प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी)
हाल ही में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कर्नाटक के बंगलूरू में राज्य कृषि और बागवानी मंत्रियों के सम्मेलन की तर्ज पर राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (PoP) लॉन्च किया।।
- कर्नाटक के बंगलूरू में राज्यों के कृषि और बागवानी मंत्रियों के सम्मेलन के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) के तहत प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (पीओपी) का शुभारंभ किया।
प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स (POP):
- परिचय:
- ई-नाम "प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स" के रूप में सेवा प्रदाताओं के मंच का एकीकरण करता है, जिसमें शामिल हैं:
- समग्र सेवा प्रदाता (सेवा प्रदाता जो कृषि उपज के व्यापार के लिये समग्र सेवाएँ प्रदान करते हैं, जिसमें गुणवत्ता परख, व्यापार, भुगतान प्रणाली और लॉजिस्टिक्स से संबंधित सेवाएँ शामिल हैं)।
- लॉजिस्टिक्स सेवा प्रदाता, गुणवत्ता परख सेवा प्रदाता, सफाई, ग्रेडिंग, छंटाई और पैकेजिंग सेवा प्रदाता, भंडारण सुविधा सेवा प्रदाता, कृषि आदान सेवा प्रदाता, प्रौद्योगिकी सक्षम वित्त व बीमा सेवा प्रदाता।
- सूचना प्रसार पोर्टल (सलाहकार सेवाएँ, फसल अनुमान, मौसम अद्यतन, किसानों के क्षमता निर्माण आदि), अन्य प्लेटफार्म (ई-कॉमर्स, अंतर्राष्ट्रीय कृषि-व्यापार प्लेटफॉर्म, वस्तु विनिमय, निजी बाज़ार प्लेटफॉर्म) आदि।
- ई-नाम "प्लेटफॉर्म ऑफ प्लेटफॉर्म्स" के रूप में सेवा प्रदाताओं के मंच का एकीकरण करता है, जिसमें शामिल हैं:
पीओपी के लाभ:
- डिजिटल लाभ:
- इससे कई बाज़ारों, खरीदारों, सेवा प्रदाताओं तक किसानों की डिजिटल रूप से पहुंँच बढ़ेगी और मूल्य खोज तंत्र, गुणवत्ता के अनुरूप मूल्य प्राप्ति में सुधार के उद्देश्य से व्यापार लेन-देन में पारदर्शिता आएगी।
- पीओपी से डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र तैयार होगा, जिससे कृषि मूल्य शृंखला के विभिन्न खंडों में अलग-अलग प्लेटफार्मों की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
- कार्य संचालन में आसानी:
- पीओपी पर विभिन्न मूल्य शृंखला सेवाओं जैसे: व्यापार, परख, भंडारण, फिनटेक, बाज़ार की जानकारी, परिवहन आदि की सुविधा देने वाले विभिन्न प्लेटफॅार्मों के 41 सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है।
- यह किसानों, FPOs, व्यापारियों और अन्य हितधारकों को सिंगल विंडो के माध्यम से कृषि मूल्य शृंखला में विभिन्न प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं तक पहुँचने में सक्षम बनाता है,जिससे हितधारकों को अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।
- इससे किसानों को अन्य राज्यों में भी उपज बेचने की सुविधा प्राप्त होगी।
- विभिन्न सेवा प्रदाताओं को शामिल करने से न केवल e-NAM प्लेटफॉर्म पर उपज के मूल्य में वृद्धि होती है, बल्कि प्लेटफॉर्म के उपयोगकर्त्ताओं को विभिन्न सेवा प्रदाताओं से सेवाओं का लाभ उठाने का विकल्प भी प्राप्त होता है।
- इसके अलावा एक अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री/सेवा प्रदाता का चयन करने की प्रक्रिया में यह हितधारकों के समय और श्रम की बचत करता है।
- पीओपी पर विभिन्न मूल्य शृंखला सेवाओं जैसे: व्यापार, परख, भंडारण, फिनटेक, बाज़ार की जानकारी, परिवहन आदि की सुविधा देने वाले विभिन्न प्लेटफॅार्मों के 41 सेवा प्रदाताओं को शामिल किया गया है।
e-NAM पोर्टल:
- राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (eNAM) एक अखिल भारतीय इलेक्ट्रॉनिक व्यापार पोर्टल है जो कृषि उपज के लिये एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार बनाने के लिये मौजूदा APMC मंडियों को एकीकृत करता है।
- लघु किसान कृषि व्यवसाय संघ (SFAC) भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्त्वावधान में eNAM को लागू करने वाली प्रमुख एजेंसी है।
- उद्देश्य:
- एकीकृत बाज़ारों में प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करके खरीदारों और विक्रेताओं के बीच सूचना अंतराल को दूर करके वास्तविक मांग एवं आपूर्ति के आधार पर अल्प समय में बेहतर मूल्य की प्राप्ति को बढ़ावा देकर कृषि विपणन में एकरूपता को बढ़ावा देना।
- मिशन:
- कृषि जिंसों में अखिल भारतीय व्यापार की सुविधा के लिये एक सामान्य ऑनलाइन बाज़ार प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर मेंं स्थित APMC का एकीकरण, समय पर ऑनलाइन भुगतान के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता के आधार पर पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया द्वारा बेहतर मूल्य प्रदान करना।
- कृषि जिंसों में अखिल भारतीय व्यापार की सुविधा के लिये एक सामान्य ऑनलाइन बाज़ार प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश भर मेंं स्थित APMC का एकीकरण, समय पर ऑनलाइन भुगतान के साथ-साथ उपज की गुणवत्ता के आधार पर पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया द्वारा बेहतर मूल्य प्रदान करना।
- उद्देश्य:
कृषि हेतु अन्य पहल:
- एग्रीस्टैक
- डिजिटल कृषि मिशन
- एकीकृत किसान सेवा मंच (UFSP)
- कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP-A)
- कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (SMAM)
- किसान सुविधा एप
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) पोर्टल
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा विगत वर्षों के प्रश्न (पीवाईक्यू):प्रश्न: 'राष्ट्रीय कृषि बाज़ार' योजना को लागू करने के क्या लाभ हैं? (2017)
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: (a) केवल 1 उत्तर: (c) व्याख्या:
अतः विकल्प(C)सही है। |
स्रोत: पी.आई.बी.
ब्रिक्स श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक 2022
हाल ही में केंद्रीय श्रम और रोज़गार मंत्री ने चीन की अध्यक्षता में आयोजित ब्रिक्स (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) श्रम और रोज़गार मंत्रियों की बैठक में भाग लिया।
ब्रिक्स (BRICS):
- परिचय:
- ब्रिक्स दुनिया की प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं, जैसे- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के समूह के लिये एक संक्षिप्त शब्द है।
- वर्ष 2001 में ब्रिटिश अर्थशास्त्री जिम ओ'नील ने ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन की चार उभरती अर्थव्यवस्थाओं का वर्णन करने के लिये BRIC शब्द गढ़ा।
- वर्ष 2006 में ब्रिक विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के दौरान समूह को औपचारिक रूप दिया गया था।
- दिसंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को BRIC में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया गया था, जिसके बाद समूह ने BRICS का संक्षिप्त नाम अपनाया।
- BRICS का हिस्सा:
- ब्रिक्स विश्व के पाँच सबसे बड़े विकासशील देशों को एक साथ लाता है, जो वैश्विक आबादी के 41%, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद के 24% और वैश्विक व्यापार के 16% का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- अध्यक्षता:
- ब्रिक्स शिखर सम्मलेन की अध्यक्षता प्रतिवर्ष B-R-I-C-S क्रमानुसार सदस्य देश के सर्वोच्च नेता द्वारा की जाती है।
- वर्ष 2022 के लिये चीन इसका अध्यक्ष है।
प्रमुख बिंदु
- तीन प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर चर्चा की:
- सतत् विकास के लिये ग्रीन जॉब्स को बढ़ावा देना।
- रेसिलिएंट रिकवरी के लिये कौशल विकास।
- रोज़गार के नए रूपों में श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करना।
'ग्रीन जॉब्स'
- 'ग्रीन जॉब्स' नौकरियों के एक वर्ग को संदर्भित करता है जो सीधे ग्रह पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और समग्र पर्यावरण के सुधार में योगदान देता है।
- अक्षय ऊर्जा, संसाधनों के संरक्षण, ऊर्जा कुशल साधनों को सुनिश्चित करने वाली नौकरियों को इसके अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
- कुल मिलाकर इसका उद्देश्य आर्थिक क्षेत्रों के नकारात्मक पर्यावरणीय प्रभाव को कम करना और कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था बनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना है।
- कम कार्बन वाली अर्थव्यवस्था या डीकार्बोनाइज़ेशन की योजना काफी सरल है यह एक स्थायी अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के बारे में है, जो कि ग्रीनहाउस गैसों, विशेष रूप से कार्बन डाइऑक्साइड के विशाल उत्सर्जन का कारण बनता है।
- भारत द्वारा उठाए गए कदम:
- इसमें महामारी के दौरान श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्पष्ट किया।
- इसके तहत मुफ्त राशन उपलब्ध कराने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों पर प्रकाश डाला गया, मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना) के तहत सुनिश्चित रोज़गार के दिनों की संख्या में वृद्धि, कोविड-19 महामारी के दौरान PMSVANidhi योजना के अंतर्गत अपने व्यवसाय को फिर से शुरू करने में मदद के लिये 2.9 मिलियन स्ट्रीट वेंडरों को संपार्श्विक मुक्त ऋण प्रदान किया गया।
- जलवायु परिवर्तन के लिये अधिक सतत् विकास और हरित नौकरियों की ओर एक बदलाव की आवश्यकता है।
- हरित क्षेत्र में कौशल विकास के लिये रणनीति विकसित करने और कार्यक्रमों को लागू करने के लिये भारत में ‘ग्रीन जॉब्स' हेतु एक सेक्टर काउंसिल की स्थापना की गई है।
- इसमें महामारी के दौरान श्रमिकों को राहत प्रदान करने के लिये भारत द्वारा उठाए गए कदमों को स्पष्ट किया।
- स्वीकृत घोषणा:
- उक्त बैठक के महत्त्वपूर्ण परिणामों में से एक ब्रिक्स श्रम और रोज़गार मंत्रियों की घोषणा को अपनाना था।
- घोषणा में सतत् विकास के लिये ‘ग्रीन जॉब्स' को बढ़ावा देने, कौशल विकास में सहयोग को मज़बूत करने और रोज़गार के नए रूपों में श्रमिकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।
अन्य संबंधित पहल:
- ई-श्रम पोर्टल
- सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020
- संकल्प कार्यक्रम
- स्ट्राइव प्रोजेक्ट
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना
- राष्ट्रीय कौशल विकास निगम
स्रोत : पी.आई.बी.
Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 जुलाई, 2022
स्किल इंडिया कार्यक्रम की 7वीं वर्षगाँठ
15 जुलाई, 2022 को स्किल इंडिया कार्यक्रम की 7वीं वर्षगाँठ मनाई जा रही है। इस योजना को राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन भी कहा जाता है। इसकी शुरुआत वर्ष 2015 में की गई थी। स्किल इंडिया मिशन का उद्देश्य भारतीय युवाओं को उद्योग से संबंधित कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने में सक्षम बनाना है ताकि वे बेहतर आजीविका हासिल सकें। स्किल इंडिया मिशन के तहत हर साल एक करोड़ से अधिक युवा प्रशिक्षित हो रहे हैं। वर्ष 2022 तक 40 करोड़ से अधिक भारतीयों को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से वर्ष 2015 में स्किल इंडिया मिशन आरंभ किया गया था। इसमें “राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन”, “कौशल विकास और उद्यमिता के लिये राष्ट्रीय नीति, 2015”, “प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, “कौशल ऋण योजना” आदि विभिन्न पहलें सम्मिलित हैं।
विश्व युवा कौशल दिवस
विश्व युवा कौशल दिवस प्रत्येक वर्ष 15 जुलाई को दुनिया भर में मनाया जाता है। 18 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से श्रीलंका के नेतृत्व में एक प्रस्ताव अपनाया और 15 जुलाई को विश्व युवा कौशल दिवस के रूप में घोषित किया। वैश्विक स्तर पर युवा कौशल विकास के महत्त्व को उजागर करने के लिये श्रीलंका ने G77 (77 देशों का समूह) और चीन की सहायता से इस संकल्प की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य युवाओं के लिये बेहतर सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों को प्राप्त करना है जो बेरोज़गारी और अल्प रोज़गार की चुनौतियों का समाधान करने के साधन के रूप में कार्य करेगा। विश्व युवा कौशल दिवस पारंपरिक रूप से पुर्तगाल एवं श्रीलंका के स्थायी मिशनों द्वारा संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक संगठन, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और महासचिव कार्यालय के साथ मिलकर आयोजित किया जाता है। विश्व युवा कौशल दिवस इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया में बढ़ती युवा बेरोज़गारी को विकसित और विकासशील देशों की अर्थव्यवस्थाओं एवं समाजों के सामने सबसे गंभीर समस्याओं में से एक के रूप में देखा जाता है। वर्तमान में लगभग 73 मिलियन युवा बेरोज़गार हैं, जिनमें से प्रतिवर्ष 40 मिलियन श्रम बाज़ार में शामिल होते हैं। बेरोज़गारी की इस समस्या से निपटने के लिये अगले दशक में कम-से-कम 475 मिलियन नए रोज़गार सृजित करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में आज़ादी का अमृत महोत्सव
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय स्वतंत्रता सेनानियों का स्मरण करने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिये आजादी का अमृत महोत्सव-22वाँ भारत रंग महोत्सव का आयोजन करेगा। महोत्सव का आयोजन 16 जुलाई से 14 अगस्त, 2022 तक किया जाएगा, इसमें प्रवेश नि:शुल्क होगा। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक डॉ. रमेश चंद्र गौड़ ने बताया कि इस महोत्सव के दौरान देश के विभिन्न शहरों में 30 नाटकों का मंचन किया जाएगा, साथ ही महोत्सव का उद्घाटन नई दिल्ली के कमानी सभागार में किया जाएगा। इसके बाद पाँच अन्य शहरों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, बंगलूरू और मुंबई में इसका आयोजन किया जाएगा। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (National School of Drama-NSD) नई दिल्ली स्थित अभिनय एवं रंगमंच प्रशिक्षण संस्थान है, जो भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है| इसकी स्थापना वर्ष 1959 में संगीत नाटक अकादमी द्वारा की गई थी, वहीं वर्ष 1975 में इसे स्वायत्तता मिली|