाला हैअगस्त्यार्कूदम चोटी का नाम ऋषि अगस्त्य के नाम पर रखा गया था; यह लोकप्रिय तीर्थस्थल केरल की सबसे ऊँची चोटियों में से एक है। इसे लंबे समय से पक्षी प्रेमियों के लिये स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। यह अपनी उल्लेखनीय वनस्पतियों और जीवों, विशेष रूप से कुछ दुर्लभ औषधीय जड़ी बूटियों के लिये भी जानी जाती है।

और पढ़ें… पश्चिमी घाट


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